बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मैच फिक्सिंग फिल्म के मालेगांव विस्फोट मामले के फैसले को प्रभावित करने की आशंका वाली याचिका खारिज की
बॉम्बे हाईकोर्ट ने "मैच फिक्सिंग" फिल्म के मालेगांव विस्फोट मामले के फैसले को प्रभावित करने की आशंका वाली याचिका खारिज की

बॉम्बे हाईकोर्ट ने विवादास्पद फिल्म 'मैच फिक्सिंग: द नेशन इज एट स्टेक' की रिलीज के लिए रास्ता साफ करते हुए कहा कि भारत में कोई भी जज फिल्म के कथानक के आधार पर मुकदमे का फैसला नहीं करेगा।जस्टिस बर्गेस कोलाबावाला और जस्टिस सोमशेखर सुंदरसन की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित को फिल्म की रिलीज पर इस आधार पर आपत्ति जताने के लिए फटकार लगाई कि इससे 2008 के मालेगांव विस्फोट से संबंधित मुकदमे और उसके परिणाम प्रभावित हो सकते हैं।जस्टिस कोलाबावाला ने मौखिक रूप से टिप्पणी की,"क्या आप...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने भारतीय खेल प्राधिकरण को Horn Ok Please फूड फेस्टिवल में फोनोग्राहिक परफॉर्मेंस लिमिटेड के बिना लाइसेंस वाले गानों को बजाने से रोका
बॉम्बे हाईकोर्ट ने भारतीय खेल प्राधिकरण को 'Horn Ok Please' फूड फेस्टिवल में फोनोग्राहिक परफॉर्मेंस लिमिटेड के बिना लाइसेंस वाले गानों को बजाने से रोका

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक अंतरिम आदेश में भारतीय खेल प्राधिकरण (Sports Authority of India) को पूर्व लाइसेंस के बिना फोनोग्राहिक परफॉर्मेंस लिमिटेड के स्वामित्व वाले गाने या संगीत बजाने से रोक दिया।नयी दिल्ली में SAI के जवाहरलाल नेहरू स्पोर्ट्स स्टेडियम में 16 और 17 नवंबर को 'Horn Ok Please' उत्सव का आयोजन किया जाएगा। जस्टिस रियाज चागला की एकल पीठ ने कहा कि SAI ने पहले लाइसेंस हासिल किए बिना पीपीएल की रिकॉर्डिंग चलाकर उसके अधिकारों का उल्लंघन किया है। कोर्ट ने कहा, 'मेरा प्रथम दृष्टया...

बॉम्बे हाईकोर्ट का 1956 से पहले मरने वाले पिता की संपत्ति में बेटी के उत्तराधिकार पर अहम फैसला
बॉम्बे हाईकोर्ट का 1956 से पहले मरने वाले पिता की संपत्ति में बेटी के उत्तराधिकार पर अहम फैसला

बॉम्बे हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि यदि पिता की मृत्यु हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 के लागू होने से पहले हो गई हो तो बेटी को अपने पिता की संपत्ति में कोई सीमित या पूर्ण उत्तराधिकार अधिकार नहीं होगा।जस्टिस अतुल चंदुरकर और जस्टिस जितेंद्र जैन की खंडपीठ ने एक संदर्भ का उत्तर दिया- क्या एक बेटी हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 के लागू होने से पहले अपने मृत पिता की संपत्ति में उत्तराधिकार के माध्यम से कोई सीमित या पूर्ण अधिकार प्राप्त कर सकती है जिनकी मृत्यु 1956 से पहले हो गई हो और जो...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने JHAMPA द्वारा CAMPA सॉफ्ट ड्रिंक्स के ट्रेडमार्क और कॉपीराइट उल्लंघन के खिलाफ अंतरिम निषेधाज्ञा जारी की
बॉम्बे हाईकोर्ट ने JHAMPA द्वारा 'CAMPA' सॉफ्ट ड्रिंक्स के ट्रेडमार्क और कॉपीराइट उल्लंघन के खिलाफ अंतरिम निषेधाज्ञा जारी की

बॉम्बे हाईकोर्ट ने रिलायंस रिटेल लिमिटेड के स्वामित्व वाले 'CAMPA' पेय पदार्थ के ट्रेडमार्क और कॉपीराइट उल्लंघन के खिलाफ एक अस्थायी निषेधाज्ञा जारी की।रिलायंस (वादी) ने प्रतिवादियों के खिलाफ गैर-अल्कोहलिक कैम्पा पेय पदार्थों के ट्रेडमार्क उल्लंघन, पासिंग ऑफ और कॉपीराइट उल्लंघन के लिए मुकदमा दायर किया।मार्क 'CAMPA' को 1972 में कैम्पा बेवरेजेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा अपनाया गया था। रिलायंस ने कहा कि कैम्पा बेवरेजेज ने अगस्त 2022 में एक डीड ऑफ असाइनमेंट के माध्यम से CAMPA ट्रेडमार्क और इसके...

