दिल्ली हाईकोर्ट
गैर-कानूनी क्रिकेट बेटिंग से मिली प्रॉपर्टी 'क्राइम से हुई कमाई', ED इसे अटैच कर सकता है: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने माना कि हालांकि क्रिकेट बेटिंग प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 के तहत कोई अलग अपराध नहीं है, लेकिन ऐसी गैर-कानूनी गतिविधियों से हुई प्रॉपर्टी को एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) अटैच कर सकता है।जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की डिवीजन बेंच ने कहा कि PMLA की धारा 2(1)(u), जो क्राइम से हुई कमाई को बताता है, का दायरा बहुत बड़ा है।खंडपीठ ने कहा,"भले ही कोई डाउनस्ट्रीम एक्टिविटी, जैसे बेटिंग करना, कोई शेड्यूल्ड अपराध न हो, ऐसी एक्टिविटी से हुआ प्रॉफिट असली...
गलत कानूनी सलाह के आधार पर यात्री को उपायहीन नहीं छोड़ा जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट, गोल्ड ज़ब्ती पर समय-सीमा पार अपील की अनुमति
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में थाईलैंड से लौटे एक यात्री को सीमा शुल्क विभाग द्वारा ज़ब्त की गई सोने की चेन के खिलाफ समय-सीमा पार अपील (time-barred appeal) दाखिल करने की अनुमति दी है।यात्री जुलाई 2023 से अपनी सोने की चेन की निरंतर हिरासत को चुनौती दे रहा था। उसका कहना था कि कस्टम अधिकारियों ने उससे एक प्री-प्रिंटेड फॉर्म पर हस्ताक्षर करवा लिए, जिसमें शो-कॉज़ नोटिस और व्यक्तिगत सुनवाई की छूट (waiver) थी, और बाद में उसकी चेन को स्थायी रूप से ज़ब्त कर ₹60,000 का जुर्माना लगा दिया गया।...
₹1.95 करोड़ GST विवाद में गैरहाजिर रहने पर महिला पर ₹1 लाख जुर्माना: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कस्टम विभाग को निर्देश दिया है कि वह एक 70 वर्षीय महिला को व्यक्तिगत सुनवाई (Personal Hearing) का एक और अवसर प्रदान करे, जो अपने फर्म के खिलाफ लगाए गए ₹1,95,11,160 की मांग पर उपस्थित नहीं हो सकी थी। यह महिला एलपीजी (घरेलू व वाणिज्यिक) की डीलरशिप चलाने वाली फर्म की एकमात्र स्वामित्व (sole proprietor) हैं, जिनका समझौता हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ 10 वर्षों के लिए किया गया है।मामला तब शुरू हुआ जब विभाग ने GST रिटर्न में पाई गई विसंगतियों के संबंध में नोटिस...
नेचुरल जस्टिस का उल्लंघन: GST डिमांड के खिलाफ व्यक्तिगत सुनवाई के लिए एक दिन का नोटिस देने पर दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि प्रस्तावित GST डिमांड के संबंध में व्यक्तिगत सुनवाई में शामिल होने के लिए किसी असेसी को सिर्फ एक दिन का नोटिस देना नेचुरल जस्टिस का उल्लंघन है।यह बात जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और सौरभ बनर्जी की डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ता फर्म की उस अपील को खारिज करने के खिलाफ चुनौती पर सुनवाई करते हुए कही, जिसमें देरी के कारण अपील को खारिज कर दिया गया था।यह डिमांड कुछ कम पेमेंट और इनपुट टैक्स क्रेडिट में अंतर के साथ-साथ GSTR-I (मासिक/तिमाही रिटर्न) और GSTR-3B (समरी रिटर्न) में रिपोर्ट की...
बिना मांगी रिश्वत ठुकराना भी उकसाने का अपराध: सरकारी कर्मचारी को ऑफर देने पर होगी सज़ा: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि किसी सरकारी कर्मचारी को रिश्वत की बिना मांगी पेशकश करना भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 12 के तहत दंडनीय उकसाने का अपराध है, भले ही पहले कोई मांग की गई हो या बाद में उसे स्वीकार किया गया हो।जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने कहा,“PC एक्ट के पीछे कानून बनाने वालों का मकसद भ्रष्टाचार के खिलाफ कानूनों को मजबूत करना और उन्हें एक साथ लाना था। यह मानना कि रिश्वत की पेशकश तब तक अपराध नहीं है जब तक उसे स्वीकार न कर लिया जाए यह कानून के मकसद को ही खत्म कर देगा। रिश्वत देने का काम एक...
