हाईकोर्ट

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"पुलिस किसी का पक्ष क्यों ले रही है?", बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुस्लिम परिवार की FIR दर्ज करने से इनकार करने पर पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार (5 अगस्त) को पुणे पुलिस के एक थाना प्रभारी (SHO) के आचरण पर हैरानी जताई, जिन्होंने एक मुस्लिम परिवार की शिकायत पर इस आधार पर FIR दर्ज करने से इनकार कर दिया कि एक हिंदू परिवार द्वारा रोड रेज के एक मामले में उनके खिलाफ पहले ही FIR दर्ज की जा चुकी है। अदालत ने पुणे के पुलिस आयुक्त को संबंधित अधिकारी के खिलाफ 'कड़ी' कार्रवाई करने का आदेश दिया।जस्टिस रवींद्र घुगे और जस्टिस गौतम अंखड की खंडपीठ ने कहा कि रोड रेज की शुरुआत हिंदू परिवार - केसवानी परिवार - के घर के बाहर हॉर्न...

शिमला रिज के 140 साल पुराने पानी के टैंक की सुरक्षा पर हाईकोर्ट ने रिपोर्ट मांगी
शिमला रिज के 140 साल पुराने पानी के टैंक की सुरक्षा पर हाईकोर्ट ने रिपोर्ट मांगी

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला रिज पर स्थित 140 साल पुराने भूमिगत जल टैंक की संरचनात्मक सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार और शिमला नगर निगम से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। चीफ जस्टिस जी.एस. संधावालिया और जस्टिस रंजन शर्मा की खंडपीठ ने नोटिस जारी कर राज्य सरकार और नगर निगम शिमला से उस ऐतिहासिक रिज के नीचे स्थित इस 140 साल पुराने भूमिगत जल टैंक की संरचनात्मक सुरक्षा पर स्थिति रिपोर्ट मांगी है। यह जनहित याचिका पूर्व उपमहापौर और पर्यावरणविद् टिकेन्दर सिंह पंवर द्वारा दायर की गई थी। उन्होंने अदालत का ध्यान...

औद्योगिक विवाद अधिनियम की धारा 17बी के तहत रोज़गार में स्व-रोज़गार भी शामिल है, जहां कर्मचारी पर्याप्त कमाई करता है: केरल हाईकोर्ट
औद्योगिक विवाद अधिनियम की धारा 17बी के तहत 'रोज़गार' में स्व-रोज़गार भी शामिल है, जहां कर्मचारी पर्याप्त कमाई करता है: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया कि औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 की धारा 17बी के तहत "रोज़गार" शब्द में स्व-रोज़गार भी शामिल है जहां कामगार पर्याप्त आय अर्जित करता है। जस्टिस एस मनु ने एक रिट याचिका में एक अंतरिम आवेदन पर निर्णय देते हुए कहा कि यदि कोई कामगार लाभ कमाने वाले व्यवसाय या स्व-रोज़गार में लगा हुआ है, तो वह औपचारिक रोज़गार के अभाव में धारा 17बी के तहत लाभों का दावा नहीं कर सकता।याचिकाकर्ता, जिसे प्रतिवादी श्वास होम्स प्राइवेट लिमिटेड ने 2011 में नौकरी से निकाल दिया था, उसे...

BNSS की धारा 224 | क्षेत्राधिकार न होने पर मजिस्ट्रेट को शिकायत उचित न्यायालय को लौटानी चाहिए : उड़ीसा हाईकोर्ट
BNSS की धारा 224 | क्षेत्राधिकार न होने पर मजिस्ट्रेट को शिकायत उचित न्यायालय को लौटानी चाहिए : उड़ीसा हाईकोर्ट

ओडिशा हाईकोर्ट ने चेक बाउंस से संबंधित एक मामले की सुनवाई करते हुए यह दोहराया कि यदि किसी मजिस्ट्रेट के पास क्षेत्राधिकार नहीं है और वह अपराध का संज्ञान नहीं ले सकता, तो उसे लिखित शिकायत को उपयुक्त टिप्पणी (endorsement) के साथ वापस कर देना चाहिए, ताकि उसे सही क्षेत्राधिकार वाली अदालत में पेश किया जा सके।जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की एकल पीठ ने 'भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS)' की धारा 224 का उल्लेख करते हुए कहा, “यदि किसी मजिस्ट्रेट के पास किसी अपराध का संज्ञान लेने की शक्ति नहीं है, और उसे...

