मुख्य सुर्खियां
जनहित याचिका सभी मर्ज़ का इलाज नहीं, इसका इस्तेमाल संदेहास्पद उद्देश्यों के लिए नहीं किया जा सकता : हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने बुधवार (05 अगस्त) को एक याचिका की सुनवाई की, जिसमे 'हिमाचल प्रदेश सबऑर्डिनेट एलाइड सर्विसेज (मुख्य) परीक्षा -2019' को स्थगित करने की मांग की गयी थी कि यह कहा गया था कि परीक्षा को COVID-19 संकट सामान्य होने के बाद आयोजित किया जाए। [नोट: उक्त परीक्षा 6 (गुरुवार) और 7 (शुक्रवार) अगस्त को शिमला, मंडी और धर्मशाला में स्थापित विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई।] जस्टिस तारलोक सिंह चौहान और जस्टिस ज्योत्सना रेवल दुआ की पीठ ने याचिकाकर्ता (हिमांशु) द्वारा दायर...
हाई पावर्ड कमेटी के मानदंड के अनुसार आर्थिक अपराध के अंडरट्रायल कैदी नहीं हैंं अंतरिम ज़मानत के हकदार : दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाई पावर्ड कमेटी की 28 मार्च की बैठक के मिनट्स को रद्द करने से इनकार कर दिया है। यह कमेटी जेलों में भीड़ कम करने के लिए गठित की गई थी। कमेटी ने अपनी बैठक में उन कैदियों को अंतरिम जमानत के दायरे से बाहर रखा था,जो आर्थिक अपराध के आरोप में जेलों में बंद हैं या जिनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच की जा रही है। हालांकि न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा की एकल खंडपीठ ने कहा कि इस तरह के कैदियों को आपराधिक प्रक्रिया संहिता के संबंधित प्रावधानों के तहत जमानत मांगने की स्वतंत्रता है। ...
फेसबुक पर पवित्र कुरान की तुलना कोरोना वायरस से की थी, कर्नाटक हाईकोर्ट ने दी अग्रिम जमानत
कर्नाटक हाईकोर्ट ने 32 वर्षीय एक व्यक्ति को अग्रिम जमानत दी है। उस व्यक्ति ने अप्रैल महीने में अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक संदेश पोस्ट किया था, जिसमें कथित रूप से कोरोनोवायरस की तुलना पवित्र कुरान के साथ की गई थी। इस प्रकार, पवित्र कुरान का अपमान किया गया था और मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को आहत किया गया था। जस्टिस के नटराजन ने जांच अधिकारी की संतुष्टि के लिए एक निश्चित सीमा के साथ 25,000 रुपए के निजी मुचलके पर कुसुमधारा कनियूर @ कुसुमधारा एच को अग्रिम जमानत दी। साथ ही उन्हें निर्देश दिया गया...
(आरटीआई) पत्नी को नहीं है पति के आयकर रिटर्न की जानकारी मांगने का अधिकार-सीआईसी
केंद्रीय सूचना आयोग ने कहा है कि एक पत्नी को आरटीआई आवेदन दायर करके उसके पति द्वारा दाखिल आयकर रिटर्न की जानकारी मांगने का अधिकार नहीं है। सूचना आयुक्त नीरज कुमार गुप्ता ने कहा कि आयकर विभाग के पास किसी व्यक्ति द्वारा आयकर रिटर्न दाखिल करना कोई सार्वजनिक गतिविधि नहीं है। आयोग ने कहा कि, ''यह एक दायित्व की प्रकृति में आता है,जो एक नागरिक का अपने राज्य के प्रति करों का भुगतान करने के लिए होता है। इसलिए इस तरह की जानकारी आवेदक को किसी बड़े सार्वजनिक हित के अभाव में नहीं बताई जा सकती है।'' इस...
वकीलों को लोकल ट्रेन में यात्रा की इजाज़त फिलहाल नहीं दी जा सकती : वकीलों के प्रतिनिधित्व पर राज्य ने बॉम्बे हाईकोर्ट में कहा
राज्य सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट से शुक्रवार को कहा कि बार के सदस्यों ने याचिका दायर कर वकीलों को लोकल ट्रेन में यात्रा की अनुमति देने की जो अनुमति मांगी थी, इस समय कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति के कारण उसे नहीं स्वीकार किया जा सकता। राज्य सरकार ने अपने वक़ील के माध्यम से कहा कि सचिव, राज्य आपदा प्रबंधन, राहत और पुनर्वास ने इस आग्रह को मानने से इनकार कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपंकर दत्ता और न्यायमूर्ति एएस गड़करी की खंडपीठ से एडवोकेट जनरल एए कुंभकोनी ने कहा कि उक्त अधिकारियों...
