संपादकीय

दूसरे पद पर भेजे बगैर उच्चतर वेतनमान वाले आयवर्ग में रखा जाना भी पदोन्नति का हिस्सा हो सकता है: सुप्रीम कोर्ट
दूसरे पद पर भेजे बगैर उच्चतर वेतनमान वाले आयवर्ग में रखा जाना भी पदोन्नति का हिस्सा हो सकता है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर कहा है कि बिना किसी अन्य पद पर भेजे बगैर भी उच्चतर वेतनमान वाले वर्ग में शामिल करना पदोन्नति का हिस्सा हो सकता है। इसके साथ ही कोर्ट ने दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के उन टेलीफोन ऑपरेटरों द्वारा दायर अपील ठुकरा दी, जिन्हें बाद में रेडियो टेलीफोन ऑपरेटर के रूप में तैनात किया गया था। इस मामले में विवाद एश्योर्ड कैरियर प्रोगेसन (एसीपी) योजना शुरू करने से संबंधित 'ऑफिस मेमोरेंडम' (कार्यालयीन ज्ञापन) की व्याख्या को लेकर है, जिसके तहत नियमित सेवा में क्रमश: 12 और 24 साल...

अभियुक्त जांच करने के अनुभवी लोग हैं : गुजरात हाईकोर्ट ने हिरासत में मौत के मामले की जांच स्थानीय पुलिस से सीआईडी को ट्रांंसफर की
"अभियुक्त 'जांच करने के अनुभवी लोग हैं" : गुजरात हाईकोर्ट ने हिरासत में मौत के मामले की जांच स्थानीय पुलिस से सीआईडी को ट्रांंसफर की

''न्यायालय इस तथ्य से अनभिज्ञ नहीं हो सकता है कि वह उन व्यक्तियों के मामले पर विचार कर रहा है जो स्वयं जांच के क्षेत्र के अनुभवी व्यक्ति हैं और इस प्रक्रिया को ओवररिएक्ट करने की कला में भी महारत हासिल कर चुके होंगे।'' यह टिप्पणी करते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने बुधवार को वडोदरा कस्टोडियल डेथ केस की जांच सीआईडी क्राइम को स्थानांतरित कर दी है। जस्टिस सोनिया गोकानी और एन वी अंजारिया की पीठ अहमदाबाद के एक व्यक्ति की तरफ से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस याचिका में कहा गया था...

 बेतुकी दलीलें  : सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के बीच कथित समझौते पर दाखिल याचिका वापस लेने की इजाजत दी
" बेतुकी दलीलें " : सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के बीच कथित समझौते पर दाखिल याचिका वापस लेने की इजाजत दी

 सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ दायर याचिका को वापस लेने नव खारिज कर दिया जिसमें तत्कालीन सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के बीच 2008 में हुए एक कथित समझौते के विवरण की मांग की गई थी। सीजेआई एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता को याचिका वापस लेने और उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को कहा। पीठ ने यह भी कहा कि याचिका में दी गईं दलील कुछ बेतुकी हैं।सीजेआई ने कहा, "आपकी बात कितनी बेतुकी है।...

आप इसके लिए बच्चों का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट ने रेहाना फातिमा को POCSO केस में अग्रिम ज़मानत देने से इनकार किया
"आप इसके लिए बच्चों का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं?" सुप्रीम कोर्ट ने रेहाना फातिमा को POCSO केस में अग्रिम ज़मानत देने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को विवादों में रहीं केरल की कार्यकर्ता रेहाना फ़ातिमा को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। रेहाना फ़ातिमा पर उनके अर्ध नग्न शरीर पर अपने बच्चों से पैंटिंग करवाते हुए एक वीडियो जारी करने का आरोप है। रेहाना फ़ातिमा पर अपने अर्ध-नग्न शरीर पर अपने बच्चों को पेंटिंग दिखाते हुए एक वीडियो पर मामला दर्ज किया गया। केरल हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी से पहले जमानत देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने केरल हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा...

[सीपीसी : ऑर्डर VII नियम 10 एवं 10ए] वाद लौटाये जाने पर उसे नये सिरे से सुना जाएगा : सुप्रीम कोर्ट
[सीपीसी : ऑर्डर VII नियम 10 एवं 10ए] वाद लौटाये जाने पर उसे नये सिरे से सुना जाएगा : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि यदि नागरिक प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) के ऑर्डर VII नियम 10 और 10ए के तहत किसी वाद को समुचित अदालत के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए वापस किया जाता है, तो मुकदमा नये सिरे से आगे बढ़ेगा। संदर्भ न्यायमूर्ति रोहिंगटन फली नरीमन, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी की खंडपीठ इस बाबत एक संदर्भ का जवाब दे रही थी। गत वर्ष न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की खंडपीठ ने 'तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड बनाम मॉडर्न कंस्ट्रक्शन [(2014)...

