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त्वरित और आवश्यक कार्रवाई करें : कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य को शिक्षक-भर्ती घोटाले के लाभार्थियों के खिलाफ कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया
त्वरित और आवश्यक कार्रवाई करें : कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य को शिक्षक-भर्ती घोटाले के लाभार्थियों के खिलाफ कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया

कलकत्ता हाईकोर्ट ने हाल ही में पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड को शिक्षक-भर्ती घोटाले में लाभार्थियों के खिलाफ उचित कदम उठाने का निर्देश दिया। न्यायालय के पूर्व आदेशों पर इन लाभार्थियों की पहचान केंद्रीय जांच ब्यूरो ("सीबीआई") और प्रवर्तन निदेशालय ("ईडी") द्वारा तैयार की गई सूची में की गई है।जस्टिस अमृता सिन्हा की एकल पीठ ने सीबीआई और ईडी द्वारा पेश नामों की सूची पर गौर करते हुए कहा,सीबीआई द्वारा दायर की गई रिपोर्ट छियानवें उम्मीदवारों को दर्शाती है जिन्होंने शिक्षक प्रवेश परीक्षा ("टीईटी")...

आपसी सहमति से तलाक | हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13-बी प्रक्रियात्मक और सौहार्दपूर्ण ढंग से समझौता करने वाले पक्षकारों के मूल अधिकार को प्रभावित नहीं करेगी: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कूलिंग-ऑफ पीरियड माफ किया
आपसी सहमति से तलाक | हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13-बी प्रक्रियात्मक और सौहार्दपूर्ण ढंग से समझौता करने वाले पक्षकारों के मूल अधिकार को प्रभावित नहीं करेगी: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कूलिंग-ऑफ पीरियड माफ किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में विवाहित जोड़े के लिए कूलिंग-ऑफ पीरियड माफ कर दिया। कूलिंग-ऑफ पीरियड माफ करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि उन्होंने सौहार्दपूर्ण ढंग से समझौता ज्ञापन दर्ज करने के बाद हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13-बी के तहत विवाह विच्छेद के लिए पारस्परिक रूप से दायर किया।कोर्ट ने कहा कि प्रक्रिया का हवाला देकर अपने विवाद को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने वाले दोनों पक्षकारों के मूल अधिकार में हस्तक्षेप नहीं किया जाना चाहिए।जस्टिस अताउर्हमान मसूदी और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने...

देर से मेडिकल सुविधा मिलने के कारण प्रेग्नेंट डॉक्टर की मौत का मामला: कलकत्ता हाईकोर्ट ने डब्ल्यूबी आयोग को अस्पतालों के आचरण की फिर से जांच करने का आदेश दिया
देर से मेडिकल सुविधा मिलने के कारण प्रेग्नेंट डॉक्टर की मौत का मामला: कलकत्ता हाईकोर्ट ने डब्ल्यूबी आयोग को अस्पतालों के आचरण की फिर से जांच करने का आदेश दिया

कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को पश्चिम बंगाल क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट रेगुलेटरी कमीशन (आयोग) को प्रेग्नेंट डॉक्टर की मौत से संबंधित मामले पर फिर से फैसला करने का निर्देश दिया। उक्त प्रेग्नेंट डॉक्टर का दुर्भाग्य से इंतजार करने और उसके बाद विभिन्न क्लिनिकल द्वारा प्रवेश से इनकार करने के बाद निधन हो गया था।आरोपियों में से क्लिनिकल प्रतिष्ठान (बीएनडब्ल्यूसीसीसी) द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि मेडिकल लापरवाही के लिए उन्हें ही जिम्मेदार ठहराया गया, जबकि दो अन्य अस्पतालों को भी क्लीन चिट दे दी गई,...

हापुड़ में प्रदर्शनकारी वकीलों के खिलाफ पुलिस ने लाठीचार्ज करने के बाद वकीलों पर ही एफआईआर दर्ज की
हापुड़ में प्रदर्शनकारी वकीलों के खिलाफ पुलिस ने लाठीचार्ज करने के बाद वकीलों पर ही एफआईआर दर्ज की

हापुड जिले में वकीलों पर कथित पुलिस लाठीचार्ज को लेकर वकील बुधवार को अदालत में उपस्थित नहीं हुए। साथ ही इस लाठीचार्ज के विरोध में राज्य के कई शहरों में वकीलों ने विरोध-प्रदर्शन किया। मेरठ में प्रदर्शनकारी वकीलों ने संयुक्त मजिस्ट्रेट की सुरक्षा में तैनात एक पुलिसकर्मी के साथ कथित तौर पर मारपीट की। उन्होंने जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय में हुई घटना में सुरक्षा अधिकारी की कथित तौर पर पिस्तोल छीनने का प्रयास किया।पुलिस ने मंगलवार को कथित तौर पर वकीलों पर लाठीचार्ज किया था। उस वक्त वकील लगभग एक सप्ताह...

