बॉम्बे हाईकोर्ट

महाराष्ट्र सहकारी समिति अधिनियम खुली सदस्यता को बढ़ावा देता है, यदि सभी शर्तें पूरी होती हैं तो आवेदक की अस्वीकृति अनुचित है: बॉम्बे हाईकोर्ट
महाराष्ट्र सहकारी समिति अधिनियम खुली सदस्यता को बढ़ावा देता है, यदि सभी शर्तें पूरी होती हैं तो आवेदक की अस्वीकृति अनुचित है: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे ‌हाईकोर्ट ने पाया कि महाराष्ट्र सहकारी समिति अधिनियम, 1960 (एमसीएस अधिनियम) की धारा 23 'खुली सदस्यता' की अवधारणा को बढ़ावा देती है। इस प्रकार, आवेदकों द्वारा एमसीएस अधिनियम द्वारा अनिवार्य सभी शर्तों को पूरा करने के बावजूद, सहकारी बैंक द्वारा इसके प्रशासन को बाधित करने के कथित उद्देश्यों के आधार पर सदस्यता को अस्वीकार करना, एमसीएस अधिनियम की धारा 23 का उल्लंघन माना गया। जस्टिस एसजी चपलगांवकर की एकल न्यायाधीश पीठ महाराष्ट्र के सहकारिता मंत्री के आदेश को याचिकाकर्ताओं द्वारा दी गई चुनौती...

[यूएपीए] जांच एजेंसी मंजूरी की कमी का हवाला देकर आरोपपत्र दाखिल करने के लिए समय बढ़ाने की मांग नहीं कर सकती: बॉम्बे हाईकोर्ट
[यूएपीए] जांच एजेंसी मंजूरी की कमी का हवाला देकर आरोपपत्र दाखिल करने के लिए समय बढ़ाने की मांग नहीं कर सकती: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने माना कि गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत जांच एजेंसी मंजूरी की कमी का हवाला देते हुए आरोपपत्र दाखिल करने में विस्तार की मांग नहीं कर सकती। जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और जस्टिस गौरी गोडसे की खंडपीठ ने कहा कि आरोपपत्र दाखिल करने के लिए सक्षम प्राधिकारी से मंजूरी की आवश्यकता नहीं है और इसे बाद में प्राप्त किया जा सकता है।न्यायाधीशों ने आगे कहा कि ऐसे परिदृश्य में, कोई जांच एजेंसी इस आधार पर आरोपपत्र दाखिल करने के लिए समय बढ़ाने की मांग नहीं कर सकती कि उसे सक्षम...

जेएओ के पास फेसलेस असेसमेंट के बाहर पुनर्मूल्यांकन नोटिस जारी करने का अधिकार नहीं रहा: बॉम्बे हाईकोर्ट
जेएओ के पास फेसलेस असेसमेंट के बाहर पुनर्मूल्यांकन नोटिस जारी करने का अधिकार नहीं रहा: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने माना है कि क्षेत्राधिकार निर्धारण अधिकारी (जेएओ) के पास धारा 148ए(बी) के तहत कोई भी नोटिस जारी करने और फेसलेस मूल्यांकन के बाहर अधिनियम की धारा 148ए(डी) और धारा 148 के तहत आगे की कार्रवाई करने का अधिकार नहीं रह जाएगा। जस्टिस जीएस कुलकर्णी और जस्टिस सोमशेखर सुंदरसन की पीठ ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा 29 मार्च, 2022 की अधिसूचना में आयकर अधिनियम की धारा 151ए के तहत अधिसूचित फेसलेस योजना के मद्देनजर जेएओ के पास पुनर्मूल्यांकन नोटिस जारी करने का अधिकार नहीं...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मानहानि मामले में राहुल गांधी के त्वरित सुनवाई के अधिकार को बाधित करने के लिए RSS कार्यकर्ता की आलोचना की
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मानहानि मामले में राहुल गांधी के त्वरित सुनवाई के अधिकार को बाधित करने के लिए RSS कार्यकर्ता की आलोचना की

बॉम्बे हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह राहुल गांधी को राहत देते हुए शिकायतकर्ता - राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यकर्ता राजेश कुंटे की अनावश्यक रूप से मुकदमे को लंबा खींचने और कांग्रेस नेता के त्वरित सुनवाई के अधिकार को बाधित करने के लिए आलोचना की।यह मामला 2014 के आम चुनावों के दौरान भिवंडी जिले में एक राजनीतिक रैली में दिए गए भाषण में गांधी द्वारा दिए गए बयान से संबंधित है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर महात्मा गांधी की हत्या के लिए RSS पर आरोप लगाया था।सिंगल जज जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण ने 12 जुलाई...

