मुख्य सुर्खियां

COVID-19 : NLUD ने शुरू किया फ़्री ऑनलाइन ई पीजी पाठशाला कोर्स, लॉ स्टूडेंट को घर से पढ़ाई करने की सुविधा
COVID-19 : NLUD ने शुरू किया फ़्री ऑनलाइन ई पीजी पाठशाला कोर्स, लॉ स्टूडेंट को घर से पढ़ाई करने की सुविधा

COVID-19 के फैलने के डर से 31 मार्च तक देश भर में विश्वविद्यालयों के बंद रहने और कक्षाओं के निलंबन के बीच छात्रों की सुरक्षा के लिए, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली ने कानून के छात्रों को ऑनलाइन पाठ्यक्रम मुफ्त प्रदान करने की पहल की है। यूनिवर्सिटी ने "एनएलयू दिल्ली के ई-पीजी पाठशाला पाठ्यक्रम" नाम से एक कार्यक्रम डेवेलप किया है, जिसके तहत छात्र एमएचआरडी और यूजीसी द्वारा तय गए कानून के विषयों में डिजिटल संसाधन / अध्ययन सामग्री का लाभ उठा सकते हैं। एनएलयू-डी की आधिकारिक वेबसाइट और ई-पीजी पाठशाला...

उत्तर प्रदेश सार्वजनिक तथा निजी सम्पत्ति क्षति वसूली अध्यादेश 2020 की संवैधानिकता को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती
उत्तर प्रदेश सार्वजनिक तथा निजी सम्पत्ति क्षति वसूली अध्यादेश 2020 की संवैधानिकता को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती

उत्तर प्रदेश सार्वजनिक तथा निजी सम्पत्ति क्षति वसूली अध्यादेश 2020 को मंजूरी दे दी। इसकी संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। अधिवक्ता शशांक त्रिपाठी द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि अध्यादेश संविधान के साथ की गई एक शरारत है। रविवार को जारी अध्यादेश में राजनीतिक जुलूस, प्रदर्शन, हड़ताल, बंद, दंगों और बलवों के दौरान सरकारी एवं निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने पर उपद्रवियों से वसूली के लिए बेहद कड़े प्रावधान किए गए हैं। उत्तर प्रदेश...

धारा 138 एनआई एक्ट : यदि चेक देने वाले ने हस्ताक्षर को स्वीकार कर लिया है तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि चेक पर एंट्री किसी अन्य व्यक्ति ने की है : केरल हाईकोर्ट
धारा 138 एनआई एक्ट : यदि चेक देने वाले ने हस्ताक्षर को स्वीकार कर लिया है तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि चेक पर एंट्री किसी अन्य व्यक्ति ने की है : केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि ड्रॉअर (चेक काटने वाला) ने चेक पर अपने हस्ताक्षर को स्वीकार कर लिया है, तो यह महत्वहीन तथ्य है कि किसी अन्य व्यक्ति ने चेक में प्रविष्टियां की थी।न्यायमूर्ति नारायण पिशराडी की एकल पीठ ने कहा, ''भले ही किसी अन्य व्यक्ति ने चेक भरा था, यह किसी भी तरह से चेक की वैधता को प्रभावित नहीं करता है।'' सीआरपीसी की धारा 482 के तहत याचिका दायर करते हुए ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी। ट्रायल कोर्ट ने याचिकाकर्ता की उस मांग को स्वीकार करने से इंकार कर दिया था जिसमें...

निर्भया मामले के दोषियों ने अपनी मौत की सज़ा के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय को पत्र लिखा
निर्भया मामले के दोषियों ने अपनी मौत की सज़ा के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय को पत्र लिखा

निर्भया मामले में दोषियों की मौत की सज़ा मिलने से चार दिन पहले, तीन दोषियों ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीशों को एक पत्र लिखा जिसमें उनकी फांसी पर रोक लगाने की मांग की गई।नए डेथ वारंट के अनुसार, निर्भया मामले के चारों दोषियों को 20 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी दी जानी है।अक्षय सिंह, पवन कुमार गुप्ता और विनय शर्मा द्वारा इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस को लिखे पत्र में उन्होंने मृत्युदंड को "बर्बर और अमानवीय" बताया।उनका आरोप है कि मामले की जांच दोषपूर्ण थी और सजा अपर्याप्त साक्ष्य पर आधारित थी।पत्र...

