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ट्रायल कोर्ट केवल निजी गवाह के हलफनामे के आधार पर चार्जशीट में न उल्लिखित अपराध का संज्ञान नहीं ले सकता: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि किसी ट्रायल कोर्ट को केवल निजी गवाहों द्वारा दाखिल किए गए हलफनामों (अफिडेविट्स) के आधार पर चार्जशीट में न उल्लिखित अतिरिक्त अपराधों का संज्ञान नहीं लेना चाहिए, बिना जांच रिकॉर्ड पर भरोसा किए या आगे की जांच के आदेश दिए।एक बेंच, जिसमें जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस एससी शर्मा शामिल थे, ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के असामान्य आदेश को रद्द कर दिया। हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को मंजूरी दी थी, जिसमें शिकायतकर्ता के गवाहों द्वारा प्रस्तुत हलफनामों के...
सुप्रीम कोर्ट ने मुहम्मद ग़ौस-तानसेन मकबरे परिसर में उर्स और नमाज़ की अनुमति के लिए केंद्र और ASI से जवाब मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ विशेष अवकाश याचिका (SLP) में नोटिस जारी किया है, जिसमें ग्वालियर स्थित हज़रत शेख़ मुहम्मद ग़ौस के मकबरे के पास धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों जैसे उर्स और नमाज़ करने की अनुमति को अस्वीकार किया गया था। इस दरगाह में मुगल सम्राट अकबर के नौ रत्नों में से एक, महान संगीतकार तानसेन का मकबरा भी मौजूद है।जस्टिस बीवी नागरथना और जस्टिस आर महादेवन की खंडपीठ ने SLP के साथ-साथ अंतरिम याचिका पर भी नोटिस जारी किया। हज़रत मुहम्मद ग़ौस का...
रोस्टर बदलने का हवाला देकर जमानत याचिका पहले जज को न भेजना हाईकोर्ट जज के लिए अनुचित: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक हाईकोर्ट जज की आलोचना की, जिन्होंने एक सामान्य जमानत याचिका को पहले की बेंच को भेजने से इनकार कर दिया था, जिसने उसी FIR से संबंधित अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला किया था। जज ने इसका कारण यह बताया कि पहले जज का रोस्टर बदल गया है।कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट जज द्वारा अपनाया गया यह कारण उचित नहीं है। जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस SVN भाटी की खंडपीठ ने उस याचिका की सुनवाई की, जिसमें दो आरोपियों को दी गई जमानत को चुनौती दी गई थी। खंडपीठ ने नोट किया कि दिल्ली...
Motor Accident Compensation - न्यूनतम मज़दूरी केवल शैक्षिक योग्यता के आधार पर तय नहीं की जा सकती: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न्यूनतम मज़दूरी किसी व्यक्ति की शैक्षिक योग्यता के आधार पर उसके द्वारा किए जा रहे कार्य की प्रकृति के संदर्भ के बिना निर्धारित नहीं की जा सकती।अदालत मोटर दुर्घटना मुआवज़े के मामले पर निर्णय दे रहा था, जहां आय की मात्रा पर विवाद था।यह मामला एक 20 वर्षीय बी.कॉम फाइनल इयर स्टूडेंट से संबंधित था, जिसने भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट्स संस्थान में भी दाखिला लिया था। हालांकि, 2001 में एक मोटर दुर्घटना के बाद वह लकवाग्रस्त हो गया और अपनी मृत्यु तक दो दशकों तक बिस्तर पर पड़ा रहा।...
सुप्रीम कोर्ट ने डीएम गेमिंग लिमिटेड के खिलाफ FIR रद्द करने का फैसला बरकरार रखा
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कर्नाटक हाईकोर्ट का आदेश बरकरार रखा, जिसमें मेसर्स डीएम गेमिंग लिमिटेड के स्वामित्व वाले बेंगलुरु के एक मनोरंजन क्लब के खिलाफ दर्ज FIR रद्द कर दी गई थी, जहां पोकर खेला जाता है और इसमें अवैध गेमिंग का आरोप लगाया गया।हाईकोर्ट ने एक अन्य मामले रोहित तिवारी बनाम कर्नाटक राज्य में अपने फैसले का हवाला देते हुए FIR रद्द दी थी, जिसमें कहा गया था कि पोकर और रम्मी कौशल के खेल हैं।हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के रद्द करने के आदेश के खिलाफ राज्य की विशेष अनुमति याचिका खारिज...
