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COVID-19: दिशानिर्देशों को हल्के में नहीं लेना चाहिए, पुलिस-लोगों के बीच टकराव की अनुमति नहीं दी जा सकती: कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा
COVID-19: दिशानिर्देशों को हल्के में नहीं लेना चाहिए, पुलिस-लोगों के बीच टकराव की अनुमति नहीं दी जा सकती: कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पिछले हफ्ते राज्य सरकार को यह देखने के लिए निर्देश दिया कि COVID-19 दिशानिर्देशों और सुरक्षा सावधानियों को हल्के में ना लिया जाए। महत्वपूर्ण रूप से, मुख्य न्यायाधीश थोट्टाथिल बी. राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने सरकार को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि पुलिस और लोगों के बीच टकराव की स्थिति पैदा न होने दी जाए, क्योंकि इससे मानव अधिकारों के उल्लंघन की स्थितियाँ पैदा होती हैं और इस तरह के पहलुओं पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए। COVID-19...

West Bengal Assembly Elections, Election Commission To Ensure Free & Fair Elections
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव- "निर्वाचन आयोग निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करे", कलकत्ता हाईकोर्ट ने निष्पक्ष राज्य चुनावों के संबंध में दाखिल याचिका का निपटारा किया

चुनाव आयोग के जवाब को स्वीकार करते हुए कि वह यह सुनिश्चित करेगा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हों, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार (01 मार्च) को एक जनहित याचिका का निपटारा किया जो राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव को लेकर आशंका जाहिर करते हुए दायर की गई थी। मुख्य न्यायाधीश थोथाथिल बी. राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति शम्पा सरकार की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि यह भारत निर्वाचन आयोग के क्षेत्र के भीतर है कि वह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सम्पन्न कराना ...

विश्वविद्याल 30% रियायत देने के लिए सहमत: मद्रास हाईकोर्ट ने स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन लॉ के छात्रों द्वारा दायर याचिका का निपटारा किया
विश्वविद्याल 30% रियायत देने के लिए सहमत: मद्रास हाईकोर्ट ने स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन लॉ के छात्रों द्वारा दायर याचिका का निपटारा किया

मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु के डॉ. अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय से संबद्ध स्कूल ऑफ एक्सीलेंस ऑफ लॉ के 90 से अधिक छात्रों द्वारा दायर जनहित याचिका का निपटारा किया, जिसमें शैक्षणिक वर्ष 2020-21 में कुछ इस्तेमाल न होने वाली सुविधाओं के लिए फीस को चुनौती दी गई थी, जिनका COVID-19 महामारी के कारण हुई ऑनलाइन कक्षाओं के कारण कोई उपभोग नहीं किया गया था। न्यायमूर्ति बी. पुगलेंधी की एकल पीठ ने विश्वविद्यालय द्वारा यह सूचित किए जाने के बाद कि विश्वविद्यालय ने वित्त समिति ने शैक्षणिक वर्ष 2020-2021 के दौरान...

आदेशों में जब तक बहुत जरूरी ना हो, बलात्कार पीड़िता की पहचान का संकेत ना दिया जाए...और खुलासा किया जाए तो ऐसा करने के कारण लिखित रूप से दर्ज किए जाएंः पटना हाईकोर्ट
आदेशों में जब तक बहुत जरूरी ना हो, बलात्कार पीड़िता की पहचान का संकेत ना दिया जाए...और खुलासा किया जाए तो ऐसा करने के कारण लिखित रूप से दर्ज किए जाएंः पटना हाईकोर्ट

पटना उच्च न्यायालय ने हाल ही में सभी अधीनस्थ अदालतों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि बलात्कार पीड़िता की पहचान को आदेश/निर्णय में इंगित ना किया जाए, जब तक कि ऐसे खुलासा बहुत जरूरी ना हो, जिसके कारण विशेष अदालतें लिखित रूप में दर्ज करें।जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह की खंडपीठ आईपीसी की धारा 376, पोक्सो अधिनियम की धारा 4 और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धारा 3 (i) (xi), 3 (2) v के तहत दंडनीय अपराधों से संबंधित आपराधिक अपील (नियमित जमानत के लिए) पर सुनवाई कर...

किशोरियों को अपनी बातें साझा करने के लिए मां की आवश्यकता होती हैः पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने बेटी की कस्टडी मां को सौंपी
किशोरियों को अपनी बातें साझा करने के लिए मां की आवश्यकता होती हैः पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने बेटी की कस्टडी मां को सौंपी

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते कहा था कि ऐसी बहुत सी बाते हैं जो एक बेटी अपने पिता के साथ साझा नहीं कर सकती है और बेटी की बढ़ती उम्र में मां उसकी देखभाल करने के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति है। न्यायमूर्ति अशोक कुमार वर्मा और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मासिह की खंडपीठ ने यह भी कहा कि अपनी किशोरावस्था के दौरान एक बेटी मां/एक महिला साथी की तलाश करती है जिसके साथ वह अपने कुछ मुद्दों को साझा करके उन पर आराम से चर्चा कर सके। न्यायालय के समक्ष मामला 13 वर्षीय बेटी के पिता/अपीलकर्ता ने फैमिली...

