स्तंभ

राजीव गाँधी हत्याकांड के कुछ सवाल जिनके उत्तर आज तक नहीं मिल पाए हैं
राजीव गाँधी हत्याकांड के कुछ सवाल जिनके उत्तर आज तक नहीं मिल पाए हैं

मैं न्यायमूर्ति डीपी वाधवा और न्यायमूर्ति सैयद शाह मोहम्मद कादरी के साथ सुप्रीम कोर्ट की उस तीन-सदस्यीय पीठ में शामिल था जो राजीव गाँधी हत्या के मामले में अपील की सुनवाई कर रहा था। एलटीटीई (लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम) के 26 सदस्यों पर पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या करने का आरोप था और जांच एजेंसियों ने उन्हें दोषी पाया था और सुनवाई अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई थी। जिस अपील की हम सुनवाई कर रहे थे वह सजा पाए अभियुक्तों ने दाखिल किया था और उन्होंने सुनवाई अदालत के फैसले को चुनौती दी थी। हमने इनमें...

इलाहाबाद हाई कोर्ट भवन की भव्यता को बेरंग करता परिसर के अंदर फैला गंदगी का साम्राज्य
इलाहाबाद हाई कोर्ट भवन की भव्यता को बेरंग करता परिसर के अंदर फैला गंदगी का साम्राज्य

देश में न्यायपालिका के सबसे पुराने भवनों में एक इलाहाबाद हाई कोर्ट के विशाल भवन की भव्यता को देखते ही आप इसके मुरीद हो जाएंगे। औपनिवेशिक भारत की यह भव्य इमारत पिछले डेढ़ सौ सालों से वहाँ खड़ा है। उसने एक से एक ऐसी कानूनी व्यवस्थाएं दी होंगी जो देश के कानूनी इतिहास में मील का पत्थर साबित हुआ होगा। इस भवन में बैठकर पिछले डेढ़ सौ सालों में एक से एक जजों ने इस देश की तकदीर बदल देनेवाले फैसले दिए होंगे और असंख्य लोगों ने उसके फैसलों की दाद दी होगी, उसकी प्रशंसा की होगी, आलोचना की होगी। इस हाई कोर्ट के...

सुप्रीम कोर्ट के आदेश को निरस्त करने वाले अध्यादेश पर एक पूर्व मुख्य न्यायाधीश का हस्ताक्षर हास्यास्पद होने के अलावा भी बहुत कुछ है
सुप्रीम कोर्ट के आदेश को निरस्त करने वाले अध्यादेश पर एक पूर्व मुख्य न्यायाधीश का हस्ताक्षर हास्यास्पद होने के अलावा भी बहुत कुछ है

यह बहुत ही अजीबोगरीब बात है कि भारत के एक पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश को समाप्त करने के लिए एक मुख्यमंत्री के साथ हाथ मिलाए। केरल के वर्तमान राज्यपाल सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भी रह चुके हैं। लेकिन न्यायमूर्ति पी सदाशिवम को अब यह शर्मनाक स्थिति झेलनी पड़ रही है। राज्य के राज्यपाल की हैशियत से सदाशिवम को केरल सरकार के एक अध्यादेश पर हस्ताक्षर करना पड़ा है जिसमें दो स्व-वित्तपोषित मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश को नियमित करने का प्रावधान है। इन दोनों कॉलेजों में प्रवेश की...

सेक्यूलरिज्म पंथनिरपेक्षता मात्र नहीं है - न्यायमूर्ति केटी थॉमस
सेक्यूलरिज्म पंथनिरपेक्षता मात्र नहीं है - न्यायमूर्ति केटी थॉमस

“सेक्यूलरिज्म” का अनुवाद अमूमन “पंथनिरपेक्षता” (धर्म से अलग) किया जाता है। पर यह सेक्यूलरिज्म का बहुत ही संकीर्ण अर्थ हमें देता है। इसीलिए लोगों ने इस शब्द के इसी संकीर्ण अर्थ को अभी तक समझा है। निस्संदेह, जैसा कि मैंने समझा है, सेक्यूलरिज्म का एक अर्थ धर्म से अलग होना भी है। पर सेक्यूलरिज्म की संकल्पना धर्म के बारे में उसके अर्थों से कहीं ज्यादा व्यापक और मूल्यवान है। यह समझना गलत है कि सेक्यूलरिज्म का उद्देश्य धार्मिक कर्मकांडों से मुक्ति सुनिश्चित करता है। सेक्यूलरिज्म की मौलिकता धार्मिक...

