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क्या है राष्ट्रपति और राज्यपालों की क्षमादान की शक्ति,  क्या कहता है संविधान
क्या है राष्ट्रपति और राज्यपालों की क्षमादान की शक्ति, क्या कहता है संविधान

शादाब सलीमभारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पाक्सो एक्ट के दोषियों को क्षमा याचना का अधिकार दिए जाने पर आपत्ति जतायी है और विधायिका से यह आशा की है कि विधायिका इस पर विधान बनाकर पॉक्सो एक्ट के सिद्धदोष अपराधियों को दिए जाने वाले दया याचिका के अधिकार को समाप्त कर दे।भारतीय संविधान के अनुच्छेद 72 और अनुच्छेद 161 के अंतर्गत राष्ट्रपति और राज्यपालों को दंड के 'लघुकरण' 'परिहार' 'विराम' और 'प्रविलम्ब' का अधिकार दिया गया है। इसे राष्ट्रपति और राज्यपालों द्वारा दंड का क्षमादान कहा जाता है। राष्ट्रपति...

अयोध्या का फैसला ऐतिहासिक गलतियों में सुधार के लिए नज़ीर नहीं बना सकता
अयोध्या का फैसला ऐतिहासिक गलतियों में सुधार के लिए नज़ीर नहीं बना सकता

मनु सेबेस्ट‌ियनराम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर दिए फैसले में सुप्रीम कोर्ट की कुछ टिप्‍पणियों पर गौर करें तो ये नहीं कहा जा सकता ‌कि ये फैसला मौजूदा दौर के उन मालिकाना दावों के समर्थन में कानूनी नजीर बन सकता, जिनमें किसी मौजूदा इमारत पर कथित तौर पर पुराने दौर के शासकों की ऐतिहास‌िक गलतियों के आधार दावा किया जा रहा हो। 1045 पृष्ठ के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भारतीय संविधान द्वारा निर्मित मौजूदा कानूनी तंत्र में पुराने शासकों की गई ऐतिहासिक गलतियों का सुधार नहीं किया जा सकता। पांच जजों...

समझिये IPC के अंतर्गत क्षम्य एवं तर्कसंगत कृत्य : धारा 76 एवं 79 में तथ्य की भूल विशेष [साधारण अपवाद श्रृंखला 1]
समझिये IPC के अंतर्गत क्षम्य एवं तर्कसंगत कृत्य : धारा 76 एवं 79 में 'तथ्य की भूल' विशेष ['साधारण अपवाद श्रृंखला' 1]

भारतीय दंड संहिता का चैप्टर IV (4th), 'साधारण अपवाद' (General exception) की बात करता है। जैसा कि नाम से जाहिर है, यह अध्याय उन परिस्थितियों की बात करता है जहाँ किसी अपराध के घटित हो जाने के बावजूद भी उसके लिए किसी प्रकार की सजा नहीं दी जाती है।यह अध्याय ऐसे कुछ अपवाद प्रदान करता है, जहाँ किसी व्यक्ति का आपराधिक दायित्व खत्म हो जाता है। इन बचाव का आधार यह है कि यद्यपि किसी व्यक्ति ने अपराध किया है, परन्तु उसे उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि अपराध के समय, या तो मौजूदा हालात...