जमानत देने का तरीका सीखने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक अधिकारियों को दिया स्पेशल ट्रेनिंग लेने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में निर्देश दिया कि दिल्ली न्यायिक सेवा के दो न्यायिक अधिकारियों को बाध्यकारी निर्णयों का उल्लंघन करते हुए दो आरोपियों को ज़मानत देने के अवैध और गलत तरीके के लिए कम से कम सात दिनों की अवधि के लिए विशेष न्यायिक प्रशिक्षण लेना होगा।करोड़ों रुपये के एक घोटाले में आरोपी दंपत्ति को दी गई ज़मानत रद्द करते हुए अदालत ने उन न्यायिक अधिकारियों - अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट जिन्होंने ज़मानत दी और कड़कड़डूमा सेशन जज जिन्होंने इसमें हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया - को कम...
मेंटल हेल्थकेयर के लिए ट्रांसफर की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने IIT खड़गपुर और दिल्ली से जवाब मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (26 सितंबर) को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), खड़गपुर को एक स्टूडेंट द्वारा IIT दिल्ली में ट्रांसफर की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया।याचिकाकर्ता एक अनुसूचित जाति का छात्र है। उसे मानसिक स्वास्थ्य सेवा उपचार की आवश्यकता है, IIT-Delhi में ट्रांसफर की मांग कर रहा है ताकि वह अपने माता-पिता के साथ रह सके और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दिल्ली में उपचार प्राप्त कर सके।जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस आर महदेवन की खंडपीठ ने IIT Delhi और AIIMS को भी नोटिस...
मध्यस्थता केवल कानूनी पेशे तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, इसे कम्युनिटी प्रैक्टिस के रूप में विकसित किया जाना चाहिए: चीफ जस्टिस गवई
27 सितंबर, 2025 को भुवनेश्वर में आयोजित दूसरे राष्ट्रीय मध्यस्थता सम्मेलन में उद्घाटन भाषण देते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बी.आर. गवई ने मध्यस्थता को कानूनी पेशे से परे एक प्रैक्टिस के रूप में विकसित करने और विवादों को शांतिपूर्ण और सहयोगात्मक तरीके से सुलझाने के साधन के रूप में सामुदायिक जीवन में विस्तारित करने की आवश्यकता पर बल दिया।मध्यस्थता अधिनियम, 2023 पर प्रकाश डालते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि मध्यस्थता को अब औपचारिक रूप से मान्यता प्राप्त है। विवाद समाधान तंत्र के रूप में संस्थागत...
सुप्रीम कोर्ट ने POCSO मामले में राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले पर लगाई रोक
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राजस्थान हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगाई, जिसमें कहा गया कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 (POCSO Act) के तहत प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपाय मुकदमे के दौरान पीड़िता के 18 साल का हो जाने पर समाप्त हो जाते हैं।जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की खंडपीठ ने 27 मई, 2025 के हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर छह सप्ताह में जवाब देने योग्य नोटिस जारी किया।सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मुद्दा यह है कि क्या POCSO Act की धारा 33(2) के तहत...
सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र
सुप्रीम कोर्ट में पिछले सप्ताह (22 सितंबर, 2025 से 26 सितंबर, 2025 तक) तक क्या कुछ हुआ, जानने के लिए देखते हैं सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप। पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र।S. 37 Provincial Insolvency Act | दिवालियापन के दौरान की गई वैध बिक्री ही दिवालियापन निरस्तीकरण के बाद सुरक्षित रहेगी: सुप्रीम कोर्टसुप्रीम कोर्ट ने दिवालियापन की कार्यवाही के निरस्तीकरण के दिवालियापन अवधि के दौरान किए गए लेन-देन पर प्रभाव को स्पष्ट किया। यह मामला 1963 में स्थापित साझेदारी फर्म...
