बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने बैंक ऑफ बड़ौदा को 76 लाख रुपए वापस करने का आदेश दिया, कहा- तीसरे पक्ष के उल्लंघन के कारण अनधिकृत लेनदेन के लिए खाताधारक उत्तरदायी नहीं
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बैंक ऑफ बड़ौदा को 76 लाख रुपए वापस करने का आदेश दिया, कहा- तीसरे पक्ष के उल्लंघन के कारण अनधिकृत लेनदेन के लिए खाताधारक उत्तरदायी नहीं

बॉम्बे हाईकोर्ट ने बैंक ऑफ बड़ौदा को कंपनी और उसके निदेशक को 76,90,017 रुपए वापस करने का निर्देश दिया, जिन्होंने अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन से जुड़ी साइबर धोखाधड़ी की घटना में राशि खो दी, जिसके लिए कोई ओटीपी नहीं भेजा गया था।जस्टिस जीएस कुलकर्णी और जस्टिस फिरदौस पी. पूनीवाला की खंडपीठ ने राशि वापस करने की मांग करने वाली रिट याचिका को यह कहते हुए स्वीकार किया,“आरबीआई सर्कुलर और प्रतिवादी नंबर 2 (बैंक) की उक्त नीति दोनों के अनुसार उक्त अनधिकृत लेनदेन के संबंध में याचिकाकर्ताओं की देयता...

मुंबई के एनजी आचार्य और डीके मराठे कॉलेज में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर की गई
मुंबई के एनजी आचार्य और डीके मराठे कॉलेज में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर की गई

मुंबई के एनजी आचार्य और डीके मराठे कॉलेज ऑफ आर्ट, साइंस एंड कॉमर्स के नौ स्टूडेंट्स ने कॉलेज के अधिकारियों द्वारा हाल ही में लागू किए गए ड्रेस कोड को चुनौती देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।इस ड्रेस कोड के तहत स्टूडेंट्स को परिसर में हिजाब पहनने से रोका गया। याचिकाकर्ता, बीएससी और बीएससी (कंप्यूटर साइंस) कार्यक्रमों के दूसरे और तीसरे वर्ष के स्टूडेंट्स दावा करते हैं कि नया ड्रेस कोड उनकी निजता, सम्मान और धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।याचिकाकर्ताओं का कहना है...

मृतक कर्मचारी के कानूनी प्रतिनिधि को अनुकंपा नियुक्ति के लिए किसी अन्य द्वारा प्रतिस्थापित करना कानूनी: बॉम्बे हाईकोर्ट
मृतक कर्मचारी के कानूनी प्रतिनिधि को अनुकंपा नियुक्ति के लिए किसी अन्य द्वारा प्रतिस्थापित करना कानूनी: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस अनिल एस. किलोर, अनिल एल. पानसरे और एम.डब्ल्यू.चंदवानी की खंडपीठ कल्पना और अन्य बनाम महाराष्ट्र राज्य के मामले में कानून के प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि अनुकंपा नियुक्ति के लिए मृत कर्मचारी के एक कानूनी प्रतिनिधि के नाम को दूसरे कानूनी प्रतिनिधि द्वारा प्रतिस्थापित करने पर प्रतिबंध मनमाना और तर्कहीन है।मामले की पृष्ठभूमि: महाराष्ट्र राज्य ने अनुकंपा के आधार पर नियुक्तियों संबंधी अपनी नीति के संबंध में सरकारी संकल्प (जीआर) जारी किया। जी.आर. के खंड 3.11 ने अनुकंपा...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने बकरा-ईद पर दुकानों और बाजारों में कुर्बानी के लिए BMC की अनुमति पर रोक लगाने से किया इनकार
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बकरा-ईद पर दुकानों और बाजारों में कुर्बानी के लिए BMC की अनुमति पर रोक लगाने से किया इनकार

बॉम्बे हाईकोर्ट ने बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) द्वारा जारी सर्कुलर के क्रियान्वयन पर रोक लगाने से इनकार किया। उक्त सर्कुलर में 17 जून, 2024 को बकरा-ईद के दौरान 67 निजी मांस की दुकानों और 47 नगरपालिका बाजारों में कुर्बानी की अनुमति दी गई थी।जस्टिस एमएस सोनक और जस्टिस कमल खता की खंडपीठ ने BMC सर्कुलर पर तत्काल रोक लगाने की मांग करने वाली याचिकाओं पर विचार करते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं ने मामले का उल्लेख किया। प्रेसीप (तत्काल सुनवाई के लिए लिखित अनुरोध) के माध्यम से तत्काल सुनवाई की मांग की।अदालत ने...

