मुख्य सुर्खियां

सरकार के दो अंगों के बीच विवादों को अदालत में जनता के धन पर नहीं लड़ा जाना चाहिए: जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट
सरकार के दो अंगों के बीच विवादों को अदालत में जनता के धन पर नहीं लड़ा जाना चाहिए: जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि भारत सरकार के दो अंगों के बीच के विवादों को अदालत में जनता के धन पर नहीं लाया जाना चाहिए, जिन्हें सालों तक लड़ा जाता है।अदालत ने कहा,"ऑफिस मेमो के तहत प्रदान किए गए प्रशासनिक विवाद समाधान सिस्टम में पक्षकारों को फिर से शामिल करना वांछनीय होगा।"जस्टिस संजीव कुमार ने उस याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की, जिसके संदर्भ में होटल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने पट्टे को समाप्त करने के नोटिस और बाद में संबंधित संपदा अधिकारी द्वारा जारी किए गए...

स्वतंत्रता सेनानी की पेंशन के फर्जी दावों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए: बॉम्बे हाईकोर्ट ने 80 साल की विधवा की याचिका खारिज की
स्वतंत्रता सेनानी की पेंशन के फर्जी दावों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए: बॉम्बे हाईकोर्ट ने 80 साल की विधवा की याचिका खारिज की

बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह देखते हुए कि काल्पनिक स्वतंत्रता सेनानी के दावों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए, अपने मृत पति के दावे को खारिज करने के खिलाफ महिला द्वारा दायर रिट याचिका खारिज कर दी। हालांकि, विधवा के पति ने अपने जीवनकाल में इसे चुनौती नहीं दी थी।अदालत ने कहा,"... यह देखने के लिए पूरी सावधानी बरतनी होगी कि वास्तविक स्वतंत्रता सेनानियों को नुकसान न हो और उनके दावों को स्वीकार किया जाए, लेकिन साथ ही काल्पनिक दावों को गुण-दोष के आधार पर सख्ती से निपटा जाना चाहिए।"नागपुर खंडपीठ के जस्टिस रवींद्र...

पीएम मोदी की बीए डिग्री मामला : दिल्ली हाईकोर्ट ने आरटीआई मामले को अगले साल 3 मई तक स्थगित किया
पीएम मोदी की बीए डिग्री मामला : दिल्ली हाईकोर्ट ने आरटीआई मामले को अगले साल 3 मई तक स्थगित किया

दिल्ली हाईकोर्ट में पांच साल से अधिक समय से लंबित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक डिग्री से जुड़े मामले की सुनवाई को अगले साल तीन मई तक के लिए स्थगित कर दिया। दिल्ली यूनिवर्सिटी ने 2017 में केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें यूनिवर्सिटी को 1978 में बीए प्रोग्राम पास करने वाले छात्रों के रिकॉर्ड के निरीक्षण की अनुमति देने का निर्देश दिया गया था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी परीक्षा पास की थी।जस्टिस संजीव सचदेवा ने 24 जनवरी 2017 को सुनवाई की पहली तारीख को...

एनडीपीएस मामला
'जिस मंदिर से गांजा बरामद हुआ, वह उसके विशेष कब्जे में नहीं है': बॉम्बे हाईकोर्ट ने एनडीपीएस मामले में पुजारी को दी जमानत

बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने हाल ही में पुणे में मंदिर परिसर में भांग के पौधे उगाने के आरोपी पुजारी को जमानत दे दी है।जस्टिस संदीप शिंदे ने जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया, मंदिर केवल पुजारी के कब्जे में नहीं था।अदालत ने अपने आदेश में कहा,"इन सबसे ऊपर, चार्जशीट, प्रथम दृष्टया, यह सुझाव नहीं देती है कि जिस मंदिर से गांजा बरामद किया गया था, वह आवेदक के विशेष कब्जे में था। इसे अलग तरीके से रखने के लिए, मंदिर परिसर बड़े पैमाने पर जनता के लिए सुलभ है। उक्त परिसर आवेदक के...

