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बीमा कंपनी ने चोरी के कवर को यह कहकर खारिज किया कि सोना लॉक्ड सेफ में नहीं रखा गया, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अस्पष्ट शर्तों के आधार पर बीमा दावा खारिज नहीं किया जा सकता
बीमा कंपनी ने चोरी के कवर को यह कहकर खारिज किया कि सोना 'लॉक्ड सेफ' में नहीं रखा गया, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अस्पष्ट शर्तों के आधार पर बीमा दावा खारिज नहीं किया जा सकता

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक अपील पर सुनवाई करते हुए कहा कि बीमा पॉलिसी से पैदा किसी दावे को पॉलिसी में उल्लिखित किसी ऐसी शर्त के आधार पर अस्वीकार नहीं किया जा सकता है, जो स्वयं अस्पष्ट है।ज‌स्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने पाया कि बीमा पॉलिसी स्वयं "लॉक सेफ" शब्द को परिभाषित नहीं करती है और न ही यह परिभाषित करती है कि "लॉक सेफ" का मानक रूप क्या होना चाहिए।पीठ ने स्पष्ट किया,“पॉ‌लिसी में प्रयुक्त शब्द 'लॉक्ड सेफ ऑफ स्टेंडर्ड मेक' है। पॉलिसी में प्रतिवादी-बीमा कंपनी द्वारा...

धारा 50 एनडीपीएस एक्ट किसी व्यक्ति के पास मौजूद बैग से बरामदगी पर लागू नहीं होता: सुप्रीम कोर्ट
धारा 50 एनडीपीएस एक्ट किसी व्यक्ति के पास मौजूद बैग से बरामदगी पर लागू नहीं होता: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दोहराया कि एनडीपीएस एक्ट की धारा 50 में निर्दिष्ट व्यक्तिगत तलाशी की शर्तों के तहत केवल व्यक्ति के शरीर की तलाशी होती है, उसके पास मौजूद बैग की।न्यायालय ने माना कि धारा 50 एनडीपीएस एक्ट की प्रयोज्यता को केवल शरीर तक सीमित रखना और किसी व्यक्ति के पास मौजूदा बैग को बाहर करना प्रावधान के उद्देश्य को विफल कर सकता है, जो तलाशी अभियान के दौरान जांच एजेंसियों द्वारा शक्तियों के दुरुपयोग के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करना है।हालांकि, न्यायालय ने कहा कि उसे प्रावधान की स्पष्ट भाषा...

हिंदू अविभाजित परिवार का कर्ता हिंदू अविभाजित परिवार की संपत्ति को अलग कर सकता है, भले ही उसमें नाबालिग का अविभाजित हित हो: सुप्रीम कोर्ट
हिंदू अविभाजित परिवार का कर्ता हिंदू अविभाजित परिवार की संपत्ति को अलग कर सकता है, भले ही उसमें नाबालिग का अविभाजित हित हो: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) के कर्ता को हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) की संपत्ति को बेचने/निपटाने/अलग करने का अधिकार है, भले ही परिवार के किसी नाबालिग का अविभाजित हित हो। न्यायालय ने बताया इसका कारण यह है कि एक एचयूएफ अपने कर्ता या परिवार के किसी वयस्क सदस्य के माध्यम से एचयूएफ संपत्ति के प्रबंधन में कार्य करने में सक्षम है। कोर्ट ने श्री नारायण बल बनाम श्रीधर सुतार (1996) 8 एससीसी 54 के फैसले का संदर्भ दिया।जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ऋण...

कई राज्यों ने मॉब लिंचिंग पर तहसीन पूनावाला दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया: सीनियर वकील कॉलिन गोंसाल्वेस ने सुप्रीम कोर्ट को बताया
कई राज्यों ने मॉब लिंचिंग पर तहसीन पूनावाला दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया: सीनियर वकील कॉलिन गोंसाल्वेस ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

तहसीन पूनावाला के फैसले के बावजूद सरकारी निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए सीनियर एडवोकेट कॉलिन गोंसाल्वेस ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से राज्य सरकारों को उनकी आधिकारिक वेबसाइटों पर नोडल अधिकारियों की नियुक्ति से संबंधित अनुपालन डेटा अपलोड करने का निर्देश देने का आग्रह किया। अनुरोध पर सुनवाई टालते हुए अदालत ने कहा कि कुछ राज्यों द्वारा दायर जवाबी हलफनामे उनकी ओर से 'सक्रिय प्रयास' को दर्शाते हैं।जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की खंडपीठ वर्तमान में अदालत के तहसीन पूनावाला फैसले के संदर्भ...