प्रथम दृष्टया करण जौहर के नाम का अनाधिकृत उपयोग: बॉम्बे हाईकोर्ट ने फिल्म शादी के निर्देशक करण और जौहर की रिलीज पर रोक लगाई
प्रथम दृष्टया करण जौहर के नाम का अनाधिकृत उपयोग: बॉम्बे हाईकोर्ट ने फिल्म 'शादी के निर्देशक करण और जौहर' की रिलीज पर रोक लगाई

बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को आगामी फिल्म शादी के निर्देशक करण और जौहर की रिलीज पर रोक लगा दी तथा किसी भी प्रचार सामग्री पर रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह मजबूत मामला पाया गया कि निर्माताओं ने फिल्म निर्माता करण जौहर के नाम और व्यक्तित्व का अनाधिकृत उपयोग किया।अदालत ने निर्माताओं को फिल्म के टाइटल में या प्रचार में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी तरह से जौहर के नाम या किसी अन्य विशेषता या करण जौहर नाम के संदर्भ का उपयोग करने से भी रोक दिया, जिसमें फिल्म के संबंध में बिक्री,...

रिकॉर्ड से पता चलता है कि उन्होंने भारत को इस्लामिक देश में बदलने की साजिश रची थी: बॉम्बे हाईकोर्ट ने कथित पीएफआई सदस्यों को जमानत देने से इनकार किया
रिकॉर्ड से पता चलता है कि उन्होंने भारत को इस्लामिक देश में बदलने की साजिश रची थी: बॉम्बे हाईकोर्ट ने कथित पीएफआई सदस्यों को जमानत देने से इनकार किया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI)के तीन कथित सदस्यों को जमानत देने से इनकार कर दिया, जिन पर कथित तौर पर “आपराधिक बल का उपयोग करके सरकार को डराने” और “भारत को 2047 तक एक इस्लामिक देश में बदलने” की साजिश रचने का आरोप है। जस्टिस एएस गडकरी और जस्टिस श्याम सी चांडक की खंडपीठ ने विशेष न्यायाधीश, नासिक के आदेशों के खिलाफ तीन आरोपियों द्वारा दायर अपीलों को खारिज कर दिया, जिन्होंने पहले उनकी जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया था।कोर्ट ने कहा,“जांच के रिकॉर्ड से...

करण जौहर ने फिल्म शादी के डायरेक्टर करण और जौहर में अपने नाम के कथित अनधिकृत उपयोग को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया
करण जौहर ने फिल्म 'शादी के डायरेक्टर करण और जौहर' में अपने नाम के कथित अनधिकृत उपयोग को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया

बॉलीवुड फिल्म निर्माता करण जौहर ने आगामी फिल्म 'शादी के डायरेक्टर करण और जौहर' के निर्माताओं के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में मुकदमा दायर किया। उक्त फिल्म शुक्रवार को रिलीज होने वाली है, जिसमें फिल्म के टाइटल में उनके नाम के इस्तेमाल को रोकने की मांग की गई।जौहर ने मुकदमे के लंबित रहने के दौरान फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की तत्काल राहत के लिए अंतरिम आवेदन भी दायर किया।जौहर के वकील पराग खंडार ने लाइव लॉ को बताया कि तत्काल राहत के लिए मामला जस्टिस आरआई चागला के समक्ष सूचीबद्ध किया गया है।शिकायत में...

प्रेग्नेंसी जारी रखने से प्रेग्नेंट महिला को गंभीर मानसिक क्षति होने का खतरा होने पर ही अबॉर्शन की अनुमति दी जा सकती है: बॉम्बे हाईकोर्ट
प्रेग्नेंसी जारी रखने से प्रेग्नेंट महिला को गंभीर मानसिक क्षति होने का खतरा होने पर ही अबॉर्शन की अनुमति दी जा सकती है: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने माना कि अबॉर्शन की अनुमति तब दी जा सकती है, जब प्रेग्नेंसी जारी रखने से प्रेग्नेंट महिला को गंभीर मानसिक क्षति हो सकती है।जस्टिस एन.आर. बोरकर और जस्टिस सोमशेखर सुदारेसन की खंडपीठ ने कहा कि इस तरह की अनुमति यौन उत्पीड़न से उत्पन्न प्रेग्नेंसी तक सीमित नहीं हो सकती।19 वर्षीय याचिकाकर्ता ने सहमति से संबंध बनाने के कारण 25 सप्ताह की अपनी प्रेग्नेंसी को टर्मिनेट करने की अनुमति मांगने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।मेडिकल बोर्ड ने रिपोर्ट दी कि भ्रूण में कोई जन्मजात असामान्यता...

