मद्रास हाईकोर्ट ने ईशा फाउंडेशन पर प्रदूषण नियमों के उल्लंघन के आरोप वाली याचिका खारिज की

Praveen Mishra

12 Sept 2025 3:40 PM IST

  • मद्रास हाईकोर्ट ने ईशा फाउंडेशन पर प्रदूषण नियमों के उल्लंघन के आरोप वाली याचिका खारिज की

    मद्रास हाईकोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें ईशा फाउंडेशन पर सीवेज और गंदे पानी को पास की जमीन पर छोड़ने का आरोप लगाया गया था और अधिकारियों को कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।

    चीफ़ जस्टिस मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव और जस्टिस जी. अरुल मुरुगन की खंडपीठ ने नोट किया कि इसी मुद्दे पर याचिकाकर्ता ने बाद में एक और याचिका दायर की थी, जिसमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने निरीक्षण कर संतोषजनक रिपोर्ट दी थी। इसके बाद कोर्ट ने माना कि मौजूदा याचिका में अब कुछ नहीं बचा है और उसे खारिज कर दिया।

    कोर्ट ने कहा,“यह स्पष्ट है कि जब वर्तमान याचिका लंबित थी और इस पर अभी निर्णय होना था कि क्या सातवां प्रतिवादी बिना उपचारित गंदा पानी याचिकाकर्ता की जमीन पर छोड़ रहा है, तब दूसरी याचिका में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने निरीक्षण कर रिपोर्ट दी, जो संतोषजनक पाई गई। इसलिए दूसरी याचिका खारिज होने के बाद अब इस याचिका में कुछ भी विचार योग्य नहीं बचा।”

    याचिकाकर्ता, जिसकी खेती की जमीन फाउंडेशन की जमीन के पास है, ने आरोप लगाया था कि फाउंडेशन गंदगी को मानकों के मुताबिक नहीं निपटा रहा और उसका सीवेज उसकी जमीन में छोड़ा जा रहा है। उसने यह भी मांग की थी कि अधिकारियों को निर्देश दिया जाए कि फाउंडेशन को किसी भी त्योहार या कार्यक्रम की अनुमति/लाइसेंस तब तक न दी जाए जब तक सीवेज और गंदे पानी के निस्तारण की उचित व्यवस्था न की जाए और पास के वेल्लियांगिरी जंगल के जानवरों को कोई परेशानी न हो।

    कोर्ट ने नोट किया कि पिछली सुनवाई में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि फाउंडेशन में कुछ कमियां थीं जिनके सुधार के लिए निर्देश दिए गए थे। बाद में याचिकाकर्ता ने महाशिवरात्रि उत्सव को लेकर दूसरी याचिका दायर की थी। उस मामले में कोर्ट ने बोर्ड से विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट में बताया गया कि फाउंडेशन के पास उत्सव के दौरान उत्पन्न कचरे को संभालने के लिए पर्याप्त व्यवस्था है। इसे देखते हुए कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी।

    इन तथ्यों को देखते हुए वर्तमान मामले में कोर्ट ने कहा कि याचिका में अब कुछ शेष नहीं बचा है और इसे खारिज कर दिया।

    Next Story