संपादकीय
[ सुशांत सिंह राजपूत केस ] अवैध तरीके से दर्ज FIR को कार्यकारी आदेश के जरिए CBI को ट्रांसफर करना भी अवैध : रिया चक्रवर्ती ने सुप्रीम कोर्ट को बताया
बॉलीवुड अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि अगर संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए अदालत सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में सीबीआई को स्थानांतरित करती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। हालांकि, उन्होंने पर सीबीआई को ट्रांसफर पर आपत्ति जताई है क्योंकि यह बिहार पुलिस के इशारे पर किया गया है।वकील मलक मनीष भट्ट के माध्यम से दायर लिखित बयानों में कह गया है कि "बिहार में जांच पूरी तरह से अवैध है और इस तरह की अवैध कार्यवाहियों को वर्तमान कार्यकारी...
धारा 451 सीआरपीसी: जानिए कब जब्त की गयी संपत्ति को उसके मालिक/किसी अन्य को सौंप दिया जाना चाहिए
उड़ीसा हाईकोर्ट ने बुधवार (5 अगस्त) को सुनाये एक आदेश में इस ओर इशारा किया कि जब्त वाहनों को थानों में लंबे समय तक धूप, बारिश और उचित रखरखाव के बिना नुकसान की स्थिति में रखने का कोई फायदा नहीं होता है। न्यायमूर्ति एस. के. पाणिग्रही की पीठ ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय किये गए मामले, सुंदरभाई अंबालाल देसाई बनाम गुजरात सरकार 2002 (10) SCC 283 एवं उड़ीसा हाईकोर्ट द्वारा तय किये गए मामले दिलीप दास बनाम उड़ीसा राज्य 2019 (III) ILR-CUT 386 की राय के मद्देनजर, मौजूदा मामले में याचिकाकर्ता को उनकी जब्त...
कानूनी पेशे को गैर-वकीलों के मूक हमलों से बचाने की जरूरत
एच कार्तिक सेशाद्री परिचय एक रोचक संघर्ष जारी है। इसका कानूनी पेशे की प्रगति के तरीके पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ना तय है। दिल्ली बार काउंसिल ने मार्च 2019 में चार बड़ी ऑडिट फर्मों को एक नोटिस जारी किया था, जिसमें उन्हें अपने यहां काम कर रहे अधिवक्ताओं की एक सूची देने का निर्देश दिया गया था, और निर्देश दिया गया था कि वे कानून के किसी भी अभ्यास में लिप्त न रहें। बाद में भी उन्हें कानून के अभ्यास से रोक भी दिया गया था। [2] कानूनी पेशेवरों और अन्य पेशेवरों जैसे कि चार्टर्ड अकाउंटेंट और कंपनी...
'90 दिनों अवधि चूकने के बाद दाखिल हुई फाइनल रिपोर्ट, इससे पहले ही डिफॉल्ट जमानत के लिए याचिका दायर हुई ': मद्रास हाईकोर्ट ने हत्या के आरोपी को रिहा किया
यह देखते हुए कि अंतिम रिपोर्ट (Final Report) 90 दिनों की वैधानिक अवधि के बाद ही दायर की गई है और अंतिम रिपोर्ट दायर करने से पहले ही, याचिकाकर्ता ने निचली अदालत में डिफ़ॉल्ट जमानत की मांग की थी, मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा कि पिछले हफ्ते 5 महीने से हिरासत में रहे हत्या का एक आरोपी को सीआरपीसी की धारा 167 (2) के तहत जमानत पाने का हकदार है। न्यायमूर्ति वी भारतीदासन ने कहा कि घटना 06.03.2020 को हुई है और याचिकाकर्ता को 08.03.2020 को गिरफ्तार किया गया और उसे 09.03.2020 को न्यायिक हिरासत में भेज दिया...
न्यायमूर्ति कुरैशी का युवा वकीलों को सुझाव, 'असाधारण वकील बनने के लिए बच्चों जैसी जिज्ञासा का विकास करें'
लाइवलॉ ने हाल ही में एक वेबिनार का आयोजन किया, जिसका विषय था- क्लासरूम ट्रेनिंग का उपयोग बढ़िया वकालत के लिए कैसे करें। कार्यक्रम में त्रिपुरा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अकिल कुरैशी ने वकालत के पेशे से संबंधित कई विषयों पर अपनी बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान की। जस्टिस कुरैशी ने छात्रों के व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए लॉ स्कूलों की वर्तमान शैक्षणिक संरचना की पर्याप्तता सहित न्याय वितरण प्रणाली में मजबूत बार की भूमिका का विस्तृत विश्लेषण किया।भाई-भतीजावाद पर उन्होंने कहा कि...