सम्मान से अंतिम संस्कार का अधिकार: हाईकोर्ट ने नगर आयुक्त को मुंबई में अपर्याप्त कब्रिस्तानों के मुद्दे को व्यक्तिगत रूप से संबोधित करने का निर्देश दिया
"सम्मान से अंतिम संस्कार का अधिकार": हाईकोर्ट ने नगर आयुक्त को मुंबई में अपर्याप्त कब्रिस्तानों के मुद्दे को व्यक्तिगत रूप से संबोधित करने का निर्देश दिया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को ग्रेटर मुंबई नगर निगम (एमसीजीएम) के आयुक्त को निर्देश दिया कि वे मुंबई में अपर्याप्त कब्रिस्तानों के मुद्दे पर व्यक्तिगत रूप से विचार करें और नए कब्रिस्तानों की पहचान करने और उन्हें अधिग्रहित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। कोर्ट ने कहा,"...हम निर्देश देते हैं कि नगर निगम के आयुक्त के अलावा कोई भी व्यक्ति व्यक्तिगत रूप से मामले को नहीं देखेगा और तदनुसार निर्देश जारी करेगा जो (ए) रफी नगर से तीन किलोमीटर के आसपास के क्षेत्र में कब्रिस्तान के रूप में इस्तेमाल की जाने...

मामले में मुख्य पक्षकार नहीं हैं सलमान खान, CBI जांच की मांग वाली याचिका से उनका नाम हटाया जाए: बॉम्बे हाईकोर्ट
मामले में मुख्य पक्षकार नहीं हैं सलमान खान, CBI जांच की मांग वाली याचिका से उनका नाम हटाया जाए: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान का नाम उस याचिका से हटाने का निर्देश दिया, जिसमें खान के आवास के बाहर फायरिंग के मामले में आरोपी अनुज थापन की हिरासत में मौत की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच की मांग की गई।जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और जस्टिस श्याम चांडक की खंडपीठ ने इस बात पर जोर दिया कि याचिका में खान के खिलाफ कोई आरोप या राहत नहीं मांगी गई। इसलिए उनकी संलिप्तता अनावश्यक है।अनुज थापन 1 मई, 2024 को मुंबई पुलिस लॉक-अप के अंदर मृत पाए गए थे। पुलिस के अनुसार, थापन ने...

लंबे समय तक नौकरी जारी रखने से नियमितीकरण का कोई अंतर्निहित अधिकार नहीं बनता: ​​बॉम्बे हाईकोर्ट
लंबे समय तक नौकरी जारी रखने से नियमितीकरण का कोई अंतर्निहित अधिकार नहीं बनता: ​​बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस संदीप वी. मार्ने की एकल पीठ ने मुख्य अधिकारी, पेन नगर परिषद एवं अन्य बनाम शेखर बी. अभंग एवं अन्य के मामले में रिट याचिका पर निर्णय लेते हुए कहा कि केवल लंबे समय तक नौकरी जारी रखने के आधार पर सेवाओं के नियमितीकरण का दावा नहीं किया जा सकता, क्योंकि इससे नियमितीकरण का कोई अंतर्निहित अधिकार नहीं बनता।मामले की पृष्ठभूमिमहाराष्ट्र नगर परिषदों, नगर पंचायतों और औद्योगिक टाउनशिप अधिनियम, 1965 के तहत स्थापित पेन नगर परिषद (याचिकाकर्ता) ने सेवा संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के...

वेतन या पारिश्रमिक रोकना धोखाधड़ी के अपराध के दायरे में नहीं आता: बॉम्बे हाईकोर्ट
वेतन या पारिश्रमिक रोकना धोखाधड़ी के अपराध के दायरे में नहीं आता: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस एन. जे. जमादार की एकल पीठ ने राजीव बंसल और अन्य बनाम महाराष्ट्र राज्य और अन्य के मामले में माना कि वेतन या पारिश्रमिक रोकना धोखाधड़ी के अपराध के दायरे में नहीं आता।मामले की पृष्ठभूमिराजीव बंसल (याचिकाकर्ता) एयर इंडिया लिमिटेड (एआईएल) के पूर्व अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक थे। अन्य याचिकाकर्ता एआईएल के वर्तमान और पूर्व निदेशक/प्रबंधक थे। के.वी. जगन्नाथराव (प्रतिवादी) 1987 में सहायक फ्लाइट पर्सुअर के रूप में AIL में शामिल हुए। 2013 में AIL ने अपनी खराब वित्तीय स्थिति के कारण...