एनडीपीएस एक्ट की धारा 50 के उल्लंघन में बरामद किया गया प्रतिबंधित पदार्थ अस्वीकार्य: सुप्रीम कोर्ट ने लोगों की तलाशी से संबंधित सिद्धांत जारी किए
'एनडीपीएस एक्ट की धारा 50 के उल्लंघन में बरामद किया गया प्रतिबंधित पदार्थ अस्वीकार्य': सुप्रीम कोर्ट ने लोगों की तलाशी से संबंधित सिद्धांत जारी किए

सुप्रीम कोर्ट ने नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (एनडीपीएस एक्ट) की धारा 50 से संबंधित उन सिद्धांतों को संक्षेप में प्रस्तुत किया है, जो संदिग्ध व्यक्तियों की तलाशी की शर्तों को निर्धारित करता है।जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस जेबी पारदीवाला (फैसले के लेखक) की खंडपीठ ने सिद्धांतों का सारांश इस प्रकार दिया:(i) एक्ट की धारा 50 अधिकार और दायित्व दोनों प्रावधान करती है। जिस व्यक्ति की तलाशी ली जानी है उसे यह अधिकार है कि यदि वह चाहे तो राजपत्रित अधिकारी या मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में...

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने देश भर में जिला न्यायपालिका में अधिक महिलाओं की नियुक्ति के रुझान की सराहना की
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने देश भर में जिला न्यायपालिका में अधिक महिलाओं की नियुक्ति के 'रुझान' की सराहना की

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने देश भर में जिला न्यायपालिका में अधिक महिलाओं की नियुक्ति की प्रवृत्ति पर खुशी व्यक्त की। अदालती कार्यवाही शुरू करने से पहले सीजेआई ने शुक्रवार को कहा कि उनके पास एक खुशखबरी सुनाने के लिए है। उन्होंने महाराष्ट्र के 75 नवनियुक्त सिविल जजों का जिक्र किया, जो कोर्ट नंबर 1 में उपस्थित थे। सीजेआई ने कहा,"हम एक खुशखबरी साझा करना चाहते हैं। हमारे पास महाराष्ट्र से जूनियर डिवीजन के 75 जजों का एक बैच है। 75 युवा जजों के बैच में से 42 महिलाएं हैं। 5 सीधी भर्ती...

द वायर के खिलाफ मानहानि का मामला: विश्वविद्यालय को संगठित सेक्स रैकेट का अड्डा बताने वाला कोई डोजियर नहीं मिला, जेएनयू ने सुप्रीम कोर्ट को बताया
द वायर' के खिलाफ मानहानि का मामला: विश्वविद्यालय को 'संगठित सेक्स रैकेट का अड्डा' बताने वाला कोई डोजियर नहीं मिला, जेएनयू ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

प्रोफेसर अमृता सिंह द्वारा 'द वायर' के खिलाफ दायर मानहानि मामले के संबंध में, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने शुक्रवार (6 अक्टूबर) को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उसे ऐसा कोई डोजियर नहीं मिला है, जिसे प्रोफेसर सिंह ने कथित तौर पर विश्वविद्यालय को "संगठित सेक्स रैकेट का अड्डा" वर्णित करते हुए तैयार किया हो।पूर्व-जेएनयू प्रोफेसर सिंह ने 'द वायर' में प्रकाशित एक रिपोर्ट पर आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया है कि उन्होंने एक डोजियर तैयार किया था जिसमें कथित तौर पर जेएनयू को "संगठित...

पश्चिम बंगाल यूनिवर्सिटी विवाद| सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल द्वारा नियुक्त अंतरिम कुलपतियों के वित्तीय लाभों पर रोक लगाई
पश्चिम बंगाल यूनिवर्सिटी विवाद| सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल द्वारा नियुक्त अंतरिम कुलपतियों के वित्तीय लाभों पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस द्वारा राज्य संचालित विश्वविद्यालयों में नियुक्त अंतरिम कुलपतियों की अतिरिक्त वित्तीय परिलब्धियों पर राज्य सरकार द्वारा उनके द्वारा की गई पूर्व नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिका के लंबित रहने के दौरान रोक लगा दी। कुलपति नियुक्तियों के मुद्दे पर ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार और राज्यपाल बोस के बीच बढ़ते टकराव को ध्यान में रखते हुए, अदालत ने "शैक्षिक संस्थानों के हित और लाखों छात्रों के भविष्य के करियर में" सुलह की...

