केरल हाईकोर्ट

लोकसभा चुनाव 2024: केरल हाईकोर्ट में याचिका में आरोप- वडकारा लोकसभा सीट पर सीपीआई (एम) कर रही मतदाता धोखाधड़ी; मतदान प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की मांग
लोकसभा चुनाव 2024: केरल हाईकोर्ट में याचिका में आरोप- वडकारा लोकसभा सीट पर सीपीआई (एम) कर रही मतदाता धोखाधड़ी; मतदान प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की मांग

केरल हाईकोर्ट के समक्ष एक कांग्रेस उम्‍मीदवार के मुख्य चुनाव अभ‌िकर्ता ने चुनावों में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के इशारे पर मतदाता धोखाधड़ी किए जाने का आरोप लगाया है। केरल की वडकारा लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार शफी परम्‍बिल के मुख्य चुनाव अभ‌िकर्ता एडवोकेट प्रवीण कुमार ने केरल हाईकोर्ट के समक्ष दायर याचिका में कहा है कि आगमी लोकसभा चुनाव में उनकी लोकसभा सीट पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के इशारे पर मतदाता धोखाधड़ी की जा सकती है।याचिका में निर्वाचन प्रक्रिया की वीडियो...

बिना खेल के मैदानों वाले स्कूलों को बंद कर देना चाहिए: हाईकोर्ट का राज्य सरकार को निर्देश
बिना खेल के मैदानों वाले स्कूलों को बंद कर देना चाहिए: हाईकोर्ट का राज्य सरकार को निर्देश

केरल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है वह प्रत्येक श्रेणी के स्कूलों में आवश्यक खेल के मैदान और आवश्यकतानुसार निकटवर्ती सुविधाओं को निर्धारित करते हुए दिशानिर्देश तैयार करे।जस्टिस पीवी कुन्हिकृष्णन ने कहा,“शिक्षा का अधिकार बच्चों का मौलिक अधिकार है। शिक्षा में खेल और अन्य पाठ्येतर गतिविधियां शामिल हैं। यदि स्कूलों में खेलों के लिए कोई उपयुक्त खेल का मैदान नहीं है, जैसा कि केरल शिक्षा नियम (केईआर) में प्रदान किया गया है तो सरकार को उन स्कूलों को बंद करने सहित कड़ी कार्रवाई करनी...

बच्चे को उसके लिए अस्वीकार्य माता-पिता के साथ रहने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता: केरल हाइकोर्ट
बच्चे को उसके लिए अस्वीकार्य माता-पिता के साथ रहने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता: केरल हाइकोर्ट

केरल हाइकोर्ट ने मां द्वारा कस्टडी की मांग करने वाली हेबियस कॉर्पस याचिका पर विचार करते हुए कहा कि नाबालिग बच्चे को ऐसे माता-पिता के साथ रहने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता, जो बच्चे के लिए पूरी तरह से अस्वीकार्य हो।जस्टिस अनिल के नरेंद्रन और जस्टिस जी गिरीश की खंडपीठ ने बच्चे को उसके मृत पिता के रिश्तेदारों के साथ रहने की अनुमति देते हुए इस प्रकार कहा,“यदि यह पाया जाता है कि किसी दिए गए मामले में यदि माता-पिता के साथ बच्चे की कस्टडी का निर्देश देने वाला आदेश उस बच्चे के हित के लिए हानिकारक हो...

हाईकोर्ट ने नाबालिग बच्ची का यौन उत्पीड़न करने वाले वकील बी ए अलूर को अग्रिम जमानत दी
हाईकोर्ट ने नाबालिग बच्ची का यौन उत्पीड़न करने वाले वकील बी ए अलूर को अग्रिम जमानत दी

केरल हाईकोर्ट ने नाबालिग बच्ची के साथ कथित तौर पर यौन उत्पीड़न करने के मामले में वकील बी ए अलूर को अग्रिम जमानत दी। विशिष्ट आरोप यह है कि वकील अलूर ने उस नाबालिग बच्ची का यौन उत्पीड़न किया, जो व्यावसायिक लेनदेन के लिए लोन लेने के लिए अपनी मां के साथ उससे मिली थी।जस्टिस ए बदरुद्दीन ने कहा,"उपरोक्त पंक्ति में इस मामले के तथ्यों पर ध्यान देने के बाद याचिकाकर्ता को खुद को पूछताछ के लिए प्रस्तुत करने का निर्देश देते हुए आवश्यक शर्तें लगाकर याचिका को अनुमति दी जा सकती है।"वकील अलूर के खिलाफ एर्नाकुलम...

