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सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना सरकार द्वारा स्थानीय निकायों में पिछड़ा वर्ग का कोटा 42% करने के खिलाफ याचिका पर विचार करने से किया इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना सरकार द्वारा स्थानीय निकायों में पिछड़ा वर्ग का कोटा 42% करने के खिलाफ याचिका पर विचार करने से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तेलंगाना सरकार द्वारा नगर पालिकाओं और पंचायतों में पिछड़ा वर्ग के लिए कोटा 42% करने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार किया, जिससे स्थानीय निकायों में कुल आरक्षण 67% हो गया।जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने कृषिविद् वंगा गोपाल रेड्डी को 26 सितंबर, 2025 के जी.ओ.एम. नंबर 09 को संविधान के अनुच्छेद 14, 243डी और 243टी का उल्लंघन करने के कारण असंवैधानिक, अवैध और अमान्य घोषित करने की मांग वाली अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दी।याचिका...

जब बच्चे गुफा में थे तब आप क्या कर रहे थे?: सुप्रीम कोर्ट ने गोकर्ण में मिले रूसी बच्चों के पिता को लगाई फटकार
'जब बच्चे गुफा में थे तब आप क्या कर रहे थे?': सुप्रीम कोर्ट ने गोकर्ण में मिले रूसी बच्चों के 'पिता' को लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ऐसे व्यक्ति को फटकार लगाई, जो दो नाबालिग रूसी लड़कियों का पिता होने का दावा कर रहा था। वे बच्चे अपनी माँ के साथ इस साल की शुरुआत में कर्नाटक के गोकर्ण के पास एक गुफा में पाई गईं थीं।जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ कर्नाटक हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें केंद्र सरकार को रूस वापस भेजने के लिए यात्रा दस्तावेज जारी करने की अनुमति दी गई।जैसे ही यह मामला उठा, जस्टिस सूर्यकांत ने याचिकाकर्ता के वकील से...

कोर्ट कार्यवाही के दौरान सीजेआई गवई पर सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान नारा लगाते हुए हमले की कोशिश
कोर्ट कार्यवाही के दौरान सीजेआई गवई पर 'सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान' नारा लगाते हुए हमले की कोशिश

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में असामान्य घटना घटी, जब सुबह की कार्यवाही के दौरान एक व्यक्ति ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई पर वस्तु फेंकने का प्रयास किया।नारे लगाते हुए सुनाई देने वाले इस व्यक्ति को सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत कोर्ट रूम से बाहर निकाल दिया। इस घटना के कारण कार्यवाही कुछ मिनटों के लिए बाधित रही, जिसके बाद कार्यवाही फिर से शुरू हुई।वहां मौजूद वकीलों के अनुसार, कोर्ट रूम से बाहर निकाले जाने के दौरान उस व्यक्ति ने चिल्लाया,"सनातन धर्म का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान"।कुछ गवाहों ने...

Order XXXVII CPC | सारांश वाद में प्रतिवादी कोर्ट की अनुमति के बिना उत्तर/बचाव प्रस्तुत नहीं कर सकता: सुप्रीम कोर्ट
Order XXXVII CPC | सारांश वाद में प्रतिवादी कोर्ट की अनुमति के बिना उत्तर/बचाव प्रस्तुत नहीं कर सकता: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में स्पष्ट किया कि सीपीसी के आदेश XXXVII (Order XXXVII CPC) के तहत सारांश वाद में कोर्ट की अनुमति के बिना किसी भी बचाव को रिकॉर्ड पर लाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस एसवीएन भट्टी की खंडपीठ ने बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला रद्द कर दिया, जिसमें उसने प्रतिवादी को वादी द्वारा जारी किए गए निर्णय के समन का उत्तर प्रस्तुत करने की अनुमति दी, जिसमें बचाव प्रस्तुत करने के लिए कोर्ट की अनुमति प्राप्त करने की अनिवार्य आवश्यकता को दरकिनार कर दिया...

BREAKING| सोनम वांगचुक की हिरासत के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस
BREAKING| सोनम वांगचुक की हिरासत के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने लद्दाख के सोशल एक्टिविस्ट और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो द्वारा दायर रिट याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। गीतांजलि ने लद्दाख में हाल ही में हुई हिंसक झड़पों के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980 के तहत उनकी नज़रबंदी को चुनौती दी।अदालत इस मामले की सुनवाई अगले मंगलवार (14 अक्टूबर) को करेगी।याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने दलील दी कि उन्हें नज़रबंदी के आधार बताए जाने चाहिए। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि नज़रबंदी के आधार...

