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घातक हथियार का उपयोग आईपीसी की धारा 307 के तहत अपराध गठित करने के लिए पर्याप्त, अगर चोट पहुंचाने का प्रयास हत्या के इरादे से किया गया हो: इलाहाबाद हाईकोर्ट
घातक हथियार का उपयोग आईपीसी की धारा 307 के तहत अपराध गठित करने के लिए पर्याप्त, अगर चोट पहुंचाने का प्रयास हत्या के इरादे से किया गया हो: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि धारा 307 के प्रावधानों को लागू करने के लिए एक घातक हथियार का उपयोग मात्र पर्याप्त है और अपराध का गठन करने के लिए यह आवश्यक नहीं है कि हमले के परिणाम में चोट लगनी चाहिए। जस्टिस सुरेंद्र सिंह-I की पीठ ने कहा, "अपेक्षित इरादा होने पर एक प्रयास ही पर्याप्त है। हत्या के इरादे की मौजूदगी का पता अन्य परिस्थितियों से लगाया जा सकता है, बजाय कि चोट की प्रकृति के।"इसके साथ ही पीठ ने 32 साल पुराने हत्या के प्रयास के मामले में आरोपी कमल सिंह की दोषसिद्धि को बरकरार रखा। अदालत...

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अपनी एक्सट्रा मैरिटल पार्टनर के साथ पत्नी का ‘अश्लील वीडियो’ शेयर करने के आरोपी व्यक्ति को अग्रिम जमानत दी
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अपनी एक्सट्रा मैरिटल पार्टनर के साथ पत्नी का ‘अश्लील वीडियो’ शेयर करने के आरोपी व्यक्ति को अग्रिम जमानत दी

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने यह देखते हुए कि यह अभियोजन पक्ष का मामला नहीं है कि अश्लील वीडियो और तस्वीरें ‘‘आम जनता के बीच प्रसारित’’ की गई थी, एक व्यक्ति और उसकी एक्सट्रा मैरिटल पार्टनर को अग्रिम जमानत दे दी है। इस व्यक्ति पर आरोप है कि उसने अपनी एक्सट्रा मैरिटल पार्टनर (प्रेमिका) के साथ विचाराधीन सामग्री साझा की थी। इस व्यक्ति ने कथित तौर पर अपनी पत्नी के अश्लील वीडियो और तस्वीरें तैयार कीं और उसने अपनी एक्सट्रा मैरिटल पार्टनर के साथ साझा किया, जिसने उन्हें पीड़िता को इंस्टाग्राम पर भेज...

सरकारी खर्चे पर मदरसों में धार्मिक शिक्षा का मामला: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने NCPCR को मामले में हस्तक्षेप करने की अनुमति दी
सरकारी खर्चे पर मदरसों में धार्मिक शिक्षा का मामला: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने NCPCR को मामले में हस्तक्षेप करने की अनुमति दी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) को सरकारी खर्चे पर मदरसों में धार्मिक शिक्षा मामले में हस्तक्षेप करने की अनुमति दी। अदालत के सामने सवाल है कि क्या सरकार द्वारा वित्त पोषित मदरसों में धार्मिक शिक्षा दी जा सकती है और क्या यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 25, 26, 29 और 30 का उल्लंघन है?जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की पीठ ने इस साल मार्च में एक मदरसे में शिक्षक के रूप में कार्यरत अजाज अहमद द्वारा दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और राज्य सरकारों से इस मामले पर...