पेंशन कर्मचारी की बचत, इसे केवल धोखाधड़ी के मामलों में अस्वीकार किया जा सकता है, जाति की स्थिति के संबंध में लंबित मुकदमे के कारण नहीं: केरल हाईकोर्ट
पेंशन कर्मचारी की बचत, इसे केवल धोखाधड़ी के मामलों में अस्वीकार किया जा सकता है, जाति की स्थिति के संबंध में लंबित मुकदमे के कारण नहीं: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने 2013 में रिटायर्ड हुई महिला को पेंशन लाभ देने का निर्देश देते हुए कहा कि उसने कोई धोखाधड़ी नहीं की, भले ही उसकी जाति की स्थिति के संबंध में मुद्दे अदालत के समक्ष लंबित है।जस्टिस ए.मुहम्मद मुश्ताक और जस्टिस शोबा अन्नम्मा ईपेन की खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को यह पेंशन देने से इनकार नहीं किया जा सकता कि राज्य की ओर से यह पता लगाने में देरी हुई कि वह मोगर समुदाय से है या नहीं।खंडपीठ ने कहा,“पेंशन कर्मचारी की बचत है, जिसे केवल कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार वंचित किया जा...

S.148 NI Act | अपीलीय अदालत को न्यूनतम 20% जुर्माना माफ करने या जमा करने का आदेश देने का अधिकार, लेकिन उसे कारण बताना होगा: केरल हाईकोर्ट
S.148 NI Act | अपीलीय अदालत को न्यूनतम 20% जुर्माना माफ करने या जमा करने का आदेश देने का अधिकार, लेकिन उसे कारण बताना होगा: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने माना कि अपीलीय न्यायालय के पास परक्राम्य लिखत अधिनियम (NI Act) की धारा 148 के तहत जुर्माना या मुआवजा राशि जमा करने का आदेश देने या माफ करने का वैधानिक अधिकार है। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि चूंकि अपीलीय न्यायालय वैधानिक विवेक का प्रयोग करेगा, इसलिए वह जमा करने का आदेश देने या जुर्माना या मुआवजा राशि जमा करने से छूट देने के लिए कारण बताने के लिए कानूनी रूप से बाध्य होगा।एक्ट की धारा 138 के तहत चेक अनादर के लिए सजा के खिलाफ अपील पर सुनवाई करते समय अपीलीय अदालत एक्ट की धारा 148 के...

अनुसूचित जाति समुदाय का सदस्य होने के कारण पक्षपात का सामना कर रहे बच्चे को केवल इसलिए कम्यूनिटी सर्टिफिकेट देने से मना नहीं किया जा सकता, कि माता-पिता ने अंतर-धार्मिक विवाह किया: केरल हाइकोर्ट
अनुसूचित जाति समुदाय का सदस्य होने के कारण पक्षपात का सामना कर रहे बच्चे को केवल इसलिए कम्यूनिटी सर्टिफिकेट देने से मना नहीं किया जा सकता, कि माता-पिता ने अंतर-धार्मिक विवाह किया: केरल हाइकोर्ट

केरल हाइकोर्ट ने कहा कि अंतर-धार्मिक विवाह से पैदा हुए बच्चे को अनुसूचित जाति कम्यूनिटी सर्टिफिकेट देने से केवल इसलिए मना नहीं किया जा सकता, क्योंकि उसके पिता ईसाई थे और उन्होंने हिंदू समुदाय में धर्म परिवर्तन नहीं किया।बच्चे की मां पुलया समुदाय से है और उसने अपनी नाबालिग बेटी को शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए कम्यूनिटी सर्टिफिकेट जारी न करने के खिलाफ हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।जस्टिस देवन रामचंद्रन ने कहा कि किसी विशेष समुदाय के सदस्य द्वारा सामना किए जाने वाले अपमान और सामाजिक बाधाएं उस समुदाय का...

