दिल्ली हाईकोर्ट

प्रतीक्षा सूची के उम्मीदवार को नियुक्ति का अंतर्निहित अधिकार नहीं, एक वर्ष के बाद चयनित उम्मीदवारों की सूची को चुनौती नहीं दे सकते: दिल्ली हाइकोर्ट
प्रतीक्षा सूची के उम्मीदवार को नियुक्ति का अंतर्निहित अधिकार नहीं, एक वर्ष के बाद चयनित उम्मीदवारों की सूची को चुनौती नहीं दे सकते: दिल्ली हाइकोर्ट

जस्टिस तुषार राव गेडेला की दिल्ली हाइकोर्ट की पीठ ने माना कि प्रतीक्षा सूची वाले उम्मीदवार को किसी भी तरह का अधिकार नहीं होगा, विचार किए जाने का अधिकार तो दूर की बात है। इसके अलावा पीठ ने माना कि एक बार उम्मीदवारों की अंतिम चयन सूची को पद पर नियुक्ति की पेशकश की गई और ऐसे पदाधिकारियों द्वारा उक्त प्रस्ताव स्वीकार करने और उक्त पद पर कब्जा करने के बाद उम्मीदवार को एक वर्ष से अधिक समय बीतने के बाद इसे चुनौती देने की अनुमति नहीं दी जा सकती।संक्षिप्त तथ्य:याचिकाकर्ता ने दिल्ली हाइकोर्ट का दरवाजा...

सार्वजनिक डोमेन में आम तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले विचारों और सामान्य शब्दों को कॉपीराइट नहीं दिया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट
सार्वजनिक डोमेन में आम तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले विचारों और सामान्य शब्दों को कॉपीराइट नहीं दिया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाइकोर्ट के जज जस्टिस अनीश दयाल की एकल पीठ ने माना कि कॉपीराइट सुरक्षा अस्पष्ट और अमूर्त विषयों को प्रदान नहीं की जा सकती, जो केवल सामान्य विचार व्यक्त करते हैं। पीठ ने जल्द ही आ रहा है' जैसे वाक्यांशों और 'विज्ञापन' जैसे सामान्य शीर्षकों के रजिस्ट्रेशन को अमान्य कर दिया, जो आम तौर पर सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध हैं।संक्षिप्त तथ्य:भारत में निगमित कंपनी एचएमडी मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड फिनिश कंपनी एचएमडी ग्रुप ओवाई की सहायक कंपनी है। इस कंपनी के पास मोबाइल फोन और संबंधित एक्सेसरीज के...

यदि बर्खास्तगी का आदेश अवैध है तो काम नहीं तो वेतन नहीं का सिद्धांत लागू नहीं होगा: दिल्ली हाइकोर्ट
यदि बर्खास्तगी का आदेश अवैध है तो 'काम नहीं तो वेतन नहीं' का सिद्धांत लागू नहीं होगा: दिल्ली हाइकोर्ट

दिल्ली हाइकोर्ट के जस्टिस तुषार राव गेडेला की एकल पीठ ने मनीषा शर्मा बनाम विद्या भवन गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल एवं अन्य के मामले में माना कि यदि बर्खास्तगी का आदेश अवैध है तो कर्मचारी पिछले वेतन का हकदार है और ऐसे मामलों में 'काम नहीं तो वेतन नहीं' का सिद्धांत लागू नहीं होता।मामले की पृष्ठभूमिमनीषा शर्मा (याचिकाकर्ता) को 2008 में विद्या भवन गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल (प्रतिवादी) द्वारा परिवीक्षा पर प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (अंग्रेजी) (TGT) के रूप में नियुक्त किया गया। 2009 में उनकी...