आईपी ​​यूनिवर्सिटी से जुड़े निजी कॉलेज 10% प्रबंधन कोटा सीटों के माध्यम से प्रवेश पाए छात्रों से अधिक फीस नहीं ले सकते: दिल्ली हाईकोर्ट
आईपी ​​यूनिवर्सिटी से जुड़े निजी कॉलेज 10% प्रबंधन कोटा सीटों के माध्यम से प्रवेश पाए छात्रों से अधिक फीस नहीं ले सकते: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एक निर्णय में कहा कि पारदर्शी और योग्यता आधारित प्रवेश प्रक्रिया को प्रोत्साहित करने की जरूरत है, क्योंकि यह छात्रों को कड़ी मेहनत करने और "अपनी शैक्षणिक लक्ष्यों में अपनी क्षमता की पहचान करने" के लिए प्रोत्साहित करती है।”कोर्ट ने कहा, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश में कदाचार और पिछले दरवाजे से प्रवेश समाज के लिए अंजानी बात नहीं है।जस्टिस पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने कहा कि इस तरह की प्रक्रिया यह भी सुनिश्चित करती है कि "मेधावी और प्रतिभाशाली छात्रों" को शैक्षिक...

आर्यन खान रिश्वत मामले में समीर वानखेड़े के खिलाफ 22 मई तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट में सीबीआई ने कहा
आर्यन खान रिश्वत मामले में समीर वानखेड़े के खिलाफ 22 मई तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट में सीबीआई ने कहा

दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को बताया कि आर्यन खान रिश्वत मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के मुंबई के पूर्व जोनल निदेशक समीर वानखेड़े के खिलाफ 22 मई तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।जस्टिस विकास महाजन के समक्ष सीबीआई के वकील निखिल गोयल ने मौखिक आश्वासन दिया कि एजेंसी सोमवार तक वानखेड़े के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगी।वानखेड़े को सीबीआई ने घूसखोरी के मामले में पूछताछ के लिए आज तलब किया।मामला बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान से 2021 क्रूज शिप ड्रग्स मामले...

आर्बिट्रेशन: कलकत्ता हाईकोर्ट ने एकल मुख्य अनुबंध से जुड़े विभिन्न खरीद आदेशों के तहत समेकित दावा होने के नाते आवेदन को अनुमति दी
आर्बिट्रेशन: कलकत्ता हाईकोर्ट ने एकल मुख्य अनुबंध से जुड़े विभिन्न खरीद आदेशों के तहत समेकित दावा होने के नाते आवेदन को अनुमति दी

कलकत्ता हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 (ए एंड सी एक्ट) की धारा 21 के तहत आर्बिट्रेशन का समग्र आह्वान तीन अलग-अलग खरीद आदेशों से उत्पन्न समेकित दावे से संबंधित है, जिसमें अलग-अलग आर्बिट्रेशन क्लोज शामिल हैं, उनको अमान्य या अवैध के रूप में लेबल नहीं किया जा सकता है।अदालत ने यह टिप्पणी करते हुए अवलोकन किया कि सभी खरीद आदेश, हालांकि अलग-अलग समय पर जारी किए गए प्रतिवादी के एकल मुख्य अनुबंध के प्रदर्शन का एक सब-सेट है। इसके अलावा, खरीद आदेश के प्रासंगिक खंड खरीद आदेश और...

मल्टी-कलर एलईडी, नियॉन लाइट वाले वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट देने के लिए एमवी एक्ट के अनुरूप नहीं माना जा सकता: केरल हाईकोर्ट
मल्टी-कलर एलईडी, नियॉन लाइट वाले वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट देने के लिए एमवी एक्ट के अनुरूप नहीं माना जा सकता: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि अतिरिक्त एलईडी, लेजर, नियॉन लाइट या फ्लैश लाइट लगाने वाले वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं दिया जा सकता, क्योंकि वे मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों का पालन नहीं करते हैं।न्यायालय ने पाया कि इस तरह की अतिरिक्त लाइटें आने वाले वाहनों के चालकों को 'चकाचौंध' कर सकती हैं और सड़क का उपयोग करने वाले अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती हैं।न्यायालय ने यह भी कहा कि AIS-008 का उल्लंघन करने वाले वाहनों पर लाइटिंग, लाइट-सिग्नलिंग डिवाइस और...

