पंजाब केसरी के खिलाफ मानहानि के मुकदमे में दिल्ली हाईकोर्ट ने गौतम गंभीर को अंतरिम राहत देने से किया इनकार, कहा- जन प्रतिनिधि को इतना संवेदनशील होने की जरूरत नहीं

Brij Nandan

17 May 2023 10:47 AM GMT

  • पंजाब केसरी के खिलाफ मानहानि के मुकदमे में दिल्ली हाईकोर्ट ने गौतम गंभीर को अंतरिम राहत देने से किया इनकार, कहा- जन प्रतिनिधि को इतना संवेदनशील होने की जरूरत नहीं

    पिछले साल एक हिंदी न्यूज पेपर पंजाब केसरी में पूर्व क्रिकेटर और भाजपा सांसद गौतम गंभीर को लेकर कुछ आर्टिकल छपे थे। इसको लेकर गौतम गंभीर ने न्यूज पेपर पंजाब केसरी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया था। दिल्ली हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने गौतम गंभीर को मामले में कोई अंतरिम राहत नहीं दी।

    जस्टिस चंद्र धारी सिंह ने मामले में नोटिस जारी किया और इसे अक्टूबर में सुनवाई के लिए लिस्ट कर दिया है।

    गंभीर ने आरोप लगाया है कि न्यूज पेपर पंजाब केसरी ने जानबूझकर उनके खिलाफ झूठे आर्टिकल पब्लिश किए। न्यूज पेपर को बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।

    इसके साथ ही गंभीर ने पंजाब केसरी से 2 करोड़ रुपए का हर्जाना भी मांगा है। मुकदमा पंजाब केसरी, इसके प्रधान संपादक आदित्य चोपड़ा और तीन पत्रकार के खिलाफ किया गया है।

    मुकदमे के अनुसार, न्यूज पेपर ने जानबूझकर उनकी छवि खराब करने के लिए गलत और झूठे लेख प्रकाशित किए, जिसमें कहा गया था कि "दिल्ली के लापता सांसद लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए बने भस्मासुर", “संसद गौतम गंभीर लापता गली-गली में लगे पोस्टर”, “"ये नए मिजाज के संसद है जरा फासलो से मिला करो"।

    गंभीर ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया गया। कानूनी नोटिस दिए जाने के बावजूद आज तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

    आज सुनवाई के दौरान गौतम गंभीर के वकील ने कहा-

    “आर्टिकल बेहर दुर्भावनापूर्ण हैं। ये शायद किसी और के इशारे पर लिखे गए।“

    जस्टिस सिंह ने सुनवाई के दौरान कहा- जन प्रतिनिधि को इतना संवेदनशील होने की जरूरत नहीं है। कोई भी सार्वजनिक व्यक्ति मोटी चमड़ी वाला होना चाहिए। आजकल जजों को भी मोटी चमड़ी का होना चाहिए।

    जस्टिस सिंह ने न्यूज पेपर और उसके प्रधान संपादक की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट राजशेखर राव से भी कहा- आर्टिकल में जिन जिन शब्दों और वाक्यों का इस्तेमाल किया है, उनमें से कुछ उचित नहीं हैं।”

    बता दें, अंतरिम राहत की अर्जी में गंभीर ने न्यूज पेपर को उनके खिलाफ पब्लिश कथित मानहानिकारक आर्टिकल्स को तुरंत वापस लेने और मुकदमे के लंबित रहने तक इसी तरह के किसी भी प्रकाशन को रोकने के लिए निर्देश देने की मांग की थी।

    केस टाइटल: गौतम गंभीर बनाम पंजाब केसरी और अन्य।


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