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जज परफेक्ट नहीं होते, लेकिन उन्हें पद की गरिमा के अनुरूप आचरण करना चाहिए: उड़ीसा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. एस. मुरलीधर
जज परफेक्ट नहीं होते, लेकिन उन्हें पद की गरिमा के अनुरूप आचरण करना चाहिए: उड़ीसा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. एस. मुरलीधर

उड़ीसा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. एस. मुरलीधर ओडिशा न्यायिक सेवा (ओजेएस) के तहत नवनियुक्त 50 सिविल जजों के शपथ ग्रहण समारोह में शनिवार को शामिल हुए। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने युवा न्यायिक अधिकारियों को कई सलाह दी और कहा कि न्यायिक कार्यालय की एक मर्यादा होती है।उन्होंने न्यायाधीशों से आग्रह किया कि वे न्यायिक पद की गरिमा के अनुरूप आचरण करें।न्यायिक कार्यालय में आना: सीखने का अनुभवभाषण की शुरुआत करते हुए उन्होंने 'अक्षरभ्याशम' का संदर्भ दिया। यह वह समारोह है, जिसमें बच्चे को औपचारिक रूप से...

केंद्रीय स्वास्थ्य सेवाओं के अधिकारियों को केवल सेवा के वर्षों की संख्या के आधार पर मैकेनिकली अपग्रेड नहीं किया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट
केंद्रीय स्वास्थ्य सेवाओं के अधिकारियों को केवल सेवा के वर्षों की संख्या के आधार पर मैकेनिकली अपग्रेड नहीं किया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य सेवाओं की डायनेमिक एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन (डीएसीपी) योजना के तहत अपग्रेशन मैकेनिकली तरीके से वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) में कर्मचारी की ग्रेडिंग पर विचार किए बिना नहीं की जा सकती।चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने कहा कि केवल कर्मचारी द्वारा पूरी की गई सेवा के वर्षों की संख्या के आधार पर भर्ती नियमों और सेवाओं में अपग्रेशन को नियंत्रित करने वाले अन्य प्रावधानों के आधार पर पद का उन्नयन नहीं हो सकता।अदालत ने...

रैगिंग का खतरा: गुजरात हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका शुरू की, राज्य शिक्षा विभाग को नोटिस जारी किया
रैगिंग का खतरा: गुजरात हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका शुरू की, राज्य शिक्षा विभाग को नोटिस जारी किया

गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने गुजरात राज्य में शैक्षणिक संस्थानों में 'रैगिंग के खतरे' के मुद्दे पर स्वत:संज्ञान से जनहित याचिका (पीआईएल) शुरू की।चीफ जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस आशुतोष शास्त्री की खंडपीठ ने राज्य शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और स्वास्थ्य, चिकित्सा सेवा, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान के आयुक्तों को प्रतिवादी बनाया और उन्हें नोटिस जारी किया।अदालत ने उन्हें इस मुद्दे पर उठाए गए कदमों के लेकर जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश...

यौन उत्पीड़न की शिकायत की जांच कार्यवाही केवल इसलिए रद्द नहीं की जा सकती, क्योंकि आईसीसी 90 दिनों के भीतर जांच पूरी करने में विफल रही: दिल्ली हाईकोर्ट
यौन उत्पीड़न की शिकायत की जांच कार्यवाही केवल इसलिए रद्द नहीं की जा सकती, क्योंकि आईसीसी 90 दिनों के भीतर जांच पूरी करने में विफल रही: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रथम दृष्टया विचार व्यक्त करते हुए कहा है कि यौन उत्पीड़न की शिकायत और जांच की कार्यवाही केवल इसलिए रद्द नहीं की जा सकती, क्योंकि आंतरिक शिकायत समिति कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 (आईसीसी) धारा 11(4) के तहत उल्लिखित 90 दिनों की समय-सीमा के भीतर जांच पूरी करने में विफल रही है।जस्टिस विकास महाजन ने कहा,"कहने की जरूरत नहीं कि यौन उत्पीड़न के आरोपों वाली ऐसी शिकायतों को निश्चित मात्रा में गंभीरता और जिम्मेदारी के साथ माना जाना चाहिए।...

प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के सक्रिय सदस्य होने के आरोपी अब्दुल्ला सऊद अंसारी को लखनऊ एनआईए कोर्ट ने दी जमानत
प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के सक्रिय सदस्य होने के आरोपी अब्दुल्ला सऊद अंसारी को लखनऊ एनआईए कोर्ट ने दी जमानत

उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले की एक अदालत ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कथित सदस्य अदुल्लाह सऊद अंसारी को जमानत दे दी, जिसे पिछले साल एनआईए ने गिरफ्तार किया गया था।अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश, एन.आईए/ए.टी.एस, लखनऊ विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने वकील की दलीलों को ध्यान में रखते हुए अंसारी को जमानत पर रिहा करने के लिए पर्याप्त आधार पाया कि उस पर लगाई गई धाराएं सात साल से कम के कारावास के साथ दंडनीय हैं और वह सितंबर 2022 से जेल में बंद है।अभियोजन पक्ष के...