बॉम्बे हाईकोर्ट, मुंबई
'तुच्छ याचिका': बॉम्बे हाईकोर्ट ने वॉचमैन के 15 साल पुराने मुआवजे के दावे में देरी के लिए जेआईके इंडस्ट्रीज पर 50,000 का जुर्माना लगाया

बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने वॉचमैन के 15 साल पुराने मुआवजे के दावे में देरी के लिए घरेलू उत्पादों के निर्माता जेआईके इंडस्ट्रीज पर 50,000 का जुर्माना लगाया। दरअसल वह चौकीदार 18 साल पहले कारखाने में लगी आग के कारण जल गया था। जिसे अब तक मुआवजा नहीं मिला।जस्टिस एम एस कार्णिक ने नियोक्ता की "तुच्छ याचिका" को खारिज कर दिया जिसमें चौकीदार की दो साल की देरी को माफ करने के श्रम न्यायालय के फैसले को चुनौती दी गई थी और कामगार मुआवजा अधिनियम, 1923 के तहत उसके 2007 के दावे को बहाल किया था।अदालत...

ज्ञानवापी केस
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की धार्मिक प्रकृति 'संदिग्ध', प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट के तहत हिंदू पक्ष के मुकदमे पर कोई रोक नहीं: वाराणसी कोर्ट

वाराणसी कोर्ट ने आज भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान (स्वयंभू) और अन्य को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का कब्जा सौंपने की प्रार्थना वाले टाइटल सूट को बरकरार रखते हुए कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की धार्मिक प्रकृति 'संदिग्ध' है और इसलिए, पूजा स्थल अधिनियम के तहत इस तरह के मुकदमे पर रोक नहीं होगा।कोर्ट ने अंजुमन मस्जिद समिति (जो वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करती है) के आदेश 7 नियम 11 सीपीसी के तहत दायर एक आवेदन को खारिज कर दिया, जिसमें भगवान विश्वेश्वर विराजमान (स्वयंभू) और अन्य को ज्ञानवापी...

दिल्ली मेट्रो
केंद्र, दिल्ली सरकार रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को बकाये के भुगतान के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के अनुरोध पर विचार करेगी, डीएमआरसी ने हाईकोर्ट को बताया

दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया है कि केंद्र और दिल्ली सरकार रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा प्रवर्तित दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (डीएएमईपीएल) को मध्यस्थता निर्णय के अवैतनिक बकाये का भुगतान करने के लिए वित्तीय सहायता के उसके अनुरोध पर विचार करने पर सहमत हो गए हैं।डीएमआरसी ने इस प्रकार प्रार्थना की है कि लंबित कार्यवाही में कोई भी आदेश दो इक्विटी धारकों द्वारा इसके अनुमोदन के परिणाम को रिकॉर्ड में रखे जाने के बाद ही पारित किया जाए।17 नवंबर...

एमपी फ्रीडम ऑफ रिलिजन एक्ट - अंतर-धार्मिक जोड़ों को कलेक्टर के सामने धर्मांतरण की घोषणा आवश्यक करने का प्रावधान प्रथम दृष्टया असंवैधानिक : मध्यप्रदेश हाईकोर्ट
एमपी फ्रीडम ऑफ रिलिजन एक्ट - अंतर-धार्मिक जोड़ों को कलेक्टर के सामने धर्मांतरण की घोषणा आवश्यक करने का प्रावधान 'प्रथम दृष्टया असंवैधानिक : मध्यप्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में राज्य सरकार को ऐसे किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने से रोक दिया है, जो मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 2021 (Madhya Pradesh Freedom of Religion Act, 2021) की धारा 10 का उल्लंघन करता है। अधिनियम की इस धारा के तहत धर्म परिवर्तन करने के इच्छुक व्यक्ति को जिलाधिकारी को इस संबंध में घोषणा पत्र देने की आवश्यकता होती है। जस्टिस सुजॉय पॉल और जस्टिस प्रकाश चंद्र गुप्ता की पीठ ने इस प्रावधान को प्रथम दृष्टया असंवैधानिक पाते हुए आगे राज्य को...

