दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट 14 जुलाई को तय करेगा केंद्र सरकार की आपत्ति, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं
दिल्ली हाईकोर्ट 14 जुलाई को तय करेगा केंद्र सरकार की आपत्ति, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह 14 जुलाई को यह निर्णय लेगा कि केंद्र सरकार की आपत्ति के मद्देनजर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) द्वारा प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका सुनवाई योग्य (Maintainable) है या नहीं।केंद्र सरकार ने यूएपीए (UAPA) के तहत PFI और उसके संबद्ध संगठनों को 'गैरकानूनी संगठन' घोषित करते हुए पांच वर्षों का प्रतिबंध लगाया था। इस प्रतिबंध की पुष्टि एक UAPA ट्रिब्यूनल ने की थी।चीफ जस्टिस डी.के. उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने कहा कि याचिका में उठाए गए मुद्दों...

दिल्ली हाईकोर्ट ने समझौते के आधार पर FIR रद्द करने वाली याचिकाओं की सुनवाई के लिए विशेष पीठों के गठन की मांग वाली याचिका बंद की
दिल्ली हाईकोर्ट ने समझौते के आधार पर FIR रद्द करने वाली याचिकाओं की सुनवाई के लिए विशेष पीठों के गठन की मांग वाली याचिका बंद की

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को जनहित याचिका को यह कहते हुए बंद कर दिया कि समझौते के आधार पर FIR रद्द करने वाली याचिकाओं की सुनवाई के लिए विशेष नामित पीठों का गठन एक “प्रशासनिक” विषय है न कि न्यायिक।चीफ जस्टिस डी.के. उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने वकील आदित्य सिंह देशवाल से कहा कि वे अपने सुझाव हाईकोर्ट के प्रशासनिक पक्ष के समक्ष प्रस्तुत करें।चीफ जस्टिस ने देशवाल से कहा,“एक रिट याचिका में मांगी गई 'मैंडेमस' (न्यायिक आदेश) की मूल भावना पर चर्चा करें। यह तय करना आपके अधिकार क्षेत्र...

त्वरित सुनवाई का अधिकार कोई भ्रामक सुरक्षा नहीं, MACOCA मामलों में व्यक्तिगत स्वतंत्रता को कम नहीं किया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट
त्वरित सुनवाई का अधिकार कोई भ्रामक सुरक्षा नहीं, MACOCA मामलों में व्यक्तिगत स्वतंत्रता को कम नहीं किया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट

l बात पर जोर देते हुए कि त्वरित सुनवाई का अधिकार कोई भ्रामक सुरक्षा नहीं है, दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता को केवल इसलिए कम नहीं किया जा सकता, क्योंकि मामला महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम 1999 (MACOCA) के अंतर्गत आता है।जस्टिस संजीव नरूला ने कहा,“भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत हमारे संवैधानिक न्यायशास्त्र में अब दृढ़ता से समाहित त्वरित सुनवाई का अधिकार कोई अमूर्त या भ्रामक सुरक्षा नहीं है। यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का महत्वपूर्ण पहलू है। इसे केवल इसलिए...

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाथियों के साथ दुर्व्यवहार पर हिमाल साउथ एशियन के लेख को हटाने की मांग करने वाली वंतारा की अवमानना ​​याचिका खारिज की
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाथियों के साथ दुर्व्यवहार पर हिमाल साउथ एशियन के लेख को हटाने की मांग करने वाली वंतारा की अवमानना ​​याचिका खारिज की

दिल्ली हाईकोर्ट ने अनंत अंबानी के नेतृत्व वाली वंतारा द्वारा दायर अवमानना ​​याचिका खारिज की, जिसमें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म हिमाल साउथ एशियन पर प्रकाशित लेख को हटाने की मांग की गई, जिसमें हाथियों के साथ दुर्व्यवहार और ट्रांसफर का आरोप लगाया गया था।जस्टिस अनीश दयाल ने ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर सोसाइटी और ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर सोसाइटी द्वारा हिमाल साउथ एशियन और उसके संपादक रोमन गौतम के खिलाफ दायर याचिका खारिज की।रिलायंस के जामनगर रिफाइनरी परिसर के अंदर...

संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में आरोपियों को गिरफ्तारी के आधार प्रदान किए गए: दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में बताया
संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में आरोपियों को गिरफ्तारी के आधार प्रदान किए गए: दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में बताया

दिल्ली पुलिस ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि 13 दिसंबर, 2023 को हुए संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में आरोपी नीलम आज़ाद और महेश कुमावत को गिरफ्तारी के आधार प्रदान किए गए।जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने दोनों आरोपियों द्वारा दायर जमानत याचिकाओं पर आदेश सुरक्षित रखा।कोर्ट ने मंगलवार को मामले में फैसला सुरक्षित रखा गया था लेकिन जमानत याचिकाओं को फिर से इस सीमित तर्क पर सूचीबद्ध किया गया कि क्या आरोपियों को गिरफ्तारी के आधार प्रदान किए गए थे।दिल्ली पुलिस की...

मध्यस्थता अधिनियम की धारा 11(6) का उद्देश्य ऐसे आवेदनों पर विचार करने में अक्षम न्यायालयों को अधिकार क्षेत्र प्रदान करना नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
मध्यस्थता अधिनियम की धारा 11(6) का उद्देश्य ऐसे आवेदनों पर विचार करने में अक्षम न्यायालयों को अधिकार क्षेत्र प्रदान करना नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्‍ली हाईकोर्ट के जस्टिस सचिन दत्ता की पीठ ने माना कि Arbitration and Conciliation Act, 1996 (मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996) की धारा 11(6) के उद्देश्य की व्याख्या इस तरह नहीं की जा सकती कि वह न्यायालय को अधिकार क्षेत्र प्रदान करे जो अन्यथा इस प्रावधान के तहत आवेदन पर विचार करने में अक्षम है। तथ्यवर्तमान याचिकाएं याचिकाकर्ता और प्रतिवादियों के बीच 31.03.2018 को हुए दो गृह ऋण समझौतों से उत्पन्न हुई हैं। इन समझौतों के तहत, याचिकाकर्ता ने प्रतिवादियों को 1,24,00,000/- रुपये (आर.बी.पी. 827/2024...

हाईकोर्ट की फटकार के बाद न्यूज़लॉन्ड्री पत्रकारों के खिलाफ किए ट्वीट हटाने पर सहमत हुए अभिजीत मित्रा
हाईकोर्ट की फटकार के बाद न्यूज़लॉन्ड्री पत्रकारों के खिलाफ किए ट्वीट हटाने पर सहमत हुए अभिजीत मित्रा

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को डिजिटल समाचार प्लेटफॉर्म न्यूज़लॉन्ड्री की नौ महिला कर्मचारियों द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे में टिप्पणीकार अभिजीत अय्यर मित्रा की सुनवाई से इनकार किया, जब तक कि वह अपने ट्वीट नहीं हटा लेते।पत्रकारों का आरोप है कि अय्यर ने उनके खिलाफ़ यौन रूप से अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट पोस्ट की, जिसमें उन्हें 'वेश्या' और उनके कार्यस्थल को 'वेश्यालय' बताया गया।ट्वीट्स देखने के बाद जस्टिस पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने मौखिक रूप से टिप्पणी की,"क्या आप इन ट्वीट्स का बचाव कर सकते हैं? इस...

अपमानजनक ट्वीट पर अभिजीत अय्यर मित्रा के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचीं न्यूजलॉन्ड्री की महिला पत्रकार, दायर किया मानहानि का मुकदमा
अपमानजनक ट्वीट पर अभिजीत अय्यर मित्रा के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचीं न्यूजलॉन्ड्री की महिला पत्रकार, दायर किया मानहानि का मुकदमा

डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म न्यूजलॉन्ड्री की नौ महिला कर्मचारियों ने दिल्ली हाईकोर्ट में अभिजीत अय्यर मित्रा के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने एक्स पर उनके खिलाफ यौन अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट पोस्ट किए थे।मानहानि मामले में मित्रा से सार्वजनिक माफी मांगने और कथित मानहानि के लिए हर्जाने व मुआवजे के तौर पर दो करोड़ रुपये देने की मांग की गई है। अंतरिम में, मुकदमा अय्यर के एक्स हैंडल से आक्षेपित पदों को हटाने या हटाने की मांग करता है। महिला पत्रकारों में...

