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समीर वानखेड़े ने क्रूज शिप मामले में सीबीआई के जबरन वसूली के आरोपों का जवाब देने के लिए शाहरुख खान के साथ कथित चैट का हवाला दिया
समीर वानखेड़े ने क्रूज शिप मामले में सीबीआई के जबरन वसूली के आरोपों का जवाब देने के लिए शाहरुख खान के साथ कथित चैट का हवाला दिया

बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष एनसीबी के पूर्व अधिकारी समीर वानखेड़े ने सीबीआई की एफआईआर में उनके खिलाफ जबरन वसूली के आरोप का मुकाबला करने के लिए आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद एक्टर शाहरुख खान के साथ कथित चैट का हवाला दिया।वानखेड़े की याचिका याचिका में अटैच्ड कथित चैट में लिखा है,"शाहरुख खान ने अपने मैसेज में स्पष्ट रूप से दर्शाया कि उन्हें याचिकाकर्ता (वानखेड़े) के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है और उन्होंने केवल 'अपने बेटे के प्रति दयालु' रहने का अनुरोध किया। खान ने न केवल याचिकाकर्ता की सत्यनिष्ठा की...

किसी व्यक्ति को उपयुक्त प्रथम दृष्टया साक्ष्य के बिना मुकदमे की कठोरता से गुजरने के लिए मजबूर करना मौलिक अधिकारों का सीधा उल्लंघन: राजस्थान हाईकोर्ट
किसी व्यक्ति को 'उपयुक्त प्रथम दृष्टया साक्ष्य' के बिना मुकदमे की कठोरता से गुजरने के लिए मजबूर करना मौलिक अधिकारों का सीधा उल्लंघन: राजस्थान हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने एक फैसले में टिप्‍पणी की कि ट्रायल कोर्ट की ओर से आरोप तय होना एक निर्णायक कार्रवाई है और शक्ति का महत्वपूर्ण अभ्यास है। किसी व्यक्ति को बिना किसी प्रथम दृष्टया साक्ष्य के ट्रायल की कठोरता से गुजरने के लिए मजबूर करना उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। कोर्ट ने कहा,"किसी व्यक्ति को उपयुक्त सामग्री या साक्ष्य के बिना ट्रायल की कठोरता से गुजरने के लिए मजबूर करना निश्चित रूप से उसके मौलिक अधिकारों का प्रत्यक्ष उल्लंघन होगा। बेशक, अगर किसी व्यक्ति का कथित अपराध से कुछ...

अनुच्छेद 226 | वैकल्पिक उपाय की उपलब्धता खुद किसी उपयुक्त मामले में रिट याचिका पर विचार करने से हाईकोर्ट को वंचित नहीं करती: इलाहाबाद हाईकोर्ट
अनुच्छेद 226 | वैकल्पिक उपाय की उपलब्धता खुद किसी उपयुक्त मामले में रिट याचिका पर विचार करने से हाईकोर्ट को वंचित नहीं करती: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि वैकल्पिक उपाय की उपलब्धता एक उचित मामले में स्वयं हाईकोर्ट को अनुच्छेद 226 के तहत उसकी शक्ति से वंचित नहीं करती है, हालांकि आमतौर पर एक रिट याचिका पर विचार नहीं किया जाना चाहिए जब कानून की ओर से प्रभावी और वैकल्पिक उपाय प्रदान किया गया हो।जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की पीठ ने गोदरेज सारा ली लिमिटेड बनाम एक्साइज एंड टैक्सेशन ऑफिसर कम असेसिंग अथॉरिटी 2023 लाइवलॉ (एससी) 70, राधा कृष्ण इंडस्ट्रीज बनाम हिमाचल प्रदेश राज्य एलएल 2021...

जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने अमरनाथ यात्रा के सुचारू संचालन के लिए सरकार से कार्य योजना बताने के लिए कहा
जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने अमरनाथ यात्रा के सुचारू संचालन के लिए सरकार से कार्य योजना बताने के लिए कहा

जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख उच्च न्यायालय ने पर्यटकों की सुविधा और आगामी अमरनाथ यात्रा तीर्थ यात्रा के आयोजन की अपनी कार्य योजना के संबंध में यूटी प्रशासन से रिपोर्ट मांगी।चीफ जस्टिस कोटेश्वर सिंह और जस्टिस मोक्ष काजमी खजूरिया की खंडपीठ ने सोनमर्ग रिसॉर्ट के संरक्षण पर केंद्रित जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त जवाब मांगा।सुनवाई के दौरान, सरकारी वकील इलियास लावे ने अदालत को सूचित किया कि सोनमर्ग पर्यटन विकास प्राधिकरण (टीडीए) के लिए विस्तृत ब्लूप्रिंट तैयार करने के लिए समिति बनाई गई। यह...

जम्मू एंड कश्मीर सिविल सर्विस रेगुलेशन | पूरी तरह से बरी सरकारी कर्मचारी के निलंबन की अवधि को ऑन ड्यूटी समय माना जाना चाहिए: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
जम्मू एंड कश्मीर सिविल सर्विस रेगुलेशन | पूरी तरह से बरी सरकारी कर्मचारी के निलंबन की अवधि को 'ऑन ड्यूटी' समय माना जाना चाहिए: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने जम्मू एंड कश्मीर सिविल सर्विस रेगुलेशन के अनुच्छेद 108-बी के आदेश को स्पष्ट करते हुए कहा कि जब सरकारी कर्मचारी किसी भी गलत काम से पूरी तरह मुक्त हो जाता है तो वह पूर्ण वेतन और भत्ते प्राप्त करने के हकदार होते हैं जैसे कि वे कभी बर्खास्त, हटाया, अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त या निलंबित नहीं किया गया।अदालत ने कहा कि ऐसे मामलों में ड्यूटी से अनुपस्थिति की अवधि को ड्यूटी पर बिताया गया समय माना जाता है।जस्टिस एम ए चौधरी की पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए ये...

मद्रास हाईकोर्ट ने शिक्षकों के लिए किराया मुक्त आवास क्वार्टर की मांग वाली याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा
मद्रास हाईकोर्ट ने शिक्षकों के लिए किराया मुक्त आवास क्वार्टर की मांग वाली याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा

मद्रास हाईकोर्ट ने सरकारी और निजी दोनों स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षकों के लिए किराया-मुक्त आवास की मांग वाली याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा।जस्टिस सीवी कार्तिकेयन और जस्टिस सेंथिलकुमार राममूर्ति की खंडपीठ ने राज्य सरकार को वकील एम पुरुषोत्तम की याचिका पर चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।पुरुषोत्तमन ने तर्क दिया कि मन की शांति के लिए किफायती आवास शिक्षकों की बुनियादी और ज़रूरी आवश्यकता है, जो उन्हें सार्थक रूप से शिक्षा प्रदान करने में सक्षम बनाएगी। उन्होंने आगे तर्क दिया...

बेहूदा व्यवसायिकता: मद्रास हाईकोर्ट ने नीलगिरि में ग्रीष्मकालीन महोत्सव के दौरान हेली टूरिज्म के आयोजन पर रोक लगाई
'बेहूदा व्यवसायिकता': मद्रास हाईकोर्ट ने नीलगिरि में ग्रीष्मकालीन महोत्सव के दौरान हेली टूरिज्म के आयोजन पर रोक लगाई

मद्रास हाईकोर्ट ने ग्रीष्मकालीन महोत्सव के हिस्से के रूप में नीलगिरी क्षेत्र में आयोजित किए जाने वाले प्रस्तावित हेली-टूरिज्म के साथ राज्य को आगे बढ़ने से रोकते हुए इस बात पर जोर दिया कि नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र और जैव-विविध क्षेत्र की समस्या नहीं बन सकती है। ।अदालत ने कहा,"इस जैव-विविध क्षेत्र की नाजुक ईको-सिस्टम और भेद्यता मूर्खतापूर्ण व्यावसायिकता का शिकार नहीं हो सकती है, वह भी इस तरह के अनियोजित और लापरवाह फैशन के कारण।"जस्टिस अनीता सुमंत और जस्टिस निर्मल कुमार की खंडपीठ ने कहा कि...