जस्टिस निखिल कारियल ईमानदार और निष्पक्ष जज, प्रस्तावित तबादला उचित नहीं; गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन ने प्रस्ताव पारित किया
जस्टिस निखिल कारियल ईमानदार और निष्पक्ष जज, प्रस्तावित तबादला उचित नहीं; गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन ने प्रस्ताव पारित किया

जस्टिस निखिल एस कारियल को 'बेहतरीन, सच्‍चा, ईमानदार,और निष्पक्ष' जज बताते हुए गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन ने उन्हें पटना हाईकोर्ट ट्रांसफर करने के सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के प्रस्ताव के खिलाफ विरोध करते हुए और अपनी नाराजगी दिखाते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है।यह कहते हुए कि प्रस्तावित स्थानांतरण उचित नहीं है, एसोसिएशन के प्रस्ताव में कहा गया है कि बार के सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से इस तरह के किसी भी कदम का कड़ा विरोध करने का निर्णय लिया गया है और जब तक चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और कॉलेजियम इस...

वास्तविक शिक्षण अनुभव की आवश्यकता : केरल हाईकोर्ट ने कन्नूर यूनिवर्सिटी को सीएम के निजी सचिव की पत्नी प्रिया वर्गीज की प्रामाणिकताओं की फिर से जांच करने का निर्देश दिया
''वास्तविक शिक्षण अनुभव की आवश्यकता'' : केरल हाईकोर्ट ने कन्नूर यूनिवर्सिटी को सीएम के निजी सचिव की पत्नी प्रिया वर्गीज की प्रामाणिकताओं की फिर से जांच करने का निर्देश दिया

केरल हाईकोर्ट ने गुरुवार को उस याचिका को स्वीकार कर लिया है,जिसमें मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के निजी सचिव के.के. रागेश की पत्नी प्रिया वर्गीज को कन्नूर यूनिवर्सिटी के मलयालम विभाग में एक एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में चयनित करने के निर्णय को चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने यूनिवर्सिटी के सक्षम प्राधिकारी को निर्देश दिया है कि वें प्रतिवादी नंबर-5 (प्रिया वर्गीस) की प्रामाणिकताओं पर पुनर्विचार करें और यह तय करें कि क्या उन्हें रैंक सूची में बनाए रखना चाहिए। इस तरह की जांच पूरी होने और रैंक सूची...

पिता की पैरामिलिट्री पृष्ठभूमि बच्चे के समग्र विकास और व्यक्तित्व विकास में मददगार: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पिता को बच्चे की कस्टडी सौंपी
'पिता की पैरामिलिट्री पृष्ठभूमि बच्चे के समग्र विकास और व्यक्तित्व विकास में मददगार': मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पिता को बच्चे की कस्टडी सौंपी

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने हाल ही में एक बच्चे की कस्टडी से जुड़े एक मामले पर फैसला करते हुए पिता की पैरामिलिट्री बैकग्राउंड को महत्व दिया।पिता को कस्टडी प्रदान करते हुए चीफ जस्टिस रवि मालिमथ और जस्टिस आनंद पाठक की खंडपीठ ने कहा कि उनकी अर्धसैनिक पृष्ठभूमि बच्चे के समग्र विकास और व्यक्तित्व विकास के लिए उसके लाभ के लिए काम करेगी।वर्तमान मामले में, प्रतिवादी/पिता आई.टी.बी.पी., एक अर्धसैनिक बल में कांस्टेबल के रूप में कार्यरत हैं और नियमित वेतन अर्जित कर रहे हैं। आय का नियमित स्रोत...

ज्ञानवापी मस्जिद केस
ब्रेकिंग- वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर के कब्जे की मांग वाले मुकदमे की स्थिरता को चुनौती देने मस्जिद कमेटी के आवेदन को खारिज किया

वाराणसी की एक अदालत ने आज अंजुमन मस्जिद समिति (जो वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करती है) के आदेश 7 नियम 11 सीपीसी के तहत दायर एक आवेदन को खारिज कर दिया, जिसमें भगवान विश्वेश्वर विराजमान (स्वयंभू) और अन्य को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का कब्जा सौंपने की मांग वाले मुकदमे की स्थिरता को चुनौती दी गई थी।आदेश 7 नियम 11 सीपीसी याचिका को खारिज करते हुए सिविल जज (सीनियर डिवीजन) महेंद्र कुमार पांडे की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मामले को 2 दिसंबर, 2022 को आगे की सुनवाई के लिए पोस्ट किया।कोर्ट ने 27...

