मुख्य सुर्खियां

Allahabad High Court
मुस्लिम महिला अधिनियम 1986| तलाकशुदा मुस्लिम महिला जब तक कि दोबारा शादी नहीं करती भरण-पोषण की हकदारः इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि मुस्लिम महिला (तलाक पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 3 के अनुसार, एक तलाकशुदा मुस्लिम महिला अपने पूर्व पति से न केवल 'इद्दत' की अवधि पूरी होने तक भरण-पोषण प्राप्त करने की हकदार है, बल्कि जब तक कि वह पुनर्विवाह नहीं कर लेती, शेष जीवन के लिए भी भरण-पोषण की हकदार है।जस्टिस सूर्य प्रकाश केसरवानी और जस्टिस मो अजहर हुसैन इदरीसी ने फैमिली कोर्ट के एक आदेश को रद्द करते हुए उक्त टिप्पणी की। फैमिली कोर्ट के फैसले में तलाकशुदा मुस्लिम महिला को केवल इद्दत की...

Bombay High Court
‘मालिक कुत्तों को अपने बच्चों के रूप में मान सकते हैं लेकिन कुत्ते इंसान नहीं हैं’: बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्विगी डिलीवरी पार्टनर के खिलाफ रैश ड्राइविंग केस खारिज किया

बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने कहा कि मालिक कुत्तों को अपने बच्चों के रूप में मान सकते हैं लेकिन कुत्ते इंसान नहीं हैं और इसलिए कुत्ते की मौत के लिए इंसान की जान को खतरे में डालने से संबंधित आईपीसी की धारा 279 और 337 के तहत किसी व्यक्ति पर मामला दर्ज नहीं किया जा सकता है।जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की पीठ ने एक स्विगी फूड डिलीवरी पार्टनर के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द कर दी, जो अपने वाहन की सवारी करते समय एक कुत्ते के साथ दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और कुत्ता सड़क पार...

‘पिता धर्म, पिता स्वर्ग’: गुजरात हाईकोर्ट ने 12 साल की बेटी का यौन शोषण करने के आरोपी पिता को संस्कृत का श्लोक याद दिलाया, जमानत नामंजूर की
‘पिता धर्म, पिता स्वर्ग’: गुजरात हाईकोर्ट ने 12 साल की बेटी का यौन शोषण करने के आरोपी पिता को संस्कृत का श्लोक याद दिलाया, जमानत नामंजूर की

गुजरात हाईकोर्ट ने अपनी 12 वर्षीय बेटी का कई मौकों पर यौन उत्पीड़न करने के आरोपी एक व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया है। आरोपी पिता कथित तौर पर पीड़िता-बेटी से शादी करना चाहता था और उसने यह भी धमकी दी थी कि अगर पीड़िता की मां ने छेड़छाड़ की घटनाओं का खुलासा किसी से किया तो वह पूरे परिवार को जान से मार देगा। जस्टिस समीर जे दवे की एकल पीठ ने आरोपी को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा किः “एक बेटी बाहरी बुराइयों से बचाने के लिए अपने पिता की तरफ उसकी गरिमा की ढाल के रूप में देखती है और जब वही...

लोकल बॉडी से कानूनी रूप से देय राशि की वसूली के लिए दायर मुकदमे पर मध्य प्रदेश पंचायत राज अधिनियम की धारा 10(2) के तहत रोक लागू नहीं होगीः मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
लोकल बॉडी से कानूनी रूप से देय राशि की वसूली के लिए दायर मुकदमे पर मध्य प्रदेश पंचायत राज अधिनियम की धारा 10(2) के तहत रोक लागू नहीं होगीः मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर स्थित खंडपीठ ने हाल ही में एक फैसले में कहा कि अगर राशि स्थानीय निकाय की ओर से कानूनी रूप से देय हो तो मध्य प्रदेश पंचायत राज अधिनियम, 1993 की धारा 108 (2) के तहत रिकवरी के लिए मुकदमा वर्जित नहीं होगा।अधिनियम की धारा 108(2) ग्रामीण स्थानीय निकाय या उसके अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के कथित कारण की प्राप्ति की तारीख से छह महीने के बाद मुकदमा चलाने पर रोक लगाती है।मामलामामले में एक फोटोकॉपी सेंटर की मालकिन ने स्थानीय निकाय के लिए किए गए कार्य के लिए जनपद पंचायत कसरावद...

