केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने हिजाब मामले में छात्रा के स्कूल छोड़ने के बाद DDE के आदेश के खिलाफ याचिका बंद की
केरला हाईकोर्ट ने शुक्रवार (24 अक्टूबर) को सेंट रीटा स्कूल की याचिका को बंद कर दिया, जिसमें स्कूल ने एर्नाकुलम के डिप्टी डायरेक्टर ऑफ एजुकेशन (DDE) के नोटिस को चुनौती दी थी कि एक मुस्लिम छात्रा को हेडस्कार्फ़ पहनकर कक्षा में आने की अनुमति दी जाए। कोर्ट को बताया गया कि छात्रा के माता-पिता ने अब उसका प्रवेश वापस लेने का निर्णय लिया है। कोर्ट ने नोट किया कि बेहतर समझ बनी और संविधान की नींव का “भाईचारा” मजबूत बना रहा। जस्टिस वी.जी. अरुण ने कहा कि माता-पिता के निर्णय के बाद विवादास्पद मुद्दों पर जाने...
केरल हाई कोर्ट ने BCI को केरल के सभी लॉ कॉलेजों में ट्रांसजेंडर छात्रों के लिए 2 सीटें मंजूर करने का निर्देश दिया
केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार (24 अक्टूबर) को अंतरिम आदेश पारित करते हुए बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) को निर्देश दिया कि राज्य सरकार के अनुरोध के अनुसार केरल के सभी लॉ कॉलेजों में ट्रांसजेंडर छात्रों के लिए दो अतिरिक्त सीटों की मंज़ूरी दी जाए।जब यह मामला जस्टिस वी.जी. अरुण के समक्ष आया, तो याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि पिछली सुनवाई में BCI को निर्देश दिया गया था कि वह इस मामले में निर्णय लेने के लिए एक सामान्य बैठक आयोजित करने की तारीख फाइनल करे। BCI के स्टैंडिंग काउंसल ने कोर्ट को बताया कि यह...
हिजाब विवाद: केरल हाईकोर्ट ने डीडीई के आदेश पर रोक से किया इनकार, राज्य सरकार से मांगा जवाब
केरल हाईकोर्ट ने राज्य के अटॉर्नी को एर्नाकुलम के डिप्टी डायरेक्टर ऑफ एजुकेशन (DDE) द्वारा जारी एक निर्देश पर स्पष्टीकरण लेने का निर्देश दिया है, जिसमें सेंट रीटा पब्लिक स्कूल — एक ईसाई प्रबंधन द्वारा संचालित सीबीएसई से संबद्ध विद्यालय — को एक मुस्लिम छात्रा को हिजाब पहनकर कक्षाओं में उपस्थित होने की अनुमति देने के लिए कहा गया था।जस्टिस वी.जी. अरुण ने इस मामले में राज्य सरकार को निर्देश देने को कहा, जबकि उन्होंने अंतरिम स्थगन आदेश देने से इनकार कर दिया। जब स्कूल के वकील ने स्थगन आदेश की मांग...
फैमिली कोर्ट को मौखिक साक्ष्य का मूल्यांकन सामान्य मानवीय व्यवहार की पृष्ठभूमि में बिना सामान्यीकरण या रूढ़िबद्धता के करना चाहिए: केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में एक निर्णय में कहा कि फैमिली कोर्ट को मौखिक साक्ष्य के अलावा अन्य कोई साक्ष्य उपलब्ध न होने पर सामान्यीकरण या रूढ़िबद्धता के बिना, सामान्य मानवीय व्यवहार की पृष्ठभूमि में साक्ष्यों का मूल्यांकन करने से बचना चाहिए।कोर्ट ने आगे कहा कि फैमिली कोर्ट को मौखिक साक्ष्य का भी मूल्यांकन करना चाहिए और प्रायिकताओं की प्रधानता का सहारा लेना चाहिए।जस्टिस देवन रामचंद्रन और जस्टिस एम.बी. स्नेहलता की खंडपीठ पत्नी द्वारा प्रतिवादी पति से तलाक की अपनी याचिका खारिज किए जाने के विरुद्ध...
लोकतंत्र को कमजोर करने वाला कदम: केरल हाईकोर्ट में BCI के 2400% रजिस्ट्रेशन फीस वृद्धि के खिलाफ याचिका
केरल हाईकोर्ट में बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) द्वारा राज्य बार काउंसिल चुनावों के लिए रजिस्ट्रेशन फीस 5,000 से बढ़ाकर 1,25,000 करने के फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दायर की गई। यह वृद्धि करीब 2400% की बताई गई।यह याचिका एडवोकेट राजेश विजयन द्वारा दायर की गई, जो 1996 में वकील के रूप में नामांकित हुए और 2019 से केरल बार काउंसिल के सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि यह फैसला मनमाना, अवैध, असंगत और अनुपातहीन है तथा यह एडवोकेट्स एक्ट 1961 और बार काउंसिल ऑफ केरल इलेक्शन रूल्स 1979 का उल्लंघन करता...