एल्गर परिषद मामले के आरोपी ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया, बीमार पिता से मिलने के लिए अंतरिम ज़मानत मांगी
एल्गर परिषद मामले के आरोपी ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया, बीमार पिता से मिलने के लिए अंतरिम ज़मानत मांगी

बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार (6 अगस्त) को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को भीमा कोरेगांव एल्गर परिषद मामले के आरोपी रमेश गायचोर द्वारा दायर याचिका पर निर्देश प्राप्त करने और जवाब दाखिल करने का आदेश दिया। गायचोर ने अपने बीमार पिता से मिलने के लिए अस्थायी ज़मानत मांगी है।जस्टिस अजय गडकरी और जस्टिस राजेश पाटिल की खंडपीठ ने NIA को जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ़्ते का समय दिया।गाइचोर ने स्पेशल कोर्ट के 1 जुलाई, 2025 के आदेश को चुनौती दी, जिसने उनकी अंतरिम ज़मानत याचिका खारिज कर दी थी।गाइचोर के अनुसार उनके...

घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत पत्नी का साझा घर में रहने का अधिकार, तलाकशुदा जोड़े के बीच वैवाहिक घर के बंटवारे पर कोई रोक नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत पत्नी का साझा घर में रहने का अधिकार, तलाकशुदा जोड़े के बीच वैवाहिक घर के बंटवारे पर कोई रोक नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 17 के तहत एक विवाहित महिला का साझा घर में रहने का अधिकार, दीवानी कार्यवाही में पति के बंटवारे या स्वामित्व अधिकारों के प्रवर्तन की मांग करने के वैध अधिकार को रद्द या निरस्त नहीं कर सकता। जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने पारिवारिक न्यायालय के फैसले के खिलाफ एक तलाकशुदा महिला की अपील को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि वह और उसका पूर्व पति मुकदमे वाली संपत्ति में 50-50% हिस्से के हकदार हैं।महिला...

जेल में बंद सांसद इंजीनियर राशिद ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा जुर्माने के चलते नहीं कर पा रहे संसद में अपने निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व
जेल में बंद सांसद इंजीनियर राशिद ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा जुर्माने के चलते नहीं कर पा रहे संसद में अपने निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व

जेल में बंद जम्मू-कश्मीर के सांसद इंजीनियर राशिद ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि संसद सत्र में भाग लेने के लिए दैनिक खर्च का भुगतान करने की शर्त के कारण वह अपने निर्वाचन क्षेत्र (बारामूला) का प्रतिनिधित्व करने में असमर्थ हैं।सीनियर एडवोकेट एन हरिहरन ने जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस अनूप जयराम भंभानी की खंडपीठ के समक्ष यह दलील दी। राशिद ने 25 मार्च को समन्वय पीठ द्वारा पारित उस आदेश में संशोधन की मांग की, जिसमें उन्हें हिरासत में रहते हुए संसद में भाग लेने के लिए जेल अधिकारियों के पास...