ऑर्डर 21 रूल 16 सीपीसी| संपत्ति का हस्तांतरणकर्ता अलग असाइनमेंट आदेश के बिना डिक्री के निष्पादन के लिए आवेदन कर सकता है: बॉम्बे हाईकोर्ट
ऑर्डर 21 रूल 16 सीपीसी| संपत्ति का हस्तांतरणकर्ता अलग असाइनमेंट आदेश के बिना डिक्री के निष्पादन के लिए आवेदन कर सकता है: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है कि लघु वाद न्यायालय की अपीलीय पीठ ने यह मानते हुए गंभीर गलती की है कि संपत्ति में अधिकारों के हस्तांतरणकर्ता को इसके निष्पादन के लिए डिक्री के एक अलग असाइनमेंट की आवश्यकता होती है, क्योंकि इसने सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 (सीपीसी) के आदेश 21 नियम 16 ​​में 1977 के संशोधन के माध्यम से जोड़े गए स्पष्टीकरण को नजरअंदाज कर दिया, जिसमें स्पष्ट किया गया था कि संपत्ति का हस्तांतरण हस्तांतरितकर्ता को अलग असाइनमेंट के बिना डिक्री को निष्पादित करने की अनुमति देता है। ...

अदालत में ऐसे मामलों की ज्यादा होती जा रही जहां हाउसिंग सोसाइटियों के अल्पसंख्यक सदस्य तुच्छ आधार पर पुनर्विकास योजनाओं में बाधा डालते हैं: बॉम्बे हाईकोर्ट
अदालत में ऐसे मामलों की ज्यादा होती जा रही जहां हाउसिंग सोसाइटियों के अल्पसंख्यक सदस्य 'तुच्छ' आधार पर पुनर्विकास योजनाओं में बाधा डालते हैं: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक सहकारी हाउसिंग सोसाइटी के गैर-सहमति वाले सदस्यों के आचरण पर निराशा व्यक्त की, जिन्होंने सोसाइटी के अधिकांश सदस्यों द्वारा विकास समझौते की मंजूरी के बावजूद अपने फ्लैट खाली करने से इनकार कर दिया।जस्टिस आरिफ एस. डॉक्टर ने कहा कि "इस कोर्ट के डॉकेट में कई ऐसे मामलों की बाढ़ आ गई है, जहां अल्पसंख्यक सदस्य उन आधारों पर पुनर्विकास को रोकने का प्रयास करना जारी रखते हैं जो पूर्व दृष्टया तुच्छ, अस्थिर और कानून में अच्छी तरह से स्थापित स्थिति के विपरीत हैं" हाईकोर्ट याचिकाकर्ता...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने छुट्टियों और आधिकारिक काम के कारण निवारक निरोध के खिलाफ़ प्रतिनिधित्व पर निर्णय लेने में देरी के लिए अधिकारियों को फटकार लगाई
बॉम्बे हाईकोर्ट ने छुट्टियों और आधिकारिक काम के कारण निवारक निरोध के खिलाफ़ प्रतिनिधित्व पर निर्णय लेने में देरी के लिए अधिकारियों को फटकार लगाई

बॉम्बे हाईकोर्ट ने निवारक निरोध आदेश के तहत हिरासत में लिए गए एक व्यक्ति को तत्काल रिहा करने का आदेश देते हुए कहा कि नागरिक के मौलिक अधिकारों को कम करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को तत्परता के साथ काम करना चाहिए। जस्टिस भारती डांगरे और जस्टिस मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने साधु पवार नामक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका पर विचार करते हुए कहा कि उन्होंने 25 जनवरी, 2024 को निवारक निरोध के खिलाफ अपना अभ्यावेदन भेजा था और अधिकारियों ने एक महीने से अधिक समय बाद यानी 26 फरवरी, 2024 को इस पर फैसला...

