हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने नाबालिग की हिरासत के गलत प्रबंधन के लिए बाल कल्याण अधिकारियों की खिंचाई की, संरक्षण का आदेश दिया और विस्तृत रिपोर्ट मांगी
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने नाबालिग की हिरासत के गलत प्रबंधन के लिए बाल कल्याण अधिकारियों की खिंचाई की, संरक्षण का आदेश दिया और विस्तृत रिपोर्ट मांगी

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने किशोर न्याय (बालकों की देखभाल एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 (JJ Act) के "उद्देश्यों से पूरी तरह विमुख" होकर कार्य करने के लिए हरियाणा के बाल कल्याण अधिकारियों की खिंचाई की। उनकी कार्रवाई ने एक 17 वर्षीय लड़की को संभावित खतरे में डाल दिया, जबकि उसे देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाली बच्ची घोषित किया गया।उसी महीने की शुरुआत में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई, जिसके बाद उसे सुरक्षात्मक हिरासत में भेज दिया गया। हालांकि, बाद में अधिकारियों ने उसे "उसकी सहमति के बिना"...

NDPS Act की धारा 27ए | केवल नकदी रखने का मतलब ड्रग मनी नहीं हो सकता: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा, कानून के तहत विशिष्ट संबंध साबित करना होगा
NDPS Act की धारा 27ए | केवल नकदी रखने का मतलब ड्रग मनी नहीं हो सकता: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा, कानून के तहत विशिष्ट संबंध साबित करना होगा

यह दोहराते हुए कि संप्रभु द्वारा जारी की गई मुद्रा को ठोस सबूत के बिना "ड्रग मनी" नहीं कहा जा सकता, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा है कि एनडीपीएस अधिनियम की धारा 27ए या ज़ब्ती प्रावधानों को लागू करने से पहले ज़ब्त की गई नकदी और अवैध ड्रग तस्करी के बीच एक विशिष्ट और स्पष्ट संबंध स्थापित करने की ज़िम्मेदारी पूरी तरह से जांच एजेंसी की है।एनडीपीएस अधिनियम की धारा 27ए एक ऐसा प्रावधान है जो अवैध ड्रग तस्करी के वित्तपोषण या अपराधियों को शरण देने में शामिल व्यक्तियों को दंडित करता है।न्यायाधीश ने...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तालाबों की नीलामी के बिना कब्जे के पैटर्न की ओर इशारा किया, मत्स्य पालन विभाग से राज्यव्यापी रिपोर्ट मांगी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तालाबों की नीलामी के बिना कब्जे के पैटर्न की ओर इशारा किया, मत्स्य पालन विभाग से राज्यव्यापी रिपोर्ट मांगी

इलाहाबाद हाईकोर्ट (लखनऊ पीठ) ने उत्तर प्रदेश मत्स्य पालन विभाग के कामकाज में "काफी कुटिल" पैटर्न का संज्ञान लिया और पाया कि राज्य भर में तालाबों की नियमित रूप से नीलामी की जाती है, लेकिन सफल बोलीदाताओं को न तो कब्जा दिया जाता है और न ही पट्टा-पत्र सौंपे जाते हैं, जिससे "सरकारी खजाने को भारी नुकसान" होता है।जस्टिस शेखर बी. सराफ और जस्टिस प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने सीतापुर में तालाब के लिए पट्टा-पत्र निष्पादित करने का निर्देश देने के लिए अधिकारियों को आदेश देने की मांग वाली एक रिट याचिका पर सुनवाई...

अधिग्रहण अधिसूचना के बाद निष्पादित विक्रय-पत्रों का उपयोग भूमि मूल्य बढ़ाने के लिए नहीं किया जा सकता: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
अधिग्रहण अधिसूचना के बाद निष्पादित विक्रय-पत्रों का उपयोग भूमि मूल्य बढ़ाने के लिए नहीं किया जा सकता: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि अधिग्रहण अधिसूचना जारी होने के बाद निष्पादित विक्रय-पत्रों का उपयोग बाजार मूल्य निर्धारित करने के लिए नहीं किया जा सकता।कोर्ट ने टिप्पणी की कि उचित बाजार मूल्य के आकलन के लिए केवल अधिग्रहण अधिसूचना से पहले निष्पादित विक्रय-पत्रों पर ही भरोसा किया जा सकता है। बाद में निष्पादित विक्रय-पत्र अक्सर भूमि की बढ़ी हुई कीमतों को दर्शाने के उद्देश्य से होते हैं।जस्टिस रोमेश वर्मा ने टिप्पणी की:"दस्तावेज और प्रदर्शित विक्रय-पत्र... अधिसूचना जारी होने के बाद के हैं... इन...

