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गुजरात हाईकोर्ट में निजता के अधिकार का आह्वान करते हुए गुजरात शराब निषेध को चुनौती दी गई
गुजरात हाईकोर्ट में 'निजता के अधिकार' का आह्वान करते हुए गुजरात शराब निषेध को चुनौती दी गई

गुजरात हाईकोर्ट ने सोमवार को गुजरात निषेध अधिनियम, 1949 के तहत राज्य में शराब के निर्माण, बिक्री और खपत पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की।याचिका में उक्त कानून को 'मनमानापन प्रकट करने' और 'निजता के अधिकार' के उल्लंघन के आधार पर चुनौती दी गई है।मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव की खंडपीठ मंगलवार को भी मामले की सुनवाई जारी रखेगी।सोमवार को महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने चुनौती पर प्रारंभिक आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट बॉम्बे और अन्य राज्य बनाम एफ एन...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुजुर्ग मुस्लिम के साथ मारपीट से संबंधित वीडियो ट्वीट करने पर यूपी पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर मामले में पत्रकार राणा अय्यूब को चार सप्ताह की ट्रांजिट अग्रिम जमानत दी
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुजुर्ग मुस्लिम के साथ मारपीट से संबंधित वीडियो ट्वीट करने पर यूपी पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर मामले में पत्रकार राणा अय्यूब को चार सप्ताह की ट्रांजिट अग्रिम जमानत दी

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को बुजुर्ग मुस्लिम के साथ मारपीट से संबंधित वीडियो ट्वीट करने पर यूपी पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर मामले में पत्रकार राणा अय्यूब को चार सप्ताह की ट्रांजिट अग्रिम जमानत दिया।न्यायमूर्ति पीडी नाइक की एकल पीठ ने आदेश दिया कि अय्यूब को चार सप्ताह की अवधि के लिए सुरक्षा दी जा सकती है ताकि वह उचित राहत के लिए उपयुक्त अदालत का दरवाजा खटखटा सके।पीठ ने आदेश दिया कि, "चार सप्ताह की अवधि के दौरान गिरफ्तारी की स्थिति में आवेदक को 25,000 रूपये के निजी बॉन्ड भरने और इतनी ही राशि के एक...

पश्चिम बंगाल सरकार का आचरण कोर्ट के विश्वास को प्रेरित नहीं करता : कलकत्ता हाईकोर्ट ने चुनाव के बाद हिंसा की शिकायतों की जांच के लिए NHRC को कमेटी गठित करने के आदेश को वापस लेने से इनकार किया
'पश्चिम बंगाल सरकार का आचरण कोर्ट के विश्वास को प्रेरित नहीं करता' : कलकत्ता हाईकोर्ट ने चुनाव के बाद हिंसा की शिकायतों की जांच के लिए NHRC को कमेटी गठित करने के आदेश को वापस लेने से इनकार किया

कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को अपने 18 जून के आदेश को वापस लेने से इनकार किया, जिसमें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा के दौरान डर से घर छोड़ने के लिए मजबूर हुए लोगों की शिकायतों की जांच के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया गया था।पांच न्यायाधीशों की बेंच मामले की सुनवाई कर रही थी। बेंच ने कहा कि राज्य द्वारा न्यायालय के विश्वास को प्रेरित करने में विफल रहने के बाद आदेश पारित किया गया था और इस आदेश को वापस लेने / संशोधित करने या रोक लगाने का कोई...

दिल्ली हाईकोर्ट ने डीवी एक्ट के तहत विवाहित व्यक्ति की कथित लिव-इन पार्टनर को अंतरिम भरण पोषण देने के आदेश को बरकरार रखा
दिल्ली हाईकोर्ट ने डीवी एक्ट के तहत विवाहित व्यक्ति की कथित लिव-इन पार्टनर को अंतरिम भरण पोषण देने के आदेश को बरकरार रखा

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एक अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें एक विवाहित पुरुष को घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 के तहत उस महिला को अंतरिम भरण-पोषण का भुगतान करने का निर्देश दिया था,जिसने खुद को इस व्यक्ति की लिव-इन पार्टनर बताया था। हालांकि न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की एकल पीठ ने कहा कि क्या दोनों पक्ष एक साझा घर में रह रहे थे और शादी की प्रकृति में घरेलू संबंध का आनंद ले रहे थे, इस मुद्दे को प्रमुख सबूतों के बिना तय नहीं किया जा सकता है? ...