सतर्कता नियमावली कोई क़ानून नहीं, जांचकर्ताओं के लिए निर्देशों का पालन न करना जांच को प्रभावित नहीं करता: केरल हाइकोर्ट
सतर्कता नियमावली कोई क़ानून नहीं, जांचकर्ताओं के लिए निर्देशों का पालन न करना जांच को प्रभावित नहीं करता: केरल हाइकोर्ट

केरल हाइकोर्ट ने कहा कि सतर्कता नियमावली कोई क़ानून नहीं है और इसे विधायिका द्वारा अधिनियमित नहीं किया गया। इसने माना कि जांच अधिकारियों के लिए सतर्कता नियमावली के निर्देशों का पालन न करने मात्र से जांच को प्रभावित नहीं किया जा सकता।याचिकाकर्ता केरल स्वास्थ्य सेवा में सहायक सर्जन है और उस पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत लोक सेवक द्वारा आपराधिक कदाचार का अपराध करने का आरोप है। उसने आरोप लगाया कि सतर्कता नियमावली के निर्देशों का पालन किए बिना सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (VACB) द्वारा...

ट्रायल कोर्ट के निर्धारित समय में आरोप तय करने में विफल रहने पर अपराध की प्रकृति और गंभीरता को ध्यान में रखते हुए आरोपी को जमानत का अधिकार नहीं मिल जाता: केरल हाईकोर्ट
ट्रायल कोर्ट के निर्धारित समय में आरोप तय करने में विफल रहने पर अपराध की प्रकृति और गंभीरता को ध्यान में रखते हुए आरोपी को जमानत का अधिकार नहीं मिल जाता: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने कहा कि कोई आरोपी केवल इसलिए जमानत का हकदार नहीं है, क्योंकि ट्रायल कोर्ट निर्धारित समय के भीतर आरोप तय करने में विफल रही। मामले के तथ्यों के अनुसार, हाईकोर्ट ने आरोपी की पूर्व जमानत याचिका को ट्रायल कोर्ट को एक महीने के भीतर आरोप तय करने और उसके बाद छह महीने के भीतर मामले का निपटारा करने का निर्देश देते हुए खारिज कर दिया।जस्टिस सोफी थॉमस ने कहा कि आरोपी जमानत का हकदार नहीं है, क्योंकि उसके खिलाफ समवर्ती निष्कर्ष हैं। इसमें कहा गया कि आरोपी को उसके खिलाफ कथित अपराधों की प्रकृति...

केरल हाइकोर्ट  ने कालीकट यूनिवर्सिटी के कुलपति को हटाने के कुलाधिपति के आदेश पर रोक लगाई
केरल हाइकोर्ट ने कालीकट यूनिवर्सिटी के कुलपति को हटाने के कुलाधिपति के आदेश पर रोक लगाई

केरल हाइकोर्ट ने गुरुवार को राज्यपाल और कुलाधिपति आरिफ मोहम्मद खान के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें उन्होंने कालीकट यूनिवर्सिटी के कुलपति के पद से एमके जयराज को हटाने का आदेश दिया। हालांकि न्यायालय ने शंकराचार्य संस्कृत यूनिवर्सिटी के कुलपति एमवी नारायणन को हटाने के मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार किया।न्यायालय कुलाधिपति के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें मुख्य सचिव को खोज समिति में शामिल किए जाने के कारण उनकी नियुक्तियों को शुरू से ही अमान्य बताया गया, जिसे...