[महाराष्ट्र चुनाव] न्यायालय केवल चुनाव की प्रगति और उसे आगे बढ़ाने के लिए चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर सकता है: हाईकोर्ट ने नामांकन खारिज होने पर उम्मीदवार को राहत देने से इनकार किया
[महाराष्ट्र चुनाव] न्यायालय केवल चुनाव की प्रगति और उसे आगे बढ़ाने के लिए चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर सकता है: हाईकोर्ट ने नामांकन खारिज होने पर उम्मीदवार को राहत देने से इनकार किया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह कहा कि उच्‍च न्यायालायों के पास चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का 'अधिकार' और 'शक्ति' है, हालांकि इसका प्रयोग केवल चुनाव की प्रक्रिया या प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए किया जाना चाहिए। जस्टिस आरिफ डॉक्टर और जस्टिस सोमशेखर सुंदरसन की खंडपीठ, जो 6 नवंबर को अवकाशकालीन अदालत की अध्यक्षता कर रही थी, ने एक स्वतंत्र उम्मीदवार आशीष गडकरी को कोई राहत देने से इनकार कर दिया, जिसका नामांकन पत्र मुंबई में चेंबूर निर्वाचन क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी ने प्रक्रियागत खामियों...

RTI Act | सार्वजनिक भर्ती प्रक्रिया में उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त अंकों का खुलासा निजता का हनन नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट
RTI Act | सार्वजनिक भर्ती प्रक्रिया में उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त अंकों का खुलासा निजता का हनन नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि सार्वजनिक भर्ती प्रक्रिया में उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त अंकों का खुलासा उम्मीदवारों की निजता का हनन नहीं होगा। ऐसा खुलासा सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 (RTI Act) के तहत स्वीकार्य है।जस्टिस महेश सोनक और जस्टिस जितेन्द्र जैन की खंडपीठ ने लोक सूचना अधिकारी (PIO) द्वारा पारित आदेशों और उसके बाद प्रथम और द्वितीय अपीलीय प्राधिकारियों द्वारा पारित आदेशों को रद्द कर दिया, जिसमें सार्वजनिक भर्ती प्रक्रिया में उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त अंकों से संबंधित जानकारी का...

बहू को टीवी देखने, पड़ोसियों से मिलने, अकेले मंदिर जाने और कालीन पर सोने की अनुमति न देना क्रूरता नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट
बहू को टीवी देखने, पड़ोसियों से मिलने, अकेले मंदिर जाने और कालीन पर सोने की अनुमति न देना क्रूरता नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने मृतक पत्नी के साथ क्रूरता करने के लिए एक व्यक्ति और उसके परिवार को दोषी ठहराने वाले 20 साल पुराने आदेश को खारिज करते हुए कहा कि मृतक को ताना मारने, उसे टीवी देखने नहीं देने, उसे अकेले मंदिर नहीं जाने देने और उसे कालीन पर सुलाने के आरोप आईपीसी की धारा 498ए के तहत क्रूरता का अपराध नहीं बनेंगे, क्योंकि इनमें से कोई भी कृत्य "गंभीर" नहीं था। ऐसा करते हुए, हाईकोर्ट ने पाया कि आरोपों की प्रकृति शारीरिक और मानसिक क्रूरता नहीं बन सकती क्योंकि आरोप आरोपी के घर के...

