सुप्रीम कोर्ट ने धर्म संसद हेट स्पीच मामले में जितेंद्र त्यागी के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने से इनकार किया

Sharafat

9 Jan 2023 2:03 PM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट ने धर्म संसद हेट स्पीच मामले में जितेंद्र त्यागी के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने से इनकार किया

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हरिद्वार धर्म संसद मामले में जितेंद्र त्यागी उर्फ ​​वसीम रिजवी के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने से इनकार कर दिया।

    जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की खंडपीठ त्यागी द्वारा दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें हरिद्वार धर्म संसद के दौरान उनके द्वारा की गई कथित अभद्र भाषा की टिप्पणी के लिए दायर एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई थी।

    त्यागी की ओर से सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा ने अपनी दलील शुरू की और प्रस्तुत किया, “माई लॉर्ड्स, तीन एफआईआर हैं। एफआईआर नंबर 1 धर्म संसद से जुड़ी है। एफआईआर नंबर 2 उसी दिन उसी घटना से संबंधित है। एफआईआर नंबर 3 दिनांक 12-11-2021 की एक अन्य घटना से संबंधित है। तो तीसरी एफआईआर एक अलग घटना पर है। मैं उस पर दबाव नहीं डाल रहा हूं। लेकिन क्या पहली और दूसरी एफआईआर पर एक ही घटना की दो एफआईआर हो सकती हैं?

    पीठ ने कहा, " ये सब हरिद्वार में हुआ है। उत्तराखंड हाईकोर्ट वापस जाओ और जो राहत चाहो मांग लो। इस अदालत में आने का कोई कारण नहीं है।” “ये अलग-अलग एफआईआर हैं। अलग-अलग तारीख हैं।"

    लूथरा - “हमारी चिंता यही है। इसके बाद की और भी शिकायतें हैं, इसलिए हम चाहते हैं कि संघ इसमें एक पार्टी बने। संघ पहला प्रतिवादी है।

    एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने जवाब देते हुए कहा, 'हमारी कोई भूमिका नहीं है।'

    लूथरा ने फिर एफआईआर की सामग्री को पढ़कर इस बिंदु पर जोर दिया कि दोनों एफआईआर एक ही घटना से संबंधित हैं। "बात यह है कि यह एक ही ट्रांजैक्शन है। आपके पास एक ही घटना से उत्पन्न होने वाली कई एफआईआर नहीं हो सकती। एक ट्रांजैक्शन में घटनाएं होती हैं, इन सबकी जांच पहली एफआईआर में की जा सकती है। दूसरे को पहले का पूरक बनना होगा।”

    उत्तराखंड राज्य की ओर से पेश वकील ने कहा, "चार्जशीट दायर की जा चुकी है। वह एफआईआर एक साथ करने की मांग के लिए निचली अदालत में जा सकते हैं। जहां तक ​​जांच की बात है तो सब कुछ खत्म हो चुका है। तीनों एफआईआर में आरोप भी तय किए गए हैं।”

    लूथरा ने तब कहा, "कानून कहता है कि दूसरी एफआईआर 162 से प्रभावित होगी। मैं एक साथ दो मुकदमों का सामना नहीं कर सकता।"

    बेंच ने फिर पूछा, "चार्जशीट कब दाखिल की गई और सुनवाई कब शुरू हुई?"

    न्यायालय को बताया गया कि दिनांक 26-05-2022 को आरोप तय किये गये।

    बेंच ने फिर पूछा, "जब आरोप तय किए जा रहे थे तब आप क्या कर रहे थे?

    लूथरा ने जवाब दिया और कहा, "मैं हिरासत में था।"

    पीठ इस तर्क को सुनने के इच्छुक नहीं थी।

    जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ने टिप्पणी की, "यह कोई आधार नहीं है। आपको आरोप तय करने के समय अदालत ले जाया गया होगा।”

    केस टाइटल : जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ ​​वसीम रिजवी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और अन्य। डब्ल्यूपी(सीआरएल) नंबर 349/2022

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