न्यायालय राज्यपाल को नोटिस नहीं भेज सकता: मद्रास हाईकोर्ट ने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के दावे पर तमिलनाडु के राज्यपाल के खिलाफ दायर याचिका खारिज की
न्यायालय राज्यपाल को नोटिस नहीं भेज सकता: मद्रास हाईकोर्ट ने 'ऑफिस ऑफ प्रॉफिट' के दावे पर तमिलनाडु के राज्यपाल के खिलाफ दायर याचिका खारिज की

मद्रास हाईकोर्ट ने गुरुवार को थंथई पेरियार द्रविड़ कज़गम की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें राज्यपाल आरएन रवि के पद पर बने रहने के अधिकार को चुनौती दी गई थी।एक्टिंग चीफ जस्टिस टी राजा और जस्टिस डी भरत चक्रवर्ती की पीठ ने याचिका को गैर-सुनवाई योग्य मानते हुए कहा कि अदालत राज्यपाल को नोटिस जारी नहीं कर सकती, क्योंकि उन्हें संविधान के अनुच्छेद 136 के तहत छूट प्राप्त है।याचिकाकर्ता एम कन्नदासन, थंथई पेरियार द्रविड़ कज़गम के कांचीपुरम जिला अध्यक्ष ने प्रस्तुत किया कि ऑरोविले फाउंडेशन अधिनियम की धारा 13...

सुरक्षाबल केवल पुरुषों का गढ़ नहीं: कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक्स सर्विसमेन शब्द के लिए लैंगिक रूप से तटस्थ नामावली का सुझाव दिया
सुरक्षाबल केवल पुरुषों का गढ़ नहीं: कर्नाटक हाईकोर्ट ने 'एक्स सर्विसमेन' शब्द के लिए लैंगिक रूप से तटस्थ नामावली का सुझाव दिया

कर्नाटक हाईकोर्ट ने थल सेना, नौसेना और वायु सेना के सेवानिवृत्त कर्मियों को संदर्भित करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली नामावली में बदलाव की सलाह दी है; तथा केंद्र एवं राज्य सरकार को अपने नीति निर्माण के प्रयासों में 'एक्स-सर्विसमेन' शब्द के स्थान पर 'एक्स-सर्विस पर्सनल' शब्द का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है।न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना की एकल पीठ ने कहा कि:"नामावली 'एक्स-सर्विसमेन’ को बदलकर 'एक्स-सर्विस पर्सनल’ करने की अनिवार्य आवश्यकता है, जो भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 के निरंतर विकसित,...

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने प्राइवेट स्कूल द्वारा अवैध रूप से बर्खास्त किए गए गुरुग्राम शिक्षक दंपति को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने प्राइवेट स्कूल द्वारा अवैध रूप से बर्खास्त किए गए गुरुग्राम शिक्षक दंपति को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में जीडी गोयनका स्कूल, गुरुग्राम को शिक्षक दंपति को मुआवजे के रूप में 50 लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया। उक्त शिक्षक दंपत्ति को नियमों का उल्लंघन करते हुए और अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना स्कूल द्वारा अवैध रूप से बर्खास्त कर दिया गया था।विवाद तब शुरू हुआ जब 2015 में जीडी गोयनका स्कूल में फिजिकल एजुकेशन शिक्षक युगल परवीन शेखावत और अजय सिंह शेखावत को नोटिस जारी किया गया था, जिसमें उनके प्रदर्शन को मानक स्तर से कम होने की...

Delhi Riots
[दिल्ली दंगा] 'दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली पुलिस 3 साल बाद भी शिकायत की जांच नहीं कर रही': कोर्ट ने डीसीपी से शिकायतों की जल्द-से-जल्द जांच सुनिश्चित करने को कहा

दिल्ली की एक अदालत (Delhi Court) ने कथित घटना के लगभग तीन साल बाद भी 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों (Delhi Riots) के मामले से संबंधित एक शिकायत की जांच करने में दिल्ली पुलिस के विफल रहने पर डीसीपी से यह सुनिश्चित करने को कहा कि दंगों के संबंध में प्राप्त सभी शिकायतों कr जल्द से जल्द जांच पूरी की जाए।अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने पुलिस से कहा कि जांच एजेंसी के रूप में यह उनका कर्तव्य है कि वे ऐसी किसी भी शिकायत की जांच करें।जज ने आदेश दिया,"मामला डीसीपी को संदर्भित किया जाता है।...