"वर्चुअल कोर्ट क़ानूनी बिरादरी के लिए वरदान, मुफ़स्सिल एडवोकेट भी कहीं भी अपने मामले को पेश कर सकता है : वीसी द्वारा सुनवाई के विरोध पर मद्रास हाईकोर्ट ने कहा
मद्रास हाईकोर्ट ने कहा है कि "यह वर्चुअल कोर्ट पूरी क़ानूनी बिरादरी के लिए वरदान है।" मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ के न्यायमूर्ति बी पुगलेंधि उस मामले की सुनवाई कर रहे थे, जिसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए मामले को सूचीबद्ध करने का विरोध किया गया था। पीठ ने कहा, "सौभाग्य से तमिलनाडु में, हमारे पास इंटरनेट की अच्छी सुविधा कुछ दूर दराज के गांवों सहित अमूमन हर जगह है।" पीठ ने कहा, "जब वर्चुअल अदालत की यह व्यवस्था मामले को दायर करने के लिए आसान है तो इस अदालत को यह समझ में नहीं आ रहा...
कैदी को गैरकानूनी हिरासत में रखने का मामला : दिल्ली हाईकोर्ट ने DSLSA को जेल अधिकारियों को कानून, केस लॉ, बंदियों के अधिकार बताने के निर्देश दिए
चेक बाउंस के मामलों में जमानत दिए जाने के बावजूद 10 दिनों तक किसी कैदी को गैरकानूनी हिरासत में रखने के एक मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि जेलों में तैनात अधिकारियों विशेष रूप से पुलिस अधीक्षकों उप-अधीक्षकों के रैंक के अधिकारी और सहायक अधीक्षकों को कानून के दायरे में अपने कर्तव्यों और दायित्वों से अवगत कराया जाना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो। न्यायमूर्ति हेमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रह्मण्यम प्रसाद की बेंच ने पिछले महीने महानिदेशक (कारागार) दिल्ली को निर्देश...
इलाहाबाद हाईकोर्ट 12 से 14 अगस्त तक बंद रहेगा, केवल अर्जेंट मामले ही सूचीबद्ध किए जाएंगे
प्रयागराज और लखनऊ में सक्रिय कोरोना वायरस के मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनज़र इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने आदेश दिया कि 12 अगस्त, 2020 से 14 अगस्त, 2020 तक न्यायालय बंद रहेंगे। इस संबंध में जारी नोटिस में कहा गया कि "मैं इससे संतुष्ट हूं कि परिस्थितियां न्यायालयों के काम नहीं करने की मांग करती हैं। तदनुसार, यह निर्देश दिया गया है कि इलाहाबाद में 12, 13 और 14 अगस्त 2020 को न्यायालय काम नहीं करेंगे।" इलाहाबाद में मुख्य न्यायाधीश के समक्ष और लखनऊ में वरिष्ठ न्यायाधीश के...
ट्रिपल तलाक के मामलों में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल करने पर कोई रोक नहीं है, लेकिन मजिस्ट्रेट के समक्ष न जाने के कारण बताने चाहिए : केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने माना है कि उस मामले में सीआरपीसी की धारा 438 के तहत अग्रिम जमानत आवेदन दायर करना वर्जित नहीं है,जो मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 के प्रावधानों के तहत किए गए अपराध के संबंध में दर्ज किया गया हो। न्यायमूर्ति पीवी कुन्हिकृष्णन ने कहा कि परंतु ऐसे मामलों में यदि कोई अभियुक्त सीआरपीसी की धारा 438 के तहत अधिकार का लाभ उठाना चाहता है, तो उसे विशेष रूप से सीआरपीसी की धारा 438 के तहत दायर किए गए आवेदन में यह बताना होगा कि वह अधिनियम, 2019 की धारा 7 (सी) के तहत...
NALSA चैयरमैन जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता में दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण ने दिल्ली में पहली ऑनलाइन लोक अदालत आयोजित की
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने 8 अगस्त 2020 को दिल्ली में पहली बार ऑनलाइन लोक अदालत का आयोजन किया। इस समारोह में पूरे देश के कानूनी सहायता देने वाले अधिकारियों ने भाग लिया। इसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के जज और NALSA कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति एन वी रमना ने की। महामारी की चुनौतियों का सामना करने के लिए कानूनी सेवाओं के अधिकारियों द्वारा ई-लोक अदालतों की शुरुआत एक रचनात्मक समाधान रहा है, लेकिन इसका उपयोग महामारी की अवधि के बाद भी जारी रह...