डीयू ओपन बुक परीक्षा : दिल्ली यूनिवर्सिटी ने दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल बेंच द्वारा जारी निर्देशों के खिलाफ अपील दायर की
दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) के अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा आयोजित करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति प्रतिभा सिंह की बेंच द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ अपील दायर की है। दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार ( 7 अगस्त) को दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) को अपनी ऑनलाइन ओपन बुक एक्ज़ाम (ओबीई) आयोजित करने की अनुमति दी थी। हालांकि, छात्रों द्वारा उठाए गई विभिन्न चिंताओं को दूर करने के लिए न्यायालय ने कई निर्देश जारी किए थे। कोर्ट ने डीयू को निर्देश दिया...
विकास दुबे एनकाउंटर केस : जांच आयोग को भंग करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को यूपी के गैंगस्टर विकास दुबे की कथित मुठभेड़ की जांच के लिए गठित न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी एस चौहान जांच आयोग को भंग करने की मांग करने वाले आवेदन पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। महाराष्ट्र के वकील घनश्याम उपाध्याय द्वारा दायर याचिका में न्यायिक आयोग के सदस्यों की स्वतंत्रता पर संदेह जताया है, जिसे 22 जुलाई को शीर्ष अदालत ने स्वयं उपाध्याय द्वारा दायर याचिका में ही गठितकिया था। द वायर पर छपे एक लेख के आधार पर, उपाध्याय ने सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के साथ...
एक बेटी के पास हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम, 2005 के बाद सहदायिक अधिकार होगा, भले ही संशोधन के समय उसके पिता जीवित हो या नहीं
एक महत्वपूर्ण फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एक बेटी के पास हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम, 2005 के बाद एक हिस्सा होगा, भले ही संशोधन के समय उसके पिता जीवित हो या नहीं।तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि संशोधन के तहत अधिकार 9-9-2005 के अनुसार जीवित हिस्सेदारों की जीवित बेटियों पर लागू होते हैं, इस तथ्य के बिना बिना कि ऐसी बेटियों का जन्म कब हुआ। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने मंगलवार को अपील के एक समूह पर फैसला सुनाया जिसने एक महत्वपूर्ण कानूनी मुद्दा उठाया कि क्या हिंदू उत्तराधिकार...
जम्मू- कश्मीर के एक- एक जिले में ट्रायल के आधार पर 4G सेवा बहाल होगी : एजी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में 4 जी इंटरनेट की बहाली में अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की बेंच को सूचित किया कि विशेष समिति का विचार है कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति अभी भी जम्मू और कश्मीर में 4 जी की सेवाएं इंटरनेट को बहाल करने के लिए अनुकूल नहीं है। ऑटर्नी जनरल (एजी) ने प्रस्तुत किया कि विशेष समिति ने 10 अगस्त को एक बैठक की और इसने जम्मू-कश्मीर में प्रचलित स्थिति और देश की असमानता की चिंताओं पर विचार किया।एजी ने कहा,"समिति ने यह भी कहा है कि सख्त...
कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट 2020 सात सितंबर को ऑनलाइन आयोजित किया जाएगा, पढ़ें अधिसूचना
कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT 2020) को पुनर्निर्धारित (rescheduled) किया गया है और इसका आयोजन ऑनलाइन 7 सितंबर को किया जाएगा। एनएलयू कंसोर्टियम ने फैसला किया है कि स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों उम्मीदवारों के लिए "केंद्र-आधारित, ऑनलाइन कंप्यूटर-आधारित परीक्षा" का आयोजन 7 सितंबर को दोपहर 2:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक किया जाएगा।एडमिट कार्ड दो सप्ताह के समय में एनएलयू कंसोर्टियम वेबसाइट पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध होंगे।नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज़ (एनएलयू कंसोर्टियम) के कंसोर्टियम ने पहले COVID-19 परिदृश्य...
नमूने की जांच में ड्रग अधिकारियों द्वारा किया गया व्यापक रहस्यमयी विलंब ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत कानूनी कार्यवाही को निष्प्रभावी कर सकता है : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नमूने की जांच में ड्रग अधिकारियों द्वारा की गयी यथेष्ट रहस्यमयी देरी, ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 के तहत जांच परिणाम पर आधारित जुर्माने को अवैधानिक बना सकती है।न्यायमूर्ति रोहिंगटन फली नरीमन और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की खंडपीठ मेडिपोल फर्मास्यूटिकल इंडिया लिमिटेड की ओर से दायर अपील पर विचार कर रही थी। इस कंपनी को काली सूची में डाल दिया गया था। कंपनी की ओर से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दायर याचिका खारिज हो गयी थी।सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपील पर विचार करते...
