RRTS महत्वपूर्ण सार्वजनिक अवसंरचना परियोजना': दिल्ली हाईकोर्ट ने सराय काले खां में कियोस्क को ध्वस्त करने में हस्तक्षेप करने से किया इनकार

Amir Ahmad

10 May 2025 11:16 AM IST

  • RRTS महत्वपूर्ण सार्वजनिक अवसंरचना परियोजना: दिल्ली हाईकोर्ट ने सराय काले खां में कियोस्क को ध्वस्त करने में हस्तक्षेप करने से किया इनकार

    दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार (08 मई) को क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) परियोजना के हिस्से के रूप में मेट्रो रेल स्टेशन के विकास के लिए सराय काले खां में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) द्वारा किए जा रहे तहबाजारी स्थलों (कियोस्क) को ध्वस्त करने में हस्तक्षेप करने से इनकार किया।

    जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस रजनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने कहा कि RRTS 'महत्वपूर्ण अवसंरचना परियोजना' है और चूंकि तहबाजारी स्वयं अस्थायी प्रकृति की है, इसलिए विकास गतिविधि को रोका नहीं जा सकता।

    उन्होंने कहा,

    "इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि तहबाजारी स्वयं अस्थायी है और RRTS परियोजना सार्वजनिक हित में परियोजना है, याचिकाकर्ता यह तर्क नहीं दे सकते कि उन्हें बेदखल नहीं किया जा सकता।"

    यह याचिका तहबाजारी स्थलों पर स्टॉल लगाने वालों की ओर से दायर की गई थी, जो दिल्ली नगर निगम द्वारा उन्हें आवंटित किए गए बताए गए थे।

    याचिकाकर्ताओं का मामला यह था कि NCRTC ने याचिकाकर्ताओं को उनके सामान हटाने के लिए केवल दो दिन का समय देने के बाद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी, जिससे प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन हुआ।

    याचिकाकर्ताओं ने तहबाजारी स्थलों को स्थानांतरित करने की भी मांग की, क्योंकि उनके पास 31 मार्च, 2026 तक वैध तहबाजारी आवंटन है।

    NCRTC का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने RRTC परियोजना के सार्वजनिक महत्व पर जोर दिया और प्रस्तुत किया कि आगे की पुनर्विकास प्रक्रिया शुरू करने के लिए याचिकाकर्ताओं के खोखे को ध्वस्त करना आवश्यक है।

    दिल्ली नगर निगम की ओर से पेश वकील ने भी याचिका का विरोध करते हुए कहा कि तहबाजारी अपने आप में अस्थायी प्रकृति की है।

    न्यायालय के अभिलेख में विचाराधीन स्थल की तस्वीरों को देखने के बाद खंडपीठ ने कहा,

    “विकास कार्य दुकान के आसपास ही किया जा रहा है। वास्तव में याचिकाकर्ताओं के खोखे विकास के आड़े आ रहे है याचिकाकर्ताओं को शनिवार शाम 5:00 बजे तक तहबाजारी स्थलों पर मौजूदा खोखों से अपना सामान हटा लेना चाहिए।"

    जहां तक ​​तहबाजारी के लिए वैकल्पिक स्थल की प्रार्थना का सवाल है, न्यायालय ने प्रतिवादियों से दो महीने के भीतर निर्णय लेने को कहा।

    केस टाइटल: नीरज गुप्ता एवं अन्य बनाम एमसीडी एवं अन्य।

    Next Story