दिल्ली हाईकोर्ट
जीवित जन्म लेने पर व्यवहार्य भ्रूण के अधिकारों के लिए कोई कानून नहीं, कानून निर्माताओं को इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि कानून को व्यवहार्यता के स्तर पर मातृ स्वायत्तता और भ्रूण के अधिकारों के बीच संतुलन को स्पष्ट रूप से रेखांकित करना चाहिए।जस्टिस अरुण मोंगा ने कहा कि वैधानिक सीमा से परे टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी करने के मामलों की बढ़ती संख्या के साथ भ्रूण की व्यवहार्यता का प्रश्न गर्भपात न्यायशास्त्र में काफी महत्वपूर्ण हो गया।अदालत ने कहा,"कानून को व्यवहार्यता के स्तर पर मातृ स्वायत्तता और भ्रूण के अधिकारों के बीच संतुलन को स्पष्ट रूप से रेखांकित करना चाहिए। निस्संदेह, जब तक...
दिल्ली हाईकोर्ट ने नए डेंटल कॉलेज खोलने के लिए राज्य सरकार की NOC अनिवार्य करने वाला नियम बरकरार रखा
दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय दंत चिकित्सा परिषद (नए डेंट कॉलेजों की स्थापना, नए या हायर रिसर्च या ट्रेनिंग कोर्स शुरू करना और डेंटल कॉलेजों में एडमिशन क्षमता में वृद्धि) विनियम, 2006 के खंड 6(2)(ई) के प्रभाव को बरकरार रखा, जो नए डेंटल कॉलेजों की स्थापना, नए रिसर्च कोर्स आदि की अनुमति से संबंधित है।उल्लेखनीय है कि ये विनियम डेंटल एक्ट, 1948 की धारा 20 में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय दंत चिकित्सा परिषद द्वारा तैयार किए गए ।विनियम 6 पात्रता और अर्हता मानदंडों से संबंधित है।विनियम 6(2) में...
गंभीर अपराधों में जब साक्ष्य अभियुक्त को अपराध से जोड़ते हों तो ट्रायल में देरी अपने आप में ज़मानत का आधार नहीं हो सकती: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि अभियुक्त के शीघ्र मुकदमे का अधिकार, हालांकि पवित्र है, मगर उन मामलों में कम नहीं किया जा सकता, जहां अभियुक्त के विरुद्ध दोष सिद्ध होने के पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हों।जस्टिस रविंदर दुदेजा ने कहा,"मुकदमे में देरी, हालांकि खेदजनक है, अपने आप में गंभीर और जघन्य अपराधों से जुड़े मामलों में ज़मानत का आधार नहीं है। खासकर जहां साक्ष्य अभियुक्त को अपराध से जोड़ते हों।"पीठ एक "भाड़े के हत्यारे" द्वारा दायर ज़मानत याचिका पर विचार कर रही थी। उसके बारे में कहा गया कि उसने पीड़िता को...
गृहिणी के प्रयासों से पति की संपत्ति बनती है, पर स्वामित्व अधिकार देने का कानून नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि इस समय गृहिणियों द्वारा घर, परिवार और बच्चों की देखभाल में किए गए योगदान को मान्यता देने के लिए कोई वैधानिक आधार मौजूद नहीं है। ऐसे योगदान अक्सर “छिपे हुए और कम आंके गए” रहते हैं, इसलिए इन आधारों पर न तो स्वामित्व अधिकार तय किए जा सकते हैं और न ही इनके मूल्य का आकलन किया जा सकता है।जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने कहा, “शायद भविष्य में विधायिका ऐसे कदम उठाए जिससे गृहिणियों के योगदान को अर्थपूर्ण ढंग से दर्शाया जा सके और उनके अधिकारों...
दिल्ली हाईकोर्ट का एयर इंडिया यात्री पर सख्त रुख, आक्रामक व्यवहार के आरोप में नए सिरे से आरोप तय करने का आदेश
दिल्ली हाईकोर्ट ने एयर इंडिया की उड़ान में आक्रामक और अभद्र व्यवहार के आरोपी एक व्यक्ति के खिलाफ नए सिरे से आरोप तय करने का आदेश दिया। आरोपी पर चालक दल को धमकाने और उड़ान के दौरान विमान का दरवाजा खोलने की कोशिश करने का भी आरोप है।जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने आरोपी हार्वे मान की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। मान ने अपने खिलाफ तय किए गए आरोपों को चुनौती दी। कोर्ट ने पाया कि अभियोजन पक्ष ने जिन तीन लोगों को गवाह के रूप में नामित किया, उनके बयान दर्ज ही नहीं किए गए।कोर्ट ने कहा कि ट्रायल...