दिल्ली हाईकोर्ट ने पत्नी को अंतरिम भरण-पोषण देने से किया इनकार, 70 वर्षीय पति की आर्थिक और भावनात्मक अक्षमता का दिया हवाला
दिल्ली हाईकोर्ट ने पत्नी को अंतरिम भरण-पोषण देने से किया इनकार, 70 वर्षीय पति की आर्थिक और भावनात्मक अक्षमता का दिया हवाला

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एक महिला को उसके अलग हुए पति की आर्थिक अक्षमता का हवाला देते हुए हिंदू विवाह अधिनियम (Hindu Marriage Act) की धारा 24 के तहत अंतरिम भरण-पोषण देने से इनकार कर दिया।जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने कहा,"प्रतिवादी पर अंतरिम भरण-पोषण देने का दायित्व नहीं डाला जाना चाहिए। खासकर जब उसकी अपनी आर्थिक, शारीरिक और भावनात्मक स्थिति स्पष्ट रूप से तनावपूर्ण हो।"महिला लगभग तीन दशकों से अपने 70 वर्षीय पति से अलग रह रही थी।उसने अपने पति से भरण-पोषण...

एक हाईकोर्ट से दूसरे हाईकोर्ट में मामला ट्रांसफर करने का अधिकार नहीं: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
एक हाईकोर्ट से दूसरे हाईकोर्ट में मामला ट्रांसफर करने का अधिकार नहीं: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने माना कि उसे किसी मामले को एक हाईकोर्ट से दूसरे हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने का अधिकार नहीं है।चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने कहा,"जहां तक उपरोक्त तीनों मामलों को किसी अन्य हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की प्रार्थना का संबंध है, उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि इस उद्देश्य के लिए इस न्यायालय को ऐसी कोई शक्ति प्राप्त नहीं है। याचिकाकर्ता उपयुक्त मंच से संपर्क करने के लिए स्वतंत्र है।"यह याचिका एक वकील द्वारा दायर की गई, जिसमें हाईकोर्ट के जज के...

पीएम मोदी का उपहास उडाने वाली फेसबुक पोस्ट पर व्यक्ति को नहीं मिली ज़मानत, कोर्ट ने बताया- राष्ट्र-विरोधी विचारधारा
पीएम मोदी का उपहास उडाने वाली फेसबुक पोस्ट पर व्यक्ति को नहीं मिली ज़मानत, कोर्ट ने बताया- राष्ट्र-विरोधी विचारधारा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले हफ़्ते एक व्यक्ति की ज़मानत याचिका खारिज कर दी, जिस पर फेसबुक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाते हुए आपत्तिजनक और भड़काऊ सामग्री साझा करने और पाकिस्तान का महिमामंडन करने का आरोप है।जस्टिस संजय कुमार सिंह की पीठ ने कहा कि कथित पोस्ट भारतीय नेतृत्व का उपहास करते प्रतीत होते हैं और राष्ट्रीय संप्रभुता, एकता और अखंडता के हितों के विपरीत एक कथानक को बढ़ावा देते हैं।आरोपी (ताहिर मेवाती) पर फेसबुक पर कथित तौर पर आपत्तिजनक दृश्य पोस्ट करने के आरोप में भारतीय न्याय...

प्राथमिक न्यायालय ज़िला परिषद और पंचायत समितियों अधिनियम के तहत अधिकारियों के विरुद्ध वाद दायर करने की नोटिस अवधि को माफ नहीं कर सकता : बॉम्बे हाईकोर्ट
प्राथमिक न्यायालय ज़िला परिषद और पंचायत समितियों अधिनियम के तहत अधिकारियों के विरुद्ध वाद दायर करने की नोटिस अवधि को माफ नहीं कर सकता : बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि महाराष्ट्र ज़िला परिषद और पंचायत समितियां अधिनियम की धारा 280 तथा महाराष्ट्र ग्राम पंचायत अधिनियम की धारा 180 के तहत वाद दायर करने से पूर्व अनिवार्य नोटिस देने की जो शर्त है, उसे प्राथमिक न्यायालय माफ नहीं कर सकता। यह स्थिति दीवानी प्रक्रिया संहिता (CPC) की धारा 80(2) से अलग है, जो सीमित विवेकाधिकार प्रदान करती है। कोर्ट ने कहा कि इन प्रावधानों का अनुपालन न होने की स्थिति में वाद सुनवाई योग्य नहीं माना जाएगा।जस्टिस शैलेश पी. ब्रह्मे ने यह टिप्पणी उस सिविल...