पुनर्मूल्यांकन नोटिस जारी करने से पहले धारा 148ए के तहत प्रक्रिया का अनुपालन करने की आवश्यकता नहीं: केरल हाइकोर्ट
पुनर्मूल्यांकन नोटिस जारी करने से पहले धारा 148ए के तहत प्रक्रिया का अनुपालन करने की आवश्यकता नहीं: केरल हाइकोर्ट

केरल हाइकोर्ट ने माना कि आयकर अधिनियम 1961 (Income Tax Act 1961) की धारा 148ए के प्रावधानों द्वारा परिकल्पित प्रक्रिया का आयकर अधिनियम 1961 की धारा 148ए के तहत नोटिस जारी करने से पहले अनुपालन करने की आवश्यकता नहीं।जस्टिस गोपीनाथ पी. की पीठ ने कहा कि जब कोई वस्तु या नकदी, जैसा कि इस मामले में है, आपराधिक न्यायालय के समक्ष पेश की जाती है तो आयकर विभाग के लिए आयकर अधिनियम 1961 की धारा 132ए के तहत संबंधित न्यायालय को नोटिस जारी करना संभव नहीं है।एक बार जब पुलिस या किसी अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसी...

महिला वैधानिक सीमाओं के भीतर टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी करने के लिए व्यक्तिगत विकल्प बनाने के लिए स्वतंत्र: केरल हाइकोर्ट ने जेल में बंद केन्याई महिला की याचिका को अनुमति दी
महिला वैधानिक सीमाओं के भीतर टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी करने के लिए व्यक्तिगत विकल्प बनाने के लिए स्वतंत्र: केरल हाइकोर्ट ने जेल में बंद केन्याई महिला की याचिका को अनुमति दी

केरल हाइकोर्ट ने केन्याई महिला को, जो वियूर में महिला जेल और सुधार गृह में मुकदमे की प्रतीक्षा में जेल में बंद है, उसकी मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी कराने की अनुमति दी।जस्टिस देवन रामचंद्रन ने मेडिकल बोर्ड द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर भरोसा करते हुए कहा कि केवल 14 सप्ताह की आयु और मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एमटीपी अधिनियम (MPT Act) के तहत निर्धारित वैधानिक सीमाओं के भीतर मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी कराने की अनुमति देने में कोई कठिनाई नहीं है।मानव जीवन और प्रजनन विकल्पों से संबंधित...

फेसबुक पोस्ट को लेकर सीपीएम के पी जयराजन के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर केरल हाईकोर्ट ने कहा, जजों की बदनामी नहीं हो सकती
फेसबुक पोस्ट को लेकर सीपीएम के पी जयराजन के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर केरल हाईकोर्ट ने कहा, जजों की बदनामी नहीं हो सकती

केरल हाईकोर्ट ने 1999 में माकपा नेता पर हमले से संबंधित कार्यवाही के संबंध में माकपा नेता पी जयराजन द्वारा कथित रूप से 'अपमानजनक' फेसबुक पोस्ट किए जाने को लेकर दायर याचिका का आज निपटारा कर दिया।जयराजन ने अपने मामले पर सिंगल जज बेंच के सुनवाई के तरीके से नाराजगी जताते हुए कथित तौर पर कहा कि लोगों को न्यायपालिका में ऐसे 'कीड़े' के खिलाफ प्रतिक्रिया करनी चाहिए। याचिकाकर्ता एन प्रकाश ने रजिस्ट्रार जनरल को अदालत की अवमानना (केरल हाईकोर्ट) नियम, 1971 के नियम 7 के अनुसार मुख्य न्यायाधीश के समक्ष कथित...

मध्यस्थता के दौरान समझौता होने के बाद पत्नी तलाक के लिए एकतरफा सहमति वापस नहीं ले सकती: केरल हाइकोर्ट
मध्यस्थता के दौरान समझौता होने के बाद पत्नी तलाक के लिए एकतरफा सहमति वापस नहीं ले सकती: केरल हाइकोर्ट

केरल हाइकोर्ट ने तलाक के लिए दायर संयुक्त याचिका में दोनों पक्षकारों के बीच विवाह से अलग करने के फैमिली कोर्ट द्वारा दिया गया फैसला बरकरार रखा भले ही पत्नी ने तलाक दाखिल करने के लिए अपनी सहमति वापस ले ली।जस्टिस अनु शिवरामन और जस्टिस सी प्रतीप कुमार की खंडपीठ ने कहा कि फैमिली कोर्ट ने बेनी बनाम मिनी (2021) के फैसले और प्रकाश अलुमल कलंदरी बनाम जाहन्वी प्रकाश कलंदरी (2011) में बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले पर भरोसा करते हुए विवाह को भंग कर दिया। न्यायालय ने कहा कि एक पक्षकार दूसरे पक्षकार द्वारा समझौते...

