हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने टीम इंडिया के आगामी क्रिकेट दौरों की अवैध स्ट्रीमिंग पर लगाई रोक
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में कई अवैध मोबाइल ऐप्स और वेबसाइटों को भारत के आगामी दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड क्रिकेट दौरों की अवैध स्ट्रीमिंग रोकने का आदेश दिया, जिससे जियोस्टार इंडिया के विशेष प्रसारण अधिकारों की रक्षा होगी। यह आदेश 3 मार्च, 2026 तक लागू रहेगा।जस्टिस तेजस करिया की सिंगल बेंच ने 11 नवंबर, 2025 को यह आदेश पारित किया, जब जियोस्टार ने इन क्रिकेट आयोजनों पर अपने विशेष प्रसारण अधिकारों की सुरक्षा के लिए तत्काल याचिका दायर की थी। इन दौरों में कुल मिलाकर 18 मैच शामिल हैं।जियोस्टार...
यूपी की ट्रायल अदालतें फैसले हिंदी या अंग्रेजी में लिख सकती हैं, लेकिन दोनों भाषाओं का मिश्रित जजमेंट नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की ट्रायल अदालतें अपने फैसले या तो पूरी तरह हिंदी में लिखें या पूरी तरह अंग्रेजी में, लेकिन दोनों भाषाओं को मिलाकर लिखा गया जजमेंट स्वीकार्य नहीं है। अदालत ने आगरा की सत्र अदालत द्वारा दिए गए एक बरी करने के फैसले को “क्लासिक उदाहरण” बताते हुए इसकी प्रति मुख्य न्यायाधीश और पूरे राज्य के न्यायिक अधिकारियों को भेजने का निर्देश दिया। हाईकोर्ट ने पाया कि विवादित फैसला 54 पन्नों का था, जिसमें 63 पैराग्राफ अंग्रेजी में, 125 हिंदी में और 11 पैराग्राफ दोनों...
“राज्य के वकील कोर्ट में उपस्थित हों”: सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड की गृह सचिव को निर्देश दिया
झारखंड की गृह सचिव वंदना डाडेल गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुईं। कोर्ट ने उनकी मौजूदगी इसलिए तलब की थी क्योंकि नोटिस की सेवा पूरी होने के बावजूद झारखंड सरकार कई मामलों में लगातार गैर-हाज़िर रही। कोर्ट ने उनसे कहा कि राज्य के वकील सभी ऐसे मामलों में अनिवार्य रूप से उपस्थित हों।मुख्य मामले में सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार से कहा कि वह हाईकोर्ट द्वारा दो हत्या आरोपियों—अर्शद और शमशेर—को दिए गए anticipatory bail को चुनौती दे, क्योंकि हाईकोर्ट ने बिना मेरिट देखे यह...
बाल विवाह के प्रति संरचनात्मक प्रतिक्रिया
बाल विवाह और जबरन विवाह (सीईएफएम) की लगभग 86% पीड़ित लड़कियां हैं। दुनिया में हर तीसरी बाल वधू भारतीय है। बाल विवाह वह विवाह है जिसमें कम से कम एक पक्ष विवाह की कानूनी उम्र से कम हो। यह मानवाधिकारों का उल्लंघन है और भारत के लिए एक सतत चुनौती है। अधिकांश बाल विवाहों में लड़कियों का विवाह अधिक उम्र के पुरुषों से होता है, जिससे पितृसत्तात्मक मानदंडों और लैंगिक असमानता को बल मिलता है। कम उम्र में विवाह का अर्थ है शिक्षा का अंत, अवसरों का नुकसान, और गरीबी, हिंसा और कम उम्र में मां बनने का जोखिम,...
दिल्ली हाईकोर्ट के खंडित फैसले के बाद अब तीसरे जज सुनेंगे सांसद इंजीनियर रशीद की याचिका
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को यह स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर के सांसद इंजीनियर रशीद की उस याचिका पर 14 जनवरी को प्रारंभिक सुनवाई की जाएगी, जिसमें उन्होंने संसद में उपस्थिति के लिए दी गई कस्टडी पैरोल पर ट्रायल कोर्ट द्वारा लगाए गए भारी खर्च को चुनौती दी। जस्टिस रवींद्र दुडेज़ा के समक्ष इसलिए आया, क्योंकि याचिका पर सुनवाई कर रही दो-सदस्यीय पीठ इस मुद्दे पर विभाजित मत में थी।जस्टिस दुडेज़ा ने कहा कि वे पहले यह तय करने के लिए प्रारंभिक सुनवाई करेंगे कि अपील पर निर्णय वे स्वयं करेंगे या इसे बड़े पीठ...