2001 हमले की बरसी पर संसद में प्रदर्शन क्यों किया?: 2023 सुरक्षा उल्लंघन मामले में आरोपी से दिल्ली हाईकोर्ट का सवाल
2001 हमले की बरसी पर संसद में प्रदर्शन क्यों किया?: 2023 सुरक्षा उल्लंघन मामले में आरोपी से दिल्ली हाईकोर्ट का सवाल

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार (20 मई) को 13 दिसंबर, 2023 को हुए संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में आरोपी नीलम आजाद और महेश कुमावत द्वारा दायर जमानत याचिकाओं पर आदेश सुरक्षित रख लिया।जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने आरोपी के वकीलों और दिल्ली पुलिस की ओर से पेश एएसजी चेतन शर्मा की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने आरोपियों के वकीलों से सवाल किया कि विशिष्ट तारीख और स्थल का चयन क्यों किया गया जबकि विरोध प्रदर्शन के लिए अन्य निर्धारित...

राजीव चंद्रशेखर ने शशि थरूर के खिलाफ आपराधिक मानहानि मामला खारिज होने पर दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया
राजीव चंद्रशेखर ने शशि थरूर के खिलाफ आपराधिक मानहानि मामला खारिज होने पर दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को BJP नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर की याचिका पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर को नोटिस जारी किया।याचिका में निचली अदालत द्वारा आपराधिक मानहानि केस खारिज करने के आदेश को चुनौती दी गई थी।जस्टिस रविंदर डुडेजा ने मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर को तय की और ट्रायल कोर्ट से डिजिटल रूप में रिकॉर्ड मंगवाने का निर्देश दिया।चंद्रशेखर ने आरोप लगाया कि थरूर ने एक मलयालम न्यूज चैनल 24 न्यूज पर झूठे और मानहानिपूर्ण आरोप लगाते हुए कहा था कि वह तिरुवनंतपुरम लोकसभा क्षेत्र...

एक बार जब कर्मचारी शपथ लेकर गवाही दे देता है, तो दावों को गलत साबित करने का भार नियोक्ता पर आ जाता है: दिल्ली हाईकोर्ट
एक बार जब कर्मचारी शपथ लेकर गवाही दे देता है, तो दावों को गलत साबित करने का भार नियोक्ता पर आ जाता है: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट के मनोज जैन की एकल पीठ ने दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया। अस्पताल ने श्रम न्यायालय के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें सफाई कर्मचारी को मुआवजा देने का आदेश दिया गया था। न्यायालय ने श्रम न्यायालय से सहमति जताते हुए फैसला सुनाया कि कर्मचारी 240 दिनों से अधिक समय से लगातार नौकरी पर था और उसे अनुचित तरीके से नौकरी से निकाला गया। हालांकि, न्यायालय ने उसे बहाल करने के बजाय केवल मुआवजा देने का आदेश दिया।पृष्ठभूमिसंगीता मई 2007 से दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल...

तुर्की की Çelebi कंपनी की याचिका का केंद्र ने किया विरोध, कहा– कारण बताना राष्ट्रीय सुरक्षा को पहुंचा सकता है नुकसान
तुर्की की Çelebi कंपनी की याचिका का केंद्र ने किया विरोध, कहा– कारण बताना राष्ट्रीय सुरक्षा को पहुंचा सकता है नुकसान

केंद्र सरकार ने सोमवार को तुर्की स्थित कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर याचिका का दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष विरोध किया, जिसमें नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) के फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें "राष्ट्रीय सुरक्षा के हित" में अपनी सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी गई थी।केंद्र का प्रतिनिधित्व करते हुए, एसजीआई तुषार मेहता ने जस्टिस सचिन दत्ता के समक्ष प्रस्तुत किया कि सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के कारणों का खुलासा न केवल प्रतिकूल हो सकता है, बल्कि राष्ट्रीय हित और देश की...

स्कूल फीस वृद्धि विवाद: DPS द्वारका मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
स्कूल फीस वृद्धि विवाद: DPS द्वारका मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS), द्वारका द्वारा फीस का भुगतान नहीं करने पर निष्कासित 32 छात्रों के माता-पिता की याचिका पर सोमवार को फैसला सुरक्षित रख लिया।जस्टिस सचिन दत्ता ने स्कूल और अभिभावकों की ओर से पेश हुए वकीलों को सुना और आदेश सुरक्षित रख लिया। डीपीएस, द्वारका द्वारा दायर एक लंबित याचिका में दायर एक आवेदन में फैसला सुरक्षित रखा गया है। अभिभावकों ने बच्चों की शिक्षा को निर्बाध रूप से जारी रखने की मांग की है। आज सुनवाई के दौरान स्कूल की ओर से पेश वकील ने कहा कि 32 छात्रों...

