केवल केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए जारी OBC प्रमाणपत्र दिल्ली सरकार की नौकरियों में आरक्षण के लिए मान्य नहीं : दिल्ली हाईकोर्ट
Amir Ahmad
5 July 2025 12:04 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि किसी व्यक्ति को पिछड़ा वर्ग प्रमाणपत्र (OBC सर्टिफिकेट) केवल केंद्र सरकार की नौकरियों में आवेदन के लिए जारी किया गया तो उस प्रमाणपत्र के आधार पर दिल्ली सरकार की नौकरियों में आरक्षण का दावा नहीं किया जा सकता।
जस्टिस सी. हरि शंकर और जस्टिस अजय दिगपाल की खंडपीठ दिल्ली सरकार की उस अपील पर सुनवाई कर रही थी, जो CAT के आदेश के खिलाफ दायर की गई। CAT ने उम्मीदवार ज्योति को आरक्षण का लाभ देने का आदेश दिया था। ज्योति उत्तर प्रदेश की नाई जाति से हैं जिसे वहां OBC वर्ग में माना गया।
ज्योति ने दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड द्वारा स्वास्थ्य विभाग में निकली भर्ती में आवेदन किया था। उन्होंने लिखित परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी लेकिन उनका आवेदन इसलिए खारिज कर दिया गया, क्योंकि उनका OBC प्रमाणपत्र दिल्ली में मान्य नहीं है।
CAT ने GNCTD बनाम ऋषभ मलिक (2019) मामले का हवाला देते हुए ज्योति को राहत दी थी। लेकिन हाईकोर्ट में दिल्ली सरकार ने कहा कि ऋषभ मलिक के पास दिल्ली का OBC प्रमाणपत्र भी है, जबकि ज्योति के पास ऐसा कोई प्रमाणपत्र नहीं है।
कोर्ट ने पाया कि ज्योति का OBC प्रमाणपत्र केवल "भारत सरकार की नौकरियों में नियुक्ति के लिए आवेदन हेतु" जारी किया गया, जबकि विज्ञापन दिल्ली सरकार के पदों के लिए है।
कोर्ट ने कहा,
“यह पद केंद्र सरकार के नहीं बल्कि GNCTD के अधीन हैं, इसलिए 12 जुलाई 2017 को जारी OBC प्रमाणपत्र उम्मीदवार के किसी काम का नहीं है।”
कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रमाणपत्र ज्योति के पिता को उत्तर प्रदेश में जारी OBC प्रमाणपत्र के आधार पर बनाया गया, जबकि विज्ञापन की शर्तों के अनुसार प्रमाणपत्र दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग द्वारा जारी होना चाहिए था। परिवार के सदस्य को दिल्ली में OBC प्रमाणपत्र मिला होना चाहिए।
कोर्ट ने सरकार की अपील को स्वीकार कर लिया और कहा,
“भर्ती प्रक्रियाओं में विज्ञापन की शर्तों का कड़ाई से पालन आवश्यक है। अदालत खुद से निष्पक्षता या समानता के आधार पर शर्तों में ढील नहीं दे सकती, क्योंकि इससे अन्य उम्मीदवारों के साथ अन्याय होगा।”
केस टाइटल: GNCTD बनाम ज्योति