उड़ीसा हाईकोर्ट ने नाबालिग बहन को गर्भवती करने के लिए भाई की दोषसिद्धि को बरकरार रखा, 20 साल की जेल की सजा सुनाई
उड़ीसा हाईकोर्ट ने नाबालिग बहन को गर्भवती करने के लिए भाई की दोषसिद्धि को बरकरार रखा, 20 साल की जेल की सजा सुनाई

उड़ीसा हाईकोर्ट ने 14 वर्षीय नाबालिग बहन के साथ बार-बार बलात्कार करने के दोषी भाई की सजा को बरकरार रखा है। बलात्कार के कारण बहन गर्भवती हो गई थी। जस्टिस संगम कुमार साहू की एकल पीठ ने 'रक्षा बंधन' पर खुली अदालत में यह फैसला सुनाया. उन्होंने घटना को 'दुर्भाग्यपूर्ण' करार दिया और कहा, “एक भाई एक रक्षक, विश्वासपात्र और जीवन भर का दोस्त होता है। भाई-बहन के बीच एक अनोखा बंधन होता है, जिसकी भरपाई कोई नहीं कर सकता। बहन अथाह खजाना है. एक भाई छुपा हुआ नायक, रक्षक और आदर्श होता है।”मामला मल्कानगिरी...

धारा 311 सीआरपीसी | गवाह को मजबूत और वैध कारणों से वापस बुलाया जाना चाहिए, पूर्वाग्रह के कारण नहीं: केरल हाईकोर्ट
धारा 311 सीआरपीसी | गवाह को मजबूत और वैध कारणों से वापस बुलाया जाना चाहिए, पूर्वाग्रह के कारण नहीं: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह एक फैसले में कहा कि सीआरपीसी की धारा 311 के तहत किसी गवाह को तभी वापस बुलाना चाहिए जब ऐसा करने का कोई मजबूत और वैध कारण हो। सक्षम प्राधिकारी को ऐसे कारण को दर्ज भी करना चाहिए। जस्टिस के बाबू ने कहा,“मामले के उचित निर्णय के लिए गवाह को वापस बुलाना खोखली प्रक्रिया नहीं है। उचित निर्णय के उद्देश्य से ऐसी शक्ति के प्रयोग के लिए एक मजबूत और वैध कारण को दर्ज किया जाना चाहिए।"कोर्ट ने कहा कि किसी गवाह को वापस बुलाने की शक्ति का इस्तेमाल आरोपी पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के...

अंतरिम भरणपोषण | अलग रह रही पत्नी को दावे की तारीख से न्यूनतम राशि देय होगी, यह उसके जीवन और स्वतंत्रता को गरिमापूर्ण बनाने के लिए आवश्यक : इलाहाबाद हाईकोर्ट
अंतरिम भरणपोषण | अलग रह रही पत्नी को दावे की तारीख से न्यूनतम राशि देय होगी, यह उसके जीवन और स्वतंत्रता को गरिमापूर्ण बनाने के लिए आवश्यक : इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वैवाहिक विवाद जुड़े एक मामले में कहा है कि अलग रह रही पत्नी को उसके जीवन और स्वतंत्रता को गरिमापूर्ण बनाए रखने के लिए दावे की तारीख से न्यूनतम राशि का भुगतान किया जाना चाहिए। कोर्ट ने अंतरिम भरण-पोषण पर फैमिली कोर्ट के एक फैसले के खिलाफ दायर की गई अपील यह ‌टिप्‍पणी की। जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह और जस्टिस राजेंद्र कुमार-चतुर्थ की खंडपीठ ने फैमिली कोर्ट के आदेश के तहत पत्नी और बच्चों को दिए गए 7,000 रुपये के अंतरिम भरण-पोषण को बरकरार रखा।तथ्यपुष्पेंद्र सिंह (पति/अपीलकर्ता) और...