COVID- उन परिवारों की पहचान करें जिन्हें COVID के कारण स्लम क्षेत्रों में खाद्यान्न, अन्य सामग्री के रूप में सहायता की आवश्यकता है: गुवाहाटी हाईकोर्ट ने DLSA को निर्देश दिया
COVID- "उन परिवारों की पहचान करें जिन्हें COVID के कारण स्लम क्षेत्रों में खाद्यान्न, अन्य सामग्री के रूप में सहायता की आवश्यकता है": गुवाहाटी हाईकोर्ट ने DLSA को निर्देश दिया

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कामरूप को निर्देश दिया है कि वे ऐसे परिवारों की पहचान करें, जो COVID-19 के कारण स्लम क्षेत्रों में खाद्यान्न और अन्य आवश्यक आपूर्ति के रूप में सहायता चाहते हैं।मुख्य न्यायाधीश सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति मनश रंजन पाठक की खंडपीठ ने आदेश दिया:"सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कामरूप (मेट्रो) अपने पैरा लीगल वालंटियर्स को स्लम क्षेत्रों और उन क्षेत्रों में तैनात करेगा, जहां हाशिए पर रहने वाले परिवारों और अन्य ऐसे परिवारों की पहचान की जा सकती...

सार्वजनिक रूप से फैशन ट्रेंड के रूप में फायर-आर्म के प्रदर्शन/ दिखावे के लिए लाइसेंस मांगने वालों से सावधान रहना चाहिए: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अधिकारियों से कहा
'सार्वजनिक रूप से फैशन ट्रेंड के रूप में फायर-आर्म के प्रदर्शन/ दिखावे के लिए लाइसेंस मांगने वालों से सावधान रहना चाहिए': मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अधिकारियों से कहा

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने फायर आर्म लाइसेंस प्रदान करते समय एक व्यक्ति की जीवन की असुरक्षा की भावना के महत्वपूर्ण कारक को ध्यान में रखते हुए कहा कि प्राधिकरण को सार्वजनिक रूप से फैशन ट्रेंड के रूप में फायर-आर्म के प्रदर्शन/ दिखावे के लिए लाइसेंस मांगने वालों से सावधान रहना चाहिए।न्यायमूर्ति एस ए धर्माधिकारी की खंडपीठ ने कहा कि,"अब यह एक स्थापित कानून है कि एक गैर-निषिद्ध फायर आर्म रखने से किसी व्यक्ति को अपनी सुरक्षा के अधिकार को प्रभावित करने में मदद मिलती है। यह निश्चित रूप से इसके अधीन उचित...

बॉम्बे हाईकोर्ट, मुंबई
'10 साल के अनुभव वाले वकील हाईकोर्ट के जज बनने के योग्य, लेकिन उपभोक्ता आयोग के सदस्य नहीं बन सकते': बॉम्बे हाईकोर्ट में उपभोक्ता संरक्षण नियमों को चुनौती

बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने शनिवार को केंद्र और राज्य को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 101 के तहत केंद्र सरकार द्वारा निर्मित उपभोक्ता संरक्षण नियम 2020 के खिलाफ दायर याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया, उक्त नियमों में राज्य और जिला उपभोक्ता आयोग के निर्णयकारी सदस्यों के नियुक्ति की पात्रता मानदंडों के बारे में बताया गया था।जस्टिस सुनील शुक्रे और जस्टिस अनिल किलोर की खंडपीठ ने एडवोकेट डॉ महिंद्रा लिमये की एक रिट याचिका पर यह आदेश पारित किया। जवाब 23 जून, 2021 तक दाखिल...