घरेलू हिंसा कानून के तहत फैमिली कोर्ट के आदेश के खिलाफ सिविल अपील दायर की जा सकती है: बॉम्बे हाईकोर्ट
घरेलू हिंसा कानून के तहत फैमिली कोर्ट के आदेश के खिलाफ सिविल अपील दायर की जा सकती है: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने माना है कि घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 19 से 22 के तहत दी गई राहत मुख्य रूप से नागरिक प्रकृति की है और उक्त प्रावधानों के तहत पारित आदेश के खिलाफ नागरिक अपील दायर करने में दुर्बलता नहीं है।हाईकोर्ट ने उक्त अवलोकन ऐसे मामले के दिया है, जिसमें पत्नी द्वारा दायर दो अलग-अलग कार्यवा‌‌हियों, पहली विशेष विवाह अधिनियम के तहत तलाक और दूसरी, घरेलू हिंसा के तहत संयम के आदेश के खिलाफ, परिवार न्यायालय ने एक साथ जोड़ दिया था, सुनवाई की थी और और फैसला किया था।जस्टिस आरडी धानुका और वीजी बिष्ट...

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित सभी मामलों का विवरण मांगा
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित सभी मामलों का विवरण मांगा

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राजन गुप्ता और न्यायमूर्ति करमजीत सिंह की खंडपीठ ने पंजाब, हरियाण और केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ में सांसदों और विधायकों (वर्तमान/पूर्व) के खिलाफ लंबित सभी मामलों पर संज्ञान लिया।पीठ ने सभी जिला और सत्र न्यायाधीशों को सासंदों और विधायकों के खिलाफ लंबित मामलों के बारे में जानकारी भेजने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट के स्वत: संज्ञान बनाम पंजाब राज्य के शीर्षक वाला सीडब्लूपी नंबर (PIL)-29-2021 मामले में कोर्ट का इरादा है कि मामलों को जल्दी से निपटाया...

सरकार की समझ पर छोड़ दिया जाना चाहिए: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार को लोगों के स्वास्थ्य के हित में मोबाइल टावरों को हटाने की मांग वाली याचिका खारिज की
'सरकार की समझ पर छोड़ दिया जाना चाहिए': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार को लोगों के स्वास्थ्य के हित में मोबाइल टावरों को हटाने की मांग वाली याचिका खारिज की

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक रिट याचिका खारिज की, जिसमें एक आवासीय क्षेत्र से मोबाइल टॉवर को इस आधार पर हटाने की मांग की गई थी कि इसका मानव स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है।कोर्ट ने आशा मिश्रा बनाम यूपी राज्य और अन्य 2017(1) UPLBEC261 मामले में डिवीजन बेंच के द्वारा दिए गए निर्णय पर भरोसा जताया।कोर्ट ने कहा कि"ऐसे मामलों को सरकार या कार्यान्वयन एजेंसी के समझ पर छोड़ दिया जाना चाहिए। यह उनकी प्राथमिकता है। ऐसे मामलों में, यदि यह स्थिति होती है, तो अदालतों को केवल प्रशासनिक कानून के सिद्धांतों...

कंगना रनौत ने कर्नाटक हाईकोर्ट से किसान विरोध-प्रदर्शन के खिलाफ ट्वीट करने पर दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की
कंगना रनौत ने कर्नाटक हाईकोर्ट से किसान विरोध-प्रदर्शन के खिलाफ ट्वीट करने पर दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की

कर्नाटक हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर अभिनेत्री कंगना रनौत ने कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के खिलाफ किए ट्वीट के लिए दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की।तुमकुर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (JMFC) ने 9 अक्टूबर, 2020 को न्यायिक पुलिस स्टेशन (कथासंधर) को अभिनेत्री कंगना के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था।शिकायतकर्ता रमेश नाइक एल द्वारा आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के तहत यह शिकायत दर्ज कराई गई थी कि रनौत ने 21 सितंबर 2020 को अपने ट्विटर अकाउंट '@KanganaTeam' से एक...