वकीलों के लिए कल्याणकारी योजनाएं अगर तीन दिनों में लागू नहीं की गईं तो भूख हड़ताल करेंगे, दिल्ली बार काउंसिल ने दिल्ली सीएम से कहा
वकीलों के लिए कल्याणकारी योजनाएं अगर तीन दिनों में लागू नहीं की गईं तो भूख हड़ताल करेंगे, दिल्ली बार काउंसिल ने दिल्ली सीएम से कहा

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को संबोधित एक पत्र में बार काउंसिल ऑफ दिल्ली (बीसीडी) ने दिल्ली प्रदेश सरकार को सूचित किया है कि यदि दिल्ली के वकीलों के लिए जीवन बीमा और मेडिक्लेम जैसी कल्याणकारी योजनाएं अगले तीन दिनों के भीतर लागू नहीं की गईं तो वे भूख हड़ताल करेंगे।बीसीडी ने पत्र में कहा, ", इसलिए, इस पर बार काउंसिल ऑफ दिल्ली और अन्य बार एसोसिएशनों द्वारा सर्वसम्मति से प्रस्ताव किया गया है कि वकीलों के लिए 5 लाख रुपये का मेडिक्लेम, 10 लाख रुपये का लाइफ इंश्योरेंस जैसी कल्याणकारी योजनाएं...

COVID 19 : दिल्ली सरकार ने महामारी रोग अधिनियम लागू करके 50 लोगों के एक जगह जमा होने पर प्रतिबंध लगाया, जिम, सिनेमा, नाइट क्लब बंद करने का आदेश
COVID 19 : दिल्ली सरकार ने महामारी रोग अधिनियम लागू करके 50 लोगों के एक जगह जमा होने पर प्रतिबंध लगाया, जिम, सिनेमा, नाइट क्लब बंद करने का आदेश

COVID 19 महामारी फैलने की आशंका के मद्देनजर, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार ने 31 मार्च तक सामाजिक / सांस्कृतिक / राजनीतिक / धार्मिक / शैक्षणिक / खेल / पारिवारिक प्रकृति के किसी भी आयोजन पर प्रतिबंध लगाने के लिए महामारी रोग अधिनियम 1897 और दिल्ली महामारी रोग विनियम लागू किया है। इस नियमन से शादियों को छूट दी गई है। अरविंद केजरीवाल सरकार ने भी जिम, एसपीए, नाइट क्लबों, थिएटरों, साप्ताहिक बाज़ारों को 31 मार्च से बंद करने का आदेश दिया है। स्वास्थ्य और कल्याण विभाग के सचिव द्वारा जारी आदेश...

निर्भया गैंगरेप : दोषी मुकेश को झटका, फिर से क्यूरेटिव दाखिल करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की 
निर्भया गैंगरेप : दोषी मुकेश को झटका, फिर से क्यूरेटिव दाखिल करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की 

निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में दोषी मुकेश सिंह की उस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है जिसमें क्यूरेटिव याचिका और दया याचिका दाखिल करने की अनुमति मांगी गई थी। चारों दोषियों को 20 मार्च की सुबह 5.30 बजे फांसी देने का डेथ वारंट जारी किया गया है।सोमवार को जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस एम आर शाह की पीठ ने सोमवार को दोषी मुकेश की ओर से पेश वकील मनोहर लाल शर्मा की दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि दोषी के पास कोई विकल्प मौजूद नहीं है और वो अपने सारे उपचार पूरे कर चुका है। पीठ ने उस दलील को...