पीआईएल दुरुपयोग का पुख्ता उदाहरण : गुजरात हाईकोर्ट ने वीवीपैट के इस्तेमाल, राज्य निर्वाचन आयोग की कथित गड़बड़ियों से संबंधित याचिका 500 रुपये जुर्माने के साथ खारिज की
'पीआईएल दुरुपयोग का पुख्ता उदाहरण' : गुजरात हाईकोर्ट ने वीवीपैट के इस्तेमाल, राज्य निर्वाचन आयोग की कथित गड़बड़ियों से संबंधित याचिका 500 रुपये जुर्माने के साथ खारिज की

यह देखते हुए कि याचिकाकर्ता ने कोर्ट द्वारा पहले खारिज की गयी जनहित याचिका में उठाये गये मसलों से मिलते जुलते बिंदुओं पर क्रमिक पीआईएल दायर की थी, गुजरात हाईकोर्ट ने स्थानीय निकाय चुनाव में आरक्षित सीटों, वीपीपैट मशीनों के इस्तेमाल और राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा की जाने वाली अनियमितताओं से संबंधित याचिका हाल ही में खारिज कर दी है और याचिकाकर्ता पर 500 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ एवं न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव की डिवीजन बेंच ने कहा कि :"खासकर जनहित याचिका के माध्यम से,...

विवाह वैध रूप से समाप्त क्यों नहीं किया?: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पत्नी के कथित तौर पर छोड़कर जाने के बाद  लिव-इन रिलेशन में रहने वाले व्यक्ति से पूछा सवाल
''विवाह वैध रूप से समाप्त क्यों नहीं किया?: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पत्नी के कथित तौर पर छोड़कर जाने के बाद लिव-इन रिलेशन में रहने वाले व्यक्ति से पूछा सवाल

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते एक व्यक्ति से सवाल किया कि उसने अपनी पत्नी से अपने वैवाहिक संबंध को वैध रूप से समाप्त क्यों नहीं किया? कोर्ट ने यह सवाल उस समय किया जब इस व्यक्ति (और उसकी महिला लिव-इन पार्टनर) ने एक सुरक्षा याचिका दायर की और दावा किया कि उसकी पत्नी उसे छोड़कर चली गई है और उसे अपने बच्चों को मातृ देखभाल प्रदान करने के लिए मजबूर किया गया है। न्यायमूर्ति अरुण मोंगा की खंडपीठ ने पाया कि अपने बच्चों की जैविक मां से अपने वैवाहिक संबंध को वैध रूप से समाप्त करने में उसकी...

निर्धारिती के जवाब पर विचार न करना प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघनः केरल हाईकोर्ट
निर्धारिती के जवाब पर विचार न करना प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघनः केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने गुरुवार को एक अपील की अनुमति देते हुए कहा कि निर्धारिती द्वारा दायर उत्तर पर विचार न करना प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन है, जब इस तरह के उत्तर का अस्तित्व निर्धारण अधिकारी के ज्ञान के भीतर है।अपीलार्थी एम/एस. यूरो बिजनेस सिस्टम ने राज्य कर अधिकारी द्वारा जारी मूल्यांकन के आदेश और सुधार आवेदन को खारिज करने के इस न्यायालय के आदेश के खिलाफ इस न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।जब हाईकोर्ट के समक्ष शुरू में रिट याचिका दायर की गई थी, तो एक सिंगल जज ने इसे यह कहते...

सीआरपीसी की धारा 102 के अंतर्गत अपराध दर्ज करना गैर कानूनी, यह प्रावधान पुलिस को जब्ती का अधिकार देने के लिए है: केरल हाईकोर्ट
सीआरपीसी की धारा 102 के अंतर्गत अपराध दर्ज करना गैर कानूनी, यह प्रावधान पुलिस को जब्ती का अधिकार देने के लिए है: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट की एकल पीठ ने एक 21 वर्षीय व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि सीआरपीसी की धारा 102 के तहत कोई अपराध नहीं है और इस प्रावधान के तहत याचिकाकर्ता के खिलाफ अपराध दर्ज करना अवैध है।याचिकाकर्ता अखिल सी के वकील चेरियन मैथ्यू पुथिकोटे ने प्रस्तुत किया कि उनके खिलाफ नीलांबुर पुलिस स्टेशन में आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 102 के तहत दंडनीय अपराध का आरोप लगाते हुए एक एफआईआर दर्ज की गई थी।एफआईआर में तर्क दिया गया कि याचिकाकर्ता को 27.12.2020 को एक फोन का उपयोग करते हुए...