हाईकोर्ट वीकली राउंड अप : पिछले सप्ताह हाईकोर्ट के कुछ ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र
हाईकोर्ट वीकली राउंड अप : पिछले सप्ताह हाईकोर्ट के कुछ ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र

22 फरवरी 2021 से 26 फरवरी 2021 तक हाईकोर्ट के कुछ ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़रट्रैफिक कानूनों के उल्लंघन के बावजूद, घायल पीड़ितों की दुर्दशा पर विचार करने की मानसिकता की समीक्षा करने का सही समय है': मद्रास हाईकोर्टमद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि यह उन सभी हितधारकों के लिए सही समय है जो मोटर दुर्घटना के मामलों से जूझ रहे हैं और घायल पीड़ितों, द्वारा ट्रैफिक कानूनों के उल्लंघन के बावजूद, की दुर्दशा पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करना और उन्हें मुआवजे देने के लिए उनकी मानसिकता की समीक्षा करनी चाहिए। न्यायमूर्ति...

जयपुर ब्लास्ट केस- राजस्थान हाईकोर्ट ने 12 साल कस्टडी में रहने और 8 अन्य समान मामलों में बरी होने वाले आरोपी को रिहाई के तुरंत बाद फिर से गिरफ्तार करने पर आश्चर्य व्यक्त किया
जयपुर ब्लास्ट केस- राजस्थान हाईकोर्ट ने 12 साल कस्टडी में रहने और 8 अन्य समान मामलों में बरी होने वाले आरोपी को रिहाई के तुरंत बाद फिर से गिरफ्तार करने पर आश्चर्य व्यक्त किया

वर्ष 2008 के जयपुर धमाकों से जुड़े मामलों में बरी होने के बावजूद जेल से रिहाई से वंचित रहे शाहबाज अहमद का मामला हमारे संविधान के तहत मिली व्यक्तिगत स्वतंत्रता की गारंटी के मौलिक अधिकार का मखौल बना रहा है। हाल ही में, राजस्थान हाईकोर्ट यह जानकर हैरान रह गया कि शाहबाज अहमद (48), जो 2008 से हिरासत में है, को जयपुर धमाकों से जुड़े एक मामले में फिर से गिरफ्तार किया गया था। जबकि उसे धमाकों से जुड़े 8 अन्य ऐसे ही मामलों में निर्दोष पाया गया था। 18 दिसंबर 2019 को जयपुर ब्लास्ट मामलों की सुनवाई के लिए...

वकील ने फिजिकल सुनवाई के दौरान हटाया मास्‍क, बॉम्बे हाईकोर्ट ने मामले को बोर्ड से हटाने का निर्देश दिया
वकील ने फिजिकल सुनवाई के दौरान हटाया मास्‍क, बॉम्बे हाईकोर्ट ने मामले को बोर्ड से हटाने का निर्देश दिया

सुनवाई के दरमियान एक वकील ने अपना मास्क हटा लिया, जिस पर आपत्त‌ि दर्ज करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने बोर्ड से उसके मामले को हटाने का निर्देश दिया।जस्टिस पृथ्वीराज के चव्हाण की खंडपीठ ने बॉम्बे उच्च न्यायालय में फिजिकल हियरिंग की सुनवाई दोबारा शुरू करने के जारी की गई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का उल्लेख किया, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि हर समय फेस मास्क पहनना अनिवार्य है। मानक संचालन प्रक्रिया 11 जनवरी, 2021 से प्रभावी है।उल्लेखनीय है कि मानक संचालन प्रक्रिया, जिसे फिजिकल हियरिंग को फिर...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के खुद के चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने के खिलाफ दायर याचिका के खिलाफ दायर अर्जी  खारिज की
बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के खुद के चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने के खिलाफ दायर याचिका के खिलाफ दायर अर्जी खारिज की

बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकर द्वारा दायर एक अर्जी को खारिज कर दिया, जिसमें उनके खिलाफ मोहम्मद नफीस खान द्वारा लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने के खिलाफ याचिका दायर की थी।न्यायमूर्ति ए.एस. चंदुरकर की एकल न्यायाधीश पीठ ने चुनाव याचिका को यह कहने के बाद जारी रखने की अनुमति दी कि गडकरी के स्वामित्व वाली कृषि भूमि की घोषणा के संबंध में अपनी प्रार्थना में दो बिंदुओं के रूप में उनकी आय के स्रोत उनके लोकसभा चुनाव में लोकसभा सीट 10-नागपुर से उनके...

कर्नाटक हाईकोर्ट ने केरल सीमा पर यात्रा प्रतिबंधों को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया
कर्नाटक हाईकोर्ट ने केरल सीमा पर यात्रा प्रतिबंधों को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया

कर्नाटक हाईकोर्ट ने बुधवार को COVID-19 के प्रकोप के मद्देनजर केरल-कर्नाटक सीमा पर जनता के आवागमन पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया।मुख्य न्यायाधीश अभय ओका और न्यायमूर्ति सचिन शंकर मगदुम की खंडपीठ ने अधिवक्ता बी सुब्बैया राय द्वारा दायर याचिका को 5 मार्च को अगली सुनवाई के निर्धारित की है। याचिकाकर्ता ने दावा किया गया है कि यह याचिका उन लोगों की ओर से दायर की जा रही है, जो बड़े पैमाने पर कर्नाटक-केरल सीमावर्ती क्षेत्रों में रहते हैं और...