हाईकोर्ट पत्नी को भरण-पोषण मांगने के लिए उचित मंच चुनने के अधिकार से वंचित नहीं कर सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट
हाईकोर्ट पत्नी को भरण-पोषण मांगने के लिए उचित मंच चुनने के अधिकार से वंचित नहीं कर सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि जब पति ने तलाक की कार्यवाही शुरू कर दी है, तो यह पत्नी का अधिकार है कि वह घरेलू हिंसा की कार्यवाही के लिए मजिस्ट्रेट कोर्ट या फैमिली कोर्ट में गुजारा भत्ता और राहत मांगे, जबकि पति ने पहले ही तलाक की कार्यवाही शुरू कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी स्थिति में हाईकोर्ट को पति द्वारा मजिस्ट्रेट के समक्ष कार्यवाही को फैमिली कोर्ट में स्थानांतरित करने के लिए दायर आवेदनों पर विचार नहीं करना चाहिए।सिंगल जज जस्टिस अरुण पेडनेकर ने एक पति द्वारा दायर विविध आवेदन को...

अगर दुख बांटने के लिए पैरोल दी जा सकती है तो खुशी के पल बांटने के लिए क्यों नहीं? बॉम्बे हाईकोर्ट ने दोषी को पढ़ाई के लिए विदेश जा रहे बेटे से मिलने के लिए रिहा किया
अगर दुख बांटने के लिए पैरोल दी जा सकती है तो खुशी के पल बांटने के लिए क्यों नहीं? बॉम्बे हाईकोर्ट ने दोषी को पढ़ाई के लिए विदेश जा रहे बेटे से मिलने के लिए रिहा किया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा कि अगर किसी दोषी को आपातकालीन परिस्थितियों में या परिवार में शादी के लिए पैरोल दी जा सकती है तो उसे अपने परिवार के साथ खुशी के पल बांटने के लिए भी पैरोल दी जा सकती है, जैसे कि उसके बच्चे की पढ़ाई के लिए किसी दूसरे देश में यात्रा करना।यह टिप्पणी आजीवन कारावास की सजा काट रहे व्यक्ति की याचिका पर आई है, जिसने अपने बेटे से मिलने के लिए पैरोल मांगी थी। बेटे ने ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी में एडमिशन प्राप्त किया है और उसके 22 जुलाई को भारत से बाहर जाने की...

प्रमुख बंदरगाहों के लिए टैरिफ प्राधिकरण द्वारा दरों के पैमाने की व्याख्या बाध्यकारी निर्णय: बॉम्बे हाईकोर्ट
प्रमुख बंदरगाहों के लिए टैरिफ प्राधिकरण द्वारा 'दरों के पैमाने' की व्याख्या बाध्यकारी निर्णय: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने माना है कि टैरिफ अथॉरिटी फॉर मेजर पोर्ट्स के पास मेजर पोर्ट ट्रस्ट एक्ट, 1963 के तहत सेवाओं, पोर्ट ड्यूज और अन्य शुल्कों के लिए उसके द्वारा तय 'दरों के स्केल' की व्याख्या करने का अधिकार है और इसकी व्याख्या एक 'निर्णय' है और इसमें शामिल पक्षों पर बाध्यकारी है।जस्टिस केआर श्रीराम और जस्टिस जितेंद्र जैन की खंडपीठ बर्थ किराया शुल्क के भुगतान के लिए प्रतिवादी, मुंबई बंदरगाह के न्यासी बोर्ड द्वारा जारी मांग नोटिस को याचिकाकर्ता की चुनौती पर विचार कर रही थी। याचिकाकर्ता एक शिपिंग...

ध्यान केंद्रित करने में असमर्थ, विशिष्ट मुद्दों के साथ आओ: बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई में गड्ढों से संबंधित याचिका पर कहा
'ध्यान केंद्रित करने में असमर्थ, विशिष्ट मुद्दों के साथ आओ': बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई में गड्ढों से संबंधित याचिका पर कहा

बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह मुंबई और पड़ोसी शहरों में गड्ढों के मुद्दे को उजागर करने वाली अदालत की अवमानना याचिका से उपजी कार्यवाही को बंद करने के लिए इच्छुक है। चीफ़ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस अमित बोरकर की खंडपीठ ने कहा कि अदालत और अधिकारी मुख्य मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने में असमर्थ हैं क्योंकि प्रत्येक सुनवाई के दौरान कई हस्तक्षेप करने वाले सामने आते हैं। "जब भी मामले को सूचीबद्ध किया जाता है और सुना जाता है, तो हम देखते हैं कि कम से कम 10 हस्तक्षेपकर्ता पक्षकार...