क्या माफ़ी स्वीकार करना अवमानना के दोष को दूर करने के लिए पर्याप्त है? इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बताया, सज़ा क्यों दी जा सकती है?
न्यायालय अवमानना अधिनियम 1971 की धारा 12 की व्याख्या करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि अवमाननाकर्ता द्वारा की गई माफ़ी को न्यायालय स्वीकार तो कर सकता है लेकिन इससे अवमानना स्वतः ही समाप्त नहीं हो जाती या अवमाननाकर्ता को दोषमुक्त नहीं कर देता।न्यायालय के विरुद्ध अपमानजनक आरोप लगाने के कारण आपराधिक अवमानना का सामना कर रहे एक वकील की वापसी और माफ़ी की याचिका पर विचार करते हुए जस्टिस सिद्धार्थ की पीठ ने कहा कि माफ़ी स्वीकार करना दोषमुक्ति के समान नहीं है।पीठ ने आगे कहा कि अवमानना...
नाबालिग को बिना लाइसेंस वाहन चलाने देना बीमा पॉलिसी का मूल उल्लंघन: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि वाहन मालिक लापरवाही बरतते हुए किसी नाबालिग को बिना वैध ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाने की अनुमति देता है या ऐसा होने देता है तो यह बीमा पॉलिसी की मूल शर्तों का गंभीर उल्लंघन माना जाएगा।जस्टिस हिमांशु जोशी की एकल पीठ ने कहा कि यह बड़ों का दायित्व है कि नाबालिगों को उन रास्तों पर जाने से रोका जाए, जो उनकी उम्र के अनुकूल नहीं हैं विशेष रूप से वाहन चलाने जैसे कार्य जिसके लिए परिपक्वता और कानूनी अनुमति दोनों आवश्यक हैं।यह टिप्पणी उस अपील की सुनवाई के दौरान की...
क्रिमिनल ट्रायल के दौरान बिना अनुमति विदेश जाने पर भी पासपोर्ट नवीनीकरण से इनकार नहीं किया जा सकता: राजस्थान हाईकोर्ट
आपराधिक मामले के लम्बित रहने पर भी दस वर्ष के लिए पासपोर्ट जारी करने के आदेश देते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि न्यायालय की बिना अनुमति के आरोपी के विदेश जाने पर विचारण न्यायालय जमानत के संबंध में समुचित आदेश पारित कर सकता है, लेकिन पासपोर्ट नवीनीकरण से इनकार नहीं कर सकता।डीडवाना निवासी रहीस खान की ओर से एडवोकेट रजाक खान हैदर ने आपराधिक विविध याचिका दायर कर हाईकोर्ट में कहा कि उसके खिलाफ वर्ष 2019 में मारपीट के आरोप में आपराधिक प्रकरण संस्थित हुआ था, जिसका विचारण अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट,...
16 वर्ष और परिपक्वता का भ्रम: सहमति, स्वास्थ्य और भेद्यता का टकराव
पॉक्सो अधिनियम के तहत सहमति की आयु 18 वर्ष से घटाकर 16 वर्ष करने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे विचार-विमर्श ने पूरे देश में तीखी बहस छेड़ दी है। 'सहमति की आयु' - वह आयु जिस पर कानून किसी व्यक्ति की यौन गतिविधि के लिए सहमति देने की क्षमता को मान्यता देता है - भारत में समय के साथ विकसित हुई है, जो 10 से 12 वर्ष, फिर 16 वर्ष और अंततः 18 वर्ष हुई, जो बाल विवाह और यौन शोषण को रोकने के देश के प्रयासों को दर्शाती है।लेकिन आज, यह मुद्दा कहीं अधिक जटिल है। 16 से 18 वर्ष की आयु के किशोरों में...
APAR न रखने की विभागीय चूक पर कर्मचारी को सज़ा नहीं दी जा सकती: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने महत्त्वपूर्ण फैसले में साफ किया कि कर्मचारी की वार्षिक गोपनीय आख्या (ACR/APAR) संरक्षित न रख पाने की गलती यदि स्वयं विभाग की हो तो उसके आधार पर संशोधित आश्वस्त करियर प्रगति योजना (MACP) का लाभ नहीं रोका जा सकता। अदालत ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) का आदेश बरकरार रखा, जिसमें कर्मचारी के पक्ष में निर्णय दिया गया।जस्टिस विनीत कुमार माथुर और जस्टिस बिपिन गुप्ता की खंडपीठ ने कहा कि APAR को संधारित करना पूर्णतः नियोक्ता का दायित्व है और कर्मचारी का इस पर कोई नियंत्रण नहीं...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक्सप्रेस पब्लिकेशन्स को दक्षिणी राज्यों के बाहर 'द न्यू इंडियन एक्सप्रेस' टाइटल इस्तेमाल करने से रोका
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक्सप्रेस पब्लिकेशन्स (मदुरै) प्राइवेट लिमिटेड को उन दक्षिणी राज्यों के बाहर 'द न्यू इंडियन एक्सप्रेस' टाइटल का उपयोग करने से रोक दिया, जिनके लिए उसे अधिकार दिए गए थे। न्यायालय ने कहा कि "इंडियन एक्सप्रेस" ट्रेडमार्क का स्वामित्व विशेष रूप से द इंडियन एक्सप्रेस (प्रा.) लिमिटेड के पास है।जस्टिस आर. आई. छागला की सिंगल बेंच ने 13 नवंबर, 2025 को इंडियन एक्सप्रेस द्वारा दायर अंतरिम आवेदन को स्वीकार करते हुए यह आदेश पारित किया।कोर्ट ने माना कि एक्सप्रेस पब्लिकेशन्स द्वारा निर्दिष्ट...
