(गुजरात हाईकोर्ट और जीएसएलएसए ई-लोक अदालत) 10,945 मामले निपटाए व आपसी सहमति से 191.19 करोड़ रुपये का सेटलमेंट करवाया
LiveLaw News Network
28 Sep 2020 12:28 PM GMT
![(गुजरात हाईकोर्ट और जीएसएलएसए ई-लोक अदालत) 10,945 मामले निपटाए व आपसी सहमति से 191.19 करोड़ रुपये का सेटलमेंट करवाया (गुजरात हाईकोर्ट और जीएसएलएसए ई-लोक अदालत) 10,945 मामले निपटाए व आपसी सहमति से 191.19 करोड़ रुपये का सेटलमेंट करवाया](https://hindi.livelaw.in/h-upload/2019/07/750x450_15361996-gujarat-high-courtjpg.jpg)
Gujarat High Court
शनिवार (26 सितंबर) को गुजरात हाईकोर्ट और गुजरात राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (जीएसएलएसए) के संयुक्त तत्वावधान में पूरे गुजरात राज्य में राज्यव्यापी ई-लोक अदालत का आयोजन किया गया था, जिसमें हाईकोर्ट , सभी जिला अदालत व तालुका कोर्ट या विचारण न्यायालय भी शामिल थे।
गौरतलब है कि ई-लोक अदालत की सभी कार्यवाही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गई थी, जिनमें अधिवक्ता, बीमा कंपनियों के अधिकारी व मामलों के पक्षकार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए थे।
हाईकोर्ट द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार
''इन ई-लोक अदालत में 10142 लंबित मामलों और 803 प्री-लिटिगेशन मामलों का निस्तारण किया गया है। निपटाए गए लंबित मामलों में से 79 मामलों का निपटारा हाईकोर्ट में आयोजित ई-लोक अदालत में किया गया। इस प्रकार ई-लोक अदालत के माध्यम से कुल 10945 मामले निपटा दिए गए हैं (Pending + Pre-litigation)।''
महत्वपूर्ण है कि पक्षकारों के बीच आपसी सौहार्दपूर्ण सहमति के माध्यम से 191.19 करोड़ रुपये का निपटारा किया गया है या इतने रुपये दिलवाए गए हैं। इनमें से कई मामलों में अन्य पक्षकारों के अलावा राज्य सरकार या बीमा कंपनी भी एक पक्षकार थी।
ई-लोक अदालत को सफल बनाने का श्रेय गुजरात राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (जीएसएलएसए) को जाता है। चूंकि जीएसएलएसए ने सभी स्तर के न्यायालयों के संबंध में पहले ही एक समान तरीके से व्यवस्थित तैयारी कर ली थी और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) प्रकाशित कर दी थी।
अंत में, प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि,
'' गुजरात हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और गुजरात स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (जीएसएलएसए) के पैट्रन-इन-चीफ माननीय श्री न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ,माननीय श्री जस्टिस आरएम छैया(कार्यकारी अध्यक्ष, गुजरात स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी) और माननीय सुश्री जस्टिस बेला एम त्रिवेदी (अध्यक्ष, गुजरात स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी) के कुशल नेतृत्व में COVID19 महामारी जैसे कठिन समय में भी इन ई-लोक अदालत का सफलता ने फिर से विवाद के समाधान के दृष्टिकोण की प्रभावकारिता को स्थापित किया है। इसके अलावा वैकल्पिक विवाद समाधान (एडीआर) में प्रौद्योगिकी के उपयोग की परिपूर्णता को भी साबित किया है।''
निपटाए गए मामलों के विस्तृत आंकड़ों और जिलेवार विवरण के लिए, कृपया संलग्र किए गए नोट प्रेस को देखें।
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