गुजरात हाईकोर्ट ने COVID 19 महामारी में नाबालिग बच्चों की देखभाल के आधार पर मां को ज़मानत नहीं दी कहा, अधिकारी उनका ध्यान रख रहे हैं

LiveLaw News Network

22 April 2020 4:30 AM GMT

  • गुजरात हाईकोर्ट ने COVID 19 महामारी में नाबालिग बच्चों की देखभाल के आधार पर मां को ज़मानत नहीं दी कहा, अधिकारी उनका ध्यान रख रहे हैं

    Gujarat High Court

    गुजरात हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अपने नाबालिग बच्चों की देखभाल करने के आधार पर एक मांं को यह कहते हुए ज़मानत नहीं दी कि अधिकारी बच्चोंं का ख़याल रख रहे हैं।

    आवेदक हत्या के आरोप में जेल में है और उसकी दलील थी कि महामारी के इस समय में उसे अपने बच्चों का बेहतर ख़याल रखने की ज़रूरत है पर उनका ख़याल रखने वाला कोई नहीं है और इस वजह से इतनी अवधि के लिए अस्थाई रूप से ज़मानत पर छोड़ा जाए ताकि वह अपने बच्चों के लिए कोई व्यवस्था कर सके।

    ऐसे समय में जब माँ-बाप दोनों ही जेल में हों, बच्चों का ख़याल रखने का मामला महत्त्वपूर्ण है, हाईकोर्ट ने इस बारे में लोक अभियोजक से यह जानना चाहा कि कल्याण गृह में रह रहे इन बच्चों की सुरक्षा के लिए सरकार ने क्या क़दम उठाए हैं।

    खंडपीठ को बताया गया कि गुजरात हाईकोर्ट की जुवेनाइल जस्टिस समिति, महिला और बाल विकास मंत्रालय और बाल अधिकार संरक्षण राष्ट्रीय आयोग और राज्य सरकार ने सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग, गुजरात सरकार के माध्यम से पर्याप्त कदम उठाए हैं"। पीठ ने 9 अप्रैल को भेजे एक रिपोर्ट पर ग़ौर किया जिसमें उचित अधिकारियों ने बाल कल्याण संस्थानों में रह रहे बच्चों के लिए कोविड-19 महामारी को देखते हुए जो क़दम उठाए हैं उसका ज़िक्र किया गया है।

    इसमें कहा गया है कि बाल कल्याण समिति संबंधित ज़िला अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रही है और कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए सभी ज़रूरी क़दम उठाए हैं और बच्चों को भोजन, पेय जल और मेडिकल सुविधा सहित अन्य ज़रूरी वस्तुएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं।

    अदालत ने इन बातों पर ग़ौर करने के बाद कहा,

    "…जब संबंधित अधिकारियों ने पर्याप्त क़दम उठाए हैं, हमारी राय में जहां तक वर्तमान स्थिति की बात है, आवेदक के बच्चों का बाल कल्याण गृह ध्यान रखेगा। इसलिए हमें आवेदक को अस्थाई ज़मानत पर छोड़ने का कोई कारण नहीं दिखता…"



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