तय समय के अंदर रिजेक्ट न होने पर वॉलंटरी रिटायरमेंट अपने आप मंज़ूर माना जाएगा, बाद में टेक्निकल इस्तीफ़े की मांग गलत: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस सी. हरि शंकर और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने कहा कि अगर तय समय के अंदर वॉलंटरी रिटायरमेंट को साफ़ तौर पर रिजेक्ट नहीं किया जाता है तो उसे अपने आप मंज़ूर मान लिया जाएगा। बाद में टेक्निकल इस्तीफ़े की कोई भी मांग पहले से लागू हो चुके रिटायरमेंट को खत्म नहीं कर सकती।मामले के तथ्यकर्मचारी इंडियन कोस्ट गार्ड में प्रधान सहायक इंजीनियर के तौर पर काम कर रहा था। 2016 में उसने UPSC के ज़रिए डायरेक्टरेट जनरल ऑफ़ एरोनॉटिकल क्वालिटी एश्योरेंस (DGAQA) में सीनियर साइंटिफिक...
दिल्ली हाईकोर्ट ने 'Aaj Tak' मार्क को बचाया, न्यूज़ एजेंसियों को सोर्स कोड और मेटा टैग में इसका इस्तेमाल करने से रोका
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अमर उजाला और न्यूज़18 को अपनी वेबसाइट के सोर्स कोड या मेटा टैग के तौर पर ट्रेडमार्क 'Aaj Tak' का इस्तेमाल करने से रोक दिया, क्योंकि दोनों कंपनियों ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने पहले ही उल्लंघन करने वाले लिंक हटा दिए और आज तक न्यूज़ ब्रांड के मालिक लिविंग मीडिया इंडिया लिमिटेड द्वारा दायर ट्रेडमार्क केस में कोई विरोध नहीं करना चाहतीं।जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की सिंगल बेंच ने दोनों मीडिया हाउस के खिलाफ आदेश जारी किया, जिसमें उन्होंने यह वादा किया कि वे सोर्स...
जज को ₹50,000 रिश्वत देने के मामले में दिल्ली पुलिस कर्मी की सजा बरकरार, दो आरोपियों को हाईकोर्ट ने बरी किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में वर्ष 2021 की उस सजा को बरकरार रखा है, जिसमें दिल्ली पुलिस के पूर्व एएसआई तारा दत्त को तिस हज़ारी कोर्ट के एक जज को ₹50,000 रिश्वत की पेशकश करने का दोषी ठहराया गया था। यह रिश्वत कथित रूप से सह–अभियुक्त मुकुल कुमार को दिल्ली जिला न्यायालयों में चपरासी की नौकरी दिलाने के लिए दी जा रही थी।हालाँकि, जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने तारा दत्त को आपराधिक साज़िश (धारा 120B IPC) के आरोप से बरी कर दिया। इसके साथ ही मुकुल कुमार और उसके पिता रमेश कुमार को भी आरोपों से मुक्त कर दिया...
शिकायत दर्ज करने में देरी सीनियर सिटीजन एक्ट के तहत राहत देने से इनकार करने का आधार नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि शिकायत दर्ज करने में देरी सीनियर सिटीजन एक्ट 2007 के तहत सीनियर सिटीजन को राहत देने से इनकार करने का आधार नहीं है।जस्टिस सचिन दत्ता ने कहा कि अगर कोई सीनियर सिटीजन तय कानूनी तरीके से शिकायत दर्ज करने में जल्दबाजी नहीं करता या तुरंत कार्रवाई नहीं करता है तो यह उस सीनियर सिटीजन को उस कानून से मिलने वाले अधिकारों से वंचित करने का आधार नहीं है।कोर्ट ने कहा,"हो सकता है कि किसी खास मामले में कोई सीनियर सिटीजन अपने बच्चों के हाथों उत्पीड़न झेलता रहे और इस उम्मीद में कुछ समय...
AIIMS भारतीय जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों को स्टाइपेंड देने के लिए बाध्य है, विदेशी PG स्टूडेंट्स को नहीं: हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) भारतीय जूनियर रेजिडेंट्स को स्टाइपेंड देने के लिए बाध्य है, न कि विदेशी पोस्टग्रेजुएट मेडिकल ट्रेनी को।जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की डिवीजन बेंच ने कहा कि AIIMS को ऐसे पेमेंट उन घरेलू स्टूडेंट्स को प्राथमिकता के आधार पर करने चाहिए, जो भारतीय टैक्सपेयर्स के फंड के लाभार्थी हैं और जिनसे राष्ट्रीय हेल्थकेयर सिस्टम में योगदान करने की उम्मीद है।कोर्ट ने कहा,"विदेशी/स्पॉन्सर्ड स्टूडेंट्स को ऐसे फायदे देना...