भारत में किसी भी विदेशी को उसके अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट ने सीमा शुल्क विभाग द्वारा परेशान की गई चीनी महिला को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया
भारत में किसी भी विदेशी को उसके अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट ने सीमा शुल्क विभाग द्वारा परेशान की गई चीनी महिला को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह देखते हुए कि यह सुनिश्चित करना राज्य का अनिवार्य कर्तव्य है कि भारत आने वाले विदेशी नागरिकों की स्वतंत्रता को कानून के अलावा किसी अन्य तरीके से वंचित न किया जाए, गुरुवार को सीमा शुल्क विभाग को एक चीनी नागरिक महिला को उसके देश वापस भेजने के लिए "अनापत्ति प्रमाण पत्र" (एनओसी) जारी करने का आदेश दिया। महिला पर सोने की तस्करी के मामले में गलत तरीके से मामला दर्ज किया गया था। सिंगल जज जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण ने महिला - कांग लिंग को सीमा शुल्क विभाग द्वारा "परेशान" करने के तरीके...

करदाता से उन भुगतानों से टीडीएस काटने की उम्मीद नहीं की जा सकती, जो पूर्वव्यापी संशोधन के कारण कर योग्य हो गए: बॉम्बे हाईकोर्ट
करदाता से उन भुगतानों से टीडीएस काटने की उम्मीद नहीं की जा सकती, जो पूर्वव्यापी संशोधन के कारण कर योग्य हो गए: बॉम्बे हाईकोर्ट

गोवा में बॉम्बे हाई कोर्ट ने आयकर अपीलीय ट्रिब्यूनल (आईटीएटी) के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा है कि निर्धारिती से उन भुगतानों से स्रोत पर कर कटौती की उम्मीद नहीं की जा सकती है जो पूर्वव्यापी संशोधन के कारण कर योग्य हो गए हैं।जस्टिस एमएस कार्णिक और जस्टिस वाल्मीकि मेनेजेस की खंडपीठ ने कहा है कि स्कूलों या मंदिरों के नवीनीकरण और निर्माण के लिए खर्च पर अलग-अलग दृष्टिकोण लेने के लिए विभाग के लिए यह खुला नहीं है, जब उसने एम्बुलेंस की खरीद पर खर्च की अनुमति दी है, जिसे सीआईटी (ए) द्वारा अनुमति दी गई...

EVM हैकिंग के बारे में कथित रूप से झूठी खबरें फैलाने के लिए राहुल गांधी, ध्रुव राठी, उद्धव ठाकरे के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका
'EVM हैकिंग' के बारे में कथित रूप से झूठी खबरें फैलाने के लिए राहुल गांधी, ध्रुव राठी, उद्धव ठाकरे के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका

कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी, शिवसेना (UTB) के नेता उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, संजय राउत और यूट्यूबर ध्रुव राठी के खिलाफ कथित रूप से विचाराधीन मामले में हस्तक्षेप करने के लिए अवमानना ​​कार्यवाही की मांग करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई।याचिका के अनुसार, प्रतिवादी - राहुल गांधी और अन्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर समाचार पत्र 'मिड-डे' की स्टोरी पोस्ट की, जिसमें शिंदे गुट के शिवसेना नेता रवींद्र वायकर के परिवार के सदस्यों द्वारा कथित रूप से EVM हैकिंग के लिए एफआईआर...

जमानत के लिए शर्तें लगाते समय ट्रायल कोर्ट आरोपी को पासपोर्ट के लिए आवेदन करने, उसे प्राप्त करने और फिर उसे सरेंडर करने का निर्देश नहीं दे सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट
जमानत के लिए शर्तें लगाते समय ट्रायल कोर्ट आरोपी को पासपोर्ट के लिए आवेदन करने, उसे प्राप्त करने और फिर उसे सरेंडर करने का निर्देश नहीं दे सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा पीठ ने मंगलवार को कहा कि जमानत देते समय ट्रायल कोर्ट के पास किसी व्यक्ति/आरोपी को पासपोर्ट के लिए आवेदन करने उसे प्राप्त करने और फिर उसे जमानत पाने के लिए सरेंडर करने का निर्देश देने का कोई अधिकार नहीं है।सिंगल जज जस्टिस भारत देशपांडे ने गोवा के अगासैम में ट्रायल कोर्ट द्वारा हत्या के प्रयास के मामले में गिरफ्तार जकाउल्ला खाजी को जमानत देते समय लगाई गई ऐसी असामान्य शर्त को खारिज कर दिया।जस्टिस देशपांडे ने कहा कि 24 अप्रैल, 2024 को जमानत देने वाले प्रारंभिक आदेश में ट्रायल...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद को ट्रडेमार्क मामले में अंतरिम आदेश का उल्लंघन करने के लिए 50 लाख रुपये जमा कराने का निर्देश दिया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद को ट्रडेमार्क मामले में अंतरिम आदेश का उल्लंघन करने के लिए 50 लाख रुपये जमा कराने का निर्देश दिया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को अदालत में 50,00,000 रुपये जमा करने का निर्देश दिया है क्योंकि इसने अदालत के एक अंतरिम आदेश का उल्लंघन किया है, जिसने कंपनी को मंगलम ऑर्गेनिक्स लिमिटेड द्वारा दायर ट्रेडमार्क उल्लंघन मामले के संबंध में अपने कपूर उत्पादों को बेचने से रोक दिया था।मंगलम ऑर्गेनिक्स (आवेदक) ने पतंजलि आयुर्वेद (प्रतिवादी नंबर 1) के खिलाफ एक कामर्शियल आईपीआर मुकदमा दायर किया था, जिसमें उनके कपूर उत्पादों के पासिंग और कॉपीराइट उल्लंघन का दावा किया गया था। 30.08.2023 के एक...

