वीज़ा की अवधि समाप्त होने के बाद भी देश में रहने के आरोपी ईरानी छात्र को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दी जमानत
LiveLaw News Network
22 April 2020 8:45 AM IST
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह कहते हुए कि "ज़मानत का नियम है और जेल अपवाद है" वीज़ा की अवधि से ज़्यादा समय तक भारत में रहने के आरोपी एक ईरानी छात्र को ज़मानत दे दी।
हाईकोर्ट ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 की व्यापकता के तहत और दाताराम सिंह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य एवं अन्य मामले, 2018, SCC 22 में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के अनुरूप ज़मानत दी जा रही है।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने आरोपी जिसे उत्तर प्रदेश के महाराजगंज ज़िले से गिरफ़्तार किया गया, को दो विश्वसनीय श्योरिटी जिसमें एक महाराजगंज ज़िला का निवासी हो, पेश करने पर ज़मानत पर छोड़ दिया जाए।
आवेदनकर्ता ईरानी नागरिक सेफ़र कैनी जो अध्ययन करने के लिए भारत आया, पर ग़लत दस्तावेज़ों के आधार पर भारत में प्रवेश करने और वीज़ा की अवधि से ज़्यादा समय तक यहाँ रहने का आरोप है। उसे आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471 और विदेशी अधिनियम की धारा 14 के तहत गिरफ़्तार किया गया।
सुनवाई के दौरान उसने इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक पूर्व फ़ैसले पर भरोसा जताया जिसमें चीन के एक छात्र को ऐसी ही परिस्थिति में ज़मानत दे दी गई थी।
अन्य बातों के अलावा, अदालत ने निर्देश दिया कि आवेदक ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण, महाराजगंजके माध्यम से संबंधित पासपोर्ट कार्यालय और इमिगरेशन ऑफ़िस से संपर्क करेगा ताकि उसे दुबारा पासपोर्ट जारी किया जा सके ताकि उसके पासपोर्ट और वीज़ा की अवधि बढ़ाई जा सके और उसे जेल से तभी छोड़ा जाएगा जब संबंधित अधिकारी उसको यह इक्स्टेन्शन दे देते हैं।
यह भी कहा गया कि आरोपी अपना पासपोर्ट निचली अदालत को सौंप देगा और उस जगह का पता भी देगा जहाँ महाराजगंज में वह रहता था।