मद्रास हाईकोर्ट ने ट्रांसजेंडर और इंटरसेक्स समुदाय को क्षैतिज आरक्षण प्रदान करने पर राज्य सरकार से निर्णय मांगा
मद्रास हाईकोर्ट ने ट्रांसजेंडर और इंटरसेक्स समुदाय को क्षैतिज आरक्षण प्रदान करने पर राज्य सरकार से निर्णय मांगा

मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को ट्रांसजेंडर और इंटरसेक्स व्यक्तियों को क्षैतिज आरक्षण प्रदान करने पर निर्णय लेने का निर्देश दिया।जस्टिस एन आनंद वेंकटेश ने कहा कि इस संबंध में निर्णय लिया जाना आवश्यक है ताकि ट्रांसजेंडर और इंटरसेक्स व्यक्तियों को हर बार अदालत का दरवाजा खटखटाकर सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की मांग न करनी पड़े।अदालत ने कहा,"यह स्पष्ट नहीं है कि क्या सरकार ट्रांसजेंडर और इंटरसेक्स व्यक्तियों को क्षैतिज आरक्षण प्रदान करना चाहती है, जिसकी मांग समुदाय द्वारा हमेशा...

पटना हाईकोर्ट ने 1994 के हत्या मामले में आरोपी वकीलों की आलोचना की, निचली अदालत के अधिकार को कमज़ोर करने के लिए राहत देने से इनकार किया
पटना हाईकोर्ट ने 1994 के हत्या मामले में आरोपी वकीलों की आलोचना की, निचली अदालत के अधिकार को कमज़ोर करने के लिए राहत देने से इनकार किया

पटना हाईकोर्ट ने 1994 के एक हत्या के मामले में आरोपी दरभंगा के दो वकीलों की याचिकाएं खारिज कर दीं, जिन्होंने मामले में व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट की मांग वाली अपनी याचिका को निचली अदालत द्वारा खारिज किए जाने को चुनौती दी थी। यह तब हुआ जब हाईकोर्ट ने पाया कि उनमें से एक वकील एक अलग मामले में पेशेवर हैसियत से निचली अदालत में पेश होता रहा। इस प्रकार, हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि वकीलों ने "न्यायिक प्रक्रिया के अधिकार और पवित्रता को कमज़ोर किया है"।न्यायालय ने कहा कि एक याचिकाकर्ता, जो बाद में...

दिल्ली हाईकोर्ट ने 34,926 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में पूर्व DHFL अध्यक्ष कपिल वधावन को जमानत देने से इनकार किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने 34,926 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में पूर्व DHFL अध्यक्ष कपिल वधावन को जमानत देने से इनकार किया

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार (4 अगस्त) को पूर्व दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के पूर्व अध्यक्ष कपिल वधावन को कथित करोड़ों रुपये के ऋण घोटाले से जुड़े एक मामले में ज़मानत देने से इनकार कर दिया।जस्टिस रविंदर डुडेजा ने कहा कि वधावन एक ऐसी साज़िश के सूत्रधार थे जिसके परिणामस्वरूप 17 बैंकों के एक संघ से लगभग ₹34,926.77 करोड़ का गबन और हेराफेरी हुई। पीठ ने कहा कि इस तरह की "पूर्व-नियोजित, प्रणालीगत धोखाधड़ी" "देश के आर्थिक ताने-बाने को नष्ट" करती है, और इस मामले में किसी भी तरह की...