क्या हम बेहतर नहीं कर सकतेः  आर. बसंत, सुप्रीम कोर्ट सीनियर एडवोकेट द्वारा शृंखला का पहला भाग
क्या हम बेहतर नहीं कर सकतेः  आर. बसंत, सुप्रीम कोर्ट सीनियर एडवोकेट द्वारा शृंखला का पहला भाग

स्कूली बच्चों की तरह छुट्टियों के बाद कोर्ट खुलने का मैं भी इंतजार कर रहा हूं। मैने 9 मई को सुप्रीम कोर्ट बंद होने के बाद कालीकट के लिए पहली फ्लाइट पकड़ी थी। अब एक जुलाई को कोर्ट खुलने पर दिल्ली वापस आ रहा हूं ताकि नए जूडिशियल ईयर में सुप्रीम कोर्ट में उसे वेलकम कर सकूं। मैं स्वीकार करता हूं कि सीनियर एडवोकेट छुट्टियों में ज्यादा रिसर्च और अपडेशन नहीं करते। केरल का मौसम बेहतरीन था और इस दौरान परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर अच्छा वक्त बिताया। काफी आलस वाला समय था और उसको खूब एनजॉय किया। उस वक्त...

अंतरराष्ट्रीय  ’बोलने की आजादी’ जस्टिस कर्णन के बोलने की आजादी पर प्रतिबंध के आदेश के आयाम
अंतरराष्ट्रीय ’बोलने की आजादी’ जस्टिस कर्णन के बोलने की आजादी पर प्रतिबंध के आदेश के आयाम

सुप्रीम कोर्ट ने अपने नौ मई 2017 के आदेश के तहत जस्टिस कर्णन को सजा दी थी। इस आदेश में कहा गया था कि अवमानना के मामले में पब्लिक स्टेटमेंट व दोषी द्वारा दिए गए आदेशों का प्रकाशन भी शामिल है,जिनको इलैक्ट्रानिक व प्रिंट ने प्रसारित व प्रकाशित किया है। इसलिए अब दोषी द्वारा आगे से दिए गए किसी भी बयान को न छापा जाए। आदेश का यह हिस्सा सिर्फ निराला व अनोखा ही नहीं है बल्कि बोलने की आजादी का खतरनाक तरीके से अपमान करने वाला है। मैं कहना चाहती हूं कि इस तरह प्रकाशन पर लगाई रोक से बोलने व विचारों की...

क्या सुप्रीम कोर्ट ने नाॅन वेलफेयर स्कीम में आधार कार्ड को जरूरी बनाए जाने के मामले का समर्थन किया था?
क्या सुप्रीम कोर्ट ने नाॅन वेलफेयर स्कीम में आधार कार्ड को जरूरी बनाए जाने के मामले का समर्थन किया था?

सुप्रीम कोर्ट में 27 मार्च को मुख्य न्यायाधीश जे.एस.केहर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ के सामने 12 डिजिट बाॅयोमैट्रिक यूनिक आईडेंटिकेशन (यू.आई.डी)/आधार कार्ड के मामले को उठाया गया था। इस मामले को सुनने के बाद खंडपीठ ने कोई आदेश नहीं दिया। इस खंडपीठ में न्यायमूर्ति डी.वाई चंद्रचूड व न्यायमूर्ति एस.के कौल भी शामिल थे।याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने कोर्ट को पूर्व के आदेशों से अवगत कराया और बताया कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश एच.एल दत्तू की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय...

ईएमएस नामबोडिरीपैड व अवमानना के मामले में जस्टिस हिदायतुल्लाह द्वारा दिए गए फैसले को याद किया जाना
ईएमएस नामबोडिरीपैड व अवमानना के मामले में जस्टिस हिदायतुल्लाह द्वारा दिए गए फैसले को याद किया जाना

पिछले दिनों मेरी अपने एक दोस्त से बात हुई थी कि किस तरह जस्टिस हिदायतुल्लाह ने वर्ष 1970 में कोर्ट की अवमानना के मामले में एक पूर्व मुख्यमंत्री पर पचास रूपए जुर्माना लगा दिया था। उस समय किसी ने यह महसूस नहीं किया था कि यह महीना 108 वी राजनीतिक जन्म को सेलिब्रेट करेगा।सबसे पहली कम्यूनिस्ट सरकार विश्व में केरला में वर्ष 1957 में बनी थी,उय समय शंकरनन नामबोडिरीपैड को पहला मुख्यमंत्री चुना गया था। शंकरनन वर्ष 1909 में एक प्रभावशाली ब्राहमण परिवार में जन्मे थे। उनका ब्राहमण देवी-देवताओं द्वारा बचाव...