चंडीगढ़ कंज्यूमर कमीशन ने 24Seven स्टोर को कैरी बैग के लिए अतिरिक्त रूपए चार्ज करने के लिए 25 हजार रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया
चंडीगढ़ कंज्यूमर कमीशन ने 24Seven स्टोर को कैरी बैग के लिए अतिरिक्त रूपए चार्ज करने के लिए 25 हजार रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया

डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर डिस्प्यूट रिडर्सेल कमीशन-II, चंडीगढ़ ने किराना सामान की खरीद पर कैरी बैग के खर्च के लिए उपभोक्ता से 10 रुपये और 20 रूपए की बिलिंग के लिए किराने की सीरीज '24Seven' के स्टोर को 25,000 हजार रूपए का भुगतान करने का आदेश दिया।आयोग ने स्टोर को आदेश दिया कि वह शिकायतकर्ता को उत्पीड़न और मानसिक पीड़ा के लिए मुआवजे के रूप में 100 रूपए और मुकदमेबाजी के खर्च के लिए 1100 रूपए का भुगतान करे।स्टोर को 45 दिनों के भीतर दो कैरी बैग की जुर्माना सहित राशि वापस करने का निर्देश देते हुए कमीशन ने...

Gauhati High Court
पुलिस की अवैध 'बुलडोजर कार्रवाई' से प्रभावित लोगों को मुआवजा दें: गुवाहाटी हाईकोर्ट ने असम सरकार को निर्देश दिए

गुवाहाटी हाईकोर्ट (Gauhati High Court) ने बुलडोजर से कुछ आरोपियों के घरों को गिराने की कार्रवाई पर असम पुलिस को फटकार लगाई और कहा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली एक समिति घटना की जांच कर रही है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ 15 दिनों के भीतर उचित कार्रवाई की जाएगी।चीफ जस्टिस आरएम छाया और जस्टिस सौमित्र सायका की खंडपीठ ने पिछले साल जुलाई में अदालत द्वारा शुरू की गई स्वत: संज्ञान कार्यवाही को बंद करते हुए मंगलवार को पारित आदेश में कहा,"इस तरह के आश्वासन पर और इस तथ्य के मद्देनजर कि राज्य अब मामले को...

महज रुपए की मांग को लेकर विवाद आईपीसी की धारा 405 के तहत आपराधिक विश्वासघात का अपराध नहीं बनता : सुप्रीम कोर्ट
महज रुपए की मांग को लेकर विवाद आईपीसी की धारा 405 के तहत आपराधिक विश्वासघात का अपराध नहीं बनता : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि महज मौद्रिक मांग पर विवाद आईपीसी की धारा 405 के तहत आपराधिक विश्वासघात का अपराध नहीं बनता है। इस मामले में शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि “आरोपी जेआईपीएल द्वारा 6,37,252 रुपये 16 पैसे की झूठी मांग की गई थी। हालांकि शिकायतकर्ता ने आईपीसी की धारा 405, 420, 471, और 120बी के तहत शिकायत की थी, मजिस्ट्रेट ने केवल आईपीसी की धारा 406 के तहत समन जारी किया था। इस समन आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था।सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने पहले...

Allahabad High Court
अगले आदेश तक राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली का विकल्प न चुनने वाले राज्य कर्मचारियों का वेतन न रोकें: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से कहा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि अगले आदेश तक वह कर्मचारियों का वेतन केवल इस आधार पर नहीं रोकेगा कि उन्होंने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली का विकल्प नहीं चुना है।जस्टिस पंकज भाटिया की पीठ ने मंगलवार को कुछ राज्य कर्मचारियों (योगेंद्र कुमार सागर और अन्य) द्वारा राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में अनिवार्य रूप से शामिल होने के लिए राज्य सरकार की ओर से जारी अधिसूचना खिलाफ दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।जिन याचिकाकर्ताओं ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली का विकल्प नहीं चुना...

पीड़िता की गवाही अविश्वसनीय, बयान में काफी सुधार किए गएः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाबालिग से बलात्कार करने के मामले में कांस्टेबल को बरी किया
पीड़िता की गवाही अविश्वसनीय, बयान में काफी सुधार किए गएः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाबालिग से बलात्कार करने के मामले में कांस्टेबल को बरी किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक पुलिस कांस्टेबल को बरी कर दिया है, जिसे 2018 में एक ट्रायल कोर्ट ने 16 वर्षीय नाबालिग लड़की से कथित रूप से बलात्कार करने का दोषी ठहराया था। हाईकोर्ट ने आरोपी कांस्टेबल को बरी करते हुए कहा कि चिकित्सा साक्ष्य अभियोजन पक्ष के मामले का समर्थन नहीं करते हैं। जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा और जस्टिस शिव शंकर प्रसाद की पीठ ने यह भी कहा कि पीड़िता की गवाही में काफी सुधार हुआ है और इसलिए, आरोपी-अपीलकर्ता को अपराध का दोषी ठहराने में निचली अदालत सही नहीं थी। हाईकोर्ट ने...