बेंगलुरु भगदड़ मामला: कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य से जांच आयोग की रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में देने को कहा
बेंगलुरु भगदड़ मामला: कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य से जांच आयोग की रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में देने को कहा

कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार से कहा कि वह मई में हुई बेंगलुरु भगदड़ के संबंध में न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में पेश करे।आज सुनवाई के दौरान अदालत ने एडवोकेट जनरल से पूछा कि क्या रिपोर्ट विधायिका के समक्ष रखी जाएगी। एजी ने कहा कि वह निर्देश लेंगे और अदालत को सूचित करेंगे। अदालत इवेंट मैनेजमेंट फर्म मेसर्स डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें 2025 के आईपीएल फाइनल में रॉयल चैलेंजर बैंगलोर (आरसीबी) की जीत का जश्न मनाने के लिए...

राजस्थान हाईकोर्ट ने 2021 पटवारी भर्ती परीक्षा में महिला अभ्यर्थियों को करवा चौथ के लिए दी गई सुविधा को बरकरार रखा
राजस्थान हाईकोर्ट ने 2021 पटवारी भर्ती परीक्षा में महिला अभ्यर्थियों को 'करवा चौथ' के लिए दी गई सुविधा को बरकरार रखा

राजस्थान हाईकोर्ट ने पटवारी सीधी भर्ती परीक्षा 2021 के परिणाम को बरकरार रखते हुए कहा कि सामान्यीकरण प्रक्रिया कानून के अनुसार थी और करवा चौथ के कारण महिला उम्मीदवारों को एक दिन पहले परीक्षा में बैठने की सुविधा संविधान के अनुच्छेद 14 या 16 का उल्लंघन नहीं करती है। जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी और जस्टिस चंद्र प्रकाश श्रीमाली की खंडपीठ अंतिम चयन सूची को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें इस आधार पर कहा गया था कि परीक्षा बोर्ड द्वारा अपनाई गई सामान्यीकरण पद्धति पूर्वव्यापी प्रभाव...

MP-MLA से जुड़े लंबित मामलों की स्थिति बताएं: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने जिला जजों से कहा
MP-MLA से जुड़े लंबित मामलों की स्थिति बताएं: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने जिला जजों से कहा

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के जिला और सत्र न्यायाधीशों को निर्देश दिया है कि वे वर्तमान और पूर्व सांसदों और विधायकों से जुड़े सभी लंबित आपराधिक मामलों पर स्थिति अपडेट प्रस्तुत करें।चीफ़ जस्टिस शील नागू और जस्टिस यशवीर सिंह राठौड़ 2023 में जारी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद संसद सदस्यों और विधान सभाओं के सदस्यों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों के शीघ्र निपटान की निगरानी के लिए एक स्वत: संज्ञान सुन रहे थे। सुनवाई के दौरान, हरियाणा सरकार की ओर से...

अनुकंपा नियुक्ति आवेदनों पर 90 दिनों के भीतर निर्णय लिया जाना चाहिए: कर्नाटक हाईकोर्ट ने निर्देश जारी किए
अनुकंपा नियुक्ति आवेदनों पर 90 दिनों के भीतर निर्णय लिया जाना चाहिए: कर्नाटक हाईकोर्ट ने निर्देश जारी किए

कर्नाटक हाईकोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को अनुकंपा नियुक्ति के लिए प्राप्त आवेदनों पर आवेदन प्राप्ति की तिथि से अधिकतम 90 दिनों के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। जस्टिस मोहम्मद नवाज़ और जस्टिस के.एस. हेमलेखा की खंडपीठ ने कहा,"अनुकंपा नियुक्ति का मामला एक कल्याणकारी उपाय है जिसका उद्देश्य शोक संतप्त परिवारों को तत्काल वित्तीय राहत प्रदान करना है, इसलिए राज्य का प्रक्रियात्मक निष्पक्षता का उच्च कर्तव्य है।"इस मामले में, एक विधवा ने अपने चार बेटों में से एक के लिए अनुकंपा नियुक्ति की मांग की...