समझौते की राशि लेने के बाद आपसी तलाक से पीछे हटने की पत्नी की अपील खारिज
केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में एक फैमिली कोर्ट के आदेश के खिलाफ पत्नी द्वारा दायर वैवाहिक अपील को खारिज कर दिया, जिसमें उसने आपसी सहमति से तलाक की याचिका से पीछे हटने की मांग की थी, जिसे उसने अपने पति के साथ मिलकर दाखिल किया था।पत्नी ने यह कहते हुए सहमति से तलाक देने से इनकार कर दिया था कि समझौते की शर्तों में उसे धोखे से फंसाया गया। लेकिन डिवीजन बेंच, जिसमें जस्टिस देवन् रामचन्द्रन और जस्टिस एम.बी. स्नेहलता शामिल थे, ने पाया कि पत्नी ने पति द्वारा समझौते के तहत जमा कराई गई राशि निकाल ली थी। ...
SC/ST Act | कोई ठोस अपराध नहीं पाया जाता है तो अग्रिम ज़मानत देने पर कोई रोक नहीं: केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि उन मामलों में अग्रिम ज़मानत देने पर रोक लागू नहीं होगी, जहां अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम (SC/ST Act) की धारा 3(2)(v) के तहत अपराध का आरोप लगाया गया हो, बशर्ते कि प्रथम दृष्टया यह निष्कर्ष हो कि 10 वर्ष के कारावास से दंडनीय कोई ठोस अपराध नहीं किया गया।जस्टिस गोपीनाथ पी. ने कहा:"दूसरे शब्दों में, ऐसे मामलों में जहां आरोप यह है कि SC/ST Act की धारा 3(2)(v) के तहत कोई अपराध किया गया और जब यह न्यायालय प्रथम दृष्टया यह निष्कर्ष निकालता है कि 10 वर्ष या उससे...
इस्लाम में बहुविवाह तभी मान्य जब पति पत्नियों के बीच न्याय कर सके: केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी की है कि इस्लाम में बहुविवाह (Polygamy) केवल तभी मान्य है जब पुरुष अपनी पत्नियों के साथ समान न्याय करने में सक्षम हो।जस्टिस पी.वी. कुन्हिकृष्णन ने यह अवलोकन उस समय किया जब उन्होंने एक पुनरीक्षण याचिका का निपटारा करते हुए परिवार न्यायालय (Family Court) के आदेश को बरकरार रखा। परिवार न्यायालय ने पत्नी की उस मांग को खारिज कर दिया था जिसमें उसने अपने पति से ₹10,000 मासिक भरण-पोषण की मांग की थी। पति एक नेत्रहीन व्यक्ति है, जो भीख और पड़ोसियों की कभी-कभी मिलने वाली मदद से...
भिखारी पति से पत्नी को गुज़ारा भत्ता नहीं दिलवाया जा सकता: केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने कहा है कि जो व्यक्ति भिक्षा पर निर्भर है, उसे दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 125 के तहत पत्नी को भरण-पोषण (maintenance) देने का आदेश नहीं दिया जा सकता, भले ही पत्नी उससे गुज़ारा भत्ता की मांग करे।जस्टिस पी.वी कुनहीकृष्णन ने पुनरीक्षण याचिका का निपटारा करते हुए फैमिली कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें याचिकाकर्त्री द्वारा अपने पति से ₹10,000 मासिक गुज़ारा भत्ता मांगने की अर्जी खारिज कर दी गई थी। पति नेत्रहीन है और भिक्षा तथा पड़ोसियों से मिलने वाली कभी-कभार की मदद पर...
Hindu Marriage Act | अपील अवधि के दौरान पूर्व पति/पत्नी द्वारा डाइवोर्स डिक्री को चुनौती नहीं दिए जाने पर दूसरा विवाह वैध: केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में व्यवस्था दी कि पूर्व विवाह को भंग करने वाले डाइवोर्स डिक्री के विरुद्ध अपील करने के लिए निर्धारित समय-सीमा के भीतर किया गया विवाह अवैध नहीं माना जाएगा, यदि पूर्व पति/पत्नी द्वारा आदेश को चुनौती नहीं दी जाती।जस्टिस देवन रामचंद्रन और जस्टिस एम.बी. स्नेहलता की खंडपीठ ने यह निर्णय फैमिली कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली पत्नी (याचिकाकर्ता) की मूल याचिका पर विचार करते हुए पारित किया।फैमिली कोर्ट ने पति (प्रथम प्रतिवादी) को तलाक के आवेदन में अपनी दलीलों में संशोधन करने की...