विधेयक को राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए आरक्षित रखने के राज्यपाल के फैसले को तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती
विधेयक को राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए आरक्षित रखने के राज्यपाल के फैसले को तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती

तमिलनाडु सरकार ने कलैगनार यूनिवर्सिटी विधेयक, 2025 को राज्य मंत्रिपरिषद की सलाह के अनुसार स्वीकृति देने के बजाय राष्ट्रपति के विचारार्थ आरक्षित रखने के राज्यपाल का फैसला चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।अनुच्छेद 32 के तहत दायर रिट याचिका में राज्य का तर्क है कि राज्यपाल का यह कदम संविधान के अनुच्छेद 163(1) और 200 का उल्लंघन होने के कारण "अवैध, स्पष्ट रूप से असंवैधानिक और आरंभ से ही शून्य" है।राज्य ने राज्यपाल द्वारा विधेयक [एलए विधेयक संख्या 19, 2025] को आरक्षित रखने के फैसले को...

सिविल सेवा परीक्षा में बड़ा बदलाव: UPSC अब प्रीलिम्स के बाद ही जारी करेगा अस्थायी उत्तर कुंजी, सुप्रीम कोर्ट को सौंपी जानकारी
सिविल सेवा परीक्षा में बड़ा बदलाव: UPSC अब प्रीलिम्स के बाद ही जारी करेगा अस्थायी उत्तर कुंजी, सुप्रीम कोर्ट को सौंपी जानकारी

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अब वह सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के तुरंत बाद अस्थायी उत्तर कुंजी प्रकाशित करेगा। यह आयोग की नीतिगत व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है।अब तक UPSC केवल अंतिम परिणाम घोषित होने के बाद ही उत्तर कुंजी जारी करता था। नई व्यवस्था के तहत अभ्यर्थियों को परीक्षा के तुरंत बाद अपने उत्तरों की जांच का अवसर मिलेगा, जिससे चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी।आयोग ने यह जानकारी एक हलफनामे के माध्यम से उस याचिका के जवाब में दी, जिसमें सिविल सेवा...

जुबीन गर्ग की मौत की जांच NIA/CBI को सौंपने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका
जुबीन गर्ग की मौत की जांच NIA/CBI को सौंपने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका

सिंगापुर में आयोजित महोत्सव के आयोजक श्याम कानू महंत ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इस फेस्टिवल में दिवंगत गायक जुबीन गर्ग को अपनी परफॉर्मेंशन देनी थी। महंत ने असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में अपने खिलाफ दर्ज कई FIR और मीडिया ट्रायल के खिलाफ सुरक्षा की मांग की। उनका दावा है कि दिवंगत गायक की मौत में कथित संलिप्तता के संबंध में एक झूठी कहानी के कारण उन्हें बड़े पैमाने पर जनता की नफ़रत का शिकार होना पड़ा।याचिकाकर्ता ने जांच को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) या राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) जैसी...

सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्पष्ट संदेश- भारत बुल्डोजर के शासन से नहीं, कानून के शासन से चलता है: मॉरीशस में चीफ जस्टिस बीआर गवई
सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्पष्ट संदेश- भारत बुल्डोजर के शासन से नहीं, कानून के शासन से चलता है: मॉरीशस में चीफ जस्टिस बीआर गवई

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई ने शुक्रवार को मॉरीशस यूनिवर्सिटी में सर मौरिस रॉल्ट स्मारक व्याख्यान दिया, जहां उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि लोकतंत्र का सार यह सुनिश्चित करने में निहित है कि कानून मनमानी शक्ति का साधन बनने के बजाय न्याय प्रदान करे।"सबसे बड़े लोकतंत्र में कानून का शासन" विषय पर बोलते हुए चीफ जस्टिस गवई ने कहा:"केवल वैधानिकता ही निष्पक्षता या न्याय प्रदान नहीं करती। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि किसी चीज़ को वैध बना देने का मतलब यह नहीं है कि वह न्यायसंगत है। इतिहास इस...