कोर्ट के आदेश के बिना पुलिस सीआरपीसी की धारा 102 के तहत अचल संपत्ति जब्त नहीं कर सकती: झारखंड हाईकोर्ट
कोर्ट के आदेश के बिना पुलिस सीआरपीसी की धारा 102 के तहत अचल संपत्ति जब्त नहीं कर सकती: झारखंड हाईकोर्ट

झारखंड हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि पुलिस सक्षम अदालत के आदेश के बिना आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 102 के तहत अचल संपत्ति जब्त नहीं कर सकती है। जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी ने नेवादा प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड बनाम महाराष्ट्र राज्य और अन्य पर भरोसा करते हुए याचिकाकर्ता के स्वामित्व वाली एक फैक्ट्री परिसर को सील करने का आदेश दिया, जहां पर अवैध कोयला व्यापार किए जाने का आरोप था।कोर्ट ने कहा,"यह अच्छी तरह से स्थापित है कि अचल संपत्ति सीआरपीसी की धारा 102 के दायरे में नहीं आ सकती है,...

आपराधिक मामले में बरी करने से विभागीय कार्यवाही प्रभावित नहीं होती, जब तक कि बरी करना साफ या सम्मानजनक न हो: आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट
आपराधिक मामले में बरी करने से विभागीय कार्यवाही प्रभावित नहीं होती, जब तक कि बरी करना 'साफ या सम्मानजनक' न हो: आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में माना कि आपराधिक कार्यवाही में बरी करने के आदेश का विभागीय कार्यवाही पर कोई असर नहीं होगा जब तक कि बरी करना साफ-सुथरा या सम्मानजनक न हो। जस्टिस रविनाथ तिलहरी और जस्टिस मनमाधा राव की खंडपीठ आंध्र प्रदेश प्रशासनिक न्यायाधिकरण (एपीएटी) के एक आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।याचिकाकर्ता ने खुद को जिला रजिस्ट्रार कार्यालय में कनिष्ठ सहायक के पद पर वापस बहाल कराने के लिए एपीएटी के समक्ष आवेदन किया था, जिसे खरिज कर दिया गया था।कोर्ट ने फैसले में...

अपीलीय निकाय को बिना सबूत के अनुशासनात्मक कार्यवाही के मामलों पर पुनर्विचार करना चाहिए, न कि केवल पिछले आदेशों को दोहराना चाहिए: केरल हाईकोर्ट
अपीलीय निकाय को बिना सबूत के अनुशासनात्मक कार्यवाही के मामलों पर पुनर्विचार करना चाहिए, न कि केवल पिछले आदेशों को दोहराना चाहिए: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में माना कि जब अनुशासनात्मक कार्यवाही में आरोपी को घटना से जोड़ने का कोई सबूत नहीं है तो अपीलीय प्राधिकारी को केवल पिछले आदेशों को दोहराए बिना विशिष्ट तर्कों को संबोधित करके मामले पर पुनर्विचार करना चाहिए।जस्टिस देवन रामचन्द्रन ने इस प्रकार कहा:"इसलिए मेरा दृढ़ विचार है कि "काउंसिल" की कार्यकारी समिति के समक्ष उन्हें सुनवाई के आवश्यक अवसर प्रदान करने के बाद, उनके विशिष्ट तर्क को संबोधित करते हुए याचिकाकर्ताओं की अपील पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। यह एक ऐसा मामला है, जहां...

हापुड़ में वकील-पुलिसकर्मियों के बीच झड़प: यूपी बार काउंसिल ने 30 अगस्त को राज्यव्यापी हड़ताल की घोषणा की, दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की
हापुड़ में वकील-पुलिसकर्मियों के बीच झड़प: यूपी बार काउंसिल ने 30 अगस्त को राज्यव्यापी हड़ताल की घोषणा की, दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की

बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने हाल ही में हापुड में वकीलों पर हुए पुलिस हमले के विरोध में बुधवार (30 अगस्त) को अधिवक्ताओं की राज्यव्यापी हड़ताल की घोषणा की।काउंसिल ने सरकार से दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने और घायल वकीलों को मुआवजा देने का भी आग्रह किया।काउंसिल ने आगे निर्णय लिया कि यदि प्रभावी एवं सार्थक कार्रवाई नहीं की गई तो 3 सितंबर 2023 को बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश की आपात बैठक बुलाई जाएगी। इसमें आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के जिला हापुड में...