Live Law Webinar : "क्लास रूम ट्रेनिंग को अच्छी वकालत में कैसे बदलें" विषय पर त्रिपुरा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अकिल कुरैशी कर रहे हैं विशेष चर्चा, LIVE
न्यायमूर्ति अकिल कुरैशी (मुख्य न्यायाधीश, त्रिपुरा उच्च न्यायालय) "क्लास रूम ट्रेनिंग को अच्छी वकालत में कैसे बदलें" (How To Extend Class Room Training Into Good Advocacy) विषय पर बात कर रहे हैं। जुड़िए लाइव
[छात्र बनाम UGC ] क्या राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण UGC की शक्ति को ओवरराइड कर परीक्षा रद्द कर सकते हैं ? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा
सुप्रीम कोर्ट ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा विश्वविद्यालयों को अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 30 सितंबर तक कराने के निर्देश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई 14 अगस्त (शुक्रवार) तक के लिए स्थगित कर दी। शीर्ष अदालत ने यूजीसी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा महाराष्ट्र और दिल्ली सरकारों द्वारा दायर हलफनामों पर प्रतिक्रिया देने के लिए समय मांगा और सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्होंने अंतिम वर्ष की परीक्षा रद्द करने का निर्देश दिया है।एसजी तुषार मेहता ने सवाल उठाया,"...
जब्त वाहनों को थानों में लंबे समय तक धूप, बारिश और उचित रखरखाव के बिना नुकसान की स्थिति में रखने का कोई फायदा नहीं: उड़ीसा हाईकोर्ट
उड़ीसा हाईकोर्ट ने बुधवार (5 अगस्त) को सुनाये एक आदेश में इस ओर इशारा किया कि जब्त वाहनों को थानों में लंबे समय तक धूप, बारिश और उचित रखरखाव के बिना नुकसान की स्थिति में रखने का कोई फायदा नहीं होता है। न्यायमूर्ति एस. के. पाणिग्रही की पीठ ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय किये गए मामले, सुंदरभाई अंबालाल देसाई बनाम गुजरात सरकार 2002 (10) SCC 283 एवं उड़ीसा हाईकोर्ट द्वारा तय किये गए मामले दिलीप दास बनाम उड़ीसा राज्य 2019 (III) ILR-CUT 386 की राय के मद्देनजर, मौजूदा मामले में याचिकाकर्ता रत्नाकर बेहरा को...
दिल्ली दंगे : दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, "हिंदुओं में आक्रोश" वाला दिल्ली पुलिस का आदेश पूर्वाग्रह से ग्रस्त नहीं, मीडिया से तथ्यों को सत्यापित करने को कहा
दिल्ली हाईकोर्ट ने 8 जुलाई की तारीख को जारी किए गए विशेष पुलिस आयुक्त के आदेश को रद्द करने से इनकार कर दिया है, जिसमें दिल्ली के दंगों के मामलों में गिरफ्तारी के मद्देनजर 'हिंदू समुदाय के बीच नाराजगी' का हवाला दिया गया था और पुलिस अधिकारियों को सलाह दी गई कि वे गिरफ्तारी करते समय सावधानी बरतें। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की एकल पीठ ने कहा कि उक्त निर्देश मेंं "कोई पूर्वाग्रह नहीं है" क्योंकि आरोपी व्यक्तियों द्वारा आरोप पत्र जारी किए जाने के बाद यह जारी किया गया। अदालत साहिल परवेज और...
एमबीए की डिग्री मानव संसाधन प्रबंधन या औद्योगिक संबंध एवं श्रम कानून में पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री/डिप्लोमा के समान नहीं: सुप्रीम कोर्ट
“ट्रिब्यूनल ने अपने इस फैसले में स्पष्ट रूप से त्रुटि की है कि उम्मीदवार सिर्फ इसलिए योग्य था, क्योंकि उसने अपने एमबीए डिग्री प्रोग्राम के तहत दो विषयों की पढ़ाई की थी।”
"आईटी एक्ट की धारा 66ए के तहत कैसे दर्ज की गई एफआईआर ?" इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस की खिंचाई करते हुए मथुरा एसएसपी से मांगा स्पष्टीकरण
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह पारित एक आदेश में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मथुरा को निर्देश दिया है कि वह अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करके बताएं कि सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम, 2008 की धारा 66 ए के तहत कैसे एफआईआर दर्ज की गई है? कोर्ट एफआईआर को खारिज करने की मांग करते हुए दायर एक याचिका पर विचार कर रही थी। इस मामले में सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम, 2008 की धारा 66 ए और 67 बी व आईपीसी की धारा 294, 500, 504, 506 और 509 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस...