त्वरित और आवश्यक कार्रवाई करें : कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य को शिक्षक-भर्ती घोटाले के लाभार्थियों के खिलाफ कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया
Sharafat
31 Aug 2023 12:14 PM IST
कलकत्ता हाईकोर्ट ने हाल ही में पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड को शिक्षक-भर्ती घोटाले में लाभार्थियों के खिलाफ उचित कदम उठाने का निर्देश दिया। न्यायालय के पूर्व आदेशों पर इन लाभार्थियों की पहचान केंद्रीय जांच ब्यूरो ("सीबीआई") और प्रवर्तन निदेशालय ("ईडी") द्वारा तैयार की गई सूची में की गई है।
जस्टिस अमृता सिन्हा की एकल पीठ ने सीबीआई और ईडी द्वारा पेश नामों की सूची पर गौर करते हुए कहा,
सीबीआई द्वारा दायर की गई रिपोर्ट छियानवें उम्मीदवारों को दर्शाती है जिन्होंने शिक्षक प्रवेश परीक्षा ("टीईटी") 2014 पास नहीं की लेकिन उन्हें नियुक्ति मिल गई। टीईटी 2014 परीक्षा के अनुसार प्रशिक्षित नहीं किए गए छियालीस उम्मीदवारों की एक और सूची रिपोर्ट के साथ अटैच की गई है।
ऐसा प्रतीत होता है कि ईडी ने उन चयनित संदिग्ध शिक्षकों की सूची भी तैयार की है जिनके नाम/रोल नंबर विभिन्न आरोपी व्यक्तियों से प्राप्त जब्त दस्तावेजों/डिजिटल रिकॉर्ड में पाए गए थे। उक्त उम्मीदवारों की सूची तुरंत वैरिफिकेशन के लिए सीबीआई और ईडी द्वारा पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड को भेज दी जाएगी।
बोर्ड उक्त उम्मीदवारों का यह देखने के लिए वैरिफिकेशन करेगा कि उक्त सूची में से किसी भी उम्मीदवार को कानून के प्रावधानों के तहत, अपेक्षित योग्यता के बिना और योग्यता सूची के बाहर तो नियुक्त नहीं किया गया।
सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पाया कि जांच एजेंसियों द्वारा दायर रिपोर्टों पर गौर करने पर यह स्पष्ट है कि नगर निगम घोटाले और भर्ती घोटाले में शामिल लोग कमोबेश एक जैसे हैं और अपराध की कार्यप्रणाली और आय एक दूसरे के साथ घुलमिल रहे हैं।”
खंडपीठ ने जांच को अदालत की निगरानी में कराने का निर्देश देते हुए दोनों घोटालों की जांच एक ही अधिकारी से कराने का निर्देश दिया।
जांच का एक और पहलू जो अदालत के ध्यान में लाया गया, वह ईडी द्वारा की गई एक प्रेस विज्ञप्ति थी, जिसमें एक आरोपी लीप्स एंड बाउंड्स प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ सुजय कृष्ण भद्र का नाम था, जो एक कंपनी थी जिसका इस्तेमाल करोड़ों रुपए के संदिग्ध लेनदेन के लिए किया गया था।
कोर्ट ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी 2012-2016 तक उक्त कंपनी में कार्यकारी अधिकारी थे और साथ ही 2012-2014 के बीच निदेशक भी थे, और जब सीईओ सुजय भद्रा को गिरफ्तार किया गया था, तो "किसी भी जांच का कोई उल्लेख नहीं था।
खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 14 सितंबर तक के लिए स्थगित करते हुए सीबीआई और ईडी को मामले की जांच में तत्परता बरतने और उन "एजेंटों" के बारे में और रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया, जिन्होंने नौकरी के वादे के बदले बेरोजगार युवाओं से रुपए लिए थे।
केस : सौमेन नंदी बनाम पश्चिम बंगाल राज्य और अन्य और संबंधित आवेदन