दिल्ली हाईकोर्ट ने अनंत अंबानी और आनंद नरसिम्हन के बीच फर्जी इंटरव्यू फैलाने वाली वेबसाइट्स ब्लॉक की
दिल्ली हाईकोर्ट ने अनंत अंबानी और आनंद नरसिम्हन के बीच फर्जी इंटरव्यू फैलाने वाली वेबसाइट्स ब्लॉक की

दिल्ली हाईकोर्ट ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के निदेशक अनंत अंबानी और टीवी18 के पत्रकार आनंद नरसिम्हन के बीच इंटरव्यू के बारे में गलत सूचना प्रसारित करने वाली दुष्ट वेबसाइटों को ब्लॉक करने का निर्देश दिया।मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस संजीव नरूला ने मेटा और एक्स को संबंधित फेसबुक पोस्ट और ट्वीट हटाने तथा चार सप्ताह के भीतर इन पोस्ट को करने वाले यूजर्स का विवरण उपलब्ध कराने का आदेश दिया।जस्टिस नरूला ने आदेश दिया,“शिकायत के पैराग्राफ नंबर 70 में पहचाने गए यूआरएल पर उपलब्ध फेसबुक पोस्ट को ब्लॉक/हटाएं। वे...

सार्वजनिक चरित्र वाले संगठनों के लिए मुकदमे-पूर्व मध्यस्थता में प्रभावी भागीदारी आवश्यक: दिल्ली हाइकोर्ट
सार्वजनिक चरित्र वाले संगठनों के लिए मुकदमे-पूर्व मध्यस्थता में प्रभावी भागीदारी आवश्यक: दिल्ली हाइकोर्ट

जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह की दिल्ली हाइकोर्ट की पीठ ने माना कि सार्वजनिक चरित्र वाले संगठनों के मामले में मुकदमे-पूर्व मध्यस्थता में प्रभावी भागीदारी आवश्यक है। पीठ ने कहा कि मध्यस्थता में भाग लेने की बाध्यता सबसे महत्वपूर्ण है, क्योंकि वाणिज्यिक न्यायालय अधिनियम की धारा 12ए का संपूर्ण उद्देश्य, मुकदमा शुरू करने से पहले उठाए जाने वाले अनिवार्य कदम के रूप में, अन्यथा विफल हो जाएगा।हाइकोर्ट ने कहा,“यदि मध्यस्थता को गंभीरता से और परिणामोन्मुखी दृष्टिकोण के साथ लिया जाना है तो सरकारी विभागों आदि सहित...

गैर-वंशानुगत पद धारण करने से प्राप्त अधिकार, व्यक्ति की मृत्यु के साथ ही समाप्त हो जाते हैं, हस्तांतरणीय या वंशानुगत नहीं: दिल्ली हाइकोर्ट
गैर-वंशानुगत पद धारण करने से प्राप्त अधिकार, व्यक्ति की मृत्यु के साथ ही समाप्त हो जाते हैं, हस्तांतरणीय या वंशानुगत नहीं: दिल्ली हाइकोर्ट

दिल्ली हाइकोर्ट के जस्टिस धर्मेश शर्मा की एकल पीठ ने रेव. जॉन एच. कैलेब बनाम दिल्ली डायोसिस-सीएनआई एवं अन्य के मामले में सिविल पुनर्विचार याचिका पर निर्णय लेते हुए माना कि गैर-वंशानुगत पद धारण करने के कारण उत्पन्न होने वाला व्यक्तिगत अधिकार संबंधित व्यक्ति की मृत्यु के साथ ही समाप्त हो जाता है तथा हस्तांतरणीय या वंशानुगत नहीं है।मामले की पृष्ठभूमि और तथ्यरेवरेंड जॉन एच. कैलेब (मूल वादी) को 12 मई, 1997 को ग्रीन पार्क फ्री चर्च में निवासी पुजारी के रूप में सेवा करने के लिए ट्रांसफर किया गया तथा...

प्रत्येक साधु या गुरु को सार्वजनिक भूमि पर मंदिर या समाधि बनाने की अनुमति दी जाती है तो इसके परिणाम विनाशकारी होंगे: दिल्ली हाइकोर्ट
प्रत्येक साधु या गुरु को सार्वजनिक भूमि पर मंदिर या समाधि बनाने की अनुमति दी जाती है तो इसके परिणाम विनाशकारी होंगे: दिल्ली हाइकोर्ट

दिल्ली हाइकोर्ट ने कहा कि यदि प्रत्येक साधु, गुरु या बाबा को सार्वजनिक भूमि पर मंदिर या समाधि बनाने और निजी लाभ के लिए इसका उपयोग करने की अनुमति दी जाती है तो इसके परिणाम विनाशकारी होंगे।जस्टिस धर्मेश शर्मा ने कहा,"हमारे देश में हमें परिदृश्य के विभिन्न हिस्सों में हजारों साधु, बाबा, फकीर या गुरु मिल सकते हैं और यदि उनमें से प्रत्येक को सार्वजनिक भूमि पर मंदिर या समाधि स्थल बनाने की अनुमति दी जाती है और इस तरह निहित स्वार्थी समूहों द्वारा निजी लाभ के लिए इसका उपयोग जारी रखा जाता है तो इसके...

सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण करने वालों पर शुल्क लगाने के लिए नियम बनाएं: दिल्ली हाइकोर्ट ने DDA, MCD को निर्देश दिया
सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण करने वालों पर शुल्क लगाने के लिए नियम बनाएं: दिल्ली हाइकोर्ट ने DDA, MCD को निर्देश दिया

दिल्ली हाइकोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) और दिल्ली नगर निगम (MCD) को सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण करने वालों पर शुल्क लगाने के लिए सिस्टम विकसित करने या नियम बनाने का निर्देश दिया।जस्टिस रजनीश भटनागर ने कहा कि अतिक्रमण करने वालों से वसूले जाने वाले शुल्कों की सावधानीपूर्वक मात्रा निर्धारित करके यह स्पष्ट धारणा बनाई जानी चाहिए कि यह आम जनता के लाभ के लिए होगा।अदालत ने कहा कि अतिक्रमण के मामले में संबंधित भूमि स्वामित्व प्राधिकरण द्वारा अतिक्रमणकर्ता को उसके द्वारा किए गए अवैध अतिक्रमण की...

सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक संस्थानों को प्रिंसिपल, शिक्षक नियुक्त करने का पूर्ण अधिकार, शिक्षा विभाग केवल योग्यता और अनुभव निर्धारित कर सकता है: दिल्ली हाइकोर्ट
सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक संस्थानों को प्रिंसिपल, शिक्षक नियुक्त करने का पूर्ण अधिकार, शिक्षा विभाग केवल योग्यता और अनुभव निर्धारित कर सकता है: दिल्ली हाइकोर्ट

दिल्ली हाइकोर्ट ने फैसला सुनाया कि सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक संस्थानों को उनके द्वारा संचालित शैक्षणिक संस्थानों में प्रिंसिपल, शिक्षक और अन्य कर्मचारियों को नियुक्त करने का पूर्ण अधिकार है।जस्टिस सी हरि शंकर ने कहा,“राज्य द्वारा अल्पसंख्यक संस्थान को सहायता प्रदान करने से इस कानूनी स्थिति में कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं आता। अधिक से अधिक, राज्य अपने द्वारा दी जाने वाली सहायता के उचित उपयोग को विनियमित कर सकता है। यह अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान को शिक्षकों या प्रिंसिपलों की नियुक्ति के मामले में...

