'अदालतों को सरकार या जिलाधिकारी के माउथपीस की तरह काम नहीं करना चाहिए': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी गैंगस्टर एक्ट के तहत संपत्ति कुर्क करने का आदेश रद्द किया

Brij Nandan

17 May 2023 8:03 AM GMT

  • अदालतों को सरकार या जिलाधिकारी के माउथपीस की तरह काम नहीं करना चाहिए: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी गैंगस्टर एक्ट के तहत संपत्ति कुर्क करने का आदेश रद्द किया

    ‘अदालतों को सरकार या जिलाधिकारी के डाकखाने या माउथपीस की तरह काम नहीं करना चाहिए।’

    ये टिप्पणी इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने की। अदालत ने गैंगस्टर एक्ट के तहत कथित गैंगस्टर वसीम खान की संपत्तियों को कुर्क करने के गैंगस्टर एक्ट कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया। और कहा कि कुर्क की गई सपंत्तियां सरकार वसीम को वापस करे। जस्टिस शमीम अहमद की बेंच मामले की सुनवाई कर रही थी। बेंच ने कहा- गैंगस्टर एक्ट की धारा 16 के तहत जांच नहीं की गई। साथ ही एक्ट की धारा 14, 15 और 17 के तहत संपत्तियां कुर्क करने की निर्धारित प्रक्रिया का पालन इस मामले में नहीं किया गया।

    आइए पहले पूरा मामला समझ लेते हैं।

    लखनऊ के जिलाधिकारी ने 13 अप्रैल 2022 को संपत्ति को कुर्क करने का आदेश दिया था। और गैंगस्टर एक्ट कोर्ट ने इस आदेश को बरकरार रखा था। इसके खिलाफ वसीम ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

    याचिकाकर्ता ने कहा कि उसके और पांच अन्य लोगों के खिलाफ अगस्त 2012 को हत्या के एक मामले में FIR दर्ज की गई थी। इसके बाद उसके खिलाफ चार और आपराधिक मुकदमे दर्ज किए गए। और तो और साल 2021 में उसके खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया गया। ये सब मुकदमे दुश्मनी की वजह से दर्ज किए गए हैं।

    आगे कहा कि जो सपत्ति कुर्क की गई है वो उसकी पैतृक सपंत्ति है। उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लागू होने के बहुत पहले से उसके पास थी।

    याचिकाकर्ता का कहना था कि लखनऊ जिलाधिकारी ने सरसरी तौर पर उसकी याचिका रद्द कर दी और स्पेशल जज ने भी बिना जांच किए याचिकाकर्ता की अपील खारिज कर दी।

    कोर्ट ने आदेश में क्या-क्या कहा वो भी जान लेते हैं।

    सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा- ऐसा प्रतीत होता है कि कथित गैंगस्टर की जिन संपत्तियों को कुर्क किया गया है, वो उसने मुंबई के अपने व्यवसाय की आय से खरीदी है या ये उसकी पैतृक सम्पत्ति है।

    आगे कहा- गैंगस्टर एक्ट की धारा 16 के तहत न्यायिक जांच की शक्ति दी गई है। लेकिन इसका बिलकुल भी ये मतलब नहीं है कि किसी को उसकी संपत्ति से वंचित कर दिया जाए। अदालतों को सरकार या जिलाधिकारी के माउथपीस की तरह काम नहीं करना चाहिए।

    इसके साथ ही कोर्ट ने संपत्तियों को कुर्क करने के आदेश को रद्द करते हुए वसीम खान को उसकी संपत्तियां लौटाने का आदेश दिया है।

    केस टाइटल - वसीम खान बनाम स्टेट ऑफ यूपी और अन्य [आपराधिक अपील संख्या - 203 ऑफ 2023]

    केस साइटेशन: 2023 लाइव लॉ (एबी) 151

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