मैच फिक्सिंग फिल्म के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका, कहा- फिल्म मुसलमानों के खिलाफ नकारात्मक रूढ़िवादिता को बढ़ावा देती है, समुदायों के बीच तनाव बढ़ाती है
'मैच फिक्सिंग' फिल्म के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका, कहा- फिल्म मुसलमानों के खिलाफ नकारात्मक रूढ़िवादिता को बढ़ावा देती है, समुदायों के बीच तनाव बढ़ाती है

बॉम्बे हाईकोर्ट विवादास्पद फिल्म "मैच फिक्सिंग - द नेशन इज एट स्टेक" की रिलीज पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई कर सकता है। यह फिल्म 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस पर आधारित है। फिल्म पर आरोप है कि यह मुसलमानों के खिलाफ नकारात्मक रूढ़िवादिता को बढ़ावा देती है। याचिका में इस आधार पर फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की गई है कि फिल्म के ट्रेलर में ही कई 'निराधार और झूठे' स्टीरियोटाइप हैं, जिनमें मुसलमानों को हिंसा के अपराधी और देश के खिलाफ नफरत को बढ़ावा देने वाले के रूप में...

लड़की द्वारा होटल का कमरा बुक करना और लड़के के साथ उसमें प्रवेश करना सेक्स के लिए सहमति देना नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट
लड़की द्वारा होटल का कमरा बुक करना और लड़के के साथ उसमें प्रवेश करना सेक्स के लिए सहमति देना नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट

गोवा में बॉम्बे हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि भले ही कोई लड़की किसी पुरुष के साथ होटल का कमरा बुक करती है और कमरे के अंदर जाती है, इसका मतलब यह नहीं है कि उसने यौन संबंध के लिए सहमति दी है।एकल जज जस्टिस भारत देशपांडे ने 3 मार्च, 2021 को मडगांव में ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित आदेश रद्द कर दिया, जिसमें एक व्यक्ति को बलात्कार के आरोप से मुक्त कर दिया गया था। ट्रायल कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि चूंकि लड़की ने होटल में कमरा बुक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसलिए उसने कमरे के अंदर हुई...

निर्माण श्रमिकों के लिए पंजीकरण, नवीनीकरण और कल्याण योजनाओं को चुनाव आचार संहिता का हवाला देकर निलंबित नहीं किया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट
निर्माण श्रमिकों के लिए पंजीकरण, नवीनीकरण और कल्याण योजनाओं को चुनाव आचार संहिता का हवाला देकर निलंबित नहीं किया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार (7 नवंबर) को महाराष्ट्र भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड (एमबीओसीडब्ल्यूडब्ल्यूबी) के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसके तहत उसने आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू होने का हवाला देते हुए नए पंजीकरण, पंजीकरण के नवीनीकरण, सुरक्षात्मक गियर, आवश्यक गियर, घरेलू उपयोगिता सेट जैसे लाभों के वितरण, आवास योजना के तहत नए अनुमोदन देने और बोर्ड के प्रचार कार्य पर रोक लगा दी थी। जस्टिस आरिफ डॉक्टर और जस्टिस सोमशेखर सुंदरसन की खंडपीठ...

दीर्घकालिक अनुबंध रोजगार नियमित भर्ती प्रक्रिया रद्द नहीं कर सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट
दीर्घकालिक अनुबंध रोजगार नियमित भर्ती प्रक्रिया रद्द नहीं कर सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस अमित बोरकर की खंडपीठ ने संघ शासित प्रदेश दमन और दीव में अनुबंध के आधार पर कार्यरत स्टाफ नर्सों को नियमित करने का निर्देश दिया। न्यायालय ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण के बर्खास्तगी के फैसले को पलटते हुए फैसला सुनाया कि नर्सें, जिन्हें 1967 के सेवा नियमों के अनुसार उचित चयन प्रक्रियाओं के माध्यम से भर्ती किया गया था। शुरू में अनुबंध पर काम पर रखे जाने के बावजूद नियमित नियुक्ति की स्थिति की हकदार थीं।मामले की पृष्ठभूमियाचिकाकर्ताओं...

जब तक प्राप्तकर्ता व्हाट्सएप पर संदेश अग्रेषित करने का विकल्प नहीं चुनता, तब तक उन्हें मानहानि के लिए उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट
जब तक प्राप्तकर्ता व्हाट्सएप पर संदेश अग्रेषित करने का विकल्प नहीं चुनता, तब तक उन्हें मानहानि के लिए उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि व्हाट्सएप मैसेज एंड टू एंड एन्क्रिप्टेड होता है और इसे केवल वही व्यक्ति पढ़ सकता है, जिसने इसे प्राप्त किया है, जब तक कि प्राप्तकर्ता मैसेज को फॉरवर्ड न करना चाहे, इसलिए ऐसी स्थिति में किसी व्यक्ति को समाज में बदनाम करने के लिए भेजने वाले पर मामला दर्ज नहीं किया जा सकता। आवेदक की 'अवैध गिरफ्तारी' के लिए, हाईकोर्ट ने जांच अधिकारी (आईओ) को 2 लाख रुपये और शिकायतकर्ता को आवेदक को 50,000 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया।जस्टिस विभा कंकनवाड़ी और जस्टिस संतोष...