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुप्त आदेश जारी करके महिला के बैंक अकाउंट फ्रीज करने पर ED की आलोचना की, कहा- संदेह विश्वास करने का कारण नहीं
दिल्ली हाईकोर्ट ने 'गुप्त' आदेश जारी करके महिला के बैंक अकाउंट फ्रीज करने पर ED की आलोचना की, कहा- 'संदेह' 'विश्वास करने का कारण' नहीं

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक महिला के बैंक अकाउंट महज संदेह के आधार पर फ्रीज करने पर कड़ी आलोचना की। साथ ही एजेंसी के आदेशों को 'गुप्त' प्रकृति का बताते हुए खारिज कर दिया।जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने कहा कि 'संदेह' को 'विश्वास करने के कारण' के बराबर नहीं माना जा सकता और न ही इसे 'प्रथम दृष्टया' राय के बराबर माना जा सकता है।कोर्ट ने कहा,"दिनांक 05.09.2018 के ज़ब्ती आदेश स्वयं ऐसा कोई कारण नहीं बताते, न ही वे किसी ऐसे अभिलेख का...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फतेहपुर स्थित नूरी जामा मस्जिद को और ध्वस्त करने पर रोक लगाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फतेहपुर स्थित नूरी जामा मस्जिद को और ध्वस्त करने पर रोक लगाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को फतेहपुर स्थित नूरी जामा मस्जिद में आगे कोई भी विध्वंस कार्रवाई करने से रोक दिया।जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अरुण कुमार की खंडपीठ ने मस्जिद की प्रबंध समिति द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए कहा कि अधिकारियों द्वारा जारी नोटिस के बाद संरचना का एक हिस्सा पहले ही ध्वस्त कर दिया गया।सुनवाई के दौरान, राज्य के वकील ने दलील दी कि यह विध्वंस निकटवर्ती सड़क को चौड़ा करने के उद्देश्य से...

दिल्ली हाईकोर्ट ने टीम इंडिया के आगामी क्रिकेट दौरों की अवैध स्ट्रीमिंग पर लगाई रोक
दिल्ली हाईकोर्ट ने टीम इंडिया के आगामी क्रिकेट दौरों की अवैध स्ट्रीमिंग पर लगाई रोक

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में कई अवैध मोबाइल ऐप्स और वेबसाइटों को भारत के आगामी दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड क्रिकेट दौरों की अवैध स्ट्रीमिंग रोकने का आदेश दिया, जिससे जियोस्टार इंडिया के विशेष प्रसारण अधिकारों की रक्षा होगी। यह आदेश 3 मार्च, 2026 तक लागू रहेगा।जस्टिस तेजस करिया की सिंगल बेंच ने 11 नवंबर, 2025 को यह आदेश पारित किया, जब जियोस्टार ने इन क्रिकेट आयोजनों पर अपने विशेष प्रसारण अधिकारों की सुरक्षा के लिए तत्काल याचिका दायर की थी। इन दौरों में कुल मिलाकर 18 मैच शामिल हैं।जियोस्टार...

यूपी की ट्रायल अदालतें फैसले हिंदी या अंग्रेजी में लिख सकती हैं, लेकिन दोनों भाषाओं का मिश्रित जजमेंट नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
यूपी की ट्रायल अदालतें फैसले हिंदी या अंग्रेजी में लिख सकती हैं, लेकिन दोनों भाषाओं का मिश्रित जजमेंट नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की ट्रायल अदालतें अपने फैसले या तो पूरी तरह हिंदी में लिखें या पूरी तरह अंग्रेजी में, लेकिन दोनों भाषाओं को मिलाकर लिखा गया जजमेंट स्वीकार्य नहीं है। अदालत ने आगरा की सत्र अदालत द्वारा दिए गए एक बरी करने के फैसले को “क्लासिक उदाहरण” बताते हुए इसकी प्रति मुख्य न्यायाधीश और पूरे राज्य के न्यायिक अधिकारियों को भेजने का निर्देश दिया। हाईकोर्ट ने पाया कि विवादित फैसला 54 पन्नों का था, जिसमें 63 पैराग्राफ अंग्रेजी में, 125 हिंदी में और 11 पैराग्राफ दोनों...

“राज्य के वकील कोर्ट में उपस्थित हों”: सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड की गृह सचिव को निर्देश दिया
“राज्य के वकील कोर्ट में उपस्थित हों”: सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड की गृह सचिव को निर्देश दिया

झारखंड की गृह सचिव वंदना डाडेल गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुईं। कोर्ट ने उनकी मौजूदगी इसलिए तलब की थी क्योंकि नोटिस की सेवा पूरी होने के बावजूद झारखंड सरकार कई मामलों में लगातार गैर-हाज़िर रही। कोर्ट ने उनसे कहा कि राज्य के वकील सभी ऐसे मामलों में अनिवार्य रूप से उपस्थित हों।मुख्य मामले में सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार से कहा कि वह हाईकोर्ट द्वारा दो हत्या आरोपियों—अर्शद और शमशेर—को दिए गए anticipatory bail को चुनौती दे, क्योंकि हाईकोर्ट ने बिना मेरिट देखे यह...