दोषी को मिली सज़ा की अवधि अंडरट्रायल के दौरान उसकी हिरासत की अवधि से कम : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने हर्जाना देने का आदेश दिया
दोषी को मिली सज़ा की अवधि अंडरट्रायल के दौरान उसकी हिरासत की अवधि से कम : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने हर्जाना देने का आदेश दिया

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक आरोपी को त्वरित सुनवाई के अधिकार से वंचित करना "न्याय का गंभीर उल्लंघन" मानते हुए राज्य के कानून मंत्रालय और पुलिस महानिदेशक को एक अपराधी को मुआवजा देने का आदेश दिया है। यह कैदी पहले से ही सजा से ज्यादा अवधि विचाराधीन कैदी के रूप में जेल में बिता चुका है।न्यायमूर्ति संजय के अग्रवाल की एकल पीठ ने माना,"यह बिल्कुल स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता 4 साल, 6 महीने और 7 दिनों की अवधि के लिए विचाराधीन कैदी के रूप में जेल में रहा, जबकि उसे आईपीसी की धारा 420/34 और धारा 120 बी के तहत...

टेस्टिंग, ट्रेसिंग एंड ट्रीटमेंट रणनीति का सख्ती से पालन करेंः गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य को कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए एक्शन प्लान दायर करने को कहा
'टेस्टिंग, ट्रेसिंग एंड ट्रीटमेंट' रणनीति का सख्ती से पालन करेंः गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य को कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए एक्शन प्लान दायर करने को कहा

कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर से चिंतित, गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से प्रकोप को रोकने और एक निवारक कार्य योजना तैयार करने के लिए '3 टी मॉडल' अपनाने को कहा है। राज्य को 'टेस्टिंग, ट्रेसिंग एंड ट्रीटमेंट' रणनीति का सख्ती से पालन करने की सलाह दी गई है।जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस भार्गव डी करिया की डिवीजन बेंच ने कहा कि,''आज कोरोना के केस कम हो रहे हैं,इसलिए प्रशासन के लिए संपर्कों का पता लगाना, ऐसे संपर्कों को क्वारंटीन करना और उनका टेस्ट करना और उसी के अनुसार इलाज करना आसान होगा,...

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन की आपूर्ति और पीएसए इकाइयों की स्थापना पर केंद्र से जवाब मांगा
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन की आपूर्ति और पीएसए इकाइयों की स्थापना पर केंद्र से जवाब मांगा

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने अधिकारियों को COVID-19 महामारी की चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहते हुए बुधवार को केंद्र से जवाब मांगा कि किस तारीख तक राज्य में ब्लैक फंगस के इलाज के लिए लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन की आपूर्ति में वृद्धि के संबंध में 15 प्रेसर स्विंग एडरोप्शन (पीएसए) यूनिट स्थापित की जाएंगी।मुख्य न्यायाधीश अरूप कुमार गोस्वामी और न्यायमूर्ति निनाला जयसूर्या की एक खंडपीठ ने राज्य सरकार से जवाब मांगा, जिसमें राज्य में COVID-19 महामारी से संबंधित सभी...

वकील कानून से ऊपर नहीं; वकीलों के अनियंत्रित आचरण के खिलाफ बार काउंसिल को स्वतः कार्रवाई करनी चाहिएः मद्रास हाईकोर्ट
वकील कानून से ऊपर नहीं; वकीलों के अनियंत्रित आचरण के खिलाफ बार काउंसिल को स्वतः कार्रवाई करनी चाहिएः मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने कहा है कि बार काउंसिल को उन अधिवक्ताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करनी चाहिए जो सार्वजनिक रूप से अपने अनियंत्रित आचरण के कारण कानूनी बिरादरी को अपमानित करते हैं। हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि ऐसी घटनाएं विजुअल या प्रिंट मीडिया के माध्यम से बार काउंसिल के संज्ञान में आती हैं, तो बार काउंसिल को किसी औपचारिक लिखित शिकायत की प्रतीक्षा किए बिना, स्वतः कार्रवाई शुरू करनी चाहिए।जस्टिस एम धंदापनि की एकल पीठ ने एक वकील की अग्रिम जमानत याचिका पर विचार करते समय ये महत्वपूर्ण...