PMLA के तहत ED की तलाशी सिर्फ शिकायत में नामजद लोगों तक ही सीमित नहीं, इसमें अपराध से मिले पैसे रखने वाले लोग भी शामिल हैं: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को साफ किया कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की धारा 17 प्रवर्तन निदेशालय (ED) को सिर्फ उन लोगों के ठिकानों पर तलाशी लेने तक सीमित नहीं करती, जिनका नाम प्रॉसिक्यूशन शिकायत में है।जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस मनोज जैन की डिवीजन बेंच ने कहा कि तलाशी का प्रावधान उन लोगों पर भी लागू होता है, जिनके पास अपराध से मिले पैसे हैं। फिर भी उन पर किसी शेड्यूल्ड अपराध या मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध का आरोप नहीं है।कोर्ट ने कहा कि PMLA की धारा 17 यह नहीं कहती कि तलाशी सिर्फ...
कैश फॉर क्वेरी प्रकरण : लोकपाल द्वारा CBI को मंज़ूरी के खिलाफ महुआ मोइत्रा की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखा, अंतरिम राहत नहीं
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा द्वारा दायर उस याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया, जिसमें उन्होंने लोकपाल द्वारा CBI को चार्जशीट दाखिल करने की मंज़ूरी देने के आदेश को चुनौती दी है। हालाँकि अदालत ने अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया।जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने कहा कि सभी पक्षों की दलीलें सुन ली गई हैं और निर्णय सुरक्षित रखा जा रहा है।अदालत ने यह निर्णय मोइत्रा CBI और शिकायतकर्ता निशिकांत दुबे की ओर से विस्तृत बहस सुनने के...
आप सुप्रीम कोर्ट क्यों नहीं जाते: हाईकोर्ट ने दिल्ली दंगों को लेकर SIT जांच और नेताओं के खिलाफ FIR की मांग करने वाले पक्षकारों से पूछा
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को 2020 के उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों की स्वतंत्र SIT जांच कथित हेट स्पीच के लिए नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज करने और दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली याचिकाओं के एक बैच पर 11 दिसंबर को सुनवाई के लिए लिस्ट किया।जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस मनोज जैन की डिवीजन बेंच ने पार्टियों से पूछा कि वे सुप्रीम कोर्ट क्यों नहीं जा सकते और वहां पेंडिंग एक मामले में इम्पलीडमेंट एप्लीकेशन क्यों नहीं फाइल कर सकते, जो उसी मटेरियल और तथ्यों पर आधारित है।याचिकाकर्ताओं में...
जांच का आदेश देने से पहले लोकपाल को सरकारी कर्मचारी की बात सुननी होगी: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि भारत का लोकपाल, लोकपाल और लोकायुक्त एक्ट 2013 के तहत अपनी शक्तियों के अनुसार, किसी सरकारी कर्मचारी को सुनवाई का मौका दिए बिना उसके खिलाफ जांच का आदेश नहीं दे सकता।जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की डिवीजन बेंच ने कहा,“सेक्शन 20 का कानूनी ढांचा इस बात में कोई शक नहीं छोड़ता कि जांच से पहले और जांच के बाद सुनवाई का मौका देना ज़रूरी है।”इसमें आगे कहा गया,“सेक्शन 20(3) में साफ तौर पर यह कहा गया कि जानकार लोकपाल संबंधित सरकारी कर्मचारी को सुनवाई का मौका...
'गंभीर सामाजिक खतरा': दिल्ली हाईकोर्ट ने इंटर-स्टेट चाइल्ड ट्रैफिकिंग के आरोप में गिरफ्तार महिलाओं की बेल कैंसिल की
दिल्ली हाईकोर्ट ने दो महिलाओं की बेल कैंसिल की, जिन पर आरोप है कि वे बड़े पैमाने पर इंटर-स्टेट चाइल्ड ट्रैफिकिंग रैकेट में शामिल थीं, जो पैसे के फायदे के लिए नए जन्मे बच्चों की खरीद-फरोख्त में मदद करती थीं।जस्टिस अजय दिगपॉल ने कहा,“कथित अपराध गंभीर और घिनौने हैं, जिनमें नए जन्मे बच्चों की ट्रैफिकिंग शामिल है, जो न केवल बच्चों के अधिकारों और सम्मान को खतरे में डालता है, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी कमजोर करता है। ऐसे अपराधों को पब्लिक ऑर्डर और समाज की नैतिक सोच के लिए गंभीर खतरा माना जाता...