[एनडीपीएस एक्ट की धारा 59] विशेष अदालत 180 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल करने में विफल रहने पर जांच अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दे सकती है: बॉम्बे हाईकोर्ट
[एनडीपीएस एक्ट की धारा 59] विशेष अदालत 180 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल करने में विफल रहने पर जांच अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दे सकती है: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में एनडीपीएस एक्ट की धारा 59 के तहत जांच अधिकारी (आईओ) के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने के निर्देश देने वाले आदेश को बरकरार रखा, जिसमें प्रथम दृष्टया निर्धारित अवधि के भीतर चार्जशीट दाखिल करने में विफलता रहने का आरोप लगाया गया है।एक्ट की धारा 59 के तहत जो अधिकारी अधिनियम के तहत निर्धारित अपने कर्तव्य को निभाने में विफल रहता है या जो किसी अभियुक्त के साथ सांठगांठ करता है, उसे एक वर्ष तक के कारावास और/या जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।जस्टिस जीए सनप ने कहा,"यह कहने की...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने देवी गौरी और भगवान गणेश के खिलाफ कथित बयान के लिए विधायक स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ दर्ज शिकायत खारिज की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने देवी गौरी और भगवान गणेश के खिलाफ कथित बयान के लिए विधायक स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ दर्ज शिकायत खारिज की

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी के विधायक स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ वर्ष 2014 में दिए गए उनके कथित बयान कि "शादियों के दौरान देवी गौरी या भगवान गणेश की पूजा नहीं की जानी चाहिए" के खिलाफ दायर एक आपराधिक शिकायत को खारिज कर दिया।जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने नवंबर 2014 में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सुल्तानपुर की अदालत के उस आदेश को भी रद्द कर दिया, जिसमें मौर्य को आईपीसी की धारा 295ए के तहत आरोपों का सामना करने के लिए समन भेजा गया था।पीठ ने यह कहते हुए आदेश दिया कि...

आर्टिकल 21 के तहत दूसरे रिश्ते की मंजूरी के लिए अदालत का दरवाजा नहीं खटखटा सकते जब पहली पत्नी इक्विटी से वंचित होः पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
आर्टिकल 21 के तहत दूसरे रिश्ते की मंजूरी के लिए अदालत का दरवाजा नहीं खटखटा सकते जब पहली पत्नी इक्विटी से वंचित होः पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा है कि जो व्यक्ति अपनी जीवन साथी के साथ भी समानता का व्यवहार नहीं करता है, वह आर्टिकल 21 के तहत अपने दूसरे रिश्ते की मंजूरी के लिए अदालत का दरवाजा नहीं खटखटा सकता है। इसी के साथ कोर्ट ने एक मुस्लिम व्यक्ति और उसकी दूसरी पत्नी को सुरक्षा प्रदान करने के लिए निर्देश जारी करने से इनकार कर दिया। जस्टिस संजय वशिष्ठ की बेंच ने कहा, ‘‘यह अदालत इस पहलू की अनदेखी नहीं कर सकती है कि इस तरह की याचिकाएं याचिकाकर्ताओं द्वारा उनके जीवन और स्वतंत्रता के लिए खतरे की धारणा को...

