दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली दंगों को पांच साल हो गए, किसी व्यक्ति को कितने समय तक जेल में रखा जा सकता है? तस्लीम अहमद की जमानत पर याचिका हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा
दिल्ली दंगों को पांच साल हो गए, किसी व्यक्ति को कितने समय तक जेल में रखा जा सकता है? तस्लीम अहमद की जमानत पर याचिका हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस से पूछा कि 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों को पांच साल हो गए, तो किसी आरोपी को कितने समय तक जेल में रखा जा सकता है?जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने दंगों के लिए बड़ी साजिश का आरोप लगाने वाले UAPA मामले में आरोपी तस्लीम अहमद की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस के एसपीपी अमित प्रसाद से यह सवाल पूछा।अहमद की ओर से पेश हुए एडवोकेट महमूद प्राचा द्वारा मुकदमे में देरी के आधार पर दलीलें दिए जाने के बाद यह सवाल...

लक्ष्मी पुरी मानहानि मामला: दिल्ली हाईकोर्ट ने साकेत गोखले के माफ़ीनामे पर आपत्ति जताई, नए सिरे से दाखिल करने को कहा
लक्ष्मी पुरी मानहानि मामला: दिल्ली हाईकोर्ट ने साकेत गोखले के माफ़ीनामे पर आपत्ति जताई, नए सिरे से दाखिल करने को कहा

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद साकेत गोखले द्वारा संयुक्त राष्ट्र में भारत की पूर्व सहायक महासचिव लक्ष्मी पुरी को बदनाम करने के लिए दायर माफ़ीनामे को रिकॉर्ड पर लेने से इनकार किया।जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस रेणु भटनागर की खंडपीठ ने कहा कि हलफ़नामे की कुछ सामग्री रिकॉर्ड पर नहीं ली जा सकती।जजों ने गोखले के वकील सीनियर एडवोकेट अमित सिब्बल से कहा,"ऐसा नहीं किया जा सकता... आप पहले इस हलफ़नामे को वापस लें, फिर हम आपकी बात सुनेंगे।"पुरी ने गोखले के ट्वीट पर...

बिरकेनस्टॉक को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत, जॉन डो आदेश जारी – नकली माल की जांच के लिए लोक आयुक्तों की नियुक्ति
बिरकेनस्टॉक को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत, जॉन डो आदेश जारी – नकली माल की जांच के लिए लोक आयुक्तों की नियुक्ति

दिल्ली हाईकोर्ट ने मशहूर फुटवियर ब्रांड बिरकेनस्टॉक के पक्ष में जॉन डो आदेश (John Doe Order) पारित करते हुए नकली उत्पाद बेचने वाले दुकानदारों और वितरकों के ठिकानों की जांच के लिए लोक आयुक्तों (Local Commissioners) की नियुक्ति का आदेश दिया।जस्टिस सौरभ बनर्जी की एकल पीठ ने प्रतिवादी दुकानदारों, वितरकों, विक्रेताओं, आयातकों, निर्यातकों और फ्रेंचाइज़ियों को Birkenstock ट्रेडमार्क या उसके ट्रेड ड्रेस के तहत किसी भी उत्पाद को बेचने प्रचारित करने या व्यवसाय में लाने से अंतरिम रूप से रोक दिया।यह आदेश...

325 दिन की देरी पर फटकार: गंभीर अपराधों में अपील में देरी पीड़ितों के न्याय के अधिकार पर कुठाराघात- दिल्ली हाईकोर्ट
325 दिन की देरी पर फटकार: गंभीर अपराधों में अपील में देरी पीड़ितों के न्याय के अधिकार पर कुठाराघात- दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने अहम फैसले में कहा कि गंभीर आपराधिक मामलों में राज्य सरकार द्वारा अपील दाखिल करने में की गई देरी विशेषकर तब जब पीड़ित समाज के हाशिए या आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आता हो, उसके निष्पक्ष न्याय के अधिकार को नुकसान पहुंचाती है।जस्टिस स्वराणा कांता शर्मा की पीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा,“पीड़ितों के पास स्वतंत्र रूप से कानूनी उपाय अपनाने के साधन नहीं होते और वे राज्य प्रणाली पर न्याय के लिए निर्भर रहते हैं। ऐसे में अगर राज्य समय पर अपील नहीं करता तो यह केवल प्रक्रियात्मक चूक नहीं...