फिल्म हमारे बारह से हटाये गए विवादास्पद डायलॉग, हाईकोर्ट ने फिल्म की रिलीज की अनुमति दी
फिल्म 'हमारे बारह' से हटाये गए विवादास्पद डायलॉग, हाईकोर्ट ने फिल्म की रिलीज की अनुमति दी

बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को फिल्म 'हमारे बारह' के निर्माताओं द्वारा कुछ विवादास्पद डायलॉग को हटाने पर सहमति जताने के बाद फिल्म की रिलीज की अनुमति दी।जस्टिस कमल खता और जस्टिस राजेश एस पाटिल की अवकाश पीठ केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) के खिलाफ रिट याचिका पर विचार कर रही थी, जिसमें फिल्म को दिए गए प्रमाणन रद्द करने और इस तरह इसे रिलीज होने से रोकने की मांग की गई।अदालत ने कहा,"हमारा मानना ​​है कि अगर इस याचिका में शामिल किसी व्यक्ति को CBFC द्वारा विधिवत प्रमाणित फिल्मों की रिलीज को रोकने की...

कंपनी समापन में कोई अपरिवर्तनीय कार्रवाई नहीं, कंपनी अदालत कार्यवाही को एनसीएलटी को स्थानांतरित कर सकती है: बॉम्बे हाईकोर्ट
कंपनी समापन में कोई अपरिवर्तनीय कार्रवाई नहीं, कंपनी अदालत कार्यवाही को एनसीएलटी को स्थानांतरित कर सकती है: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट की एक पीठ ने कहा कि जब तक कोई अपरिवर्तनीय कार्यवाही, जैसे कि अचल या चल संपत्तियों की वास्तविक बिक्री, नहीं हुई है, तब तक कंपनी न्यायालय के पास कार्यवाही को एनसीएलटी में स्थानांतरित करने का विवेकाधिकार है। पीठ में जस्टिस अभय आहूजा शामिल थे। पीठ ने कहा कि केवल तभी जब समापन कार्यवाही उस चरण में पहुंच गई हो जहां यह अपरिवर्तनीय हो, जिससे समय को पीछे ले जाना असंभव हो जाए, कंपनी न्यायालय को कार्यवाही को एनसीएलटी में स्थानांतरित करने के बजाय समापन के साथ आगे बढ़ना चाहिए।मामले में...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कथित तौर पर इस्लामिक आस्था के लिए अपमानजनक फिल्म हमारे बारह की रिलीज पर 14 जून तक रोक लगाई
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कथित तौर पर इस्लामिक आस्था के लिए अपमानजनक फिल्म हमारे बारह की रिलीज पर 14 जून तक रोक लगाई

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में 14 जून, 2024 तक किसी भी सार्वजनिक मंच पर फिल्म हमारे बारह की रिलीज पर रोक लगा दी।जस्टिस एनआर बोरकर और जस्टिस कमल खता की खंडपीठ केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) के खिलाफ रिट याचिका पर विचार कर रही थी, जिसमें फिल्म को दिए गए प्रमाणन को रद्द करने और इस तरह इसे रिलीज होने से रोकने की मांग की गई।अदालत ने निर्देश दिया कि प्रतिवादी नंबर 1 से 6 को 14 जून 2024 तक प्रतिवादी नंबर 10 से 12 के मंचों सहित किसी भी सार्वजनिक मंच/मंच पर प्रश्नगत फिल्म अर्थात् "हमारे बारह" को किसी...

सर्विस में आने से पहले पहले बच्चे का जन्म होना AAI विनियमों के तहत सर्विस में आने के बाद मातृत्व अवकाश लेने में बाधा नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट
सर्विस में आने से पहले पहले बच्चे का जन्म होना AAI विनियमों के तहत सर्विस में आने के बाद मातृत्व अवकाश लेने में बाधा नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट की जस्टिस ए.एस. चंदुरकर और जस्टिस जितेंद्र जैन की खंडपीठ ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण श्रमिक संघ एवं अन्य बनाम श्रम मंत्रालय के अवर सचिव एवं अन्य के मामले में माना है कि सेवा में आने से पहले पहले बच्चे का जन्म होना सेवा में आने के बाद मातृत्व अवकाश लेने पर विचार करने के लिए प्रासंगिक नहीं है। AAI विनियमों के तहत मातृत्व लाभ विनियमन का उद्देश्य जनसंख्या पर अंकुश लगाना नहीं है, बल्कि सेवा अवधि के दौरान केवल दो अवसरों पर ऐसा लाभ देना है।मामले की पृष्ठभूमिकनकावली राजा अर्मुगम...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने लॉ एंट्रेस टेस्ट के लिए आजीवन कारावास के दोषी को अस्थायी जमानत दी
बॉम्बे हाईकोर्ट ने लॉ एंट्रेस टेस्ट के लिए आजीवन कारावास के दोषी को अस्थायी जमानत दी

बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को आजीवन कारावास की सजा काट रहे दोषी सोहेल सलीम अंसारी को अस्थायी जमानत दी। कोर्ट ने दोषी को उक्त जमानत इसलिए दी, जिससे वह पांच साल के लॉ कोर्स में एडमिशन के लिए 30 मई, 2024 को निर्धारित महाराष्ट्र कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (एमएच-सीईटी) में शामिल हो सके।जस्टिस एनआर बोरकर और जस्टिस सोमशेखर सुंदरेसन की अवकाश पीठ ने कहा,“ऐसा प्रतीत होता है कि आवेदक लगभग नौ साल से जेल में है। ऐसा प्रतीत होता है कि मुकदमे के दौरान वह कुछ अवधि के लिए जमानत पर था और उसने उसे दी गई स्वतंत्रता का...

NCLT के आदेश के बाद दाखिल संशोधित ITR दाखिल करने में देरी को माफ करने से CBDT का इनकार अनुचित: बॉम्बे हाईकोर्ट
NCLT के आदेश के बाद दाखिल संशोधित ITR दाखिल करने में देरी को माफ करने से CBDT का इनकार अनुचित: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस लिमिटेड द्वारा दाखिल आवेदन खारिज करने वाले CBDT का आदेश खारिज कर दिया। उक्त आवेदन में NCLT के आदेश के अनुसार अकाउंट्स के पुनर्गठन के आधार पर आयकर रिटर्न दाखिल करने में देरी को माफ करने की मांग की गई थी।हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि धारा 143(3) या 144सी के तहत पारित कोई भी मूल्यांकन आदेश और साथ ही ऐसे वित्तीय वर्ष के लिए परिणामी नोटिस या आदेश, जिनके लिए पुनर्गठित अकाउंट दाखिल किए गए हैं कायम नहीं रहेंगे।जस्टिस के.आर. श्रीराम और जस्टिस डॉ. नीला...

सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग मामला: बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरोपी की हिरासत में मौत की जांच पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी
सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग मामला: बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरोपी की हिरासत में मौत की जांच पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी

बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को मुंबई पुलिस को एक्टर सलमान खान के घर के पास गोलीबारी से संबंधित मामले में आरोपी अनुज थापन की मौत की शुरू की गई जांच पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया, जिसकी पुलिस हिरासत के दौरान मौत हो गई थी।जस्टिस संदीप वी. मार्ने और जस्टिस नीला केदार गोखले की अवकाश पीठ थापन की मां द्वारा मामले की CBI जांच की मांग को लेकर दायर रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उन्होंने थापन के शव का नए सिरे से पोस्टमार्टम करने के निर्देश भी मांगे हैं।खान के घर के बाहर गोलीबारी के सिलसिले...

किसी भी कैलेंडर वर्ष में 240 दिन की सेवा पूरी करने का भार याचिकाकर्ता पर: बॉम्बे हाईकोर्ट
किसी भी कैलेंडर वर्ष में 240 दिन की सेवा पूरी करने का भार याचिकाकर्ता पर: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट की जस्टिस संदीप वी. मार्ने की एकल पीठ ने प्रकाश एस. हांडे बनाम हिंदुस्तान लीवर लिमिटेड के मामले में रिट याचिका पर फैसला सुनाते हुए दोहराया कि किसी भी कैलेंडर वर्ष में 240 दिन की सेवा पूरी करने का भार याचिकाकर्ता पर है।मामले की पृष्ठभूमिप्रकाश एस. हांडे (याचिकाकर्ता) ने दावा किया कि वह 1 जून 1987 से 21 जनवरी 1998 तक हिंदुस्तान लेवल लिमिटेड (प्रतिवादी) में मुख्य रूप से अंधेरी में मुख्यालय और अनुसंधान केंद्र में क्लर्क/स्टेनो-टाइपिस्ट के रूप में कार्यरत था। उन्होंने आरोप लगाया कि...