कन्हैया लाल हत्याकांड पर बनी फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' की रिलीज के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचा जमीयत उलेमा-ए-हिंद
Shahadat
8 July 2025 10:26 AM IST

दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई, जिसमें नफरत फैलाने वाले भाषण और सांप्रदायिक सद्भाव के आधार पर 11 जुलाई को सिनेमाघरों में आने वाली फिल्म “उदयपुर फाइल्स” की रिलीज पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी द्वारा दायर याचिका में फिल्म को सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए सीबीएफसी द्वारा दिए गए प्रमाण पत्र को भी चुनौती दी गई।
यह प्रस्तुत किया गया कि फिल्म का ट्रेलर ऐसे संवादों और उदाहरणों से भरा हुआ है, जो सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा देते हैं। इसलिए इसमें फिर से “उसी सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने” की क्षमता है।
याचिका में कहा गया,
"फिल्म, जिसे 2022 में कन्हैया लाल नामक व्यक्ति की हत्या की कहानी बताया जा रहा है, वास्तव में अदालती दृश्यों, मामले में एक पक्ष का समर्थन करने वाले एक मौजूदा मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए बयान और एक राजनेता - नूपुर शर्मा द्वारा दिए गए विवादास्पद बयान का स्पष्ट रूप से उल्लेख करती है, जिसके परिणामस्वरूप सांप्रदायिक हिंसा हुई और बदले में कन्हैया लाल की भीषण हत्या हुई।"
इसमें कहा गया कि ट्रेलर में पूरे समुदाय को पक्षपातपूर्ण तरीके से चित्रित करने का प्रयास किया गया, जो उक्त समुदाय के सदस्यों के सम्मान के साथ जीने के अधिकार का उल्लंघन करता है।
याचिका में कहा गया,
"इस बात पर जोर दिया जाता है कि फिल्म का ट्रेलर और इसके बाद आने वाली फिल्म में भी वही सामग्री (पैगंबर मोहम्मद पीबीयूएच के खिलाफ टिप्पणी) दिखाई गई, जो नूपुर शर्मा ने कही थी, जिसके परिणामस्वरूप देश भर में सांप्रदायिक अशांति फैल गई और उनके खिलाफ कई FIR दर्ज की गईं।"
इसके अलावा, दलील यह भी है कि फिल्म की रिलीज से सांप्रदायिक तनाव भड़कने और सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करने की क्षमता है, जिसके परिणामस्वरूप पूरे धार्मिक समुदाय को बदनाम किया जा सकता है।
इसमें यह भी कहा गया कि कलात्मक अभिव्यक्ति, चाहे कितनी भी विचारोत्तेजक क्यों न हो, उसे भाईचारे को कुचलने और संविधान में निहित राष्ट्र की नैतिक नींव को उखाड़ फेंकने का साधन बनने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
फिल्म की रिलीज पर प्रतिबंध लगाने की मांग के अलावा, याचिका में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय को सभी डिजिटल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से ट्रेलर को हटाने के लिए तत्काल उपाय करने का निर्देश देने की भी मांग की गई।
केस टाइटल: मौलाना अरशद मदनी बनाम भारत संघ और अन्य।