स्वाति मालीवाल हमला मामला: दिल्ली हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली बिभव कुमार की याचिका की सुनवाई योग्यता पर आदेश सुरक्षित रखा
स्वाति मालीवाल हमला मामला: दिल्ली हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली बिभव कुमार की याचिका की सुनवाई योग्यता पर आदेश सुरक्षित रखा

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार द्वारा कथित स्वाति मालीवाल हमला मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई योग्यता पर आदेश सुरक्षित रखा।जस्टिस स्वर्ण कांत शर्मा ने याचिका पर नोटिस जारी करने का दिल्ली पुलिस द्वारा विरोध किए जाने के बाद सुनवाई योग्यता पर निर्णय सुरक्षित रखा।दिल्ली पुलिस की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट संजय जैन ने याचिका पर प्रारंभिक आपत्तियां उठाईं।उन्होंने कहा कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है, क्योंकि कुमार ने...

बैंक कर्ज वसूली के लिए दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर एलओसी नहीं खोल सकता: दिल्ली हाइकोर्ट
बैंक कर्ज वसूली के लिए दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर एलओसी नहीं खोल सकता: दिल्ली हाइकोर्ट

दिल्ली हाइकोर्ट ने हाल ही में कहा है कि बैंक किसी व्यक्ति से कर्ज वसूली के लिए दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर लुकआउट सर्कुलर (LOC) नहीं खोल सकता।जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा,"इस न्यायालय की राय है कि कानून में उपलब्ध सभी उपायों का सहारा लेने के बाद बैंक किसी ऐसे व्यक्ति से कर्ज वसूली के लिए दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर लुकआउट सर्कुलर नहीं खोल सकता, जो अधिक भुगतान करने में असमर्थ है खासकर तब जब इस बात के कोई आरोप नहीं हैं कि वह किसी धोखाधड़ी में शामिल था या ऋण के रूप में दी गई राशि का गबन या...

दिल्ली हाईकोर्ट ने मीडिया को स्वाति मालीवाल की पहचान उजागर करने से रोकने की याचिका खारिज की, कहा- वह खुद मीडिया से बात कर रही हैं
दिल्ली हाईकोर्ट ने मीडिया को स्वाति मालीवाल की पहचान उजागर करने से रोकने की याचिका खारिज की, कहा- वह खुद मीडिया से बात कर रही हैं

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। उक्त याचिका में मीडिया को AAP की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल द्वारा दर्ज कराए गए मारपीट के मामले की रिपोर्टिंग के दौरान उनके नाम और एफआईआर की विषय-वस्तु का खुलासा करने से रोकने की मांग की गई थी।एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत पीएस अरोड़ा की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता वकील संसार पाल सिंह को याचिका दायर करने के लिए फटकार लगाई और टिप्पणी की कि याचिका के पीछे राजनीतिक रंग है।अदालत ने यह भी कहा कि अगर पीड़ित मालीवाल...

कोई अधिकार नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट जजों की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों के पीछे के कारणों की मांग करने वाली याचिका खारिज की, जुर्माना लगाया
'कोई अधिकार नहीं': दिल्ली हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट जजों की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों के पीछे के कारणों की मांग करने वाली याचिका खारिज की, जुर्माना लगाया

दिल्ली हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति के लिए हाईकोर्ट कॉलेजियम को भेजी गई सिफारिश के कारणों के बारे में विवरण मांगने वाली याचिका खारिज की।जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने सीए राकेश कुमार गुप्ता द्वारा दायर याचिका खारिज की और उन पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया। उक्त जुर्माना राशि को सशस्त्र बल युद्ध हताहत कल्याण कोष में जमा किया जाना है।न्यायालय ने कहा कि रिट याचिका न्यायिक समय की पूरी तरह बर्बादी है और कुमार के पास इसे बनाए रखने का कोई अधिकार नहीं है।न्यायालय...