COVID 19 : पटना हाईकोर्ट ने अपने काम को अर्जेंट मामलों की सुनवाई तक सीमित किया, सोमवार को पहले 25 ज़मानत के मामलों की होगी सुनवाई
COVID 19 : पटना हाईकोर्ट ने अपने काम को अर्जेंट मामलों की सुनवाई तक सीमित किया, सोमवार को पहले 25 ज़मानत के मामलों की होगी सुनवाई

नोवेल कोरोना वायरस COVID-19 को फैलने से रोकने के लिए पटना हाईकोर्ट ने केवल आवश्यक मामलों की सुनवाई तक अपने कामकाज को प्रतिबंधित कर दिया है। हाईकोर्ट रजिस्ट्रार द्वारा जारी नोटिस में कहा गया कि मोशन बेंच के आदेश से केवल तत्काल मामलों को संबंधित पीठों के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा। हाईकोर्ट ने फैसला किया है कि सोमवार के सुनवाई वाले मामलों की सूची में सूचीबद्ध सभी मामलों में ज़मानत (नियमित / अग्रिम) वाले मामलों को छोड़कर 16 मार्च की केस सूची के मामले 6 अप्रैल, 2020 के बाद सुनवाई के लिए रखे...

संपत्ति की कुर्की से बचने के लिए व्यापारी ने बॉम्बे हाईकोर्ट के नाम से फर्ज़ी स्टे ऑर्डर बनाया, अदालत ने एफआई दर्ज करने के निर्देश दिए
संपत्ति की कुर्की से बचने के लिए व्यापारी ने बॉम्बे हाईकोर्ट के नाम से फर्ज़ी स्टे ऑर्डर बनाया, अदालत ने एफआई दर्ज करने के निर्देश दिए

बॉम्बे हाईकोर्ट ने पिछले महीने अपनी रजिस्ट्री को आज़ाद मैदान पुलिस स्टेशन में पुणे के व्यापारी वसंत पारख पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। इस व्यवसायी ने SARFAESI Act के तहत अपनी संपत्तियों की कुर्की से बचने के लिए फर्ज़ी तरीके से अपने अनुकूल "स्टे ऑर्डर" बनाया था। हाल के दिनों में यह दूसरा ऐसा उदाहरण है जिसमें "जाली आदेश" मिला है। न्यायमूर्ति जीएस पटेल ने पिछले महीने उनके नाम पर एक मनगढ़ंत जाली आदेश जारी होने की सूचना के बाद जांच का आदेश दिया था। न्यायमूर्ति एए सैय्यद और न्यायमूर्ति पीडी...

तेज़ ड्राइविंग से मौत : जीवन भर के लिए ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने से रोकना अत्यधिक सज़ा : दिल्ली हाईकोर्ट
तेज़ ड्राइविंग से मौत : जीवन भर के लिए ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने से रोकना अत्यधिक सज़ा : दिल्ली हाईकोर्ट

तेजी और लापरवाही से ड्राइविंग के कारण हुई मौत के एक मामले में, दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि दोषी पर ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने का आजीवन प्रतिबंध एक कठोर सजा है, खासतौर पर तब, जब उसकी पूरी आजीविका ड्राइविंग पर निर्भर हो। एक पुनःविचार याचिका में सजा के आदेश को संशोधित करते हुए, न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की एकल पीठ ने कहा कि- 'ड्राइविंग लाइसेंस को स्थायी रूप से रद्द करने की सजा और उसे जीवन भर किसी भी तरह का ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने से रोकना, सचमुच उसकी नागरिक मृत्यु के समान है, क्योंकि...

(सीएए) :  साल्वे को कुछ भी भेदभावपूर्ण नहीं लगता, जबकि सुहरित ने इसे असंवैधानिक कहा,  दोनों पक्षों को अपने विचार व्यक्त करने की अनुमति होनी चाहिए : मद्रास हाईकोर्ट
(सीएए) : साल्वे को कुछ भी भेदभावपूर्ण नहीं लगता, जबकि सुहरित ने इसे असंवैधानिक कहा, दोनों पक्षों को अपने विचार व्यक्त करने की अनुमति होनी चाहिए : मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने एंटी सीएए विरोध प्रदर्शन करने और सीएए के समर्थन में सार्वजनिक बैठक करने की अनुमति देते हुए कहा कि भारत एक जीवंत और कार्यशील लोकतंत्र है, जिसमें दोनों को अपने-अपने पक्ष को स्पष्ट करने की अनुमति दी जानी चाहिए। नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 के विरोध प्रदर्शन करने के लिए जनसभा की अनुमति मांगने वाली रिट याचिका का निस्तारण करते हुए न्यायमूर्ति जी.आर स्वामीनाथन ने कहा कि- " कोई भी इस बात को नकार नहीं सकता है कि याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए मुद्दे पर इस समय सभी स्तरों पर बहस चल...