सीआरपीसी की धारा 309 के तहत रोजाना सुनवाई का आदेश हवा में उड़ा दिया गया है: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की अस्वस्थ प्रथा को रेखांकित किया
'सीआरपीसी की धारा 309 के तहत रोजाना सुनवाई का आदेश हवा में उड़ा दिया गया है': बॉम्बे हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की 'अस्वस्थ प्रथा' को रेखांकित किया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने बलात्कार के एक मामले में 'पुनः सुनवाई' का आदेश देते हुए, अधिकांश आपराधिक मुकदमों की 'चिंताजनक स्थिति' पर ध्यान दिया, जिसमें अदालतें 'प्रतिदिन' सुनवाई करने में विफल रही हैं और इसलिए, निचली अदालतों को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 309 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 346 का सख्ती से पालन करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए। एकल न्यायाधीश जस्टिस गोविंद सनप ने ट्रायल जज और अभियोजन पक्ष की ओर से कई चूकों पर ध्यान दिया, जिससे पीड़िता और आरोपी के मामले में...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुबह 11 बजे के बाद दाखिल किए गए उम्मीदवारों के नामांकन पत्र खारिज करने के फैसले पर सवाल उठाए
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुबह 11 बजे के बाद दाखिल किए गए उम्मीदवारों के नामांकन पत्र खारिज करने के फैसले पर सवाल उठाए

बॉम्बे हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग के उस फैसले पर सवाल उठाए, जिसमें उसने राज्य भर के उम्मीदवारों के नामांकन पत्र सुबह 11 बजे के बाद दाखिल करने पर उन्हें खारिज किया था। हाईकोर्ट ने सोमवार को भारतीय चुनाव आयोग (ECI) से जानना चाहा कि उसने किस आधार पर महाराष्ट्र भर के विभिन्न उम्मीदवारों के नामांकन खारिज किए, जिन्होंने आगामी राज्य विधानसभा चुनावों के लिए 30 अक्टूबर को सुबह 11 बजे के बाद अपने नामांकन पत्र दाखिल किए।जस्टिस आरिफ डॉक्टर और जस्टिस सोमशेखर सुंदरसन की अवकाश पीठ ने चुनाव आयोग को राज्य भर के उन...

महाराष्ट्र के कॉलेजों में पदोन्नति के लिए UGC Ph.D की आवश्यकता को पूर्वव्यापी रूप से लागू नहीं किया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट
महाराष्ट्र के कॉलेजों में पदोन्नति के लिए UGC Ph.D की आवश्यकता को पूर्वव्यापी रूप से लागू नहीं किया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट की जस्टिस मंगेश एस. पाटिल और जस्टिस शैलेश पी. ब्रह्मे की खंडपीठ ने फैसला सुनाया कि एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर पदोन्नति के लिए 2018 में शुरू की गई यूनिवर्सिटी अनुदान आयोग (UGC) Ph.D की आवश्यकता भविष्य में लागू होगी। इससे उन शिक्षकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा, जो पहले के नियमों के तहत योग्य हैं। महाराष्ट्र राज्य को 2016 के नियमों के आधार पर याचिकाकर्ताओं के पदोन्नति आवेदनों की समीक्षा करने का निर्देश दिया गया।मामले की पृष्ठभूमिमहाराष्ट्र के कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसरों के समूह को...