उपभोक्ता फोरम रिक्तियों से आम नागरिकों के लिए मुश्किलें पैदा होंगी: केरल हाईकोर्ट ने मौजूदा सदस्यों को नई नियुक्तियों तक पद पर बने रहने की अनुमति दी
उपभोक्ता फोरम रिक्तियों से आम नागरिकों के लिए मुश्किलें पैदा होंगी: केरल हाईकोर्ट ने मौजूदा सदस्यों को नई नियुक्तियों तक पद पर बने रहने की अनुमति दी

केरल हाईकोर्ट ने राज्य और कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग को राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के अध्यक्ष के साथ-साथ जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों को अस्थायी उपाय के रूप में अपने-अपने पदों पर बने रहने की अनुमति देने का निर्देश दिया। कोर्ट विभाग में रिक्तियों के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। जस्टिस बसंत बालाजी ने कहा "इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि अधिसूचना अभी तक प्रकाशित नहीं हुई है, प्रतिवादी संख्या 2 और 3 को अंतरिम निर्देश दिया जाएगा कि वे राज्य आयोग के...

जेंडर और उम्र की परवाह किए बिना किसी भी व्यक्ति को POCSO Act के तहत आरोपी बनाया जा सकता है: केरल हाइकोर्ट ने नाबालिग के खिलाफ मामला रद्द करने से इनकार किया
जेंडर और उम्र की परवाह किए बिना किसी भी व्यक्ति को POCSO Act के तहत आरोपी बनाया जा सकता है: केरल हाइकोर्ट ने नाबालिग के खिलाफ मामला रद्द करने से इनकार किया

केरल हाइकोर्ट ने माना कि जेंडर और उम्र की परवाह किए बिना कोई भी व्यक्ति यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 (POCSO Act) के तहत आरोपी हो सकता है।इस प्रकार इसने नाबालिग के खिलाफ अधिनियम के तहत लंबित कार्यवाही रद्द करने से इनकार किया।जस्टिस पीजी अजितकुमार की पीठ ने हालांकि स्पष्ट किया कि नाबालिग पर सामान्य आपराधिक अदालत में मुकदमा नहीं चलाया जा सकता, लेकिन केवल किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के तहत ही निपटा जा सकता है।कोर्ट ने कहा,“पेनिट्रेटिव सेक्सुअल असाल्ट और सेक्सुअल असाल्ट और इसके...

केरल हाइकोर्ट ने मेडिकल बोर्ड को टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी की मांग करने वाली जेल में बंद केन्याई महिला की जांच करने का आदेश दिया
केरल हाइकोर्ट ने मेडिकल बोर्ड को टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी की मांग करने वाली जेल में बंद केन्याई महिला की जांच करने का आदेश दिया

केरल हाइकोर्ट ने मेडिकल बोर्ड को टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी की मांग करने वाली जेल में बंद केन्याई महिला की जांच करने का आदेश दिया।महिला जेल और सुधार गृह विय्यूर में बंद बत्तीस वर्षीय केन्याई महिला ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी की अनुमति के लिए केरल हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।जस्टिस देवन रामचन्द्रन ने याचिकाकर्ता की मेडिकल बोर्ड से जांच कराने का निर्देश दिया।कोर्ट ने कहा,"इस रिट याचिका में याचिकाकर्ता का अनुरोध स्वीकार किया जा सकता है या नहीं, इस पर विचार करते हुए मैं यह आवश्यक समझता हूं कि...