परिवार छोड़ने वाले माता-पिता की आय EWS आरक्षण में नहीं गिनी जाएगी: केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में एक अहम फैसला दिया है कि अगर किसी बच्चे के माता-पिता में से कोई एक परिवार को छोड़कर चला गया है, तो ऐसे माता-पिता की आय को EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) प्रमाणपत्र जारी करने में नहीं जोड़ा जाएगा।जस्टिस एन. नागेश एक याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। याचिकाकर्ता (पहली याचिकाकर्ता) नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT) की अभ्यर्थी थी, जिसकी EWS प्रमाणपत्र के लिए दी गई अर्जी को खारिज कर दिया गया था। कोर्ट ने कहा,“EWS प्रमाणपत्र देने में पिता और मां दोनों की आय को ध्यान...
पीड़िता के द्वारा रिश्ते को जारी रखने की इच्छा जताने पर हाईकोर्ट ने युवक पर पॉक्सो केस खत्म किया
केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में एक 18 साल के युवक के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत चल रही आपराधिक कार्यवाही खत्म कर दी। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता और उसके माता-पिता की ओर से युवक के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है।जस्टिस जी. गिरीश ने बताया कि पीड़िता, जो अब 18 साल की है, ने हलफनामे में कहा है कि वह याचिकाकर्ता के साथ अपने रिश्ते को आगे भी जारी रखना चाहती है। कोर्ट के अनुसार, दोनों स्कूल के साथी थे और एक-दूसरे से प्यार करते थे। जब पीड़िता की उम्र करीब 17½ साल थी, तब दोनों की सहमति से कुछ नज़दीकी संबंध बने। फिर...
शिकायतकर्ता के रिश्तेदार को पैसा भेजना अपराध का सबूत नहीं: केरल हाईकोर्ट
शिकायतकर्ता के बच्चों की संयुक्त अरब अमीरात में तस्करी करने की आरोपी एक महिला को अग्रिम जमानत देते हुए, केरल उच्च न्यायालय ने कहा कि केवल यह तथ्य कि उसने शिकायतकर्ता के रिश्तेदार को पैसे भेजे थे, कथित अपराध में उसकी संलिप्तता साबित नहीं करता है।अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि याचिकाकर्ता (दूसरे आरोपी) ने आरोपी 1 और 3 के साथ शिकायतकर्ता के दो बच्चों को रोजगार देने का वादा किया था और उन्हें विजिटिंग वीजा पर 'यूएई' में तस्करी करके लाया था। आरोप है कि शिकायतकर्ता के बच्चों को तीसरे आरोपी के पिता की...
केरल हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: कॉलेज के पास भी खुल सकेगा पेट्रोल पंप
केरल हाईकोर्ट ने अहम आदेश में स्पष्ट किया कि पेट्रोलियम आउटलेट (पेट्रोल पंप) की स्थापना के लिए तय किए गए सिटिंग क्राइटेरिया में कॉलेजों को संवेदनशील स्थल की श्रेणी में नहीं रखा गया। अदालत ने कहा कि केवल स्कूल और 10 बेड से अधिक क्षमता वाले अस्पताल ही इस श्रेणी में आते हैं।याचिकाकर्ता बिंदु कुनिपाराम्बथ ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड की आमंत्रण प्रक्रिया के तहत अपने भूखंड पर पेट्रोल पंप स्थापित करने की अनुमति मांगी थी। प्रारंभिक स्तर पर जॉइंट चीफ कंट्रोलर ऑफ एक्सप्लोसिव्स ने अनुमति दी और जिला...
पाकिस्तानी नागरिकता का औपचारिक त्याग किए बिना भारतीय नागरिकता नहीं, केवल पासपोर्ट जमा करना अपर्याप्त: केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में व्यवस्था दी है कि किसी विदेशी नागरिक को, उसके मूल देश (इस मामले में पाकिस्तान) द्वारा जारी पासपोर्ट जमा करने मात्र से, त्याग प्रमाण पत्र के अभाव में भारत की नागरिकता नहीं दी जा सकती। अदालत केंद्र सरकार की उस अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें एकल न्यायाधीश के उस आदेश के खिलाफ अपील की गई थी, जिसमें दो पाकिस्तानी नाबालिगों (प्रतिवादी 2 और 3) को त्याग प्रमाण पत्र पर ज़ोर दिए बिना भारतीय नागरिकता प्रदान करने की अनुमति दी गई थी।चूंकि पाकिस्तान नागरिकता अधिनियम की धारा 14A...