सरकारी अस्पताल में मरीज की अनपेक्षित मौत या चोट पहुंचने पर राज्य की ओर से मुआवजा देना अनिवार्य है, भले ही चिकित्सकीय लापरवाही नहीं हुई हो : मद्रास हाईकोर्ट
सरकारी अस्पताल में मरीज की अनपेक्षित मौत या चोट पहुंचने पर राज्य की ओर से मुआवजा देना अनिवार्य है, भले ही चिकित्सकीय लापरवाही नहीं हुई हो : मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु राज्य सरकार को एक दलित याचिकाकर्ता को 5 लाख रुपये का मुआवजा प्रदान करने का निर्देश दिया, जिसकी बेटी की सरकारी अस्पताल में एनेस्थीसिया (बेहोशी की दवा) देने के बाद पैदा हुई जटिलताओं के कारण मौत हो गई।न्यायमूर्ति जीआर स्वामीनाथन की एकल पीठ ने इस मामले की सुनवाई की और कहा कि भले ही एनेस्थेटिस्ट की ओर से कोई चिकित्सकीय लापरवाही (Medical Negligence) न की गई हो, लेकिन सरकार की ओर से एक दायित्व मौजूद है कि अगर किसी मरीज को एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया और वहां वह मरीज...

संस्थान की भलाई के लिए: एजी केके वेणुगोपाल ने पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के लिए सहमति देने से इनकार किया
"संस्थान की भलाई के लिए": एजी केके वेणुगोपाल ने पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के लिए सहमति देने से इनकार किया

भारत के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने एक इंटरव्यू के दौरान पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई द्वारा दिए गए बयानों के लिए उनके खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करने पर अपनी सहमति देने से इनकार कर दिया है। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने यह जवाब एक्टिविस्ट साकेत गोखले द्वारा न्यायपालिका और सुप्रीम कोर्ट के बारे में अपने बयानों के लिए गोगोई के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करने के बारे में पूछने पर दिया।सहमति देने से इनकार करते हुए एजी वेणुगोपाल ने स्वीकार किया है कि गोगोई ने हाल के एक इंटरव्यू में...

जब तक नियम नहीं बनते, तब तक मवेशियों के परिवहन के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई  नहीं की जाएगी : कर्नाटक सरकार ने हाईकोर्ट में कहा
जब तक नियम नहीं बनते, तब तक मवेशियों के परिवहन के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी : कर्नाटक सरकार ने हाईकोर्ट में कहा

कर्नाटक सरकार ने (शुक्रवार) कर्नाटक हाईकोर्ट में कहा कि जब तक नियमों को लागू नहीं किया जाता है, तब तक "कर्नाटक पशु वध की रोकथाम और मवेशी संरक्षण अधिनियम, 2021 की धारा 5, जिसमें मवेशी के परिवहन पर प्रतिबंध की बात कही गई है, के उल्लंघन पर कोई कठोर कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी।जब कर्नाटक पशु वध की रोकथाम और मवेशी संरक्षण अध्यादेश लागू थी, तब एडवोकेट जनरल ने 20 जनवरी को न्यायालय के समक्ष इसी तरह का एक अंडरटेकिंग प्रस्तुत किया था।अब जब अध्यादेश का स्थान अधिनियम ने ले लिया है, तो महाधिवक्ता ने न्यायालय...

मशहूर ह‌स्‍तियों को ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करने में सावधानी बरतनी चाहिए, जिन्हें गलत समझा जा सकता है: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने युवराज सिंह को जातिसूचक टिप्पणी मामले में संरक्षण प्रदान किया
"मशहूर ह‌स्‍तियों को ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करने में सावधानी बरतनी चाहिए, जिन्हें गलत समझा जा सकता है": पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने युवराज सिंह को जातिसूचक टिप्पणी मामले में संरक्षण प्रदान किया

हरियाणा सरकार को नोटिस जारी करते हुए, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने गुरुवार (25 फरवरी) को क्रिकेटर युवराज सिंह को पिछले साल इंस्टाग्राम चैट के दौरान एक अन्य क्रिकेटर के खिलाफ उनकी कथित जातिवादी टिप्पणी के लिए दर्ज एक मामले में क्रिकेटर कठोर कार्रवाई के खिलाफ अंतरिम संरक्षण प्रदान किया है।न्यायमूर्ति अमोल रतन सिंह की खंडपीठ युवारज की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें इस मामले के संबंध में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की गई थी।न्यायाधीश ने फैसले में कहा, "प्रत्येक व्यक्ति...