कन्हैया लाल हत्याकांड पर बनी फिल्म उदयपुर फाइल्स की रिलीज के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचा जमीयत उलेमा-ए-हिंद
कन्हैया लाल हत्याकांड पर बनी फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' की रिलीज के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचा जमीयत उलेमा-ए-हिंद

दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई, जिसमें नफरत फैलाने वाले भाषण और सांप्रदायिक सद्भाव के आधार पर 11 जुलाई को सिनेमाघरों में आने वाली फिल्म “उदयपुर फाइल्स” की रिलीज पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई।जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी द्वारा दायर याचिका में फिल्म को सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए सीबीएफसी द्वारा दिए गए प्रमाण पत्र को भी चुनौती दी गई।यह प्रस्तुत किया गया कि फिल्म का ट्रेलर ऐसे संवादों और उदाहरणों से भरा हुआ है, जो सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा देते हैं। इसलिए इसमें...

2020 दिल्ली दंगे मामले में केस डायरी सुरक्षित रखने की देवांगना कलीता की याचिका पर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
2020 दिल्ली दंगे मामले में केस डायरी सुरक्षित रखने की देवांगना कलीता की याचिका पर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को देवांगना कलिता की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।कलिता ने 6 नवंबर, 2024 के ट्रायल कोर्ट के आदेश को रद्द करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था, जिसने उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था और दिल्ली पुलिस को 'राज्य बनाम राज्य बनाम भारत मामले' की जांच के संबंध में बनाई गई पुस्तिकाओं 9989 और 9990 को फिर से बनाने और संरक्षित करने का निर्देश दिया था। थाना-जाफराबाद में दर्ज एफआईआर संख्या 48/2020 में फैजान और अन्य। पक्षकारों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस रविंदर...

राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के खिलाफ तुर्क कंपनी Celebi की याचिका दिल्ली हाईकोर्ट से खारिज
राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के खिलाफ तुर्क कंपनी Celebi की याचिका दिल्ली हाईकोर्ट से खारिज

राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के खिलाफ तुर्क कंपनी Celebi की याचिका दिल्ली हाईकोर्ट से खारिज दिल्ली हाईकोर्ट ने तुर्की स्थित कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड की उस याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया जिसमें नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में उसकी सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के फैसले को चुनौती दी गई थी। जस्टिस सचिन दत्ता ने यह आदेश पारित किया। अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद 23 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया...

क्षतिपूर्ति का दावा करने में ठेकेदार के बजाय नियोक्ता को तरजीह देने वाले अनुबंध खंड को यदि ट्रिब्यूनल के समक्ष चुनौती नहीं दी जाती है तो इसे जानबूझकर शामिल किया गया माना जाएगा: दिल्ली हाईकोर्ट
क्षतिपूर्ति का दावा करने में ठेकेदार के बजाय नियोक्ता को तरजीह देने वाले अनुबंध खंड को यदि ट्रिब्यूनल के समक्ष चुनौती नहीं दी जाती है तो इसे जानबूझकर शामिल किया गया माना जाएगा: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की पीठ ने माना कि अनुबंध के खंड जो क्षतिपूर्ति का दावा करने में ठेकेदार पर नियोक्ता को लाभ देते हैं, यदि मध्यस्थ न्यायाधिकरण के समक्ष या अनुबंध के गठन या निष्पादन के समय प्रश्नगत नहीं किए जाते हैं, तो मध्यस्थता अधिनियम की धारा 34 के तहत प्रश्नगत नहीं किए जा सकते हैं, क्योंकि माना जाता है कि पार्टियों ने जानबूझकर अनुबंध में ऐसे खंड शामिल किए हैं। तथ्यवर्तमान याचिका मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 (मध्यस्थता अधिनियम) की धारा 34 के तहत मध्यस्थ न्यायाधिकरण...