बच्चे की कस्टडी के आदेश कठोर और अंतिम नहीं, बच्चे की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उन्हें बदला जा सकता है: पटना हाईकोर्ट
बच्चे की कस्टडी के आदेश कठोर और अंतिम नहीं, बच्चे की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उन्हें बदला जा सकता है: पटना हाईकोर्ट

पटना हाईकोर्ट ने कहा कि बच्चे की कस्टडी के मामलों में पारित आदेशों को कठोर और अंतिम नहीं बनाया जा सकता है और बच्चे की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उनमें परिवर्तन किया जा सकता है। अदालत ने कहा कि कस्टडी के आदेश को हमेशा वादकालीन आदेश माना जाता है।अदालत ने आगे कहा,"हिंदू विवाह अधिनियम, 1956 की धारा 26 के तहत न्यायालय को कार्यवाही के लंबित रहने के दौरान या अधिनियम के तहत कोई डिक्री पारित होने के बाद बच्चों की कस्टडी, भरण-पोषण और शिक्षा के संबंध में कोई भी आदेश पारित करने या कोई व्यवस्था करने का...

दिल्ली हाईकोर्ट ने परमिटिड यूजर्स द्वारा राठी ट्रेडमार्क के उपयोग के खिलाफ अंतरिम निषेधाज्ञा रद्द की, वादी पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया
दिल्ली हाईकोर्ट ने 'परमिटिड यूजर्स' द्वारा 'राठी' ट्रेडमार्क के उपयोग के खिलाफ अंतरिम निषेधाज्ञा रद्द की, वादी पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया

दिल्ली हाईकोर्ट ने व्यवसायी धनंजय राठी द्वारा दायर ट्रेडमार्क मुकदमे में राठी अनुसंधान केंद्र (आरआरसी) द्वारा लाइसेंस प्राप्त संस्थाओं द्वारा 'राठी' ट्रेडमार्क के उपयोग के खिलाफ अंतरिम निषेधाज्ञा को रद्द कर दिया।जस्टिस अमित बंसल ने कहा कि लाइसेंसधारियों को उपयोग की अनुमति दी गई। इस प्रकार, उन्हें अपने माल के संबंध में 'राठी' ट्रेडमार्क का उल्लंघन करने वाला नहीं कहा जा सकता है।यह देखते हुए कि आरआरसी मार्क राठी का रजिस्टर्ड मालिक है, अदालत ने देखा कि ट्रेडमार्क एक्ट, 1999 की धारा 2(1)(r) लिखित...

[विशेष विवाह अधिनियम] रजिस्ट्रिंग अथॉरिटी विवाह के ऑनलाइन अनुष्ठान से इनकार नहीं कर सकती: केरल हाईकोर्ट
[विशेष विवाह अधिनियम] रजिस्ट्रिंग अथॉरिटी विवाह के ऑनलाइन अनुष्ठान से इनकार नहीं कर सकती: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में माना कि विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत रजिस्ट्रिंग अथॉरिटी ऑनलाइन विवाह के अनुष्ठान से इंकार नहीं कर सकता।जस्टिस ए मोहम्मद मुश्ताक और जस्टिस सोफी थॉमस की खंडपीठ ने इस संबंध में 9 सितंबर, 2021 के अपने अंतरिम आदेश को निरपेक्ष बनाया और राज्य सरकार को निर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया, जब तक कि सरकार अनुपालन के लिए कोई अन्य तरीका निर्धारित नहीं करती।इस मामले में न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस पी.बी. सुरेश कुमार की एकल न्यायाधीश पीठ द्वारा दिनांक 25 अगस्त, 2021...