अभियुक्त का अपराध न कबूल करना असहयोग नहीं, यदि गिरफ्तारी धारा 41 सीआरपीसी को संतुष्ट नहीं करती तो उसे तत्काल रिहा किया जाए: बॉम्बे हाईकोर्ट
अभियुक्त का अपराध न कबूल करना असहयोग नहीं, यदि गिरफ्तारी धारा 41 सीआरपीसी को संतुष्ट नहीं करती तो उसे तत्काल रिहा किया जाए: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन लोन फ्रॉड मामले में जमानत की अंतरिम राहत देते हुए कहा क‌ि केवल यह कहना कि आरोपी ने सहयोग नहीं किया और मामले के सही और पूर्ण तथ्यों का खुलासा नहीं किया, गिरफ्तारी का एकमात्र कारण नहीं हो सकता।जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने अभियुक्तों को रिमांड पर लेने और गिरफ्तारी के बाद उन्हें हिरासत में लेने का आदेश देने वाले न्यायिक अधिकारियों से जवाबदेही...

‘जीवनसाथी की लाइलाज मानसिक बीमारी के कारण गैरजिम्मेदाराना, हिंसक व्यवहार जीवन को नरक बना देता है’: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पति की तलाक  याचिका को अनुमति दी
‘जीवनसाथी की लाइलाज मानसिक बीमारी के कारण गैरजिम्मेदाराना, हिंसक व्यवहार जीवन को नरक बना देता है’: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पति की तलाक याचिका को अनुमति दी

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में एक व्यक्ति की तलाक की याचिका को स्वीकार करते हुए कहा है कि जब एक पति या पत्नी को एक ऐसी लाइलाज मानसिक बीमारी होती है, जो ‘‘गैर जिम्मेदाराना और हिंसक व्यवहार की ओर ले जाती है, तो यह निश्चित रूप से पीड़ित पति या पत्नी के जीवन को एक जीवित नरक बना देती है।’’ ट्रायल कोर्ट के निष्कर्षों को खारिज करते हुए (जिसने तलाक के लिए पति की याचिका को खारिज कर दिया था) जस्टिस रितु बाहरी और जस्टिस दीपक गुप्ता की खंडपीठ ने कहा कि ट्रायल कोर्ट उसकी पत्नी के मानसिक स्वास्थ्य...

धारा 143-ए, एनआई एक्ट | मजिस्ट्रेट को अंतरिम मुआवजे का आदेश देने के लिए विवेकाधीन शक्ति का प्रयोग करने के कारण दर्ज करने होंगे: जेकेएल हाईकोर्ट
धारा 143-ए, एनआई एक्ट | मजिस्ट्रेट को अंतरिम मुआवजे का आदेश देने के लिए विवेकाधीन शक्ति का प्रयोग करने के कारण दर्ज करने होंगे: जेकेएल हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने दोहराया कि नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट की धारा 143-ए के तहत अंतरिम मुआवजा देने की शक्ति प्रकृति में विवेकाधीन है और इस तरह की अंतरिम राहत कारण और तर्क पर आधारित होनी चाहिए।जस्टिस संजय धर ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की, जिसके संदर्भ में याचिकाकर्ता ने न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा पारित एक आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें चेक राशि का 20% अंतरिम मुआवजे का आदेश दिया गया था। याचिकाकर्ता ने यह कहते हुए मुआवजे के आदेश का विरोध किया कि मजिस्ट्रेट ने यह...

Writ Of Habeas Corpus Will Not Lie When Adoptive Mother Seeks Child
धारा 361 सीआरपीसी के प्रावधान अनिवार्य; परिवीक्षा पर दोषी को रिहा नहीं करने के कारणों को ट्रायल कोर्ट को रिकॉर्ड करना होगा: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाई‌‌‌कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने दोहराया कि धारा 361 सीआरपीसी के तहत प्रावधान अनिवार्य है और निचली अदालत को लिखित रूप में इसके कारणों को रिकॉर्ड करना चाहिए कि क्यों दोषी को परिवीक्षा का लाभ देना उचित नहीं होगा जो अन्यथा उसके लिए पात्र है।जस्टिस दीपक कुमार अग्रवाल की पीठ ने कहा-सीआरपीसी की धारा 361 के प्रावधान अनिवार्य है और यदि ट्रायल कोर्ट की राय है कि परिवीक्षा पर रिहा करने का आदेश उचित नहीं है, तो उसे लाभ न देने के कारण बताने होंगे। इसके अलावा, सीआरपीसी की धारा 360(4) के अनुसार,...