पत्नी के देर से लगाए गए क्रिमिनल आरोप, पति के लगातार क्रूरता के सबूतों से ज़्यादा भारी नहीं हो सकते: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि पत्नी के देर से लगाए गए क्रिमिनल आरोप, पति के लगातार क्रूरता के सबूतों को कम नहीं कर सकते या उनसे ज़्यादा भारी नहीं हो सकते।जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिस रेणु भटनागर की डिवीजन बेंच ने फैमिली कोर्ट का आदेश रद्द कर दिया, जिसमें पत्नी की क्रूरता के आधार पर शादी तोड़ने की पति की अर्जी खारिज कर दी गई थी।उसका मामला यह था कि पत्नी ने उसके साथ क्रूरता की, यह दावा करते हुए कि— वह उसके बूढ़े माता-पिता से अलग रहने पर ज़ोर देती थी, अपने नाम पर एक नया घर मांगती थी, अपनी सास के...
सिविल केस में मिली राशि को चेक बाउंस मुआवजे में समायोजित किया जा सकता है: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने चेक बाउंस मामले में दोषी ठहराए गए एक व्यक्ति को बड़ी राहत देते हुए यह स्पष्ट किया है कि सिविल मुकदमे में वसूली गई रकम को आपराधिक कार्यवाही में देय मुआवजे के खिलाफ समायोजित किया जा सकता है, बशर्ते दोनों कार्यवाही एक ही चेक dishonour से संबंधित हों।जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की एकल-न्यायाधीश खंडपीठ ने कहा कि जैसे दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 357(5) आपराधिक मुकदमे में दी गई राशि को बाद की सिविल कार्यवाही में समायोजित करने की अनुमति देती है, वैसे ही इसका उल्टा भी किया जा सकता...
S. 319 CrPC | कॉग्निजेंस स्टेज पर जिस संदिग्ध को समन नहीं किया गया, उसे उसी मटेरियल के आधार पर बाद में समन नहीं किया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह साफ किया कि एक बार जब किसी अपराध का कॉग्निजेंस ले लिया जाता है और चार्जशीट के कॉलम नंबर 12 (संदिग्ध) में रखे गए आरोपी को समन नहीं किया जाता है तो उसे रिकॉर्ड पर कोई अतिरिक्त सबूत न होने पर बाद में समन नहीं किया जा सकता।जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने कहा,“CrPC की धारा 319 कोर्ट को कॉलम नंबर 12 में रखे गए आरोपी को बाद में समन करने का अधिकार देता है लेकिन सवाल यह है कि यह पावर किस स्टेज पर और किन परिस्थितियों में इस्तेमाल की जा सकती है। कोर्ट CrPC की धारा 319 के तहत अपनी पावर का...
व्यापार के लिए उपयोग की गई संपत्ति पर विवाद, आवासीय क्षेत्र में होने के बावजूद व्यावसायिक विवाद माना जाएगा: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला दिया कि अगर कोई संपत्ति वास्तव में व्यापार या दुकान चलाने के लिए इस्तेमाल हो रही है, तो उस संपत्ति से जुड़ा विवाद कॉमर्शियल कोर्ट्स एक्ट, 2015 के तहत व्यावसायिक विवाद माना जाएगा—भले ही वह जगह नगरपालिका रिकॉर्ड में आवासीय क्षेत्र में आती हो।मामले में TCNS क्लोदिंग कंपनी ने महिपालपुर में एक जगह रिटेल गारमेंट शो-रूम चलाने के लिए लीज पर ली थी। जगह को 2018 में नगर निगम ने अनधिकृत व्यावसायिक उपयोग बताकर सील कर दिया, जिसके बाद कंपनी ने लीज खत्म कर ₹7.6 लाख की सुरक्षा राशि वापस...
दिल्ली हाईकोर्ट ने राज शमानी के पर्सनैलिटी राइट्स की रक्षा के लिए जॉन डो ऑर्डर पास किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने पॉडकास्टर राज शमानी के पर्सनैलिटी राइट्स की रक्षा के लिए एक जॉन डो ऑर्डर पास किया। कोर्ट ने कहा कि वह भारत में, खासकर कंटेंट क्रिएशन के क्षेत्र में जाना-माना चेहरा हैं।जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने कहा कि शमानी ने अपने सफल करियर में अच्छी पहचान और इज्जत कमाई है और पहली नज़र में उन्हें अपनी पर्सनैलिटी से जुड़े पब्लिसिटी राइट्स मिले हुए हैं, जो उनका एक कीमती अधिकार है।कोर्ट ने कहा,"पहली नज़र में वादी नंबर 1 की पर्सनैलिटी की खासियतें और/या उसके हिस्से, जिसमें वादी का नाम,...


















