पंजाब केसरी के खिलाफ मानहानि के मुकदमे में दिल्ली हाईकोर्ट ने गौतम गंभीर को अंतरिम राहत देने से इनकार किया, कहा- इतना संवेदनशील ना बनें
Avanish Pathak
17 May 2023 5:13 PM IST
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को हिंदी दैनिक पंजाब केसरी और उसके पत्रकारों के खिलाफ पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर की ओर से दायर मानहानि के मुकदमे में किसी भी प्रकार की अंतरिम निषेधाज्ञा पारित करने से मना कर दिया। गंभीर ने अपने खिलाफ किसी भी कथित मानहानि कारक प्रकाशन को रोकने के लिए अंतरिम निषेधाज्ञा की मांग की थी।
जस्टिस चंद्र धारी सिंह ने अंतरिम राहत की मांग संबधी गंभीर की अर्जी पर नोटिस जारी किया और इसे अक्टूबर में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। गंभीर ने अपने आवेदन में उनके खिलाफ कुछ "दुर्भावनापूर्ण और झूठे प्रकाशन"करने के लिए अखबार से बिना शर्त लिखित माफी की मांग की थी।
एडवोकेट जय अनंत देहदराय के माध्यम से दायर मुकदमे में, गंभीर ने पंजाब केसरी से दो करोड़ रुपये का हर्जाना भी मांगा है। मुकदमे में प्रतिवादी पंजाब केसरी, इसके प्रधान संपादक आदित्य चोपड़ा और तीन पत्रकार हैं।
पिछले साल से समाचार पत्र द्वारा प्रकाशित कुछ लेखों को लेकर गंभीर द्वारा मानहानि का मुकदमा दायर किया गया है।
समाचार रिपोर्टों में "सांसद गौतम गंभीर लापता गली-गली में लगे पोस्टर", "दिल्ली के लापता सांसद लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए बने भस्मासुर" और "ये नए मिजाज के सांसद हैं, जरा फासलों से मिला करो" शामिल हैं।
सुनवाई के दरमियान देहदराय ने कहा कि अखबार गंभीर को निशाना बना रहा है और यह निष्पक्ष या वस्तुपरक रिपोर्टिंग का मामला नहीं है
देहदराय ने कहा कि हालांकि यह विभिन्न निर्णयों में आयोजित किया गया है कि किसी भी लेख को प्रकाशित करने से पहले संबंधित व्यक्ति की राय ली जानी चाहिए, जबकि गंभीर की राय पंजाब केसरी अखबार या उसके पत्रकारों द्वारा नहीं मांगी गई थी।
जिस पर जस्टिस सिंह ने मौखिक रूप से कहा, "आप एक लोक सेवक हैं, आपको इतना संवेदनशील होने की आवश्यकता नहीं है।"
हालांकि, अदालत ने आज इस मामले में कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं किया और अंतरिम राहत की मांग करने वाले गंभीर के आवेदन पर प्रतिवादियों से जवाब मांगा।
केस टाइटल: गौतम गंभीर बनाम पंजाब केसरी और अन्य।