सुप्रीम कोर्ट का विजय मदनलाल फैसला अपराध से प्राप्त आय के विदेशी प्राप्तकर्ताओं को लेनदेन की मात्र संविदात्मक वैधता के आधार पर जांच से छूट नहीं देता: दिल्ली हाईकोर्ट
सुप्रीम कोर्ट का विजय मदनलाल फैसला अपराध से प्राप्त आय के विदेशी प्राप्तकर्ताओं को लेनदेन की मात्र संविदात्मक वैधता के आधार पर जांच से छूट नहीं देता: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अपराध की आय के विदेशी प्राप्तकर्ताओं को केवल लेन-देन की 'अनुबंधात्मक वैधता' के आधार पर धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत जांच से छूट नहीं दी जा सकती है। इस प्रकार जस्टिस रविंदर डुडेजा ने पिछले 17 वर्षों से हांगकांग में रहने वाले अमृत पाल सिंह की याचिका को खारिज कर दिया, जिसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की जा रही है।तथ्यों के अनुसार, सिंह की कंपनी को भारतीय फर्जी संस्थाओं से 2,880,210 अमेरिकी डॉलर (लगभग 20.75 करोड़ रुपये) की धोखाधड़ी वाली विदेशी बाहरी...

जनहित के साथ संतुलन आवश्यक: दिल्ली हाईकोर्ट ने रेलवे में लो विजन और नेत्रहीन अभ्यर्थियों के लिए पदों के विभाजन को उचित ठहराया
जनहित के साथ संतुलन आवश्यक: दिल्ली हाईकोर्ट ने रेलवे में लो विजन और नेत्रहीन अभ्यर्थियों के लिए पदों के विभाजन को उचित ठहराया

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में रेलवे द्वारा दृष्टिबाधित उम्मीदवारों के लिए आरक्षित पदों को दो श्रेणियों में विभाजित करने की कार्रवाई को सही करार दिया। एक श्रेणी में ऐसे पद शामिल हैं, जिन्हें लो विजन (एलवी) और नेत्रहीन दोनों उम्मीदवारों द्वारा संभाला जा सकता था, जबकि दूसरी श्रेणी में केवल एलवी उम्मीदवारों के लिए पद निर्धारित किए गए।जस्टिस सी. हरि शंकर और जस्टिस अजय दिग्पौल की खंडपीठ ने यह कहते हुए याचिकाकर्ताओं की दलीलों को खारिज कर दिया कि नेत्रहीन और एलवी उम्मीदवार एक ही श्रेणी में आते हैं और...

केवल केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए जारी OBC प्रमाणपत्र दिल्ली सरकार की नौकरियों में आरक्षण के लिए मान्य नहीं : दिल्ली हाईकोर्ट
केवल केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए जारी OBC प्रमाणपत्र दिल्ली सरकार की नौकरियों में आरक्षण के लिए मान्य नहीं : दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि किसी व्यक्ति को पिछड़ा वर्ग प्रमाणपत्र (OBC सर्टिफिकेट) केवल केंद्र सरकार की नौकरियों में आवेदन के लिए जारी किया गया तो उस प्रमाणपत्र के आधार पर दिल्ली सरकार की नौकरियों में आरक्षण का दावा नहीं किया जा सकता।जस्टिस सी. हरि शंकर और जस्टिस अजय दिगपाल की खंडपीठ दिल्ली सरकार की उस अपील पर सुनवाई कर रही थी, जो CAT के आदेश के खिलाफ दायर की गई। CAT ने उम्मीदवार ज्योति को आरक्षण का लाभ देने का आदेश दिया था। ज्योति उत्तर प्रदेश की नाई जाति से हैं जिसे वहां OBC वर्ग...