हाईकोर्ट का केंद्र सरकार को OTT प्लेटफॉर्म्स पर दिव्यांगजनों के लिए एक्सेसिबिलिटी स्टैंडर्ड्स संबंधी दिशानिर्देशों को जल्द जारी करने का निर्देश
हाईकोर्ट का केंद्र सरकार को OTT प्लेटफॉर्म्स पर दिव्यांगजनों के लिए एक्सेसिबिलिटी स्टैंडर्ड्स संबंधी दिशानिर्देशों को जल्द जारी करने का निर्देश

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार 19 मई को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह दिव्यांगजनों (PwDs) के लिए ओवर-द-टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म्स पर एक्सेसिबिलिटी फीचर्स को शामिल करने के संबंध में दिशा-निर्देशों को जारी करने की प्रक्रिया में तेजी लाए।जस्टिस सचिन दत्ता ने यह आदेश उस याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया, जिसमें दृष्टिबाधित और श्रवणबाधित व्यक्तियों के लिए ऑडियो डिस्क्रिप्शन, समान भाषा में कैप्शनिंग और भारतीय सांकेतिक भाषा जैसी एक्सेसिबिलिटी सुविधाएं OTT कंटेंट में शामिल करने की मांग की गई...

दिल्ली हाईकोर्ट ने द वायर की याचिका खारिज की, पूर्व JNU प्रोफेसर के मानहानि मामले में समन आदेश बरकरार
दिल्ली हाईकोर्ट ने द वायर की याचिका खारिज की, पूर्व JNU प्रोफेसर के मानहानि मामले में समन आदेश बरकरार

दिल्ली हाईकोर्ट ने मीडिया पोर्टल The Wire और इसके संपादक अजय आशीर्वाद महाप्रशस्त द्वारा दायर याचिका खारिज कीस जिसमें पूर्व जेएनयू प्रोफेसर अमिता सिंह द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में समन आदेश को चुनौती दी गई थी।जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने 13 जनवरी को ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी समन आदेश के खिलाफ दायर याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इसमें कोई वैधानिक त्रुटि नहीं है।याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि मजिस्ट्रेट द्वारा समन जारी करने से पहले भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 223 का पालन...

मध्यस्थता अधिनियम की धारा 11(6) के तहत आवेदन की समय-सीमा को यह दावा करके दरकिनार नहीं किया जा सकता कि वकील को नोटिस जारी करने का अधिकार नहीं था: दिल्ली हाईकोर्ट
मध्यस्थता अधिनियम की धारा 11(6) के तहत आवेदन की समय-सीमा को यह दावा करके दरकिनार नहीं किया जा सकता कि वकील को नोटिस जारी करने का अधिकार नहीं था: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस ज्योति सिंह की पीठ ने माना कि मध्यस्थता एवं सुलह अधिनियम, 1996 (मध्यस्थता अधिनियम) की धारा 11(6) के तहत मध्यस्थ की नियुक्ति के लिए आवेदन दाखिल करने की समय-सीमा को केवल इस आधार पर दरकिनार नहीं किया जा सकता कि याचिकाकर्ता के वकील द्वारा उचित प्राधिकरण के बिना मांग-सह-मध्यस्थता आमंत्रण नोटिस जारी किया गया था। न्यायालय ने माना कि यदि इस तरह का तर्क स्वीकार कर लिया जाता है, तो ऐसे आवेदन दाखिल करने की समय-सीमा निरर्थक हो जाएगी और समय-सीमा निर्धारित करने का मूल उद्देश्य ही...

दिल्ली हाईकोर्ट ने फीस वृद्धि विवाद पर डीपीएस द्वारका के 32 छात्रों को निष्कासित करने के आदेश पर रोक लगाने के संकेत दिए
दिल्ली हाईकोर्ट ने फीस वृद्धि विवाद पर डीपीएस द्वारका के 32 छात्रों को निष्कासित करने के आदेश पर रोक लगाने के संकेत दिए

दिल्‍ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को संकेत दिया कि वह दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस), द्वारका की ओर से दिए गए उस आदेश पर रोक लगाने के लिए इच्छुक है, जिसमें फीस वृद्धि के मुद्दे के बीच 32 छात्रों को निष्कासित किया गया था। जस्टिस सचिन दत्ता ने फीस का भुगतान न करने के लिए निष्कासित किए गए 32 छात्रों के अभिभावकों द्वारा दायर आवेदन पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। न्यायालय ने सुनवाई सोमवार, 19 मई तक के लिए टाल दी और कहा कि वह उस दिन मामले की सुनवाई करेगा और आदेश पारित करेगा।जस्टिस दत्ता ने कहा कि स्कूल ने...