एनडीपीएस एक्ट की धारा 52ए के तहत सैंपल लेने के लिए आवेदन 72 घंटे के भीतर किया जाना चाहिए, इसे एनसीबी की मनमर्जी पर स्थानांतरित नहीं किया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट
एनडीपीएस एक्ट की धारा 52ए के तहत सैंपल लेने के लिए आवेदन 72 घंटे के भीतर किया जाना चाहिए, इसे एनसीबी की मनमर्जी पर स्थानांतरित नहीं किया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि एनडीपीएस एक्ट की धारा 52ए के तहत संबंधित मजिस्ट्रेट के समक्ष मादक पदार्थ या नशीले पदार्थ का नमूना लेने के लिए आवेदन 72 घंटे के भीतर किया जाना चाहिए।जस्टिस जसमीत सिंह ने कहा कि इस तरह के आवेदन को अभियोजन एजेंसी होने के नाते नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की "मनमर्जी" पर स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है। यह देखते हुए कि मजिस्ट्रेट को इस तरह का आवेदन करने का उचित समय प्रत्येक मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर निर्भर करता है, अदालत ने कहा, "हालांकि, यह...

दिल्ली हाईकोर्ट ने डॉ नजमा अख्तर की जामिया मिलिया इस्लामिया की कुलपति के रूप में नियुक्ति को चुनौती देने वाली अपील खारिज की
दिल्ली हाईकोर्ट ने डॉ नजमा अख्तर की जामिया मिलिया इस्लामिया की कुलपति के रूप में नियुक्ति को चुनौती देने वाली अपील खारिज की

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को डॉ नजमा अख्तर की जामिया मिलिया इस्लामिया की कुलपति के रूप में नियुक्ति को चुनौती देने वाली अपील खारिज कर दी।जस्टिस राजीव शकधर और जस्टिस तलवंत सिंह की खंडपीठ ने 05 मार्च, 2021 को पारित एक एकल-न्यायाधीश के आदेश को बरकरार रखा, जिसमें उनकी नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी गई थी।एकल जज ने कहा था कि कोर्ट यूनिवर्सिटी की सर्च कमेटी द्वारा लिए गए फैसले के खिलाफ अपील नहीं कर सकता है। यह अपील विश्वविद्यालय के विधि संकाय के पूर्व छात्र मोहम्मद एहतेशाम उल हक ने...

योजना प्राधिकरण प्रस्तावित अधिग्रहण के लिए किसी भूस्वामी को अपनी संपत्ति सरेंडर करने के लिए मजबूर करता है तो यह जबरन वसूली के बराबर: कर्नाटक हाईकोर्ट
योजना प्राधिकरण प्रस्तावित अधिग्रहण के लिए किसी भूस्वामी को अपनी संपत्ति सरेंडर करने के लिए मजबूर करता है तो यह जबरन वसूली के बराबर: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने ग्रामीण बैंगलोर में होसकोटे तालुक के योजना प्राधिकरण द्वारा जारी एक समर्थन को रद्द कर दिया है, जिसमें उसने एक निजी भूस्वामी को अपनी भूमि का एक हिस्सा, यह दावा करते हुए मुफ्त में देने का निर्देश दिया था कि उक्त टुकड़े को राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण के लिए निर्धारित किया गया है, और अगर वह ऐसा करता है तो ही शेष भूमि पर उसकी ओर से पेश निर्माण योजना को अनुमोदित किया जाएगा।जस्टिस सूरज गोविंदराज की एकल न्यायाधीश पीठ ने विनोद दमजी पटेल की ओर से दायर याचिका की अनुमति दी और...

घातक हथियार का उपयोग आईपीसी की धारा 307 के तहत अपराध गठित करने के लिए पर्याप्त, अगर चोट पहुंचाने का प्रयास हत्या के इरादे से किया गया हो: इलाहाबाद हाईकोर्ट
घातक हथियार का उपयोग आईपीसी की धारा 307 के तहत अपराध गठित करने के लिए पर्याप्त, अगर चोट पहुंचाने का प्रयास हत्या के इरादे से किया गया हो: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि धारा 307 के प्रावधानों को लागू करने के लिए एक घातक हथियार का उपयोग मात्र पर्याप्त है और अपराध का गठन करने के लिए यह आवश्यक नहीं है कि हमले के परिणाम में चोट लगनी चाहिए। जस्टिस सुरेंद्र सिंह-I की पीठ ने कहा, "अपेक्षित इरादा होने पर एक प्रयास ही पर्याप्त है। हत्या के इरादे की मौजूदगी का पता अन्य परिस्थितियों से लगाया जा सकता है, बजाय कि चोट की प्रकृति के।"इसके साथ ही पीठ ने 32 साल पुराने हत्या के प्रयास के मामले में आरोपी कमल सिंह की दोषसिद्धि को बरकरार रखा। अदालत...