COVID-19: बॉम्बे हाईकोर्ट ने सभी बेंच में कामकाज सीमित किया, एक सप्ताह तक केवल अर्जेंट मामलों की सुनवाई होगी
COVID-19: बॉम्बे हाईकोर्ट ने सभी बेंच में कामकाज सीमित किया, एक सप्ताह तक केवल अर्जेंट मामलों की सुनवाई होगी

बॉम्बे हाईकोर्ट ने प्रिंसिपल बेंच में घातक नोवेल कोरोना वायरस के प्रकोप की आशंका के मद्देनज़र न्यायालय के कामकाज को सीमित मामलों की सुनवाई तक प्रतिबंधित कर दिया है और 16 मार्च, 2020 से शुरू होने वाले सप्ताह से नागपुर, औरंगाबाद और गोवा बेंच केवल जरूरी मामलों में की सुनवाई करेंगी। शनिवार को जारी सर्कुलर में भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी और शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी एडवाइजरी के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने नोटिस में कहा कि "सभी...

COVID 19 : सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई वाले मामलों को मेंशन करने की व्यवस्था की, रविवार को उपस्थित रहेंगे अधिकारी
COVID 19 : सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई वाले मामलों को मेंशन करने की व्यवस्था की, रविवार को उपस्थित रहेंगे अधिकारी

सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार और रविवार को तत्काल मामलों की सुनवाई के लिए मामलों का उल्लेख करने की व्यवस्था की है। न्यायालय द्वारा जारी एक सर्कुलर में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा उठाए जाने वाले अर्जेंट सुनवाई योग्य मामलों का उल्लेख उन तीन अधिकारियों के समक्ष किया जा सकता है जो शनिवार और रविवार परिसर में उपस्थित होंगे। मेंशनिग ऑफिसर सुशील अनुज त्यागी (अतिरिक्त रजिस्ट्रार) और जेएस रावत (डिप्टी रजिस्ट्रार) शनिवार के बाद अब रविवार को सुबह 10.30 बजे से शाम 5.00 बजे तक मेंशनिग ब्रांच में उपलब्ध...

कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश देने की मांग, बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई सोमवार को
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश देने की मांग, बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई सोमवार को

मुंबई के एक 42 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर करके घातक COVID-19 या नॉवेल कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए निवारक और एहतियाती उपाय सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न दिशा-निर्देशों की मांग की है। शुक्रवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बीपी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की पीठ के समक्ष उक्त जनहित याचिका का उल्लेख किया गया और पीठ ने मामले की सुनवाई के लिए 16 मार्च की तारीख तय की। उक्त जनहित याचिका के अनुसार, जैसा कि अमेरिकी सरकार ने वहां की आबादी में तेजी...

COVID-19 : दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने कामकाज को केवल तत्काल मामलों की सुनवाई तक सीमित किया
COVID-19 : दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने कामकाज को केवल तत्काल मामलों की सुनवाई तक सीमित किया

दिल्ली हाईकोर्ट ने COVID-19 (कोरोना वायरस) के प्रकोप की आशंका के मद्देनजर, 16 मार्च से अपने कामकाज को तत्काल मामलों की सुनवाई तक सीमित कर दिया है। हाईकोर्ट के अन्य न्यायाधीशों की मौजूदगी में शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल के चैंबर्स में आयोजित उच्च न्यायालय के प्रशासन और सामान्य पर्यवेक्षण समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। हाईकोर्ट ने फैसला किया है कि वह सोमवार से केवल तत्काल मामलों की सुनवाई करेगा और अदालत के असेंबली से पहले नियमित मामलों में तारीखें कोर्ट मास्टर द्वारा दी...