चीफ जस्टिस बीआर गवई मॉरीशस के तीन दिवसीय आधिकारिक दौरे पर, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और चीफ जस्टिस से की मुलाकात
चीफ जस्टिस बीआर गवई मॉरीशस के तीन दिवसीय आधिकारिक दौरे पर, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और चीफ जस्टिस से की मुलाकात

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई मॉरीशस की चीफ जस्टिस रेहाना बीबी मुंगली-गुलबुल के निमंत्रण पर तीन दिवसीय आधिकारिक दौरे पर मॉरीशस पहुंचे।चीफ जस्टिस गवई अपने परिवार के साथ मॉरीशस स्थित महात्मा गांधी संस्थान (MGI) में गांधी जयंती समारोह में शामिल हुए और महात्मा गांधी की जयंती पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। MGI, भारत और मॉरीशस की एक संयुक्त पहल है, जो भारतीय संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देने के लिए काम करती है।अपनी यात्रा के दौरान, चीफ जस्टिस गवई ने राष्ट्रपति धर्मबीर गोखूल से मुलाकात की और...

BREAKING| सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक की नज़रबंदी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची उनकी पत्नी
BREAKING| सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक की नज़रबंदी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची उनकी पत्नी

लद्दाख सोशल एक्टिविस्ट और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने उनकी नज़रबंदी को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर यह रिट याचिका गुरुवार को दायर की गई। 26 सितंबर को लद्दाख में राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत उन्हें नज़रबंद कर दिया गया।गीतांजलि अंगमो ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के माध्यम से अपने पति की रिहाई की मांग की, जो कथित तौर पर लद्दाख में हिंसक झड़पों के बाद हिरासत...

पिछड़े वर्ग की आबादी 50% से ज़्यादा: मध्य प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में OBC कोटा बढ़ाकर 27% करने का बचाव किया
'पिछड़े वर्ग की आबादी 50% से ज़्यादा': मध्य प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में OBC कोटा बढ़ाकर 27% करने का बचाव किया

मध्य प्रदेश सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण 14% से बढ़ाकर 27% करने के अपने फ़ैसले का पुरज़ोर बचाव करते हुए सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पिछड़े समुदाय सामूहिक रूप से राज्य की आबादी का 85% से ज़्यादा हिस्सा बनाते हैं और अपनी व्यापक जनसांख्यिकीय उपस्थिति के बावजूद गंभीर रूप से वंचित हैं।23 सितंबर को दायर अपने हलफ़नामे में राज्य ने 2011 की जनगणना का हवाला दिया, जिसमें अनुसूचित जाति (SC) 15.6%, अनुसूचित जनजाति (ST) 21.1% और OBC 51% से ज़्यादा आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। OBC आयोग की...

सुप्रीम कोर्ट ने महिला द्वारा अपने सहकर्मी पर झूठे विवाह के वादे पर बलात्कार का आरोप लगाने वाला मामला खारिज किया
सुप्रीम कोर्ट ने महिला द्वारा अपने सहकर्मी पर झूठे विवाह के वादे पर बलात्कार का आरोप लगाने वाला मामला खारिज किया

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में शादी का झांसा देकर बलात्कार का आरोप लगाने वाली चार्जशीट खारिज की और कहा कि आपराधिक कार्यवाही बाद में और गुप्त उद्देश्य से शुरू की गई थी।जस्टिस संजय करोल और जस्टिस नोंगमईकापम कोटिश्वर सिंह की खंडपीठ ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का आदेश रद्द कर दिया, जिसमें कार्यवाही रद्द करने से इनकार किया गया था। खंडपीठ ने कहा कि FIR तभी दर्ज की गई जब आरोपी द्वारा किए गए अभ्यावेदन के बाद शिकायतकर्ता को उसके नियोक्ता द्वारा कारण बताओ नोटिस दिया गया।यह मामला नगर निगम में कंप्यूटर ऑपरेटर के...

गैर-ज़िम्मेदार और अपरिपक्व: SCBA अध्यक्ष विकास सिंह ने न्यायपालिका को विकसित भारत की राह में सबसे बड़ी बाधा बताने पर संजीव सान्याल की आलोचना की
'गैर-ज़िम्मेदार और अपरिपक्व': SCBA अध्यक्ष विकास सिंह ने न्यायपालिका को विकसित भारत की राह में सबसे बड़ी बाधा बताने पर संजीव सान्याल की आलोचना की

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के अध्यक्ष और सीनियर एडवोकेट विकास सिंह ने अर्थशास्त्री और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल की न्यायपालिका को भारत के विकसित भारत बनने की राह में "सबसे बड़ी बाधा" बताने पर कड़ी आलोचना की। सिंह ने इस टिप्पणी को "गैर-ज़िम्मेदार" और "गलत इरादे से की गई टिप्पणी" बताया और कहा कि इस तरह की टिप्पणियां अदालतों के कामकाज की समझ की कमी को दर्शाती हैं।सान्याल की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए सिंह ने कहा कि जटिल संरचनात्मक मुद्दों को न्यायपालिका...