बंटवारे में हिस्सा मिलने से आवंटी भूमि मालिक बन जाता है, जरूरी नहीं कि किराएदारी की निरंतरता लिखित में हो : कर्नाटक हाईकोर्ट ने पूर्व सैनिक को राहत दी
बंटवारे में हिस्सा मिलने से आवंटी भूमि मालिक बन जाता है, जरूरी नहीं कि किराएदारी की निरंतरता लिखित में हो : कर्नाटक हाईकोर्ट ने पूर्व सैनिक को राहत दी

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा है कि संयुक्त परिवार के किसी सदस्य के हिस्से में अगर किराए की जमीन आवंटित की जाती है तो ऐसा आवंटी भूमि मालिक बन जाता है।जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित की एकल न्यायाधीश की पीठ ने सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल के पक्ष में जमीन वापस लेने के तहसीलदार के आदेश को चुनौती देने वाली भूमि के किरायेदारों द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए यह बात कही। पीठ ने टिप्पणी की,"यह एक उत्कृष्ट उदाहरण है कि हमारे देश की सीमाओं की रक्षा के लिए अपने जीवन और शरीर को जोखिम में डालने वाले सैनिकों के साथ...

हाईकोर्ट ऑफ कर्नाटक
कर्नाटक हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 5551.27 करोड़ रुपये की जब्ती को चुनौती देने वाली Xiaomi India की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

कर्नाटक हाईकोर्ट ने बुधवार को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) के तहत नियुक्त सक्षम प्राधिकारी द्वारा पारित आदेश को चुनौती देने वाली श्याओमी टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Xiaomi India) द्वारा दायर याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा कंपनी के 5551.27 करोड़ रुपए जब्त करने के आदेश की पुष्टि की गई थी।जस्टिस एम नागप्रसन्ना की सिंगल जज बेंच ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।प्रतिवादियों की ओर से उपस्थित अतिरिक्त सॉलिसिटर...

एनआई एक्ट| शिकायतकर्ता कंपनी के पूर्व निदेशकों पर उनके पद पर रहते हुए निवेश की गई राशि को चुकाने के लिए जारी किए गए चेक के लिए मुकदमा चलाने की मांग नहीं कर सकता: कर्नाटक हाईकोर्ट
एनआई एक्ट| शिकायतकर्ता कंपनी के पूर्व निदेशकों पर उनके पद पर रहते हुए निवेश की गई राशि को चुकाने के लिए जारी किए गए चेक के लिए मुकदमा चलाने की मांग नहीं कर सकता: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक कंपनी के दो पूर्व निदेशकों के खिलाफ निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत शिकायतकर्ता द्वारा शुरू की गई कार्यवाही को रद्द कर दिया है, जिसमें दावा किया गया है कि जब उसने कंपनी में पैसा लगाया तो वे निदेशक थे।जस्टिस हेमंत चंदनगौदर की एकल न्यायाधीश की पीठ ने सुनीता और विद्या द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया और उनके खिलाफ लंबित कार्यवाही को रद्द कर दिया।निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 की धारा 138 के तहत दंडनीय अपराध के लिए दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की...

गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन ने जस्टिस निखिल करियल के प्रस्तावित तबादले के विरोध में अनिश्चितकाल के लिए काम से दूर रहने का फैसला किया
गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन ने जस्टिस निखिल करियल के प्रस्तावित तबादले के विरोध में अनिश्चितकाल के लिए काम से दूर रहने का फैसला किया

गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन (जीएचसीएए) ने हाईकोर्ट के जज जस्टिस निखिल एस. कारियल को पटना हाईकोर्ट ट्रांसफर करने के सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम प्रस्ताव के विरोध में अनिश्चितकाल के लिए काम बंद करने का प्रस्ताव पास किया।प्रस्तावित एससी कॉलेजियम के फैसले के विरोध में बार के सदस्यों ने चीफ जस्टिस अरविंद कुमार की अदालत में एकत्रित होने के घंटों बाद बुलाई गई तत्काल बैठक में एसोसिएशन द्वारा निर्णय लिया गया। सीजे अरविंद कुमार ने जब वकीलों से कोर्ट के समक्ष बड़ी संख्या में उनकी उपस्थिति के...

सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण करने के लिए फ्लाइंग स्क्वाड गठित करें, सुनिश्चित करें कि डॉक्टर और मेडिकल कर्मचारी काम के घंटों के दौरान ड्यूटी पर रहें: मद्रास हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को निर्देश दिया
सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण करने के लिए फ्लाइंग स्क्वाड गठित करें, सुनिश्चित करें कि डॉक्टर और मेडिकल कर्मचारी काम के घंटों के दौरान ड्यूटी पर रहें: मद्रास हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को निर्देश दिया

मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में सरकार को राज्य भर के सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों आदि में लगातार औचक निरीक्षण करने के लिए क्षेत्रीय और जिला स्तरों पर "फ्लाइंग स्क्वाड" का गठन करने का निर्देश दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि डॉक्टर और अन्य कर्मचारी ठीक से काम कर रहे हैं। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि अस्पताल अच्छे तरीके से काम कर रहे हैं।जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम ने कहा,प्रथम प्रतिवादी (राज्य) को तमिलनाडु राज्य भर में सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों आदि में लगातार...

पूजा सिंघल
झारखंड हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में निलंबित आईएएस पूजा सिंघल को जमानत देने से इनकार किया

झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने हाल ही में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की अधिकारी पूजा सिंघल को 2009-2010 के दौरान खूंटी जिले में मनरेगा फंड के कथित गबन और कुछ अन्य संदिग्ध वित्तीय लेनदेन से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया।जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की पीठ ने जमानत से इनकार करते हुए कहा कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।अदालत ने इस तथ्य को भी ध्यान में रखा कि मामले की जांच के दौरान आरोप...

धारा 138 एनआई एक्ट | सही पते पर जारी किया गया डिमांड नोटिस साक्ष्य का मामला, शिकायत को रद्द करने का कारण नहीं: केरल हाईकोर्ट
धारा 138 एनआई एक्ट | सही पते पर जारी किया गया डिमांड नोटिस साक्ष्य का मामला, शिकायत को रद्द करने का कारण नहीं: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार को धारा 138 निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के तहत एक शिकायत को रद्द करने से इनकार कर दिया, क्योंकि मामले में केवल स्थानीय भाषा में जारी किया गया डिमांड नोटिस बिना तामील के लौटा दिया गया था।जस्टिस ए बदरुद्दीन ने कहा कि एक अनुमान है कि पंजीकृत डाक द्वारा सही पते पर भेजे जाने पर नोटिस की तामील प्रभावी हो गई है।कोर्ट ने आगे जोड़ा,"सही पते पर नोटिस जारी करना साक्ष्य का मामला है और इसलिए, शिकायतों को रद्द करने का कोई कारण नहीं है।"एनआई एक्ट की धारा 138 (बी) के तहत अनिवार्य...

Consider The Establishment Of The State Commission For Protection Of Child Rights In The UT Of J&K
धारा 482 सीआरपीसी| केवल एफआईआर/चार्जशीट में धारा 307 आईपीसी को शामिल करना समझौता को खारिज करने का आधार नहीं है, चोट की प्रकृति प्रासंगिक कारक: जेएंडके एंड एल हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में कहा कि केवल इसलिए कि एक एफआईआर/ चार्जशीट में आईपीसी की धारा 307 के प्रावधान शामिल हैं, यह अपने आप में संहिता की धारा 482 के तहत याचिका को खारिज करने और पक्षों के बीच समझौते को स्वीकार करने से इनकार करने का आधार नहीं होगा।जस्टिस एमए चौधरी ने कहा कि इस तरह के मामलों में समझौता किया जाना चाहिए या नहीं, इस पर फैसला करते समय अदालत को लगी चोट की प्रकृति, शरीर के उस हिस्से पर ध्यान देना चाहिए जहां चोटें लगी थीं (यानि क्या चोटें चोट शरीर के...