सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : जानिए सुप्रीम कोर्ट में कैसा रहा पिछला सप्ताह

Update: 2021-03-27 03:49 GMT

22 मार्च 2021 से 26 मार्च 2021 तक सुप्रीम कोर्ट के कुछ ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र

सुप्रीम कोर्ट ने रिया चक्रवर्ती की शिकायत पर सुशांत सिंह राजपूत की बहन के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अभिनेता रिया चक्रवर्ती की शिकायत पर मुंबई पुलिस द्वारा दायर एफआईआर को खारिज करने से इनकार करते हुए सुशांत सिंह राजपूत की बहन प्रियंका सिंह की याचिका को खारिज कर दिया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने 15 फरवरी को पाया था कि प्रियंका सिंह के खिलाफ प्रथम दृष्ट्या एक मामला पाया गया है, जिसमें उनके खिलाफ रिया चक्रवर्ती की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसमें सुशांत सिंह की आत्महत्या के लिए आपराधिक साजिश और अपहरण का आरोप लगाया गया था।

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सुप्रीम कोर्ट ने टाटा संस में साइरस मिस्त्री को चेयरमैन के तौर पर बहाल करने के एनसीएलएटी के फैसले को पलटा

टाटा संस लिमिटेड के लिए एक बड़ी जीत में, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के आदेश के खिलाफ उनकी अपील की अनुमति दी, जिसमें साइरस मिस्त्री को चेयरमैन के पद पर बहाल करने का आदेश दिया था। अदालत ने मामले में कानून के सभी सवालों के जवाब में टाटा संस की अपील को अनुमति दे दी और एनसीएलएटी के आदेश को रद्द कर दिया। शापूरजी पलोनजी समूह और साइरस मिस्त्री द्वारा दायर अपील खारिज कर दी गई। शीर्ष अदालत ने माना कि मिस्त्री के खिलाफ टाटा संस बोर्ड की कार्रवाई अल्पसंख्यक शेयरधारकों के उत्पीड़न या कुप्रबंधन के समान नहीं था। पीठ ने यह भी कहा कि यह टाटा और मिस्त्री के लिए खुला है कि वे अपनी अलगाव की शर्तों को पूरा करें।

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हाईकोर्ट के जजों के लिए सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के नामों पर विचार करने पर कोई रोक नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मौखिक रूप से टिप्पणी की कि हाईकोर्ट में न्यायपालिका के लिए सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने वाले अधिवक्ताओं पर विचार करने में कोई रोक नहीं है। भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने न्यायिक नियुक्तियों से संबंधित एक मामले की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि हाईकोर्ट के कॉलेजियम सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के नामों पर विचार नहीं कर रहे हैं।

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दिल्ली को जलापूर्ति की यथास्थिति बनाए रखेंः सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार और बीबीएमबी को निर्देश दिए

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पंजाब सरकार और भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) को दिल्ली को जल आपूर्ति पर गुरुवार तक यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया। यह आदेश दिल्ली जल बोर्ड द्वारा दायर एक आवेदन पर भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा दिया गया। दिल्ली जल बोर्ड ने अपने आवेदन में कहा गया था कि पंजाब मरम्मत कार्यों के लिए नहर के कुछ फाटकों को बंद करने जा रहा है, जिससे दिल्ली में पानी की आपूर्ति 25 % कम हो जाएगी।

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सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार फेसबुक पोस्ट के लिए पेट्रीशिया मुखीम के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द की

राज्य में गैर-आदिवासी लोगों के खिलाफ हिंसा पर फेसबुक पोस्ट को लेकर शुरू की गई शिलांग टाइम्स की संपादक पेट्रीशिया मुखीम के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को रद्द कर दिया। अदालत ने मेघालय उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली मुखीम द्वारा दायर अपील की अनुमति दी जिसने प्राथमिकी को रद्द करने की उनकी याचिका खारिज कर दी थी। न्यायमूर्ति नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति रवींद्र भट की पीठ ने 16 फरवरी 2021 को याचिकाकर्ता और राज्य द्वारा दी गई दलीलों को सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था।