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अपनी एक्सट्रा मैरिटल पार्टनर के साथ पत्नी का ‘अश्लील वीडियो’ शेयर करने के आरोपी व्यक्ति को अग्रिम जमानत दी
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अपनी एक्सट्रा मैरिटल पार्टनर के साथ पत्नी का ‘अश्लील वीडियो’ शेयर करने के आरोपी व्यक्ति को अग्रिम जमानत दी

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने यह देखते हुए कि यह अभियोजन पक्ष का मामला नहीं है कि अश्लील वीडियो और तस्वीरें ‘‘आम जनता के बीच प्रसारित’’ की गई थी, एक व्यक्ति और उसकी एक्सट्रा मैरिटल पार्टनर को अग्रिम जमानत दे दी है। इस व्यक्ति पर आरोप है कि उसने अपनी एक्सट्रा मैरिटल पार्टनर (प्रेमिका) के साथ विचाराधीन सामग्री साझा की थी। इस व्यक्ति ने कथित तौर पर अपनी पत्नी के अश्लील वीडियो और तस्वीरें तैयार कीं और उसने अपनी एक्सट्रा मैरिटल पार्टनर के साथ साझा किया, जिसने उन्हें पीड़िता को इंस्टाग्राम पर भेज...

सरकारी खर्चे पर मदरसों में धार्मिक शिक्षा का मामला: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने NCPCR को मामले में हस्तक्षेप करने की अनुमति दी
सरकारी खर्चे पर मदरसों में धार्मिक शिक्षा का मामला: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने NCPCR को मामले में हस्तक्षेप करने की अनुमति दी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) को सरकारी खर्चे पर मदरसों में धार्मिक शिक्षा मामले में हस्तक्षेप करने की अनुमति दी। अदालत के सामने सवाल है कि क्या सरकार द्वारा वित्त पोषित मदरसों में धार्मिक शिक्षा दी जा सकती है और क्या यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 25, 26, 29 और 30 का उल्लंघन है?जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की पीठ ने इस साल मार्च में एक मदरसे में शिक्षक के रूप में कार्यरत अजाज अहमद द्वारा दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और राज्य सरकारों से इस मामले पर...

आईपी ​​यूनिवर्सिटी से जुड़े निजी कॉलेज 10% प्रबंधन कोटा सीटों के माध्यम से प्रवेश पाए छात्रों से अधिक फीस नहीं ले सकते: दिल्ली हाईकोर्ट
आईपी ​​यूनिवर्सिटी से जुड़े निजी कॉलेज 10% प्रबंधन कोटा सीटों के माध्यम से प्रवेश पाए छात्रों से अधिक फीस नहीं ले सकते: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एक निर्णय में कहा कि पारदर्शी और योग्यता आधारित प्रवेश प्रक्रिया को प्रोत्साहित करने की जरूरत है, क्योंकि यह छात्रों को कड़ी मेहनत करने और "अपनी शैक्षणिक लक्ष्यों में अपनी क्षमता की पहचान करने" के लिए प्रोत्साहित करती है।”कोर्ट ने कहा, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश में कदाचार और पिछले दरवाजे से प्रवेश समाज के लिए अंजानी बात नहीं है।जस्टिस पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने कहा कि इस तरह की प्रक्रिया यह भी सुनिश्चित करती है कि "मेधावी और प्रतिभाशाली छात्रों" को शैक्षिक...