भोपाल गैस त्रासदी: मेडिकल देखभाल के निर्देशों का पालन न करने का आरोप लगाने वाली अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने 26 सितंबर को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेशक, मध्य प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव और भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग के प्रमुख सचिव को अवमानना याचिका पर नोटिस जारी किया। यह याचिका भोपाल गैस त्रासदी पीड़ितों के मेडिकल रिकॉर्ड के कम्प्यूटरीकरण और उन्हें मेडिकल देखभाल प्रदान करने के लिए 2012 में न्यायालय द्वारा पारित निर्देशों का पालन न करने के संबंध में दायर की गई।जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस एएस...
S. 37 Provincial Insolvency Act | दिवालियापन के दौरान की गई वैध बिक्री ही दिवालियापन निरस्तीकरण के बाद सुरक्षित रहेगी: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने दिवालियापन की कार्यवाही के निरस्तीकरण के दिवालियापन अवधि के दौरान किए गए लेन-देन पर प्रभाव को स्पष्ट किया।यह मामला 1963 में स्थापित साझेदारी फर्म मेसर्स गविसिद्धेश्वर एंड कंपनी में शेयरधारिता को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद से उत्पन्न हुआ था। 1975 में एक साझेदार की मृत्यु के बाद उसके बेटे (अपीलकर्ता) और विधवा को भारी कर्ज के कारण दिवालिया घोषित कर दिया गया। दिवालियापन के दौरान, जिला कोर्ट ने अदालत द्वारा नियुक्त रिसीवर को निर्देश दिया कि वह मृतक साझेदार के फर्म में एक आना शेयर...
कई राज्यों में अलग-अलग लेन-देन से संबंधित FIR को एक साथ जोड़ना असंभव: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (26 सितंबर) को कहा कि विभिन्न गवाहों, कानूनों और साक्ष्यों से संबंधित देशव्यापी FIR को एक साथ जोड़ना अस्वीकार्य है। कोर्ट ने आगे कहा कि FIR को एक साथ जोड़ना तभी स्वीकार्य है, जब एक ही घटना/लेन-देन से संबंधित कई FIR दर्ज हों।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की खंडपीठ ने करोड़ों रुपये के वित्तीय घोटाले में अपीलकर्ता के खिलाफ विभिन्न राज्यों में दर्ज कई FIR को एक साथ जोड़ने से इनकार किया, जिसमें विभिन्न स्थानीय कानून और गवाह शामिल हैं। अदालत...
सारंडा और सासंगदाबुरु वन्यजीव अभयारण्यों को अधिसूचित करने में देरी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार को फटकार लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में सारंडा/सासंगदाबुरु वनों को वन्यजीव अभयारण्य और संरक्षण रिजर्व घोषित करने के अपने पिछले आश्वासनों का बार-बार पालन न करने पर झारखंड राज्य की खिंचाई की। अदालत ने कहा कि यदि इस मुद्दे पर पिछले आदेशों का अनुपालन अगली सुनवाई की तारीख से पहले नहीं किया जाता है तो राज्य के मुख्य सचिव को कारण बताना होगा कि उनके खिलाफ अवमानना का मुकदमा क्यों न चलाया जाए।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की खंडपीठ टीएन गोदावर्मन मामले के तहत पर्यावरण संबंधी...
आजकल झूठी शिकायतों से सास और पति सतर्क, धारा 498A बेहद कठोर व दुरुपयोगी: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक बार फिर आईपीसी की धारा 498A (अब भारत न्याय संहिता, 2023 की धारा 84) के दुरुपयोग पर चिंता जताई। यह मामला विवाह के डेढ़ महीने के भीतर पत्नी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत से जुड़ा था।जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस आर. महादेवन की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि अक्सर पति और सास झूठी शिकायतों के डर में रहते हैं। जस्टिस नागरत्ना ने टिप्पणी की – “498A बहुत कठोर और अक्सर दुरुपयोग की जाने वाली धारा है। यह रिश्ते पर नींबू निचोड़ने जैसा असर डालती है।” कोर्ट ने पति, पत्नी और...