दिल्ली हाईकोर्ट ने लॉ रिसर्चर के वेतन पर राज्य सरकार से मांगा जवाब, पूछा- 2022 से बढ़ा हुआ वेतन क्यों नहीं?
दिल्ली हाईकोर्ट ने लॉ रिसर्चर के मासिक वेतन में बढ़ोतरी को लेकर राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा किया। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से सवाल किया कि वह 1 अक्टूबर 2022 से लागू होने वाले बढ़े हुए वेतन को क्यों नहीं दे रही, जबकि इस पर हाई कोर्ट की समिति और चीफ जस्टिस की मंजूरी मिल चुकी है।जस्टिस प्रतिभा एम सिंह और जस्टिस रजनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ 13 लॉ रिसर्चर्स द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इन रिसर्चर्स ने अपने मासिक वेतन को 65,000 रुपये से बढ़ाकर 80,000 रुपये करने के साथ-साथ बकाया राशि की भी...
धर्मों का मज़ाक उड़ाने या नफरत फैलाने वाली फिल्मों को सर्टिफिकेट नहीं दिया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी भी फिल्म को सर्टिफिकेट नहीं दिया जा सकता अगर वह धर्मों का मज़ाक उड़ाती हो, नफरत फैलाती हो या समाज की शांति बिगाड़ती हो।कोर्ट ने क्या कहा?जस्टिस मनीष प्रीतम सिंह अरोड़ा ने कहा कि अगर कोई फिल्म यह दिखाती है कि कानून हाथ में लेना सही है और उसका महिमामंडन करती है, तो यह लोगों के कानून पर भरोसे को कमजोर कर सकती है। उन्होंने कहा कि जब ऐसी सोच को हत्या और नरभक्षण (Cannibalism) जैसे खौफनाक दृश्यों के साथ दिखाया जाता है, तो यह समाज की शांति और सुरक्षा के लिए खतरनाक है। ...
दिल्ली हाईकोर्ट ने अभिषेक बच्चन के व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा की; नाम, तस्वीर और आवाज़ के बिना अनुमति उपयोग पर रोक
दिल्ली हाईकोर्ट ने बॉलीवुड अभिनेता अभिषेक बच्चन के व्यक्तित्व अधिकारों (Personality Rights) की रक्षा करते हुए बड़ा आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि कोई भी व्यक्ति या कंपनी बिना उनकी अनुमति उनके नाम, फोटो, आवाज़ या अन्य पहचान से जुड़ी चीजों का इस्तेमाल पैसे कमाने या प्रचार के लिए नहीं कर सकती।कोर्ट ने क्या कहा? जस्टिस तेजस कारिया ने कहा कि नई तकनीक (जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डीपफेक, फेस मॉर्फिंग आदि) का इस्तेमाल करके अभिषेक बच्चन को गलत, भ्रामक या अपमानजनक तरीके से दिखाना उनकी निजता के अधिकार का...
फैक्ट्रियों का गंदा पानी यमुना में मिल रहा, दिल्ली हाईकोर्ट ने DPCC से सुधारात्मक कदमों पर जवाब मांगा
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार (11 सितंबर) को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) को निर्देश दिया कि वह अदालत के सामने सभी औद्योगिक क्षेत्रों का पूरा चार्ट रखे और यह बताए कि फैक्ट्रियों व उद्योगों से निकलने वाले अपशिष्ट के उपचार की नियमित निगरानी के लिए वह क्या कदम उठा रही है।अदालत ने आगे समिति को अगली तारीख पर पेश होने और उस विशेष समिति की रिपोर्ट पर अपनी दलीलें रखने का आदेश दिया, जिसने शहर के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STPs) का निरीक्षण किया था। रिपोर्ट के अनुसार, ज्यादातर फैक्ट्रियां सीवेज सीधे...
दिल्ली हाईकोर्ट ने ऐश्वर्या राय बच्चन के व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा की, कहा- बिना अनुमति उपयोग निजता का उल्लंघन
दिल्ली हाईकोर्ट ने बॉलीवुड अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन के व्यक्तित्व अधिकारों (Personality Rights) की रक्षा करते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति के व्यक्तिगत गुणों का बिना अनुमति शोषण (exploitation) उसके निजता के अधिकार का उल्लंघन है और उसके साथ गरिमा के साथ जीने के अधिकार को भी प्रभावित करता है।जस्टिस तेजस करिया ने विभिन्न संस्थाओं को अभिनेत्री के नाम और तस्वीरों सहित उनके व्यक्तिगत गुणों का दुरुपयोग करने से रोक दिया। कोर्ट ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी तकनीक का इस्तेमाल करके उनके नाम...