संदेह का लाभ: गुवाहाटी हाईकोर्ट ने 2012 में अपने नाबालिग बेटे को गला घोंट कर मारने के आरोपी पिता को बरी किया
'संदेह का लाभ': गुवाहाटी हाईकोर्ट ने 2012 में अपने नाबालिग बेटे को गला घोंट कर मारने के आरोपी पिता को बरी किया

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने हाल ही में अपने ही नवजात बच्चे की हत्या के आरोपी व्यक्ति की हत्या की सजा को इस आधार पर खारिज कर दिया कि अभियोजन पक्ष ने उचित संदेह से परे उक्त अपराध में घटना की जगह, घटना के तरीके और आरोपी की भागीदारी को साबित नहीं किया।जस्टिस लानुसुंगकुम जमीर और जस्टिस मालाश्री नंदी की खंडपीठ ने पाया कि जांच के दौरान बच्चे का शव बरामद नहीं हुआ और उसकी जांच के दौरान शिकायतकर्ता ने यह खुलासा नहीं किया कि अभियुक्त-अपीलकर्ता ने शव को कहां रखा है।अदालत ने कहा,“उसके बच्चे की मृत्यु के आठ महीने...

भारी माल वाहन लाइसेंस वाले ड्राइवर भी यात्री ले जाने वाले वाहन चला सकते हैं: जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट
भारी माल वाहन लाइसेंस वाले ड्राइवर भी यात्री ले जाने वाले वाहन चला सकते हैं: जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया है कि एक विशिष्ट प्रकार के वाणिज्यिक वाहन के लिए ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाले व्यक्तियों को किसी अन्य प्रकार के वाणिज्यिक वाहन को चलाने के लिए भी योग्य माना जाता है।जस्टिस संजय धर की एकल पीठ ने कहा,"कोई भी व्यक्ति जिसके पास ड्राइविंग लाइसेंस था, उसे एक विशेष प्रकार के वाणिज्यिक वाहन चलाने के लिए अधिकृत करता है, स्वचालित रूप से किसी अन्य प्रकार के वाणिज्यिक वाहन को चलाने के लिए वह पात्र होगा, जिसका अर्थ है कि भारी माल वाहन चलाने के...

पंजाब केसरी के खिलाफ मानहानि के मुकदमे में दिल्ली हाईकोर्ट ने गौतम गंभीर को अंतरिम राहत देने से इनकार किया, कहा- इतना संवेदनशील ना बनें
पंजाब केसरी के खिलाफ मानहानि के मुकदमे में दिल्ली हाईकोर्ट ने गौतम गंभीर को अंतरिम राहत देने से इनकार किया, कहा- इतना संवेदनशील ना बनें

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को हिंदी दैनिक पंजाब केसरी और उसके पत्रकारों के खिलाफ पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर की ओर से दायर मानहानि के मुकदमे में किसी भी प्रकार की अंतरिम निषेधाज्ञा पारित करने से मना कर दिया। गंभीर ने अपने खिलाफ किसी भी क‌थित मानहा‌नि कारक प्रकाशन को रोकने के लिए अंतरिम निषेधाज्ञा की मांग की थी।जस्टिस चंद्र धारी सिंह ने अंतरिम राहत की मांग संबधी गंभीर की अर्जी पर नोटिस जारी किया और इसे अक्टूबर में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। गंभीर ने अपने आवेदन में उनके खिलाफ कुछ "दुर्भावनापूर्ण और...

पंजाब केसरी के खिलाफ मानहानि के मुकदमे में दिल्ली हाईकोर्ट ने गौतम गंभीर को अंतरिम राहत देने से किया इनकार, कहा- जन प्रतिनिधि को इतना संवेदनशील होने की जरूरत नहीं
पंजाब केसरी के खिलाफ मानहानि के मुकदमे में दिल्ली हाईकोर्ट ने गौतम गंभीर को अंतरिम राहत देने से किया इनकार, कहा- जन प्रतिनिधि को इतना संवेदनशील होने की जरूरत नहीं

पिछले साल एक हिंदी न्यूज पेपर पंजाब केसरी में पूर्व क्रिकेटर और भाजपा सांसद गौतम गंभीर को लेकर कुछ आर्टिकल छपे थे। इसको लेकर गौतम गंभीर ने न्यूज पेपर पंजाब केसरी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया था। दिल्ली हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने गौतम गंभीर को मामले में कोई अंतरिम राहत नहीं दी।जस्टिस चंद्र धारी सिंह ने मामले में नोटिस जारी किया और इसे अक्टूबर में सुनवाई के लिए लिस्ट कर दिया है।गंभीर ने आरोप लगाया है कि न्यूज पेपर पंजाब केसरी ने जानबूझकर उनके खिलाफ झूठे आर्टिकल पब्लिश किए। न्यूज...