शेड्यूल्‍ड 5 क्षेत्र पर संसदीय या राज्य कानून उसी स्थिति में लागू नहीं होगा, जब राज्यपाल ऐसा अधिसूचित किया हो: सुप्रीम कोर्ट
शेड्यूल्‍ड 5 क्षेत्र पर संसदीय या राज्य कानून उसी स्थिति में लागू नहीं होगा, जब राज्यपाल ऐसा अधिसूचित किया हो: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में मध्य प्रदेश में अनुसूचित क्षेत्रों की सीमा के भीतर टर्मिनल टैक्स लगाने की नगर परिषदों की शक्ति को बरकरार रखा। कोर्ट ने ऐसे कर लगाने के खिलाफ एक कोयला खनन कंपनी की ओर से दायर अपील को खारिज कर दिया।न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि पांचवीं अनुसूची का पैराग्राफ 5(1) राज्यपाल को यह निर्देश देने की शक्ति देता है कि या तो संसदीय या राज्य कानून अनुसूचित क्षेत्रों पर लागू नहीं होंगे या यह केवल कुछ अपवादों और संशोधनों के साथ लागू होंगे। कोर्ट ने पाया कि राज्यपाल द्वारा ऐसी कोई...

किसी भी हाईकोर्ट को हाइब्रिड सुनवाई के लिए वीसी सुविधा तक पहुंच से इनकार नहीं करना चाहिए, बार सदस्यों को मुफ्त वाईफाई दिया जाना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट
किसी भी हाईकोर्ट को हाइब्रिड सुनवाई के लिए वीसी सुविधा तक पहुंच से इनकार नहीं करना चाहिए, बार सदस्यों को मुफ्त वाईफाई दिया जाना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (06.10.2023) को सभी हाईकोर्ट को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि बार के किसी भी सदस्य को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाओं या हाइब्रिड सुविधा के माध्यम से सुनवाई तक पहुंच से वंचित न किया जाए। शीर्ष अदालत ने सभी उच्च न्यायालयों को अपने आदेश का पालन करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। कोर्ट ने आदेश दिया,"इस आदेश के दो सप्ताह बीत जाने के बाद कोई भी हाईकोर्ट बार के किसी भी सदस्य को वीडियो कॉन्फ्रेंस सुविधा या हाइब्रिड सुविधा के माध्यम से सुनवाई तक पहुंच से इनकार नहीं...

हम सरकार को फैसला लेने से नहीं रोकेंगे : सुप्रीम कोर्ट ने जातिगत सर्वे पर बिहार सरकार को प्रतिबंधित करने से इनकार किया
"हम सरकार को फैसला लेने से नहीं रोकेंगे" : सुप्रीम कोर्ट ने जातिगत सर्वे पर बिहार सरकार को प्रतिबंधित करने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बिहार सरकार द्वारा किए गए जाति-आधारित सर्वेक्षण की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई जनवरी 2024 तक के लिए स्थगित कर दी। विशेष रूप से, कोर्ट ने राज्य पर जाति-सर्वेक्षण पर कार्य करने से रोक लगाने के लिए रोक या यथास्थिति का कोई भी आदेश पारित करने से इनकार कर दिया।जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने मौखिक रूप से कहा, "हम राज्य सरकार या किसी भी सरकार को निर्णय लेने से नहीं रोक सकते।" पटना हाईकोर्ट ने 2 अगस्त को जाति-आधारित सर्वेक्षण कराने...

सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्रियों द्वारा इलेक्शन फ्रीबी की घोषणा को चुनौती देने वाली याचिका पर राजस्थान और मध्य प्रदेश को नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्रियों द्वारा 'इलेक्शन फ्रीबी' की घोषणा को चुनौती देने वाली याचिका पर राजस्थान और मध्य प्रदेश को नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों द्वारा 'इलेक्शन फ्रीबी' के रूप में घोषित नकद सहायता प्रस्तावों को चुनौती देने वाली रिट याचिका पर शुक्रवार (6 अक्टूबर) को नोटिस जारी किया।पीठ ने भारत संघ, राजस्थान, मध्य प्रदेश राज्यों और भारत के चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया और मामले को चार सप्ताह के बाद पोस्ट किया।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि याचिका को पहले के मामले के साथ टैग किया जाएगा, जिसमें चुनावी मुफ्त का मुद्दा उठाया गया, (अश्विनी...