प्रक्रिया न्याय की दासी, इसे मूल अधिकारों के नाम पर पराजित नहीं किया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि प्रक्रिया न्याय की दासी है और तकनीकी पहलुओं को पक्षकारों के मूल अधिकारों का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। हालांकि, मूल अधिकारों के नाम पर प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं को नष्ट नहीं किया जा सकता।जस्टिस गिरीश कठपालिया ने कहा, "मूल अधिकारों का दावा और प्रदानीकरण भी कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए किया जाना चाहिए...यदि इसका पालन नहीं किया गया तो दीवानी प्रक्रिया के संहिताकरण का पूरा उद्देश्य ही निरर्थक हो जाएगा।"पीठ ICAR...
स्टूडेंट आत्महत्याएं अधिक हो रही हैं, एक एक्टिव एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन अत्यंत आवश्यक: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि स्टूडेंट्स की आत्महत्याएं लगातार बढ़ रही हैं। इसे रोकने के लिए एक उचित, एक्टिव और प्रभावी एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन की तत्काल आवश्यकता है। चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस अनीश दयाल की खंडपीठ ने कहा कि इस प्रक्रिया में कोई देरी नहीं होनी चाहिए ताकि हम इस खतरे से और अधिक युवा जीवन न खो दें।अदालत ने कहा कि वह स्टूडेंट आत्महत्याओं के मुद्दे को लेकर बहुत चिंतित है, जो कि बार-बार हो रही हैं। यह मुद्दा पहले ही सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अमित कुमार और अन्य बनाम भारत संघ मामले में...
कर्मचारी अंशदान का भुगतान आयकर अधिनियम के बजाय ESE/EPF Act के तहत नियत तिथि तक किया जाना चाहिए: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि कोई नियोक्ता अपने ट्रस्ट में रखे गए भविष्य निधि या नियोक्ता राज्य बीमा निधि में कर्मचारियों के अंशदान पर कटौती का दावा तभी कर सकता है, जब वह संबंधित श्रम कानून के तहत निर्धारित वैधानिक नियत तिथि पर या उससे पहले यह राशि जमा कर दे।आयकर अधिनियम, 196 की धारा 36(1)(va) कर्मचारियों के अंशदान से संबंधित है। यह प्रावधान करता है कि करदाता द्वारा अपने किसी भी कर्मचारी से प्राप्त किसी भी राशि पर कटौती की अनुमति तभी दी जाएगी, जब वह राशि करदाता द्वारा संबंधित निधि या निधियों में...
उच्च शिक्षित और नौकरीपेशा होने के बावजूद पत्नी को भरण-पोषण से वंचित नहीं किया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि केवल इस आधार पर कि पत्नी उच्च शिक्षित है और नौकरी कर रही है, उसे हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 24 के तहत भरण-पोषण (Maintenance) से वंचित नहीं किया जा सकता।जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस रेनू भटनागर की खंडपीठ ने कहा कि इस प्रावधान का उद्देश्य पति-पत्नी के जीवन स्तर में समानता सुनिश्चित करना है, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर जीवनसाथी दूसरे के आर्थिक लाभ से प्रभावित न हो। इसी सिद्धांत को मानते हुए कोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक (Assistant...
दिल्ली हाईकोर्ट नेत्रहीन उम्मीदवारों के लिए CMSE में 1% आरक्षण की मांग पर केंद्र व UPSC से जवाब मांगा
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को संयुक्त चिकित्सा सेवा परीक्षा (CMSE) में नेत्रहीन और कम दृष्टि वाले उम्मीदवारों के लिए 1% आरक्षण की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया। यह आरक्षण विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा 34(1)(a) के तहत अनिवार्य है।चीफ़ जस्टिस डी.के. उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC), भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से...