दिल्ली हाईकोर्ट ने जब्त सामान की अस्थायी रिहाई के लिए कस्टम द्वारा मांगी गई ₹10 करोड़ की सुरक्षा राशि को रद्द किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने जब्त सामान की अस्थायी रिहाई के लिए कस्टम द्वारा मांगी गई ₹10 करोड़ की सुरक्षा राशि को रद्द किया

दिल्ली हाईकोर्ट ने सीमा शुल्क विभाग द्वारा अपने खराब होने वाले सामानों की अस्थायी रिलीज के लिए मांग की गई लगभग 10 करोड़ की सुरक्षा को रद्द कर दिया है।जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस रजनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने इस शर्त को 'कष्टदायक' बताते हुए याचिकाकर्ता के आयातित भुने हुए सुपारी को 50 लाख रुपये की बैंक गारंटी के साथ 4.10 करोड़ रुपये के बांड पर अस्थायी रूप से जारी करने का आदेश दिया। विभाग ने दावा किया था कि न्यूनतम आयात मूल्य के अनुसार वस्तुओं का मूल्य लगभग 4.10 करोड़ रुपये है। दूसरी ओर...

दिल्ली हाईकोर्ट ने इंडिया टीवी पर विदेशी लेन-देन के मामले में आयकर विभाग की कार्रवाई रद्द की
दिल्ली हाईकोर्ट ने इंडिया टीवी पर विदेशी लेन-देन के मामले में आयकर विभाग की कार्रवाई रद्द की

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को पत्रकार रजत शर्मा की कंपनी मेसर्स इंडिपेंडेंट न्यूज सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ शुरू की गई पुनर्मूल्यांकन कार्रवाई को रद्द कर दिया, जो कथित विदेशी प्रेषण पर इंडिया टीवी चैनल का मालिक है और चलाता है।नोटिस 2019 में जम्मू-कश्मीर बैंक में आयकर विभाग द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के बाद जारी किया गया था, जिसमें खुलासा किया गया था कि कंपनी ने निर्धारण वर्ष 2017-18 के दौरान 6,50,84,454/- रुपये की विदेशी प्रेषण राशि की थी, जो उसके बैंक स्टेटमेंट में दिखाई गई राशि से मेल...

व्यापारिक अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर उपभोक्ताओं को गुमराह नही किया जाना चाहिए
व्यापारिक अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर उपभोक्ताओं को गुमराह नही किया जाना चाहिए

डाबर इंडिया द्वारा पतंजलि आयुर्वेद के वाणिज्यिक विज्ञापनों के खिलाफ दायर एक मुकदमे पर सुनवाई करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि उपभोक्ता को बोलने की व्यावसायिक स्वतंत्रता के नाम पर विनियमित दवा की झूठी प्रभावकारिता या श्रेष्ठता में विश्वास करने के लिए गुमराह नहीं किया जाना चाहिए।जस्टिस मिनी पुष्कर्णा ने कहा कि विज्ञापनदाताओं को दवाओं और दवाओं के संदर्भ में झूठे, निराधार और असत्य बयानबाजी का सहारा लेकर अभिव्यक्ति की व्यावसायिक स्वतंत्रता के अपने अधिकार का फायदा उठाने की अनुमति...

दिल्ली हाईकोर्ट ने CSE 2023 के खिलाफ याचिका खारिज की, कहा- वह यह सुझाव नहीं दे सकता कि प्रश्न पत्र में किस तरह से प्रश्न तैयार किए जाएं
दिल्ली हाईकोर्ट ने CSE 2023 के खिलाफ याचिका खारिज की, कहा- वह यह सुझाव नहीं दे सकता कि प्रश्न पत्र में किस तरह से प्रश्न तैयार किए जाएं

सिविल सर्विस परीक्षा (CSE) 2023 के पेपर I और पेपर II को चुनौती देने वाली याचिका खारिज करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि वह यह सुझाव नहीं दे सकता कि प्रश्न पत्र में किस तरह से प्रश्न तैयार किए जाएं, जब तक कि प्रश्न या दिए गए उत्तरों में कोई अस्पष्टता न हो।जस्टिस सी हरि शंकर और जस्टिस अजय दिगपॉल की खंडपीठ ने कहा कि CSE में लाखों स्टूडेंट शामिल होते हैं और 2023 की परीक्षा में छह लाख से अधिक स्टूडेंट शामिल हुए।न्यायालय ने कहा कि छह लाख से अधिक स्टूडेंट्स के लिए पेपर तैयार करते समय यह नहीं माना जा...