जिस समाज में कमाने वाले सदस्य नशे की लत में हैं, वह स्वाभाविक रूप से आर्थिक और सामाजिक रूप से पीड़ित होगा: बॉम्बे हाईकोर्ट
जिस समाज में कमाने वाले सदस्य नशे की लत में हैं, वह स्वाभाविक रूप से आर्थिक और सामाजिक रूप से पीड़ित होगा: बॉम्बे हाईकोर्ट

जिस समाज में परिवार का कमाने वाला सदस्य नशे की लत में है, वह स्वाभाविक रूप से आर्थिक और सामाजिक रूप से पीड़ित होगा, बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में महिला को इस आधार पर हिरासत में रखने के फैसला बरकरार रखते हुए कहा कि वह अवैध शराब बना रही थी।जस्टिस भारती डांगरे और जस्टिस मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने कहा कि हिरासत में लेने वाले अधिकारी ने इस मामले में सही ढंग से अपनी राय बनाई कि याचिकाकर्ता सरस्वती राठौड़ की गतिविधियां सार्वजनिक व्यवस्था के रखरखाव के लिए हानिकारक थीं।30 जून को पारित आदेश में कहा गया...

रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के खिलाफ़ टिप्पणी से भारतीय धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंची: भाजपा नेताओं के खिलाफ़ हेट स्पीच के मामले में राज्य ने बॉम्बे हाईकोर्ट से कहा
रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के खिलाफ़ टिप्पणी से भारतीय धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंची: भाजपा नेताओं के खिलाफ़ हेट स्पीच के मामले में राज्य ने बॉम्बे हाईकोर्ट से कहा

रोहिंग्या, बांग्लादेशी या जिहादी शब्दों का इस्तेमाल करना भारत में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के खिलाफ़ नहीं है मुंबई पुलिस ने मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट से कहा कि भाजपा नेताओं नितेश राणे, टी राजा और गीता जैन के खिलाफ़ धारा 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाना) लागू न करने के अपने फ़ैसले को उचित ठहराया।अभियोजक ने न्यायाधीशों से कहा,"धारा 295ए के लिए कोई मामला नहीं बनता। पूरा बयान रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के खिलाफ है। विचाराधीन प्रावधान भारतीयों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए है और बेशक...

Limitation Act की धारा 5 को कामर्शियल कोर्ट के तहत देरी को माफ करने के लिए लागू किया जा सकता, यहां तक कि स्पष्ट प्रावधानों के अभाव में भी: बॉम्बे हाईकोर्ट
Limitation Act की धारा 5 को कामर्शियल कोर्ट के तहत देरी को माफ करने के लिए लागू किया जा सकता, यहां तक कि स्पष्ट प्रावधानों के अभाव में भी: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कामर्शियल कोर्ट अधिनियम की धारा 13 का हवाला देते हुए एक कामर्शियल मुकदमे से संबंधित अपील दायर करने में देरी को माफ कर दिया, जो सीमा अधिनियम में किसी भी विशिष्ट प्रावधान के अभाव में भी देरी की माफी की अनुमति देता है। न्यायालय ने परिसीमा अधिनियम की धारा 29 का उल्लेख करते हुए कहा कि चूंकि कामर्शियल कोर्ट अधिनियम एक सीमा अवधि निर्दिष्ट नहीं करता है, इसलिए सीमा अधिनियम की धारा 4 से 24 लागू होती है।जस्टिस नितिन डब्ल्यू सांबरे और जस्टिस अभय जे मंत्री की डिवीजन बेंच 1,70,16,342 रुपये...