S.498-A IPC | वैवाहिक विवाद नैतिक पतन नहीं; इसका इस्तेमाल पति-पत्नी के शिक्षा के अधिकार को बाधित करने के लिए नहीं किया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट
S.498-A IPC | वैवाहिक विवाद नैतिक पतन नहीं; इसका इस्तेमाल पति-पत्नी के शिक्षा के अधिकार को बाधित करने के लिए नहीं किया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट की पीठ ने हाल ही में महत्वपूर्ण आदेश में कहा कि वैवाहिक विवाद या मामला 'व्यक्तिगत विवाद' है, जिसे 'नैतिक पतन' से संबंधित अपराध नहीं कहा जा सकता, जिससे पति-पत्नी में से किसी के भी अपने जीवन में आगे की शिक्षा प्राप्त करने के अधिकार पर असर पड़े।जस्टिस विभा कंकनवाड़ी और जस्टिस संतोष चपलगांवकर की खंडपीठ ने एक पति को अखिल भारतीय आयुष स्नातकोत्तर प्रवेश परीक्षा (AIAPGET) - 2024 में शामिल होने की अनुमति दी, जिसके लिए उसे इस आधार पर 'अयोग्य' ठहराया गया कि उस पर धारा 498-ए के साथ-साथ...

औद्योगिक न्यायालय के पास नियोक्ता-कर्मचारी के बीच स्पष्ट संबंध न होने के कारण अधिकार क्षेत्र नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट
औद्योगिक न्यायालय के पास नियोक्ता-कर्मचारी के बीच स्पष्ट संबंध न होने के कारण अधिकार क्षेत्र नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट की जस्टिस संदीप वी. मार्ने की एकल पीठ ने टाटा स्टील की रिट याचिका स्वीकार की। इसने माना कि औद्योगिक न्यायालय के पास कैंटीन कर्मचारियों की रोजगार स्थिति तय करने का अधिकार क्षेत्र नहीं है, क्योंकि नियोक्ता-कर्मचारी संबंध की प्रकृति ही विवादित है। न्यायालय ने फैसला सुनाया कि महाराष्ट्र ट्रेड यूनियनों की मान्यता और अनुचित श्रम व्यवहार रोकथाम (एमआरटीयू और पल्प) अधिनियम, 1971 के तहत औद्योगिक न्यायालय (Industrial Court) केवल उन मामलों की सुनवाई कर सकता है, जहां निर्विवाद रोजगार संबंध...

धारा 25F नोटिस के बिना बर्खास्तगी; कर्मचारी के समान रोजगार में पाए जाने पर मौद्रिक मुआवजा पर्याप्त: बॉम्बे हाईकोर्ट
धारा 25F नोटिस के बिना बर्खास्तगी; कर्मचारी के समान रोजगार में पाए जाने पर मौद्रिक मुआवजा पर्याप्त: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट की जस्टिस अनिल एल. पानसरे की एकल न्यायाधीश पीठ ने श्रम न्यायालय का निर्णय बरकरार रखा, जिसमें आकस्मिक मजदूर को बहाल करने के बजाय मौद्रिक मुआवजा देने का निर्णय लिया गया था, जिसकी सेवाओं को उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना समाप्त कर दिया गया। न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 की धारा 25एफ का पालन किए बिना बर्खास्तगी अवैध है, लेकिन बहाली स्वचालित उपाय नहीं है, खासकर जब कर्मचारी को कहीं और समान रोजगार मिल गया हो।मामले की पृष्ठभूमियह मामला शरद माधवराव...

मुख्य नियोक्ता यह दावा करके EC Act के तहत दायित्व से बच नहीं सकता कि कर्मचारी ठेकेदार के माध्यम से काम कर रहे थे: बॉम्बे हाईकोर्ट
मुख्य नियोक्ता यह दावा करके EC Act के तहत दायित्व से बच नहीं सकता कि कर्मचारी ठेकेदार के माध्यम से काम कर रहे थे: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट की जस्टिस शर्मिला यू. देशमुख की एकल न्यायाधीश पीठ ने मृतक पायलट के आश्रितों को दिए गए मुआवजे के खिलाफ एयर इंडिया चार्टर्स लिमिटेड की अपील को खारिज किया। न्यायालय ने माना कि कर्मचारी मुआवजा अधिनियम, 1923 (EC Act) की धारा 12 के तहत मुख्य नियोक्ता मुआवजे के लिए प्राथमिक दायित्व वहन करता है। भले ही कर्मचारी ठेकेदारों के माध्यम से काम कर रहे हों। न्यायालय ने पुष्टि की कि मुआवजे की गणना AICL द्वारा पहले स्वीकार की गई $11,000 की उच्च वेतन राशि के आधार पर की जानी चाहिए। देरी से भुगतान के...