वैवाहिक विवादों में माता-पिता द्वारा नाबालिग बच्चों के भरण-पोषण के लिए आवेदन न करने की स्थिति में बच्चों के हितों की रक्षा करना न्यायालय का कर्तव्य : मद्रास हाईकोर्ट
वैवाहिक विवादों में माता-पिता द्वारा नाबालिग बच्चों के भरण-पोषण के लिए आवेदन न करने की स्थिति में बच्चों के हितों की रक्षा करना न्यायालय का कर्तव्य : मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने तलाक की याचिका पूनमल्ले से तिरुचिरापल्ली ट्रांसफर करने की मांग को लेकर दायर महिला की याचिका को अनुमति देते हुए कहा कि माता-पिता अपने नाबालिग बच्चों का भरण-पोषण करने के लिए बाध्य हैं और किसी औपचारिक आवेदन की गैर मौजूदगी में न्यायालय का कर्तव्य है कि वह नाबालिग बच्चों के हितों की रक्षा के लिए अंतरिम भरण-पोषण का आदेश देने पर विचार करे।जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम ने कहा कि हालांकि अंतरिम भरण-पोषण का आदेश इस शर्त पर है कि पत्नी या पति, जो दावा करता है, उसके पास उसके या उसके समर्थन के...

अनुच्छेद 226| रिट कोर्ट वित्तीय विशेषज्ञ नहीं बन सकता व्यावसायिक विवेक न्यायिक जांच का विषय नहीं हो सकता: गुजरात हाईकोर्ट
अनुच्छेद 226| रिट कोर्ट वित्तीय विशेषज्ञ नहीं बन सकता व्यावसायिक विवेक न्यायिक जांच का विषय नहीं हो सकता: गुजरात हाईकोर्ट

गुजरात हाईकोर्ट ने रिट कोर्ट की कार्य प्रणाली पर एक महत्वपूर्ण टिप्‍पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत अधिकार क्षेत्र का प्रयोग कर रहीं अदालतें रिट अदालतें वित्तीय विशेषज्ञों नहीं बन सकती हैं और व्यावसायिक विवेक के मामलों का फैसला नहीं कर सकती हैं।चीफ जस्टिस अरविंद कुमार और ज‌‌स्टिस आशुतोष जे शास्त्री की खंडपीठ ने कहा कि वित्तीय और बैंकिंग मामलों में हस्तक्षेप केवल तभी किया जाएगा जब विवादित निर्णय स्पष्ट रूप से प्रतिकूल, अवैध, या मामले के स्वीकृत तथ्यों के विपरीत...

जमानत का आधार यह तय करने के लिए महत्वपूर्ण कि अभियुक्त की निवारक हिरासत जरूरी या नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट
जमानत का आधार यह तय करने के लिए महत्वपूर्ण कि अभियुक्त की निवारक हिरासत जरूरी या नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में दोहराया कि हिरासतकर्ता प्राधिकरण जब यह तय करे कि अभियुक्त को निवारक रूप से हिरासत में लेने की जरूरत है या नहीं, उसे जमानत के आधारों पर विचार करना होगा।जस्टिस सुनील बी शुकरे और जस्टिस एमडब्ल्यू चंदवानी की खंडपीठ ने एमपीडीए एक्‍ट की धारा 3 के तहत एक व्यक्ति की निवारक हिरासत के आदेश को रद्द कर दिया।याचिकाकर्ता के खिलाफ तीन अपराधों में मामला दर्ज किया गया था। तीनों अपराधों में उसे जमानत मिल दे दी गई थी।याचिकाकर्ता ने पुलिस आयुक्त की ओर से दिए गए निवारक निरोध आदेश के...

भीमा कोरेगांव के आरोपी एडवोकेट सुरेंद्र गाडलिंग ने डिफ़ॉल्ट जमानत से इनकार करने के स्पेशल एनआईए कोर्ट के आदेश खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया
भीमा कोरेगांव के आरोपी एडवोकेट सुरेंद्र गाडलिंग ने डिफ़ॉल्ट जमानत से इनकार करने के स्पेशल एनआईए कोर्ट के आदेश खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया

भीमा कोरेगांव - एल्गार परिषद जाति हिंसा मामले में आरोपी-वकील सुरेंद्र गाडलिंग ने स्पेशल एनआईए कोर्ट द्वारा उनकी डिफ़ॉल्ट जमानत अर्जी को खारिज करने के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) का दरवाजा खटखटाया है।एनआईए अधिनियम की धारा 21 (4) के तहत याचिका में गाडलिंग ने अपील दायर करने में देरी को सही ठहराने के लिए विशेष अदालत के आदेश की प्रमाणित प्रतियां प्राप्त करने में लगभग दो महीने की देरी के लिए जेल विभाग को दोषी ठहराया है।जस्टिस एएस गडकरी की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने उनके वकील की...