दिल्ली हाईकोर्ट के खंडित फैसले के बाद अब तीसरे जज सुनेंगे सांसद इंजीनियर रशीद की याचिका
दिल्ली हाईकोर्ट के खंडित फैसले के बाद अब तीसरे जज सुनेंगे सांसद इंजीनियर रशीद की याचिका

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को यह स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर के सांसद इंजीनियर रशीद की उस याचिका पर 14 जनवरी को प्रारंभिक सुनवाई की जाएगी, जिसमें उन्होंने संसद में उपस्थिति के लिए दी गई कस्टडी पैरोल पर ट्रायल कोर्ट द्वारा लगाए गए भारी खर्च को चुनौती दी। जस्टिस रवींद्र दुडेज़ा के समक्ष इसलिए आया, क्योंकि याचिका पर सुनवाई कर रही दो-सदस्यीय पीठ इस मुद्दे पर विभाजित मत में थी।जस्टिस दुडेज़ा ने कहा कि वे पहले यह तय करने के लिए प्रारंभिक सुनवाई करेंगे कि अपील पर निर्णय वे स्वयं करेंगे या इसे बड़े पीठ...

क्या माफ़ी स्वीकार करना अवमानना ​​के दोष को दूर करने के लिए पर्याप्त है? इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बताया, सज़ा क्यों दी जा सकती है?
क्या माफ़ी स्वीकार करना अवमानना ​​के दोष को दूर करने के लिए पर्याप्त है? इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बताया, सज़ा क्यों दी जा सकती है?

न्यायालय अवमानना ​​अधिनियम 1971 की धारा 12 की व्याख्या करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि अवमाननाकर्ता द्वारा की गई माफ़ी को न्यायालय स्वीकार तो कर सकता है लेकिन इससे अवमानना ​​स्वतः ही समाप्त नहीं हो जाती या अवमाननाकर्ता को दोषमुक्त नहीं कर देता।न्यायालय के विरुद्ध अपमानजनक आरोप लगाने के कारण आपराधिक अवमानना ​​का सामना कर रहे एक वकील की वापसी और माफ़ी की याचिका पर विचार करते हुए जस्टिस सिद्धार्थ की पीठ ने कहा कि माफ़ी स्वीकार करना दोषमुक्ति के समान नहीं है।पीठ ने आगे कहा कि अवमानना...

नाबालिग को बिना लाइसेंस वाहन चलाने देना बीमा पॉलिसी का मूल उल्लंघन: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट
नाबालिग को बिना लाइसेंस वाहन चलाने देना बीमा पॉलिसी का मूल उल्लंघन: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि वाहन मालिक लापरवाही बरतते हुए किसी नाबालिग को बिना वैध ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाने की अनुमति देता है या ऐसा होने देता है तो यह बीमा पॉलिसी की मूल शर्तों का गंभीर उल्लंघन माना जाएगा।जस्टिस हिमांशु जोशी की एकल पीठ ने कहा कि यह बड़ों का दायित्व है कि नाबालिगों को उन रास्तों पर जाने से रोका जाए, जो उनकी उम्र के अनुकूल नहीं हैं विशेष रूप से वाहन चलाने जैसे कार्य जिसके लिए परिपक्वता और कानूनी अनुमति दोनों आवश्यक हैं।यह टिप्पणी उस अपील की सुनवाई के दौरान की...

क्रिमिनल ट्रायल के दौरान बिना अनुमति विदेश जाने पर भी पासपोर्ट नवीनीकरण से इनकार नहीं किया जा सकता: राजस्थान हाईकोर्ट
क्रिमिनल ट्रायल के दौरान बिना अनुमति विदेश जाने पर भी पासपोर्ट नवीनीकरण से इनकार नहीं किया जा सकता: राजस्थान हाईकोर्ट

आपराधिक मामले के लम्बित रहने पर भी दस वर्ष के लिए पासपोर्ट जारी करने के आदेश देते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि न्यायालय की बिना अनुमति के आरोपी के विदेश जाने पर विचारण न्यायालय जमानत के संबंध में समुचित आदेश पारित कर सकता है, लेकिन पासपोर्ट नवीनीकरण से इनकार नहीं कर सकता।डीडवाना निवासी रहीस खान की ओर से एडवोकेट रजाक खान हैदर ने आपराधिक विविध याचिका दायर कर हाईकोर्ट में कहा कि उसके खिलाफ वर्ष 2019 में मारपीट के आरोप में आपराधिक प्रकरण संस्थित हुआ था, जिसका विचारण अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट,...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक्सप्रेस पब्लिकेशन्स को दक्षिणी राज्यों के बाहर द न्यू इंडियन एक्सप्रेस टाइटल इस्तेमाल करने से रोका
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक्सप्रेस पब्लिकेशन्स को दक्षिणी राज्यों के बाहर 'द न्यू इंडियन एक्सप्रेस' टाइटल इस्तेमाल करने से रोका

बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक्सप्रेस पब्लिकेशन्स (मदुरै) प्राइवेट लिमिटेड को उन दक्षिणी राज्यों के बाहर 'द न्यू इंडियन एक्सप्रेस' टाइटल का उपयोग करने से रोक दिया, जिनके लिए उसे अधिकार दिए गए थे। न्यायालय ने कहा कि "इंडियन एक्सप्रेस" ट्रेडमार्क का स्वामित्व विशेष रूप से द इंडियन एक्सप्रेस (प्रा.) लिमिटेड के पास है।जस्टिस आर. आई. छागला की सिंगल बेंच ने 13 नवंबर, 2025 को इंडियन एक्सप्रेस द्वारा दायर अंतरिम आवेदन को स्वीकार करते हुए यह आदेश पारित किया।कोर्ट ने माना कि एक्सप्रेस पब्लिकेशन्स द्वारा निर्दिष्ट...

सेल डीड और भूमि अधिग्रहण अधिसूचना के बीच कम अंतराल होने पर मूल्य में कोई संचयी वृद्धि दर नहीं दी जा सकती: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
सेल डीड और भूमि अधिग्रहण अधिसूचना के बीच कम अंतराल होने पर मूल्य में कोई संचयी वृद्धि दर नहीं दी जा सकती: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि जब बिक्री लेनदेन की तिथि और भूमि अधिग्रहण अधिसूचना के बीच कम अंतराल हो तो भूमि के बाजार मूल्य का आकलन करते समय संचयी वृद्धि दर नहीं दी जा सकती।कोर्ट ने टिप्पणी की कि चूंकि सेल डीड और अधिग्रहण अधिसूचना नौ महीने की अवधि के भीतर जारी की गई थी, इसलिए बाजार मूल्य का आकलन करते समय संचयी वृद्धि दर की अनुमति नहीं दी जा सकती।जस्टिस कुकरेजा ने टिप्पणी की:"अतः, अधिसूचना जारी करने की तिथि और सेल डीड के निष्पादन की तिथि के बीच बहुत कम अंतराल को देखते हुए भूमि के बाजार मूल्य...

डिजिटल अर्थव्यवस्था जन-विश्वास पर आधारित, साइबर धोखाधड़ी के अपराध केवल समझौते के आधार पर रद्द नहीं किए जा सकते: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
डिजिटल अर्थव्यवस्था जन-विश्वास पर आधारित, साइबर धोखाधड़ी के अपराध केवल समझौते के आधार पर रद्द नहीं किए जा सकते: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि साइबर धोखाधड़ी जन-विश्वास और डिजिटल अर्थव्यवस्था के विरुद्ध एक प्रणालीगत अपराध है। इसलिए ऐसे मामलों को केवल शिकायतकर्ता और अभियुक्त के बीच समझौते या सुलह के आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता।जस्टिस सुमीत गोयल ने कहा,"साइबर धोखाधड़ी का समकालीन अपराध एक विशिष्ट उल्लंघन प्रस्तुत करता है, जो केवल शिकायतकर्ता/पीड़ित और अभियुक्त के बीच हुए समझौते/सुलह के आधार पर आपराधिक कार्यवाही रद्द करने के न्यायिक अधिकार क्षेत्र से इसे स्पष्ट रूप से बाहर रखता है। डिजिटल...

जब्त वाहनों को वर्षों तक पुलिस हिरासत में रखने से कोई लाभ नहीं, वीडियो रिकॉर्ड करें, सत्यापन के बाद जारी करें: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
जब्त वाहनों को वर्षों तक पुलिस हिरासत में रखने से कोई लाभ नहीं, वीडियो रिकॉर्ड करें, सत्यापन के बाद जारी करें: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि जब्त वाहनों को वर्षों तक पुलिस हिरासत में रखने से कोई लाभ नहीं होता और इससे उनका मूल्यह्रास, क्षय और पर्यावरणीय क्षति होती है। कोर्ट ने इस बात पर ज़ोर दिया कि आधुनिक तकनीक डिजिटल दस्तावेज़ीकरण - जिसमें वीडियो और तस्वीरें शामिल हैं - को पर्याप्त साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत करने की अनुमति देती है, जिससे वाहनों को उनके असली मालिकों को समय पर जारी किया जा सके।कोर्ट ने भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 110, 115(2), 3(5), 351(3), 117(2) और 118(2) के तहत दर्ज...