आपराधिक कार्यवाही में डिस्चार्ज होने पर ऑटोमैटिकली रूप से संबंधित अनुशासनात्मक कार्यवाही में दोषमुक्ति नहीं हो जाती: सुप्रीम कोर्ट
आपराधिक कार्यवाही में डिस्चार्ज होने पर ऑटोमैटिकली रूप से संबंधित अनुशासनात्मक कार्यवाही में दोषमुक्ति नहीं हो जाती: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया कि संबंधित आपराधिक कार्यवाही में डिस्चार्ज होने से जीवित कार्यवाही में कोई लाभ नहीं मिलता। इस प्रकार किसी कर्मचारी के खिलाफ लंबित अनुशासनात्मक कार्यवाही में ऑटोमैटिकली रूप से मुक्ति नहीं मिलती।जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि दोनों कार्यवाही अलग-अलग डोमेन में संचालित होती हैं और उनके अलग-अलग उद्देश्य हैं।खंडपीठ ने कहा,"कार्यवाहियों की प्रकृति पूरी तरह से अलग और विशिष्ट होने के कारण आपराधिक कार्यवाही में बरी होने से दोषी...

इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट ने बधिर वकीलों के लिए साइन लेंग्वेज इंटरप्रेटर नियुक्त किया
इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट ने बधिर वकीलों के लिए साइन लेंग्वेज इंटरप्रेटर नियुक्त किया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बधिर वकील साराह सन्नी के लिए साइन लेंग्वेज इंटरप्रेटर नियुक्त किया। ऐतिहासिक रूप से सुप्रीम कोर्ट ने कभी भी अपने खर्च पर इंटरप्रेटर नियुक्त नहीं किया है।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा,"आज हमारे पास साराह के लिए इंटरप्रेटर है। वास्तव में हम सोच रहे हैं कि संविधान पीठ की सुनवाई के लिए हमारे पास इंटरप्रेटर होगा, जिससे हर कोई उसका अनुसरण कर सके।"इंटरप्रेटर को एडवोकेट साराह सन्नी के साथ वर्चुअल सुनवाई विंडो में देखा गया।संयोगवश अदालत में मौजूद सीनियर...

जस्टिस कौल ने एशिया-पैसिफिक रीज़न के इंटरनेशनल लीगल फोरम को संबोधित किया, कहा- भारत आर्बिट्रेशन-फ्रेंडली
जस्टिस कौल ने एशिया-पैसिफिक रीज़न के इंटरनेशनल लीगल फोरम को संबोधित किया, कहा- भारत आर्बिट्रेशन-फ्रेंडली

सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजय किशन कौल ने गुरुवार (5 अक्टूबर) को एशिया-पैसिफिक रीजन के 12वें इंटरनेशनल लीगल फोरम में हिस्सा लिया। फोरम का विषय- "राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संबंधों के प्रतिभागियों के अधिकारों का संतुलन" था।जस्टिस कौल ने अपने संबोधन में कहा कि न्यायपालिका को द्विपक्षीय निवेश संधियों के तहत न्यायिक निकायों द्वारा पारित अवार्ड में हस्तक्षेप करने में संयम बरतना चाहिए। उन्होंने कहा कि आमतौर पर द्विपक्षीय समझौतों में विवादों को आर्बिट्रेशन के जरिए सुलझाने का...

राज्य सरकार को मोबाइल टावरों के निर्माण पर परमिट फीस लगाने का अधिकार है: सुप्रीम कोर्ट
राज्य सरकार को मोबाइल टावरों के निर्माण पर परमिट फीस लगाने का अधिकार है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि राज्य सरकार के पास मोबाइल टावरों के निर्माण पर परमिट फीस लगाने की क्षमता है। न्यायालय ने इस तर्क को खारिज कर दिया कि राज्य को ऐसा करने का अधिकार देने वाले संसदीय कानून के अभाव में मोबाइल टावरों पर परमिट फीस नहीं वसूली जा सकती।न्यायालय ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के एक फैसले को बरकरार रखा जिसमें कहा गया कि छत्तीसगढ़ सरकार के पास नगर निगमों/नगर पालिकाओं/ग्राम पंचायतों के क्षेत्राधिकार में मोबाइल टावर के निर्माण की मंजूरी देते समय एकमुश्त परमिट फीस वसूलने के उद्देश्य से...