सुप्रीम कोर्ट ने धर्म संसद हेट स्पीच मामले में जितेंद्र त्यागी के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने से इनकार किया
सुप्रीम कोर्ट ने धर्म संसद हेट स्पीच मामले में जितेंद्र त्यागी के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हरिद्वार धर्म संसद मामले में जितेंद्र त्यागी उर्फ ​​वसीम रिजवी के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने से इनकार कर दिया। जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की खंडपीठ त्यागी द्वारा दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें हरिद्वार धर्म संसद के दौरान उनके द्वारा की गई कथित अभद्र भाषा की टिप्पणी के लिए दायर एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई थी।त्यागी की ओर से सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा ने अपनी दलील शुरू की और प्रस्तुत किया, “माई लॉर्ड्स, तीन एफआईआर हैं।...

छात्र की आत्महत्या का मामला-इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्कूल के प्रिंसिपल, टीचर को डिस्चार्ज करने से इनकार करने वाले ट्रायल कोर्ट के ‘नॉन स्पीकिंग ऑर्डर’ को खारिज किया
छात्र की आत्महत्या का मामला-इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्कूल के प्रिंसिपल, टीचर को डिस्चार्ज करने से इनकार करने वाले ट्रायल कोर्ट के ‘नॉन स्पीकिंग ऑर्डर’ को खारिज किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते ट्रायल कोर्ट के उस ‘नॉन स्पीकिंग’ ऑर्डर को रद्द कर दिया, जिसमें लखनऊ के एक स्कूल के प्रिंसिपल और पीटी शिक्षक को एक छात्र को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में डिस्चार्ज करने से इनकार कर दिया था। इनके खिलाफ 12वीं के एक छात्र को शारीरिक दंड देकर उसे कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 305 के तहत एक मामला दर्ज किया गया था। अपने 6 जनवरी के आदेश में, जस्टिस बृज राज सिंह की पीठ ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने डिस्चार्ज याचिका को...

ऑर्डर 26 रूल 9 सीपीसी: संपत्ति की पहचान के बारे में विवाद न हो तो पक्षकारों के लिए साक्ष्य जुटाने के लिए एडवोकेट कमिश्‍नर की नियुक्ति नहीं की जा सकती
ऑर्डर 26 रूल 9 सीपीसी: संपत्ति की पहचान के बारे में विवाद न हो तो पक्षकारों के लिए साक्ष्य जुटाने के लिए एडवोकेट कमिश्‍नर की नियुक्ति नहीं की जा सकती

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि अगर संपत्ति, पहचान और माप पर कोई विवाद नहीं है तो ऑर्डर 26 रूल्स 9 के तहत एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त नहीं किया जा सकता।कोर्ट ने कहा,"संपत्ति की पहचान के संबंध में विवाद हो तो लोकल जांच कब्जे का पता लगाने का सबसे अच्छा तरीका है। लोकल जांच की आड़ में आवेदनकर्ता पक्ष को साक्ष्य जुटाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।”तथ्यअभियोगी ने मुकदमा दायर कर एक घोषणा की मांग की ‌कि उसे प्लेंट शेड्यूल प्रॉपर्टी से बाईपास रोड तक पहुंच का अधिकार है, साथ ही प्रतिवादियों को किसी भी प्रकार से...

Allahabad High Court
'गंभीर अपराध': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शादी का झूठा वादा कर शारीरिक रूप से विकलांग महिला से बलात्कार के आरोपी व्यक्ति की जमानत नामंजूर की

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में शादी का झांसा देकर शारीरिक रूप से विकलांग महिला से बलात्कार करने और उसके बाद उससे शादी करने से इनकार करने के आरोपी व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया। जस्टिस सरोज यादव की पीठ ने कथित अपराध को ' गंभीर ' बताते हुए कहा, " समाज में बढ़ रही इस तरह की आपराधिक प्रवृत्तियों को समाज में अपराधियों को एक मजबूत संदेश देने के लिए बढ़ने से पहले ही समाप्त कर देना चाहिए।"गौरतलब है कि आरोपी पिंटू कुमार पर एक शारीरिक रूप से विकलांग महिला, जिसके पैर नहीं हैं, उससे शादी का झूठा...

बच्चों द्वारा सामान बेचने में माता-पिता की मदद करना बाल श्रम नहीं : केरल हाईकोर्ट ने शेल्टर होम से बच्चों को रिहा करने का आदेश दिया
'बच्चों द्वारा सामान बेचने में माता-पिता की मदद करना बाल श्रम नहीं' : केरल हाईकोर्ट ने शेल्टर होम से बच्चों को रिहा करने का आदेश दिया

केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court) ने दिल्ली के दो बच्चों को रिहा करने का आदेश दिया। इन बच्चों को यह आरोप लगाते हुए शेल्टर होम भेजा गया था कि उन्हें अपने माता-पिता की कस्टडी में सड़कों पर सामान बेचने यानी बाल श्रम के लिए मजबूर किया जा रहा है।नवंबर 2022 में, दो बच्चों को पुलिस ने यह आरोप लगाते हुए पकड़ा कि उन्हें सड़कों पर बाल श्रम के लिए मजबूर किया जा रहा है। इसके बाद बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया और आश्रय गृह भेज दिया गया।बच्चों के माता-पिता ने रिट याचिका दायर की, जिसमें...