दिल्ली हाईकोर्ट ने PM Modi को चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराने की एक और याचिका खारिज की, कहा- निराधार आरोप
दिल्ली हाईकोर्ट ने PM Modi को चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराने की एक और याचिका खारिज की, कहा- 'निराधार आरोप'

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2024 के आम चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिका खारिज की।जस्टिस सचिन दत्ता ने कैप्टन दीपक कुमार द्वारा दायर याचिका खारिज की। उक्त याचिका में आरोप लगाया गया कि मोदी और उनके साथियों ने 2018 में एयर इंडिया की एक उड़ान की घातक दुर्घटना की योजना बनाकर राष्ट्रीय सुरक्षा को अस्थिर करने का प्रयास किया, जिसमें वे पायलट थे। कुमार ने यह भी कहा कि मोदी ने "झूठी शपथ या प्रतिज्ञान दिया है, जो अन्यथा नामांकन पत्र आरओ को जमा करने के बाद किया...

Swati Maliwal Assault Case: गिरफ्तारी को चुनौती देने के लिए दिल्ली हाइकोर्ट पहुंचे बिभव कुमार
Swati Maliwal Assault Case: गिरफ्तारी को चुनौती देने के लिए दिल्ली हाइकोर्ट पहुंचे बिभव कुमार

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार ने कथित स्वाति मालीवाल हमला मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए दिल्ली हाइकोर्ट का रुख किया।कुमार को 27 मई को ट्रायल कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी अवैध है और सीआरपीसी की धारा 41ए का घोर उल्लंघन है।कुमार को शुरू में पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था। बाद में उन्हें चार दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। मंगलवार को ट्रायल कोर्ट ने उन्हें तीन दिन की पुलिस...

भगवान शिव को हमारे संरक्षण की आवश्यकता नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट ने यमुना के बाढ़ क्षेत्र में मंदिर हटाए जाने के खिलाफ दायर याचिका खारिज की
'भगवान शिव को हमारे संरक्षण की आवश्यकता नहीं': दिल्ली हाईकोर्ट ने यमुना के बाढ़ क्षेत्र में मंदिर हटाए जाने के खिलाफ दायर याचिका खारिज की

दिल्ली हाईकोर्ट ने शहर की गीता कॉलोनी के पास स्थित प्राचीन शिव मंदिर को ध्वस्त करने की दिल्ली विकास प्राधिकरण की कार्रवाई के खिलाफ एक याचिका खारिज कर दी है।जस्टिस धर्मेश शर्मा ने कहा कि याचिका दायर करने वाली प्राचीन शिव मंदिर अवाम अखाड़ा समिति अपने पास मौजूद किसी भी कानूनी अधिकार का प्रदर्शन करने में बुरी तरह विफल रही है, जिससे मंदिर सेवाओं को चलाने के लिए नागरिक संपत्ति का उपयोग और कब्जा जारी रखा जा सके। कोर्ट ने कहा, 'याचिकाकर्ता के वकील की आधी-अधूरी दलील कि मंदिर के देवता होने के नाते भगवान...

सीनियर सिटीजन एक्ट के तहत फोरम संपत्ति के स्वामित्व के सवाल पर फैसला नहीं कर सकते: दिल्ली हाइकोर्ट
सीनियर सिटीजन एक्ट के तहत फोरम संपत्ति के स्वामित्व के सवाल पर फैसला नहीं कर सकते: दिल्ली हाइकोर्ट

दिल्ली हाइकोर्ट ने फैसला सुनाया कि सीनियर सिटीजन एक्ट (Senior Citizens Act)के तहत फोरम संपत्ति के स्वामित्व के सवाल पर फैसला नहीं कर सकते।जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा,"अधिनियम को पढ़ने से यह स्पष्ट होता है कि अधिनियम के तहत फोरम को संपत्ति के स्वामित्व पर फैसला करने का अधिकार नहीं है और अधिनियम का उद्देश्य सीनियर सिटीजन का भरण-पोषण और उनका कल्याण सुनिश्चित करना है। इसलिए सीनियर सिटीजन एक्ट के तहत फोरम द्वारा स्वामित्व के सवाल पर फैसला नहीं किया जा सकता।"न्यायालय ने जिला मजिस्ट्रेट द्वारा...