सेल डीड और भूमि अधिग्रहण अधिसूचना के बीच कम अंतराल होने पर मूल्य में कोई संचयी वृद्धि दर नहीं दी जा सकती: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि जब बिक्री लेनदेन की तिथि और भूमि अधिग्रहण अधिसूचना के बीच कम अंतराल हो तो भूमि के बाजार मूल्य का आकलन करते समय संचयी वृद्धि दर नहीं दी जा सकती।कोर्ट ने टिप्पणी की कि चूंकि सेल डीड और अधिग्रहण अधिसूचना नौ महीने की अवधि के भीतर जारी की गई थी, इसलिए बाजार मूल्य का आकलन करते समय संचयी वृद्धि दर की अनुमति नहीं दी जा सकती।जस्टिस कुकरेजा ने टिप्पणी की:"अतः, अधिसूचना जारी करने की तिथि और सेल डीड के निष्पादन की तिथि के बीच बहुत कम अंतराल को देखते हुए भूमि के बाजार मूल्य...
डिजिटल अर्थव्यवस्था जन-विश्वास पर आधारित, साइबर धोखाधड़ी के अपराध केवल समझौते के आधार पर रद्द नहीं किए जा सकते: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि साइबर धोखाधड़ी जन-विश्वास और डिजिटल अर्थव्यवस्था के विरुद्ध एक प्रणालीगत अपराध है। इसलिए ऐसे मामलों को केवल शिकायतकर्ता और अभियुक्त के बीच समझौते या सुलह के आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता।जस्टिस सुमीत गोयल ने कहा,"साइबर धोखाधड़ी का समकालीन अपराध एक विशिष्ट उल्लंघन प्रस्तुत करता है, जो केवल शिकायतकर्ता/पीड़ित और अभियुक्त के बीच हुए समझौते/सुलह के आधार पर आपराधिक कार्यवाही रद्द करने के न्यायिक अधिकार क्षेत्र से इसे स्पष्ट रूप से बाहर रखता है। डिजिटल...
जब्त वाहनों को वर्षों तक पुलिस हिरासत में रखने से कोई लाभ नहीं, वीडियो रिकॉर्ड करें, सत्यापन के बाद जारी करें: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि जब्त वाहनों को वर्षों तक पुलिस हिरासत में रखने से कोई लाभ नहीं होता और इससे उनका मूल्यह्रास, क्षय और पर्यावरणीय क्षति होती है। कोर्ट ने इस बात पर ज़ोर दिया कि आधुनिक तकनीक डिजिटल दस्तावेज़ीकरण - जिसमें वीडियो और तस्वीरें शामिल हैं - को पर्याप्त साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत करने की अनुमति देती है, जिससे वाहनों को उनके असली मालिकों को समय पर जारी किया जा सके।कोर्ट ने भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 110, 115(2), 3(5), 351(3), 117(2) और 118(2) के तहत दर्ज...
जेल सुपरिंटेंडेंट स्वास्थ्य विभाग से प्रतिनियुक्ति पर आए मेडिकल अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू नहीं कर सकते: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने माना कि केंद्रीय कारागार के सुपरिंटेंडेंट, एक अलग प्रशासनिक विभाग होने के नाते मेडिकल एवं स्वास्थ्य विभाग से प्रतिनियुक्त चिकित्सा अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने का कोई अधिकार या क्षमता नहीं रखते हैं।जस्टिस फरजंद अली की पीठ ने याचिकाकर्ता के स्थानांतरण आदेशों को रद्द करते हुए ये टिप्पणियां कीं, जिनमें राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1958 ("नियम") के तहत जेल अधीक्षक को उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने का निर्देश भी शामिल...