सबरीमाला तीर्थयात्री फिल्म स्टार,राजनेता के पोस्टर नहीं ले जा सकते, पूजा का अधिकार परंपरा के अधीन : केरल हाईकोर्ट
सबरीमाला तीर्थयात्री फिल्म स्टार,राजनेता के पोस्टर नहीं ले जा सकते, पूजा का अधिकार परंपरा के अधीन : केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि किसी भी तीर्थयात्री को सबरीमाला सन्निधानम में फिल्म स्टार, मशहूर हस्तियों, राजनेताओं के पोस्टर आदि की बड़ी तस्वीरें लेकर प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। न्यायालय ने त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) को यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया कि भगवान अय्यप्पा के प्रत्येक उपासक सबरीमाला सन्निधानम में पूजा के अपने अधिकार का उपयोग सबरीमाला में रीति और परंपरा के अधीन प्रचलित प्रथा से करें।जस्टिस अनिल के नरेंद्रन और जस्टिस पीजी अजित कुमार...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने ब्‍लैक मनी एक्ट की पूर्वव्यापी प्रयोज्यता के खिलाफ अनिल अंबानी की याचिका पर अटॉर्नी जनरल को नोटिस जारी किया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने ब्‍लैक मनी एक्ट की पूर्वव्यापी प्रयोज्यता के खिलाफ अनिल अंबानी की याचिका पर अटॉर्नी जनरल को नोटिस जारी किया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को रिलायंस एडीए ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी की ओर से दायर याचिका में काला धन अधिनियम के पूर्वव्यापी आवेदन पर सवाल उठाया।जस्टिस गौतम पटेल और ज‌स्टिस एसजी डिगे की खंडपीठ ने अटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया। अंबानी ने अधिनियम के तहत पूर्वव्यापी अपराधीकरण के संबंध में अधिनियम की शक्तियों को चुनौती दी है।अंबानी का दावा है कि आईटी ‌डिपार्टमेंट उनके खिलाफ लेनदेन के लिए कार्रवाई कर रहा है, जो वर्ष 2006-2007 (यानी एक जुलाई, 2015 से बीएम एक्ट की घोषणा से 10 साल पहले),...

दिल्ली हाईकोर्ट ने अशनीर ग्रोवर के वकील से BharatPe के खिलाफ उन्हें सोशल मीडिया पोस्ट पर कहा, उसे मर्यादा बनाए रखने के लिए कहें
दिल्ली हाईकोर्ट ने अशनीर ग्रोवर के वकील से BharatPe के खिलाफ उन्हें सोशल मीडिया पोस्ट पर कहा, 'उसे मर्यादा बनाए रखने के लिए कहें'

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को BharatPe के पूर्व प्रबंध निदेशक अशनीर ग्रोवर के वकील से कहा कि वह फिनटेक कंपनी द्वारा उनके, उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ दायर मुकदमे की सुनवाई के दौरान उन्हें "शिष्टाचार बनाए रखने" के लिए कहें।मुकदमे में प्रतिवादी ग्रोवर, उनकी पत्नी, उनके साले और ससुर हैं। BharatPe ने सूट में ग्रोवर पर कंपनी के खिलाफ "दुष्प्रचार अभियान" चलाने का आरोप लगाया है।जस्टिस नवीन चावला ने ग्रोवर और अन्य प्रतिवादियों को BharatPe द्वारा दायर अंतरिम आवेदनों पर अपनी...

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी को राहत दी, निचली अदालत से चुनाव आचार संहिता उल्लंघन मामले में कार्यवाही स्थगित करने को कहा
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी को राहत दी, निचली अदालत से चुनाव आचार संहिता उल्लंघन मामले में कार्यवाही स्थगित करने को कहा

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को ट्रायल कोर्ट को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी के खिलाफ कार्यवाही स्थगित करने का निर्देश दिया, जिसमें आरोप लगाया गया कि उन्होंने पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों के दौरान गायक सिद्धू मूसेवाला के साथ 20 फरवरी के बाद की तारीख तक तय समय-सीमा से परे प्रचार किया।मूसेवाला की पिछले साल मई में हत्या कर दी गई थी। मूसेवाला मनसा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार थे। चन्नी को निचली अदालत में 12 जनवरी को पेश होने के लिए समन मिला।जस्टिस राज मोहन सिंह...