मध्यस्‍थ न्यायाधिकरण सार्वजनिक कानून सिद्धांतों या अनुच्छेद 14 को सार्वजनिक निकाय के खिलाफ लागू नहीं कर सकते: बॉम्बे हाईकोर्ट
मध्यस्‍थ न्यायाधिकरण सार्वजनिक कानून सिद्धांतों या अनुच्छेद 14 को सार्वजनिक निकाय के खिलाफ लागू नहीं कर सकते: बॉम्बे हाईकोर्ट

डेक्कन चार्जर्स को आईपीएल से बाहर करने के मामले में बीसीसीआई के खिलाफ पंचाट के फैसले को रद्द करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि एक मध्यस्थ न्यायाधिकरण निष्पक्षता और तर्कसंगतता पर सार्वजनिक कानून के सिद्धांतों को लागू नहीं कर सकता है।मध्यस्थ ने माना था कि बीसीसीआई, हालांकि संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत राज्य नहीं है, 'सार्वजनिक कार्य' कर रहा है और इसलिए निष्पक्षता का सार्वजनिक वैधानिक कर्तव्य रखता है।मध्यस्थता और सुलह अधिनियम की धारा 34 के तहत मध्यस्थता पुरस्कार के खिलाफ अपील में, जस्टिस गौतम...

केरल हाईकोर्ट ने राज्य में लगातार लगते लॉकडाउन को देखते हुए सभी अंतरिम आदेशों की वैधता को 29 जून तक बढ़ाया
केरल हाईकोर्ट ने राज्य में लगातार लगते लॉकडाउन को देखते हुए सभी अंतरिम आदेशों की वैधता को 29 जून तक बढ़ाया

केरल हाईकोर्ट ने सोमवार को एक स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई करते हुए इस न्यायालय द्वारा पारित अंतरिम आदेशों की वैधता को 29 जून 2021 तक बढ़ा दिया। हाईकोर्ट ने यह फैसला राज्य में 16 जून 2021 तक लॉकडाउन के रहने के कारण सामान्य अदालती कार्यवाही करने में असमर्थता का हवाला देते हुए लिया है। इस संबंध में दायर की गई यह दूसरी स्वत: संज्ञान लेने वाली रिट याचिका है।पहली याचिका 2020 में दर्ज की गई थी, जिसमें लॉकडाउन अवधि के दौरान समाप्त होने वाले इस न्यायालय द्वारा दिए गए अंतरिम आदेशों और बाल हिरासत आदेशों...

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर व्हीकल अधिनियम के तहत दस्तावेजों की वैधता के विस्तार के लिए एक एडवाइजरी जारी की
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर व्हीकल अधिनियम के तहत दस्तावेजों की वैधता के विस्तार के लिए एक एडवाइजरी जारी की

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर वाहन अधिनियम और केंद्रीय मोटर वाहन नियमों से संबंधित दस्तावेजों की वैधता बढ़ाने और परमिट शुल्क और करों में छूट की घोषणा करते हुए एक एडवाइजरी जारी की है।एडवाइजरी में गृह मंत्रालय द्वारा मार्च, 2020 में सभी मंत्रालयों और विभागों को जारी किए गए आदेश और दिशा-निर्देशों का हवाला दिया गया। इसमें वायरस को रोकने के लिए लागू किए गए पूर्ण लॉकडाउन को ध्यान में रखा गया था। तदनुसार, सरकार ने उनके परिवहन के लिए वाहनों के साथ आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं को जारी रखने की...

Allahabad High Court expunges adverse remarks against Judicial Officer
अपूर्ण और दोषपूर्ण गैंग चार्ट के कारण आरोपियों को आसानी से जमानत मिलना न्याय की हत्या: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश गैंगस्टर एक्ट 1986 के तहत सुनियोजित तरीके के बिना तैयार किए गए गैंग-चार्ट को गंभीरता से लिया है, जो कथित गैंगस्टरों को आसानी से जमानत प्राप्त करने में मदद करता है, जिससे नागरिक समाज के आदेश को खतरा हो सकता है।न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी की एकल पीठ ने कहा कि इंटरनेट के युग में जहां पूरी दुनिया की जानकारी एक की उंगली पर उपलब्ध हो जाता है, संबंधित अधिकारियों से व्यापक गैंग-चार्ट तैयार करने की अपेक्षा की जाती है जो अदालत को जमानत याचिकाओं पर प्रभावी ढंग से निर्णय...