तीन साल हिरासत में लेकिन केवल सात गवाहों की जांच: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि त्वरित सुनवाई के अधिकार को बनाए रखने के लिए धारा 37 एनडीपीएस एक्ट में ढील दी जा सकती है, जमानत दी
तीन साल हिरासत में लेकिन केवल सात गवाहों की जांच: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि त्वरित सुनवाई के अधिकार को बनाए रखने के लिए धारा 37 एनडीपीएस एक्ट में ढील दी जा सकती है, जमानत दी

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने यह देखते हुए कि 'त्वरित सुनवाई के अधिकार' का उल्लंघन किया गया है, एक ऐसे व्यक्ति को जमानत दे दी, जो 3 साल से अधिक समय से हिरासत में था, जिस पर व्यावसायिक मात्रा में प्रतिबंधित पदार्थ रखने का आरोप था। जस्टिस एनएस शेखावत ने कहा कि चूंकि आरोपी के त्वरित मुकदमे के अधिकार का उल्लंघन किया गया है, इसलिए धारा 37 के तहत निर्धारित शर्तों से छुटकारा पाया जा सकता है।कोर्ट ने कहा,"रिकॉर्ड से यह भी पता चलता है कि याचिकाकर्ता 2 साल और 11 महीने से अधिक समय से हिरासत में है और अब...

विवाहिता ने 24 सप्ताह की गर्भावस्था को टर्मिनेट करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, मेडिकल जांच के निर्देश
विवाहिता ने 24 सप्ताह की गर्भावस्था को टर्मिनेट करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, मेडिकल जांच के निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को 24 सप्ताह से अधिक गर्भवती एक विवाहित महिला की गर्भावस्था को चिकित्सकीय रूप से समाप्त करने के ‌लिए याचिका पर विचार किया। सुनवाई के दरमियान शीर्ष अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि यदि ऐसी याचिका की अनुमति दी जाती है तो यह ऐसे माता-पिता के लिए सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खोल देगा जो अंतिम समय में घबरा जाते हैं।याचिकाकर्ता दो बच्चों की मां है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह लैक्टेशनल एमेनोरिया और पोस्ट पॉर्टम डिप्रेशन से पीड़ित है और इसलिए दंपति तीसरे बच्चे को पालने की...

अनुच्छेद 142 को कानून के खिलाफ लागू नहीं किया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट ने खरीदार की जमा राशि के लिए SARFAESI नियमों के तहत समय बढ़ाने से इनकार किया
'अनुच्छेद 142 को कानून के खिलाफ लागू नहीं किया जा सकता': सुप्रीम कोर्ट ने खरीदार की जमा राशि के लिए SARFAESI नियमों के तहत समय बढ़ाने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत सुप्रीम कोर्ट की अंतर्निहित शक्तियां अपने दायरे में व्यापक हैं, हालांकि इनका प्रयोग कोर्ट के समक्ष विचार के ‌लिए मौजूद मामले या कारण पर लागू कानून को प्रतिस्‍थापित करने के ल‌िए नहीं किया जा सकता है। मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला त्रिवेदी की पीठ ने कहा,“इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि अनुच्छेद 142 के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए अदालत इस विषय से संबंधित किसी भी मूल वैधानिक प्रावधान की अनदेखी नहीं कर...

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब घोटाला मामले में राजनीतिक दल को आरोपी क्यों नहीं बनाया गया सवाल पर स्पष्टीकरण दिया
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब घोटाला मामले में 'राजनीतिक दल को आरोपी क्यों नहीं बनाया गया' सवाल पर स्पष्टीकरण दिया

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (5 अक्टूबर) को स्पष्ट किया कि दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में कथित लाभार्थी 'राजनीतिक दल' को आरोपी नहीं बनाए जाने के संबंध में मनीष सिसौदिया की जमानत पर सुनवाई के दौरान बुधवार को पीठ के द्वारा उठाए गए सवाल पर स्पष्टीकरण दिया। जस्टिस संजीव खन्ना और आरोपी एसवीएन भट्टी की पीठ ने मौखिक रूप से कहा कि वह केवल एक कानूनी प्रश्न पूछ रहे थे।पीठ ने कहा,"हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमारा कल का प्रश्न किसी को आरोपी बनाने के लिए नहीं था। मान लीजिए कि अभियोजन पक्ष के अनुसार यदि A...