WB Universities VC Appointments: सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री से समिति की सिफारिशों पर आपत्तियों के कारण बताने को कहा
पश्चिम बंगाल के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति से संबंधित मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री से कहा कि वे नियुक्ति के लिए खोज-सह-चयन समिति द्वारा अनुशंसित कुछ उम्मीदवारों के बारे में अपनी आपत्तियों, यदि कोई हों, के पीछे के कारण अदालत के समक्ष प्रस्तुत करें।जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की।इससे पहले, न्यायालय ने जुलाई में जारी निर्देशों में संशोधन किया और शेष 15 विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्तियों के संबंध में अपनी...
NEET PG 2025: Answer key प्रकाशित करने वाली 3 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने आज (26 सितंबर) तीन याचिकाओं में नोटिस जारी किया, जिनमें NEET-PG परीक्षा में उत्तर कुंजी (Answer Keys) प्रकाशित करने की मांग की गई है।जस्टिस जे.बी. परदिवाला और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की बेंच ने मामले की सुनवाई की। कोर्ट को बताया गया कि परीक्षा में 2 लाख से अधिक छात्र उपस्थित हुए थे, और मेघराज रॉय की याचिका में 20 याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट का रुख किया है, जिसमें केवल प्रश्न और उत्तर कुंजी के खुलासे की मांग नहीं बल्कि पारदर्शिता (Transparency) से जुड़े मुद्दे भी उठाए गए हैं। इस पर...
सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना सरकार की याचिका खारिज की, 2015 कैश-फॉर-वोट केस में एक आरोपी को राहत
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (26 सितंबर) को 2015 के तेलंगाना कैश-फॉर-वोट्स घोटाले में आरोपी जेरूसलम मैथाई पर लगे आरोपों को खारिज करने के हाईकोर्ट के फैसले को बनाए रखा।चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच ने तेलंगाना सरकार द्वारा 2016 में दाखिल विशेष अनुमति याचिका (SLP) को खारिज कर दिया। इसी तरह, एल्विस स्टीफेंसन की हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका भी खारिज हुई।मामला 2015 में विधान परिषद चुनाव के दौरान तत्कालीन उम्मीदवार एल्विस स्टीफेंसन को टीडीपी के पक्ष में वोट देने के...
पुलिस थानों में बंद CCTV पर सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार से पूछे 12 सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने आज राजस्थान सरकार से पुलिस थानों में काम न कर रहे सीसीटीवी कैमरों के मुद्दे पर जवाब मांगा है। कोर्ट ने 12 बिंदुओं पर जानकारी तलब की है, जिनमें यह भी शामिल है कि क्या नियमित ऑडिट होते हैं, फुटेज कितने समय तक सुरक्षित रखी जाती है, क्या अचानक निरीक्षण की व्यवस्था है और फुटेज के साथ छेड़छाड़ रोकने के लिए फॉरेंसिक जांच होती है या नहीं। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने कहा कि पुलिस थानों से सीसीटीवी फुटेज मंगाने के प्रयास नाकाम रहे और जानकारी “तुच्छ कारणों” से नहीं...
Sec. 138 NI Act | चेक बाउंस मामलों में आरोपियों को प्रॉबेशन ऑफ ऑफेंडर्स एक्ट का लाभ मिल सकता है: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (25 सितम्बर) को फैसला दिया कि नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 की धारा 138 (चेक बाउंस मामलों) में दोषी ठहराए गए आरोपियों को प्रोबेशन ऑफ ऑफेंडर्स एक्ट, 1958 का लाभ मिल सकता है।कोर्ट ने कहा कि चेक बाउंस मामले समझौते (compounding) से खत्म हो सकते हैं, और अगर समझौता न हो तो भी आरोपी प्रोबेशन का लाभ पाने के हकदार हैं।जस्टिस मनमोहन और एन.वी. अंजारिया की बेंच ने कहा कि पक्षकार आपसी समझौते से मामला निपटा सकते हैं। अगर शिकायतकर्ता केवल चेक की राशि से ज्यादा रकम या पूरा कर्ज...




