केरल हाईकोर्ट ने अदालत परिसर में गिरफ्तारी पर पुलिस आचरण के नियम स्पष्ट किए, दो-स्तरीय शिकायत निवारण तंत्र बनाया
केरल हाईकोर्ट ने गुरुवार (21 अगस्त) को अदालत परिसर में व्यक्तियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस कर्मियों द्वारा पालन किए जाने वाले दिशा-निर्देश स्पष्ट किए, साथ ही राज्य और जिला स्तर पर अपनाए जाने वाले शिकायत निवारण तंत्र की भी व्यवस्था की।अदालत ने अदालत परिसर के भीतर पुलिस कर्मियों द्वारा पालन की जाने वाली आचार संहिता पर एक दिशानिर्देश के बारे में राज्य पुलिस प्रमुख द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट पर स्पष्टीकरण दिया। जस्टिस एके जयशंकरन नांबियार और जस्टिस जोबिन सेबेस्टियन की खंडपीठ ने रामनकरी...
केरल हाईकोर्ट ने ट्रांसजेंडर कोटा मांगने वाली लॉ स्टूडेंट की याचिका पर राज्य से जवाब मांगा
केरल हाईकोर्ट ने कोझिकोड के सरकारी लॉ कॉलेज में एकीकृत पांच वर्षीय एलएलबी पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए ट्रांसजेंडर श्रेणी के तहत आरक्षण की मांग करने वाली एक कानून उम्मीदवार की याचिका पर राज्य सरकार का रुख पूछा है।याचिका के अनुसार, याचिकाकर्ता ने केरल लॉ एंट्रेंस एग्जाम में क्वालिफाइंग अंक हासिल किए जो रैंक सूची में शामिल होने के लिए जरूरी थे। हालांकि, उसे ट्रांसजेंडर श्रेणी के तहत कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया गया था। याचिका में सरकार को यह निर्देश देने की भी मांग की गई है कि वह सभी सरकारी लॉ...
NBFC को अधिक ब्याज लेने पर भी NI Act की धारा 139 के तहत चेक धारक के पक्ष में रहेगी धारणा: केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि यदि कोई चेक नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) को जारी किया गया, जिसने केरल मनी लेंडर्स एक्ट के तहत निर्धारित सीमा से अधिक ब्याज वसूला हो तब भी नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट (NI Act) की धारा 139 के तहत चेक धारक के पक्ष में धारणा बनी रहेगी।जस्टिस एम.बी. स्नेहलता ने कहा कि NBFC का पूरा कार्य आरबीआई द्वारा नियंत्रित होता है। इसीलिए उस पर केरल मनी लेंडर्स एक्ट लागू नहीं होता। इसलिए आरोपी द्वारा यह तर्क कि लेन-देन अवैध था और चेक किसी वैध देयता के निर्वहन के लिए...
लाइसेंस की समाप्ति के बाद बंदूक जमा करने में 'अनावश्यक देरी' की अभिव्यक्ति आपराधिक मुकदमा शुरू करने के लिए बहुत अस्पष्ट : केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने माना कि शस्त्र अधिनियम, 1959 की धारा 21(1) में लाइसेंस की समाप्ति के बाद हथियार जमा करने के संदर्भ में प्रयुक्त "बिना किसी अनावश्यक देरी के" शब्द बहुत अस्पष्ट है और इसलिए, यह आपराधिक अभियोजन का आधार नहीं बन सकता, जब तक कि ऐसा न किया जाए। जस्टिस वीजी अरुण ने याचिकाकर्ता के विरुद्ध कार्यवाही रद्द करते हुए यह निर्णय दिया, जिस पर लाइसेंस की समाप्ति के तीन महीने बाद अपनी लाइसेंसी बंदूक जमा करने का आरोप लगाया गया था।न्यायालय ने कहा, "अधिनियम की धारा 21(1) में 'बिना किसी अनावश्यक देरी...
औद्योगिक विवाद अधिनियम की धारा 17बी के तहत 'रोज़गार' में स्व-रोज़गार भी शामिल है, जहां कर्मचारी पर्याप्त कमाई करता है: केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया कि औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 की धारा 17बी के तहत "रोज़गार" शब्द में स्व-रोज़गार भी शामिल है जहां कामगार पर्याप्त आय अर्जित करता है। जस्टिस एस मनु ने एक रिट याचिका में एक अंतरिम आवेदन पर निर्णय देते हुए कहा कि यदि कोई कामगार लाभ कमाने वाले व्यवसाय या स्व-रोज़गार में लगा हुआ है, तो वह औपचारिक रोज़गार के अभाव में धारा 17बी के तहत लाभों का दावा नहीं कर सकता।याचिकाकर्ता, जिसे प्रतिवादी श्वास होम्स प्राइवेट लिमिटेड ने 2011 में नौकरी से निकाल दिया था, उसे...




