निर्धारित समय-सीमा समाप्त होने का हवाला देकर ट्रायल जज मामले पर फैसला सुनाने से इनकार नहीं कर सकते: सुप्रीम कोर्ट
निर्धारित समय-सीमा समाप्त होने का हवाला देकर ट्रायल जज मामले पर फैसला सुनाने से इनकार नहीं कर सकते: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में ट्रायल कोर्ट को असामान्य आदेश दिया, जिसमें उसने केवल इसलिए अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करने से परहेज किया, क्योंकि ट्रायल कोर्ट ने कार्यवाही निपटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित समय-सीमा का पालन नहीं किया।अदालत ने कहा,"हमें जज द्वारा पारित आदेश के तरीके पर दुख है। यदि किसी कारणवश जज इस अदालत द्वारा निर्धारित समय-सीमा के भीतर मामले का निपटारा नहीं कर पाते तो उनके पास उपलब्ध उचित उपाय समय-सीमा बढ़ाने का अनुरोध करना था। हालांकि, वह यह नहीं कह सकते कि उन्होंने...

जस्टिस नागरत्ना ने सरकारी अनुबंधों, किशोर न्याय मामलों, पर्यावरणीय विवादों और बौद्धिक संपदा विवादों में मध्यस्थता की वकालत की
जस्टिस नागरत्ना ने सरकारी अनुबंधों, किशोर न्याय मामलों, पर्यावरणीय विवादों और बौद्धिक संपदा विवादों में मध्यस्थता की वकालत की

सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस बी.वी. नागरत्ना ने भारत में वाणिज्यिक विवादों से परे मध्यस्थता के दायरे को व्यापक बनाने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया और इसे पर्यावरण, स्वास्थ्य सेवा, बौद्धिक संपदा, कॉरपोरेट प्रशासन, सार्वजनिक अनुबंधों और यहां तक कि किशोर न्याय अधिनियम के मामलों जैसे क्षेत्रों में विवादों को सुलझाने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण बताया।उन्होंने किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 (जेजे अधिनियम) में पीड़ित-अपराधी मध्यस्थता (वीओएम) की वकालत की, ताकि किशोर न्याय बोर्डों की...

जस्टिस चंद्रचूड़ का बयान अयोध्या फैसले के खिलाफ क्यूरेटिव याचिका दायर करने का आधार बन सकता है: प्रोफ़ेसर मोहन गोपाल
जस्टिस चंद्रचूड़ का बयान अयोध्या फैसले के खिलाफ क्यूरेटिव याचिका दायर करने का आधार बन सकता है: प्रोफ़ेसर मोहन गोपाल

प्रोफ़ेसर डॉ. मोहन जी गोपाल ने कहा कि अयोध्या राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ की हालिया टिप्पणियां इस फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर करने के लिए पर्याप्त आधार प्रदान कर सकती हैं।प्रोफ़ेसर गोपाल ने कहा कि जस्टिस चंद्रचूड़ ने टिप्पणी की कि बाबरी मस्जिद का निर्माण ही "अपवित्रीकरण का एक मौलिक कृत्य" था। उनकी यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट 2019 के फैसले के विपरीत है, जिसमें मस्जिद के निर्माण के लिए मंदिर को नष्ट करने...

सुप्रीम कोर्ट ने गुम बच्चों के लिए गृह मंत्रालय में समर्पित पोर्टल बनाने की सिफारिश की
सुप्रीम कोर्ट ने गुम बच्चों के लिए गृह मंत्रालय में समर्पित पोर्टल बनाने की सिफारिश की

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में गृह मंत्रालय को यह सुझाव दिया है कि वह अपहृत या तस्करी किए गए बच्चों का पता लगाने के लिए एक साझा समर्पित पोर्टल (Common Dedicated Portal) स्थापित करे। कोर्ट ने कहा कि ऐसे बच्चों का पता लगाने के लिए समन्वित प्रयासों की आवश्यकता होती है, जो उक्त पोर्टल के माध्यम से संभव हो सकते हैं, जिसमें एक समर्पित अधिकारी जिम्मेदार होगा। इसके मद्देनजर, कोर्ट ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल, ऐश्वर्या भाटी को सरकार से इस सुझाव पर निर्देश लेने की अनुमति दी।एक बेंच, जिसमें जस्टिस बी.वी. नगरथना...