अभिषेक बच्चन की पर्सनैलिटी राइट्स याचिका पर जल्द आदेश देगा दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार (10 सितंबर) को संकेत दिया कि वह अभिनेता अभिषेक बच्चन की उस याचिका पर आदेश पारित करेगा जिसमें उन्होंने अपनी पर्सनैलिटी और पब्लिसिटी राइट्स की सुरक्षा की मांग की है।जस्टिस तेजस करिया ने यह टिप्पणी उस समय की जब बच्चन के वकील ने पोस्ट-लंच सत्र में उन प्रतिवादी संस्थाओं के संबंध में नोट पेश किया जिनके खिलाफ वह राहत चाहते हैं। गौरतलब है कि मंगलवार को अदालत ने अभिषेक की पत्नी ऐश्वर्या राय बच्चन की याचिका (जिसमें उन्होंने अपने 'पर्सनैलिटी राइट्स' की सुरक्षा मांगी थी) पर सुनवाई...
दिल्ली हाईकोर्ट: मुस्लिम पुरुष की संपत्ति से पोते-पोतियां केवल तब बाहर होंगे, जब उसके बेटे-बेटियां जीवित हों
दिल्ली हाईकोर्ट: मुस्लिम पुरुष की संपत्ति से पोते-पोतियां केवल तब बाहर होंगे, जब उसके बेटे-बेटियां जीवित हों दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी मुस्लिम पुरुष की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति से पोते-पोतियां केवल तभी बाहर किए जा सकते हैं, जब उस समय उसका बेटा या बेटी जीवित हो। यदि मृतक के कोई अन्य संतान नहीं है तो पोते-पोतियाँ उसके एकमात्र जीवित वंशज होने के नाते उत्तराधिकार से वंचित नहीं किए जा सकते।जस्टिस मनीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की एकलपीठ मोहम्मद आरिफ की संपत्ति से जुड़े विवाद की सुनवाई कर रही...
निष्पक्ष सुनवाई की अवधारणा से समझौता: दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिसकर्मियों को थानों से गवाही देने की अनुमति देने वाले नोटिफिकेशन पर जताई चिंता
दिल्ली हाईकोर्ट ने को कहा कि उपराज्यपाल (LG) द्वारा 13 अगस्त को जारी वह अधिसूचना जिसके तहत राजधानी के सभी पुलिस थानों को पुलिसकर्मियों की गवाही दर्ज करने और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये अदालत के समक्ष पेश होने की जगह नामित किया गया, प्रथम दृष्टया निष्पक्ष सुनवाई की अवधारणा से समझौता करती है।चीफ जस्टिस डी.के. उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने कहा कि LG को स्थान निर्धारित करने का अधिकार है। हालांकि, सवाल यह है कि क्यों विशेष रूप से पुलिस थानों को ही नामित किया गया।खंडपीठ ने...
संपत्ति विवाद: दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रिया कपूर को दिवंगत संजय कपूर की सभी संपत्तियों का ब्यौरा देने का निर्देश दिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार (10 सितंबर) को बॉलीवुड अभिनेत्री करिश्मा कपूर के बच्चों समायरा कपूर और किआन राज कपूर की याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि दिवंगत संजय कपूर की दूसरी पत्नी प्रिय कपूर उनकी सभी चल-अचल संपत्तियों का पूरा ब्यौरा अदालत में पेश करें।संजय कपूर का 12 जून, 2025 को निधन हो गया था। इसके बाद उनकी संपत्ति के बंटवारे को लेकर परिवार के भीतर विवाद सामने आया।जस्टिस ज्योति सिंह ने आदेश दिया कि वाद को विधिवत सूट के रूप में दर्ज किया जाए। प्रतिवादियों को दो हफ्तों में लिखित बयान दाखिल...
दिल्ली हाईकोर्ट ने विमान में सामान में गोला-बारूद मिलने पर अग्निवीर के खिलाफ दर्ज FIR रद्द की
दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय सेना की एक यूनिट में तैनात अग्निवीर के खिलाफ दिल्ली से कोलकाता जाते समय उसके सामान से गोला-बारूद मिलने पर दर्ज FIR रद्द की।जस्टिस अमित महाजन ने कहा कि यह मामला अग्निवीर की लापरवाही का प्रतीत होता है और गोला-बारूद की मात्र हिरासत बिना इस तरह के कब्जे की जानकारी के शस्त्र अधिनियम के तहत अपराध नहीं है।याचिकाकर्ता पर इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा पुलिस स्टेशन ने 5.56 मिमी एनएसएएस राइफल की एक जीवित गोली बरामद होने पर शस्त्र अधिनियम 1959 की धारा 25 के तहत मामला दर्ज...




