यतिन ओझा ने गुजरात हाईकोर्ट के खिलाफ टिप्पणियों पर बिना शर्त माफी पेश की, सुप्रीम कोर्ट ने कहा बार के नेता के तौर पर उन पर बड़ी जिम्मेदारी    
यतिन ओझा ने गुजरात हाईकोर्ट के खिलाफ टिप्पणियों पर बिना शर्त माफी पेश की, सुप्रीम कोर्ट ने कहा बार के नेता के तौर पर उन पर बड़ी जिम्मेदारी   

अधिवक्ता यतिन ओझा, जिनके वरिष्ठ पदनाम को गुजरात उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ ने छीन लिया था, ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष हाईकोर्ट में बिना शर्त माफी मांगने की पेशकश की। इस पर ध्यान देते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने दो सप्ताह के लिए हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुनवाई ये उम्मीद व्यक्त करते हुए टाल दी कि उच्च न्यायालय इस बीच ओझा के प्रतिनिधित्व पर विचार करेगा।न्यायमूर्ति एस के कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने ओझा की टिप्पणी पर नाखुशी जताई, जो गुजरात उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ के...

(एनडीपीएस) आरोपी के पास से कुछ भी बरामद नहीं हुआ, सिर्फ इस आधार पर  अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती :  केरल हाईकोर्ट
(एनडीपीएस) आरोपी के पास से 'कुछ भी बरामद नहीं हुआ', सिर्फ इस आधार पर अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती : केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने माना है कि एनडीपीएस मामले में अग्रिम जमानत केवल इसलिए नहीं दी जा सकती है क्योंकि अभियुक्त के पास से 'कुछ भी बरामद नहीं हुआ' था। नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 की धारा 22 (सी), 28 और 29 के तहत एक अभियुक्त व्यक्ति की तरफ से दायर अग्रिम जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुए सत्र न्यायालय ने कहा था कि उसके पास से 'कुछ भी बरामद नहीं हुआ था' और न ही कोई ऐसी प्रथम दृष्टया सामग्री उपलब्ध है जो अपराध में उसकी सक्रिय भागीदारी को इंगित करती हो। इसलिए उसे जमानत दी जा रही...

सिर्फ कुछ न्यायाधीशों को ही क्यों राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामले मिलते हैं?प्रशांत भूषण अवमानना मामले में दवे ने सुप्रीम कोर्ट के  खिलाफ आलोचना के बिंदु उठाए
'सिर्फ कुछ न्यायाधीशों को ही क्यों राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामले मिलते हैं?'प्रशांत भूषण अवमानना मामले में दवे ने सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ आलोचना के बिंदु उठाए

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे और न्यायपालिका पर ट्वीट करने के कारण अधिवक्ता प्रशांत भूषण के खिलाफ शुरू हुए अवमानना के मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में 3 घंटे की लंबी सुनवाई के दौरान दिलचस्प तर्क दिए गए। जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की खंडपीठ के समक्ष भूषण की तरफ से वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे पेश हुए। दवे की दलीलों का केंद्रबिंदु यह था कि श्री भूषण के ट्वीट अवमाननापूर्ण थे या नहीं। इस दौरान दवे ने न्यायालय से आग्रह किया कि भूषण की टिप्पणियों...

सुशांत सिंह राजपूत केस: सुप्रीम कोर्ट ने रिया चक्रवर्ती के खिलाफ जांच पर रोक लगाने से इनकार किया, कहा  आरोप गंभीर 
सुशांत सिंह राजपूत केस: सुप्रीम कोर्ट ने रिया चक्रवर्ती के खिलाफ जांच पर रोक लगाने से इनकार किया, कहा ' आरोप गंभीर' 

केंद्र ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उसने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की सीबीआई जांच के लिए बिहार सरकार की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है।न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की पीठ ने बॉलीवुड अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती की पटना में दर्ज एफआईआर को मुंबई ट्रांसफर करने का याचिका पर सुनवाई करते हुए बिहार पुलिस द्वारा सुशांत सिंह राजपूत के पिता के आरोपों पर जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। पीठ ने सभी पक्षों को जवाब दाखिल करने के लिए 3 दिन का समय दिया और मुंबई पुलिस द्वारा की गई...

10% EWS कोटा : सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं को संविधान पीठ को भेजने का फैसला किया
10% EWS कोटा : सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं को संविधान पीठ को भेजने का फैसला किया

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार कोसंविधान के 103 वें संशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को संविधान पीठ को रैफर करने का फैसला किया, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है जनवरी 2019 में संसद द्वारा पारित संशोधन के माध्यम से संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में खंड (6) सम्मिलित करके नौकरियों और शिक्षा में आर्थिक आरक्षण प्रदान किया जाना प्रस्तावित किया गया और अनुच्छेद 15 (6) राज्य को किसी भी आर्थिक रूप से कमजोर नागरिक की उन्नति के लिए विशेष प्रावधान करने...

गैरकानूनी गतिविधियों के बारे में जनता को ईमानदारी से बताना प्रेस का कर्त्तव्य, इससे प्रशासन को मिलती है सहायता, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पत्रकार को अग्रिम जमानत दी
'गैरकानूनी गतिविधियों के बारे में जनता को ईमानदारी से बताना प्रेस का कर्त्तव्य, इससे प्रशासन को मिलती है सहायता', कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पत्रकार को अग्रिम जमानत दी

कलकत्ता हाईकोर्ट ने हाल ही में एक पत्रकार को अग्रिम जमानत का लाभ देते हुए यह कहा कि एक प्रेस रिपोर्टर से यह अपेक्षा की जाती है कि वह किसी भी गैरकानूनी गतिविधियों के बारे में जनता को ईमानदारी से बताए और उसके जरिये प्रशासन को अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने में मदद मिल सकती है।न्यायमूर्ति बिबेक चौधरी एवं न्यायमूर्ति सौमन सेन की पीठ ने यह टिप्पणी उस मामले में की जहाँ अग्रिम जमानत के आवेदनकर्ता-रिपोर्टर ने ऑनलाइन आधिकारिक पोर्टल पर एक समाचार लेख प्रकाशित किया था, जिसमें यह कहा गया है कि लॉकडाउन के...

निजी अस्पताल COVID-19 मरीजों को लूट रहे हैं : सुप्रीम कोर्ट में मरीजों की भर्ती, शुल्क और छुट्टी पर गाइडलाइन बनाने को लेकर आवेदन
'निजी अस्पताल COVID-19 मरीजों को लूट रहे हैं' : सुप्रीम कोर्ट में मरीजों की भर्ती, शुल्क और छुट्टी पर गाइडलाइन बनाने को लेकर आवेदन

COVID-19 रोगियों की दुर्दशा को उजागर करते हुए उपचार की आड़ में "भारत के नागरिकों को लूटने" के लिए कथित घोटाले और दुर्भावनाओं पर शीर्ष अदालत में एक हस्तक्षेप आवेदन दायर किया गया है। सचिन जैन की ओर से दायर उस जनहित याचिका में एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड मनीषा टी करिया के माध्यम से आवेदन को दाखिल दिया गया है, जिसमें निजी / कॉरपोरेट अस्पतालों में COVID-19 के उपचार के शुल्क के नियमन की मांग की है। यह कहते हुए कि निजी अस्पताल शोषणकारी साधनों में लिप्त हैं और मरीजों से शुल्क वसूल रहे हैं क्योंकि...

NI एक्ट की धारा 138 : चेक पर लिखी राशि अनिश्चित है, तो  ऐसा चेक वैध नहीं है : दिल्ली की अदालत
NI एक्ट की धारा 138 : चेक पर लिखी राशि अनिश्चित है, तो ऐसा चेक वैध नहीं है : दिल्ली की अदालत

हाल ही में दिल्ली की एक अदालत ने माना है कि एक उपकरण को एक चेक के रूप में नहीं कहा जा सकता है, अगर यह किसी निश्चित व्यक्ति को भुगतान की जाने वाली धन की "निश्चित राशि" निर्दिष्ट नहीं करता है। इस प्रकार, यदि उपकरण पर लिखी गई राशि "बेतुकी" है, तो इसे 'चेक' नहीं कहा जा सकता है और यह निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के तहत कोई कानूनी परिणाम नहीं देगा। ये अवलोकन पटियाला हाउस कोर्ट में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने NI अधिनियम की धारा 138 के तहत कार्यवाही में एक अभियुक्त की पुनरीक्षण याचिका पर...

National Uniform Public Holiday Policy
आईपीसी के तहत आरोप जारी रह सकते हैं, भले ही भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत अपराध को लेकर मंजूरी नहीं है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत अभियुक्त के खिलाफ आरोप जारी रह सकता है, भले ही भ्रष्टाचार निरोधक अधिनयिम (पीसीए) के तहत अपराध के मामले में मंजूरी नहीं आई हो।न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की खंडपीठ ने भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के एक कर्मचारी की याचिका खारिज करते हुए झारखंड हाईकोर्ट के दृष्टिकोण से सहमति जतायी।इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने डिस्चार्ज पिटीशन खारिज करते हुए कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र...