जब्त वाहनों को थानों में लंबे समय तक धूप, बारिश और उचित रखरखाव के बिना नुकसान की स्थिति में रखने का कोई फायदा नहीं: उड़ीसा हाईकोर्ट
उड़ीसा हाईकोर्ट ने बुधवार (5 अगस्त) को सुनाये एक आदेश में इस ओर इशारा किया कि जब्त वाहनों को थानों में लंबे समय तक धूप, बारिश और उचित रखरखाव के बिना नुकसान की स्थिति में रखने का कोई फायदा नहीं होता है। न्यायमूर्ति एस. के. पाणिग्रही की पीठ ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय किये गए मामले, सुंदरभाई अंबालाल देसाई बनाम गुजरात सरकार 2002 (10) SCC 283 एवं उड़ीसा हाईकोर्ट द्वारा तय किये गए मामले दिलीप दास बनाम उड़ीसा राज्य 2019 (III) ILR-CUT 386 की राय के मद्देनजर, मौजूदा मामले में याचिकाकर्ता रत्नाकर बेहरा को...
मध्य प्रदेश अधिवक्ताओं को 40 घंटे ऑनलाइन मध्यस्थता प्रशिक्षण देने वाला पहला राज्य बना
मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने एकल जजों की पदस्थापना वाले स्टेशनों के अधिवक्ताओं को 40 घंटे ऑनलाइन मध्यस्थता प्रशिक्षण (Mediation Training) सफलतापूर्वक प्रदान किया। 27 जुलाई, 2020 से 7 अगस्त, 2020 तक आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में चौबीस अधिवक्ताओं को मनोविज्ञान, बातचीत, आगामी गतिरोध और समझौतों के मसौदा तैयार करने जैसे विषयों पर प्रशिक्षित किया गया। सुश्री गिरिबाला सिंह और श्री राजीव करमहे द्वारा दिए गए प्रशिक्षण कार्यक्रम- न्यायाधीश मध्यस्थ / संभावित ट्रेनर का उद्देश्य विवादों...
दिल्ली दंगे : दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, "हिंदुओं में आक्रोश" वाला दिल्ली पुलिस का आदेश पूर्वाग्रह से ग्रस्त नहीं, मीडिया से तथ्यों को सत्यापित करने को कहा
दिल्ली हाईकोर्ट ने 8 जुलाई की तारीख को जारी किए गए विशेष पुलिस आयुक्त के आदेश को रद्द करने से इनकार कर दिया है, जिसमें दिल्ली के दंगों के मामलों में गिरफ्तारी के मद्देनजर 'हिंदू समुदाय के बीच नाराजगी' का हवाला दिया गया था और पुलिस अधिकारियों को सलाह दी गई कि वे गिरफ्तारी करते समय सावधानी बरतें। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की एकल पीठ ने कहा कि उक्त निर्देश मेंं "कोई पूर्वाग्रह नहीं है" क्योंकि आरोपी व्यक्तियों द्वारा आरोप पत्र जारी किए जाने के बाद यह जारी किया गया। अदालत साहिल परवेज और...
'इससे जल संरक्षण के बारे में जागरूकता का एक वातावरण बनेगा', मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने जमानत शर्त के रूप में वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की स्थापना करने को कहा
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ के न्यायमूर्ति आनंद पाठक ने जमानत आवेदकों के समक्ष एक अनोखी शर्त रखने का एक नया चलन शुरू किया है। जमानत आदेश में वे जमानत आवेदकों को अपने लॉज / घर में, जिसमें वह निवास कर रहा है, वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम या वाटर रिचार्ज सिस्टम स्थापित करने का निर्देश दे रहे हैं। 9 जुलाई से 6 अगस्त के बीच पारित किये गए 30 से ज्यादा जमानत आदेश में एकल न्यायाधीश ने अभियुक्तों को यह निर्देश दिया कि वह "अपने लॉज/घर में, जहां वह निवास कर रहे हैं, वहां वाटर हार्वेस्टिंग...
अपना सम्मान दांव पर लगाकर कोई किसी से ज़मानत देने के लिए कहता है, आरोपी को ज़मानत के लिए नकद राशि जमा करवाने की छूट देनी चाहिए : हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा है कि कोर्ट आरोपी को ज़मानत स्वीकार करते हुए दो विकल्प देना चाहिए – या तो वह श्योरिटी बॉन्ड दे या फिर नक़द राशि जमा करे। न्यायमूर्ति अनूप चीत्कारा ने कहा कि आरोपी को ज़मानत देने के समय श्योरिटी और राशि जमा करने में से किसी एक का चुनाव आरोपी पर छोड़ना चाहिए। न्यायाधीश ने कहा कि यह वकीलों का दायित्व है कि वह आरोपी को बताएं कि सीआरपीसी के तहत नक़द राशि जमा कराने का विकल्प भी है। (सेक्शन 445 CrPC) अभिषेक कुमार सिंह सफ़ेदपोश अपराध के आरोपी के रूप में ज़मानत के लिए...