जिला जजों के माध्यम से बकाया किराए के लिए दावा करें, न्यायिक कार्यवाही का सहारा न लें: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य के न्यायिक अधिकारियों को निर्देश दिया
जिला जजों के माध्यम से बकाया किराए के लिए दावा करें, न्यायिक कार्यवाही का सहारा न लें': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य के न्यायिक अधिकारियों को निर्देश दिया

इलाहाबाद ‌हाईकोर्ट ने उन सभी न्यायिक आधिकारियों, जिन्हें सरकारी आवास उपलब्‍ध न होने की स्थिति किराये के आवास लेने पड़े, निर्देश दिया कि वे बकाया किराया की मांग के लिए अपने संबंधित जिला जजो के माध्यम से दावा करें। इसके लिए न्यायिक कार्यवाही का सहारा न लें। जस्टिस सुनीत कुमार और जस्टिस राजेंद्र कुमार-चतुर्थ की पीठ ने कहा,"...यह न्याय और न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत के हित में नहीं होगा कि न्यायिक अधिकारियों को अपनी शिकायत के निवारण के लिए ऐसे मामलों में...

धारा 153 आईपीसी | अभिव्यक्ति दंगा भड़काने की हद तक उकसाने के लिए दुर्भावनापूर्ण या जानबूझकर किए गए अपराध संकेत दे: केरल हाईकोर्ट
धारा 153 आईपीसी | अभिव्यक्ति दंगा भड़काने की हद तक उकसाने के लिए दुर्भावनापूर्ण या जानबूझकर किए गए अपराध संकेत दे: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 153 के दायरे और सीमा की व्याख्या की है। यह धारा दंगा भड़काने की हद तक उकसाने के लिए दुर्भावनापूर्ण या जानबूझकर किए गए अपराध को संदर्भित करती है।जस्टिस बेचू कुरियन थॉमस की सिंगल जज बेंच ने स्पष्ट किया कि प्रावधान में दो अभिव्यक्तियों, 'दुर्भावनापूर्ण' या 'जानबूझ कर' की उपस्थिति इंगित करती है कि कथित कृत्य में अनुमानित या स्पष्ट रूप से द्वेष या बुराई का उच्च स्तर होना चाहिए।पीठ केरल के दिवंगत पूर्व गृह मंत्री कोडियरी बालाकृष्णन के सम्मान...

अदालतों को सरकार या जिलाधिकारी के माउथपीस की तरह काम नहीं करना चाहिए: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी गैंगस्टर एक्ट के तहत संपत्ति कुर्क करने का आदेश रद्द किया
'अदालतों को सरकार या जिलाधिकारी के माउथपीस की तरह काम नहीं करना चाहिए': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी गैंगस्टर एक्ट के तहत संपत्ति कुर्क करने का आदेश रद्द किया

‘अदालतों को सरकार या जिलाधिकारी के डाकखाने या माउथपीस की तरह काम नहीं करना चाहिए।’ये टिप्पणी इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने की। अदालत ने गैंगस्टर एक्ट के तहत कथित गैंगस्टर वसीम खान की संपत्तियों को कुर्क करने के गैंगस्टर एक्ट कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया। और कहा कि कुर्क की गई सपंत्तियां सरकार वसीम को वापस करे। जस्टिस शमीम अहमद की बेंच मामले की सुनवाई कर रही थी। बेंच ने कहा- गैंगस्टर एक्ट की धारा 16 के तहत जांच नहीं की गई। साथ ही एक्ट की धारा 14, 15 और 17 के तहत संपत्तियां कुर्क करने की...