घूस की रकम लौटाने के लिए जारी चेक के बाउंस पर धारा 138 लागू नहीं: मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि घूस की रकम वापस करने के लिए जारी किया गया चेक बाउंस होने पर नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत मुकदमा नहीं चलाया जा सकता, क्योंकि यह कानूनी रूप से वसूली योग्य ऋण (legally enforceable debt) नहीं माना जाता।जस्टिस के. मुरली शंकर ने कहा कि नौकरी दिलाने के लिए पैसे लेना-देना एक ऐसा समझौता है जो शुरू से ही अवैध (void ab initio) है और भारतीय अनुबंध अधिनियम की धारा 23 के तहत गैरकानूनी माना जाता है। इसलिए, ऐसी अवैध राशि लौटाने के लिए जारी चेक पर धारा 138...
चित्तापुर में पथसंचलन की अनुमति मिलने पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने RSS संयोजक की याचिका बंद की
कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को RSS कलबुर्गी के संयोजक द्वारा चित्तापुर टाउन में प्रस्तावित पथसंचलन (मार्च) आयोजित करने की अनुमति संबंधी याचिका का निस्तारण कर दिया।जस्टिस एम.जी.एस. कमल ने चित्तापुर तहसीलदार द्वारा 16 नवंबर को पथसंचलन की अनुमति देते हुए कुछ शर्तें लागू करने वाले आदेश को रिकॉर्ड में लिया। पिछली सुनवाई में राज्य ने कोर्ट को बताया था कि वह रूट मार्च प्रस्ताव पर सकारात्मक रूप से विचार करेगा। संयोजक की ओर से संख्या बढ़ाने का अनुरोध सीनियर एडवोकेट अरुणा श्याम ने कहा कि अनुमति देने के...
राजस्थान हाईकोर्ट ने दिवंगत कांस्टेबल की विधवा को अनुग्रह राशि न देने पर राज्य सरकार को फटकार लगाई, 20 लाख रुपये देने का निर्देश
राजस्थान हाईकोर्ट ने एक सख्त टिप्पणी में कहा कि सेवा के दौरान मृत्यु होने पर कर्मचारी के परिवार को अनुग्रह राशि से वंचित करना केवल तकनीकी आधार पर असंवेदनशील और अति-तकनीकी रवैया है, जो कल्याणकारी शासन के उद्देश्य के विपरीत है।जस्टिस फरजंद अली की एकल पीठ ने राज्य सरकार का आदेश रद्द कर दिया, जिसमें एक अशिक्षित विधवा की अनुग्रह राशि की मांग केवल आवेदन में देरी के आधार पर खारिज कर दी गई, जबकि संबंधित विभाग ने स्वयं प्रशासनिक देरी स्वीकार की थी।मामले के अनुसार याचिकाकर्ता के पति राजस्थान पुलिस में...
बिजली अधिनियम की धारा 151 के तहत अनधिकृत व्यक्ति द्वारा दर्ज शिकायत पर संज्ञान लेने से पूरी कार्यवाही अमान्य: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक महत्त्वपूर्ण निर्णय में कहा कि यदि किसी अदालत द्वारा बिजली अधिनियम 2003 की धारा 151 के तहत अनधिकृत व्यक्ति द्वारा दायर शिकायत पर संज्ञान लिया जाता है तो यह केवल एक प्रक्रियात्मक त्रुटि नहीं बल्कि मूलभूत अवैधता है, जो पूरे मुकदमे को निष्फल कर देती है।जस्टिस एम. एम. नेर्लिकर की एकल पीठ राज्य सरकार की उस आपराधिक अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें ट्रायल कोर्ट द्वारा आरोपी को बरी किए जाने के आदेश को चुनौती दी गई थी।मामले के अनुसार, उड़नदस्ता (फ्लाइंग स्क्वाड) ने आरोपी के आइस...
NCC से ट्रांसजेंडर बाहर रखना वर्तमान कानून के अनुसार वैध: केरल हाईकोर्ट ने समावेशिता हेतु कानून संशोधन की सलाह दी
केरल हाईकोर्ट ने कहा है कि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को नेशनल कैडेट कॉर्प्स (NCC) से बाहर रखना वर्तमान कानून के तहत संविधान का उल्लंघन नहीं है, क्योंकि नेशनल कैडेट कॉर्प्स अधिनियम, 1948 अभी केवल पुरुष और महिला छात्रों को ही नामांकित करने की अनुमति देता है। हालांकि, कोर्ट ने केंद्र सरकार से कानून में संशोधन कर समावेशिता सुनिश्चित करने पर विचार करने का आग्रह किया है।जस्टिस एन. नागरेश ने यह फैसला उस ट्रांसजेंडर छात्र की याचिका पर दिया, जिसकी NCC में भर्ती की आवेदन को जेंडर आइडेंटिटी के आधार पर खारिज...




