COVID-19 महामारी के दौरान आत्मसमर्पण में देरी के आधार पर फर्लो आवेदनों को खारिज करना अनुचित रूप से कठोर: दिल्ली हाईकोर्ट
COVID-19 महामारी के दौरान आत्मसमर्पण में देरी के आधार पर फर्लो आवेदनों को खारिज करना अनुचित रूप से कठोर: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि COVID-19 महामारी के दौरान कुछ दोषियों द्वारा आत्मसमर्पण में देरी के आधार पर फर्लो आवेदनों को खारिज करना जेल अधिकारियों द्वारा अनुचित रूप से कठोर है।जस्टिस स्वर्णकांत शर्मा ने कहा कि अदालतों और जेल अधिकारियों को महामारी के दौरान व्याप्त असाधारण और अभूतपूर्व परिस्थितियों के प्रति भी सचेत रहना चाहिए।न्यायालय एक हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक दोषी द्वारा दो सप्ताह की अवधि के लिए फर्लो पर रिहाई की मांग करने वाली याचिका पर विचार कर रहा था। उसने...

दिल्ली हाईकोर्ट ने CAPF कर्मियों के लिए सामान्य पूल आवासीय आवास को अधिकतम तीन वर्ष तक सीमित रखने के नियम को बरकरार रखा
दिल्ली हाईकोर्ट ने CAPF कर्मियों के लिए सामान्य पूल आवासीय आवास को अधिकतम तीन वर्ष तक सीमित रखने के नियम को बरकरार रखा

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) कर्मियों द्वारा सामान्य पूल आवासीय आवास (GPRA) को अंतिम तैनाती स्थान पर अधिकतम तीन वर्ष तक बनाए रखने पर प्रतिबंध लगाने वाले नियम को बरकरार रखा है, जब कोई कर्मी उसके बाद गैर-पारिवारिक स्टेशन पर तैनात होता है। जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस शालिंदर कौर की खंडपीठ ने केंद्र सरकार के सामान्य पूल आवासीय आवास नियम, 2017 (CGGPRA Rule) के नियम 43 की वैधता को बरकरार रखा।न्यायालय ने भारत-तिब्बत सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल आदि सहित विभिन्न...

व्हाट्सएप और ईमेल के जरिए पक्षों के बीच हुआ संवाद वैध मध्यस्थता समझौता हो सकता है: दिल्ली हाईकोर्ट
व्हाट्सएप और ईमेल के जरिए पक्षों के बीच हुआ संवाद वैध मध्यस्थता समझौता हो सकता है: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने व्यवस्था दी है कि व्हाट्सएप और ईमेल के माध्यम से पार्टियों के बीच संचार एक वैध मध्यस्थता समझौते हो सकता है।जस्टिस जसमीत सिंह ने मध्यस्थता अधिनियम की धारा 7 (4) (b) का अवलोकन किया और कहा कि पक्षों के बीच एक वैध मध्यस्थता समझौते के अस्तित्व में होने के लिए एक संपन्न अनुबंध के अस्तित्व में होना आवश्यक नहीं है। अदालत यूएई स्थित कंपनी, बेल्वेडियर रिसोर्सेज डीएमसीसी द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें ओसीएल आयरन एंड स्टील लिमिटेड, ओरिएंटल आयरन कास्टिंग लिमिटेड और एरॉन...

रोग होने पर भी सैन्यकर्मियों को मिलेगा विकलांगता पेंशन: दिल्ली हाईकोर्ट
रोग होने पर भी सैन्यकर्मियों को मिलेगा विकलांगता पेंशन: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों को विकलांगता पेंशन देना किसी प्रकार की उदारता नहीं है, बल्कि यह उनकी सेवाओं और बलिदानों की न्यायसंगत स्वीकृति है, जो उनकी विकलांगता या बीमारियों के रूप में सामने आती है।जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस शालिंदर कौर की खंडपीठ ने कहा कि विकलांगता पेंशन देने का लाभ उदारतापूर्वक व्याख्यायित किया जाना चाहिए और पात्र लाभार्थियों को दिया जाना चाहिए।कोर्ट ने कहा,"यह पेंशन सुनिश्चित करती है कि वह सैनिक, जो सेवा शर्तों के कारण घायल या विकलांग होता है,...