"आईटी एक्ट की धारा 66ए के तहत कैसे दर्ज की गई एफआईआर ?" इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस की खिंचाई करते हुए मथुरा एसएसपी से मांगा स्पष्टीकरण
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह पारित एक आदेश में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मथुरा को निर्देश दिया है कि वह अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करके बताएं कि सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम, 2008 की धारा 66 ए के तहत कैसे एफआईआर दर्ज की गई है? कोर्ट एफआईआर को खारिज करने की मांग करते हुए दायर एक याचिका पर विचार कर रही थी। इस मामले में सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम, 2008 की धारा 66 ए और 67 बी व आईपीसी की धारा 294, 500, 504, 506 और 509 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस...
"अभियुक्त 'जांच करने के अनुभवी लोग हैं" : गुजरात हाईकोर्ट ने हिरासत में मौत के मामले की जांच स्थानीय पुलिस से सीआईडी को ट्रांंसफर की
''न्यायालय इस तथ्य से अनभिज्ञ नहीं हो सकता है कि वह उन व्यक्तियों के मामले पर विचार कर रहा है जो स्वयं जांच के क्षेत्र के अनुभवी व्यक्ति हैं और इस प्रक्रिया को ओवररिएक्ट करने की कला में भी महारत हासिल कर चुके होंगे।'' यह टिप्पणी करते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने बुधवार को वडोदरा कस्टोडियल डेथ केस की जांच सीआईडी क्राइम को स्थानांतरित कर दी है। जस्टिस सोनिया गोकानी और एन वी अंजारिया की पीठ अहमदाबाद के एक व्यक्ति की तरफ से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस याचिका में कहा गया था...
बीसीआई ने वकीलों की मदद के लिए गठित राष्ट्रीय राहत कोष में हेराफ़ेरी के आरोप पर नई दिल्ली बार एसोसिएशन के ख़िलाफ़ जारी किया नोटिस
बीसीआई ने वकीलों की मदद के लिए गठित राष्ट्रीय राहत कोष में हेराफ़ेरी के आरोप पर नई दिल्ली बार एसोसिएशन (New Delhi Bar Association) के ख़िलाफ़ जारी किया नोटिस बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया (बीसीआई) ने वकीलों के लिए राष्ट्रीय राहत कोष में दी गई राशि में हेराफेरी की शिकायत के बाद नई दिल्ली बार एसोसिएशन की कार्यकारी समिति को नोटिस भेजा है। एनडीबीए की कार्यकारी समिति को कहा गया है कि वह इस नोटिस के मिलने के 21 दिनों के भीतर इसका जवाब दे। इस जवाब को जनरल बॉडी की बैठक में काउंसिल के समक्ष रखा जाएगा। यह...
[टूटी खिड़कियों का सिद्धांत] छोटे अपराधों को यदि शुरुआती अवस्था में समाप्त कर दिया जाए तो नागरिक जघन्य अपराध करने से बचेंगे: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बीते बुधवार (5 अगस्त) को एक अग्रिम जमानत आवेदन के मामले में टूटी खिड़कियों का सिद्धांत (Broken Windows Theory) के आधार पर एक शिक्षक को जिस पर अपनी छात्रा के लैंगिक उत्पीडन करने, पीछा करने इत्यादि का आरोप है, अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति आनंद पाठक की एकल पीठ के समक्ष शिक्षक/आवेदक ने अपनी गिरफ्तारी की आशंका के चलते दूसरी जमानत अर्जी (S. 438, Cr.P.C के अंतर्गत) दायर की थी। उस पर IPC की धारा 341, 354-A (ए) (iv), 354 (डी) और 506 के अलावा POCSO अधिनियम की...
वर्चुअल कोर्ट युवा सदस्यों के लिए खुद को पेशे में स्थापित करने का सुनहरा अवसर : न्यायमूर्ति चंद्रचूड़
कर्नाटक हाईकोर्ट मेंं ट्रैफिक चालान के लिए शुरू की गई वर्चुअल कोर्ट, हाईकोर्ट में ई-फाइलिंग, इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) आदि का ई-उद्घाटन किया गया।भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने ई-समिति के अध्यक्ष के रूप में इस समारोह की अध्यक्षता की। इस आयोजन की शुरूआत कर्नाटक हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अरविंद कुमार ने की। उन्होंने बताया कि कर्नाटक में नौ हजार चालान किए गए और जुर्माना वसूला गया है। हालांकि, कागज रहित अदालतों के युग की शुरुआत करने की पहल...



