दिल्ली दंगों के कई मामले अदालतों में टिक नहीं पाए, दिल्ली पुलिस को अपनी जिम्मेदारी पर सवालों का सामना करना होगा
दिल्ली दंगों के कई मामले अदालतों में टिक नहीं पाए, दिल्ली पुलिस को अपनी जिम्मेदारी पर सवालों का सामना करना होगा

दिल्ली की एक अदालत ने सितंबर 2021 में कहा, "जब इतिहास दिल्ली में विभाजन के बाद के सबसे भयानक सांप्रदायिक दंगों को देखेगा तो नवीनतम वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करके उचित जांच करने में जांच एजेंसी की विफलता निश्चित रूप से लोकतंत्र के प्रहरियों को पीड़ा देगी।"तीन साल बाद राष्ट्रीय राजधानी की अदालतों ने 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों में दर्ज एफआईआर में जांच और सबूतों के निर्माण में खामियों को उजागर करते हुए दिल्ली पुलिस के खिलाफ लगातार सख्ती बरती है।लचर जांच पर न्यायपालिका द्वारा नियमित रूप से...

सीआरपीसी | पुनर्विचार न्यायालय अपीलीय न्यायालय के रूप में कार्य नहीं कर सकता, निर्णय जब तक पूरी तरह से त्रुटिपूर्ण न हो, उसे हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए: केरल हाईकोर्ट
सीआरपीसी | पुनर्विचार न्यायालय अपीलीय न्यायालय के रूप में कार्य नहीं कर सकता, निर्णय जब तक पूरी तरह से त्रुटिपूर्ण न हो, उसे हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने माना कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 (सीआरपीसी) की धारा 397 से 401 के तहत पुनर्विचार न्यायालय की शक्ति को अपीलीय न्यायालय के बराबर नहीं किया जा सकता।जस्टिस के बाबू की पीठ ने मजिस्ट्रेट द्वारा पारित बर्खास्तगी का आदेश बरकरार रखा।उन्होंने कहा,"जब तक अदालत का निष्कर्ष, जिसके फैसले को संशोधित करने की मांग की गई, कानून में विकृत या अस्थिर नहीं दिखाया गया, या पूरी तरह से गलत या स्पष्ट रूप से अनुचित है, या जहां निर्णय किसी भी सामग्री पर आधारित नहीं है, या जहां भौतिक तथ्यों को पूरी...

केवल मृत भाई के सिम कार्ड का उपयोग अपराध नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी का मामला रद्द किया
केवल मृत भाई के सिम कार्ड का उपयोग अपराध नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी का मामला रद्द किया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह देखते हुए कि केवल मृत भाई के सिम कार्ड का उपयोग करना कोई अपराध नहीं है, डॉक्टर के खिलाफ उसकी भाभी द्वारा उसके मृत पति के सिम कार्ड के कथित उपयोग और उसके बिना उसकी चल संपत्ति की बिक्री के लिए दायर धोखाधड़ी का मामला रद्द कर दिया।जस्टिस नितिन डब्ल्यू साम्ब्रे और जस्टिस आरएन लड्ढा की खंडपीठ ने मामला रद्द करने की मांग करते हुए आरोपियों द्वारा दायर रिट याचिका में टिप्पणी की कि प्रथम दृष्टया कार्यवाही पूरी तरह से पारिवारिक मतभेदों के कारण शुरू की गई।खंडपीठ ने कहा,“सिर्फ इसलिए कि...

रेलवे सेवा पेंशन नियम | जिस छुट्टी के लिए वेतन देय नहीं, उसे योग्य सेवा में नहीं गिना जाएगा: आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट
रेलवे सेवा पेंशन नियम | जिस छुट्टी के लिए वेतन देय नहीं, उसे 'योग्य सेवा' में नहीं गिना जाएगा: आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने माना कि रेलवे सेवा पेंशन नियम 1993 के तहत 'बिना वेतन छुट्टी' (एलडब्ल्यूपी) की अवधि को पेंशन लाभ के लिए अर्हक सेवा (Qualifying Service) के रूप में नहीं गिना जा सकता।हाईकोर्ट ने कहा,"अनुपस्थिति की अवधि, जिसे बिना वेतन छुट्टी के रूप में माना जाता है, नियम 14 (x), (रेलवे सेवा पेंशन नियम, 1993) के तहत कवर नहीं की जा सकती। हालांकि, सवाल यह है कि क्या ऐसी अवधि नियम 36 के तहत कवर की जाएगी। इसे हम पहले ही कर चुके हैं। साथ ही इससे ऊपर माना गया है कि जिस छुट्टी के लिए वेतन देय नहीं...

कर्मचारी सर्विस लिटिगेशन के लिए आरटीआई एक्ट के तहत सहकर्मी के सर्विस रिकॉर्ड की मांग कर सकता है: कर्नाटक हाईकोर्ट
कर्मचारी सर्विस लिटिगेशन के लिए आरटीआई एक्ट के तहत सहकर्मी के सर्विस रिकॉर्ड की मांग कर सकता है: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सूचना आयुक्त द्वारा पारित वह आदेश रद्द कर दिया है, जिसमें कॉलेज प्रोफेसर द्वारा अपने सहकर्मी के सर्विस रिकॉर्ड विवरण की मांग करने वाला आवेदन खारिज कर दिया गया था।जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित की एकल पीठ ने ए एस मल्लिकार्जुनस्वामी द्वारा दायर याचिका स्वीकार कर ली। साथ ही आयोग की याचिका रद्द कर दी, जिसके तहत सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 8 (1) (जे) के प्रावधानों का हवाला देते हुए उनके आरटीआई आवेदन को अस्वीकार कर दिया गया था।एक्ट की धारा 8 (1)(जे) इस प्रकार है: इस...

अन्यथा पात्र अभ्यर्थी को उसकी आसवधानी के कारण अवसर देने से इनकार   करने का कोई कारण नहीं: कर्नाटक हाईकोर्ट ने NEET-PG अभ्यर्थी को जाति सुधारने और कोटा प्राप्त करने की अनुमति दी
अन्यथा पात्र अभ्यर्थी को उसकी आसवधानी के कारण अवसर देने से इनकार करने का कोई कारण नहीं: कर्नाटक हाईकोर्ट ने NEET-PG अभ्यर्थी को जाति सुधारने और कोटा प्राप्त करने की अनुमति दी

कर्नाटक हाईकोर्ट एक 23 वर्षीय छात्रा के पक्ष में आगे आया है। छात्रा राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-पीजी (एनईईटी-पीजी) के लिए ऑनलाइन पंजीकरण आवेदन भरते समय ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित कोटा के तहत अनजाने में अपनी जाति का चयन करने में विफल रही।जस्टिस जी नरेंद्र और जस्टिस विजयकुमार ए पाटिल की खंडपीठ ने डॉ. लक्ष्मी पी गौड़ा द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया और नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज को निर्देश दिया कि वह उन्हें आवेदन/स्कोर कार्ड के कॉलम नंबर 7 में प्रविष्टि को सही करने की...

सिविल सेवा परीक्षा 2023: दिल्ली हाईकोर्ट ने सीएसएटी कट-ऑफ में 10% कटौती की मांग वाली याचिका खारिज की
सिविल सेवा परीक्षा 2023: दिल्ली हाईकोर्ट ने सीएसएटी कट-ऑफ में 10% कटौती की मांग वाली याचिका खारिज की

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण के आदेश के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी है, जिसमें सिविल सेवा एप्टीट्यूड टेस्ट 2023 के लिए कट ऑफ को 33% से घटाकर 23% करने का आदेश देने से इनकार कर दिया गया था। रंजन कुमार और अन्य सहित बनाम बिहार राज्य और अन्य, (2014) सहित कई उदाहरणों का जिक्र करते हुए जस्टिस वी कामेश्वर राव और जस्टिस अनूप कुमार मेंड्रियाट्टा की खंडपीठ ने कहा,“ट्रिब्यूनल ने ठीक ही कहा था कि उक्त निर्णय न्यायिक निकायों/मंचों को प्रतिस्पर्धी चयन प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप करने से...

मानहानि का मामला| केजरीवाल की पुनर्विचार याचिका स्थानांतरित, गुजरात हाईकोर्ट ने 10 दिन में फैसला करने का निर्देश दिया
मानहानि का मामला| केजरीवाल की पुनर्विचार याचिका स्थानांतरित, गुजरात हाईकोर्ट ने 10 दिन में फैसला करने का निर्देश दिया

गुजरात हाईकोर्ट ने प्रिंसिपल सेशंस सिटी सिविल कोर्ट, अहमदाबाद को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आप राज्यसभा सांसद संजय सिंह की ओर से दायर पुनरीक्षण याचिका को एक अलग अदालत में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया और अदालत को 10 दिनों के भीतर मामले का फैसला करने का आदेश दिया। स्थानांतरण का कारण यह है कि पुनरीक्षण याचिका पर विचार करने वाला पीठासीन अधिकारी वर्तमान में छुट्टी पर है।दरअसल, केजरीवाल और सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक डिग्री केजरीवाल पर कथित रूप से कई टिप्पणियां की...