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कानून मंत्रालय को उचित समय के भीतर कॉलेजियम की सिफारिशों का जवाब देना चाहिएः सुप्रीम कोर्ट ने 55 लंबित नामों पर एजी से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को हाईकोर्ट में न्यायाधीशों के लिए 55 नामों की कॉलेजियम द्वारा की गई सिफारिशों पर फैसला करने में देरी पर भारत के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल के माध्यम से केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने 8 अप्रैल को एजी के जवाब की मांग की। न्यायमूर्ति कौल ने एजी से कहा कि उन्होंने अखिल भारतीय आधार पर कानून और न्याय मंत्रालय के स्तर पर कॉलेजियम की सिफारिशों की पेंडेंसी के संबंध में एक चार्ट तैयार किया है।

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बाजार मूल्य निर्धारण में अधिग्रहित भूमि की क्षमता पर विचार किया जाए: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अधिग्रहित भूमि की क्षमता को बाजार मूल्य निर्धारित करने में प्राथमिक कारक के रूप में विचार किया जाए। यह सवाल कि जमीन का संभावित मूल्य है या नहीं, यह मुख्य रूप से उसकी स्थिति, स्‍थल और उपयोग, जिसमें इसे लिया जाता है या जिसमें इसे लिए जा सकने की उचित क्षमता है, या इसकी आवासीय, वाणिज्यिक या औद्योगिक क्षेत्रों / संस्थाओं से निकटता पर निर्भर करता है, जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस एस रवींद्र भट ने उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट के, उत्तर प्रदेश के कुछ गांवों में अधिग्रहित भूमि के भूस्वामियों को मुआवजे में वृद्धि करने के फैसले खिलाफ दायर अपील की अनुमति देते हुए कहा।

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अनुच्छेद 142 की शक्ति के तहत पक्षकारों की आपसी सहमति पर विवाह समाप्त किया जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने सुनवाई स्थगित की

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र पर उठे सवाल से संबंधित मामले की सुनवाई स्थगित की, इस मामले में सवाल यह उठा कि क्या हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13-बी के तहत फैमिली कोर्ट द्वारा पक्षकारों को निर्धारित अनिवार्य अवधि तक इंतजार किए बिना सुप्रीम कोर्ट के प्रदत्त शक्तियों द्वारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत पक्षकारों की आपसी सहमति पर विवाह को समाप्त किया जा सकता है।

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सुप्रीम कोर्ट में तलाक और भरण-पोषण के मामले में यूनीफॉर्म लॉ के लिए दायर जनहित याचिका के खिलाफ मुस्लिम महिला ने आवेदन दायर किया

तलाक और भरण-पोषण संबंध‌ित व्यक्तिगत कानूनों में एकरूपता के लिए भाजपा नेता और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की ओर से दायर एक जनहित याचिका के ‌खिलाफ एक मुस्लिम महिला ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। गुड़गांव की निवासी अमीना शेरवानी का दावा है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत मुस्लिम शादियों, तलाक, भरण-पोषण आदि को विनियमित करने के प्रावधान फायदेमंद हैं। वह दावा करती है कि मुस्लिम विवाह की संविदात्मक प्रकृति मुस्लिम महिलाओं को विवाह पर ऐसी शर्तें लगाने में मदद करती है, जो वैवाहिक जीवन की अनिश्चितताओं के कारण उनके हितों की रक्षा करती हैं।

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भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम - एफआईआर से पहले के चरण में जांच न केवल अनुमति योग्य है, बल्कि अपेक्षित भी है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भ्रष्टाचार के मामलों में एफआईआर पंजीकरण से पूर्व के चरण में पृथक / खुली जांच किया जाना अनुमति योग्य है। इस मामले में, हाईकोर्ट ने नागपुर स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पुलिस इंस्पेक्टर द्वारा अपीलकर्ता को जारी नोटिस को चुनौती देने वाली अर्जी खारिज कर दी थी। आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने के आरोपों की जांच के सिलसिले में पुलिस इंस्पेक्टर ने नोटिस जारी करके अपीलकर्ता को उसके द्वारा अर्जित सम्पत्तियों के संदर्भ में बयान दर्ज कराने का निर्देश दिया था।

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राष्ट्रीय आपदा में मंत्रालयों की शक्तियां और कार्य राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को स्थानांतरित नहीं होते : सुप्रीम कोर्ट

ऋण मोहलत मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा की स्थिति में मंत्रालयों की शक्तियां और कार्य राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को स्थानांतरित नहीं होते हैं। अदालत ने कहा, "... डीएमए 2005 के प्रासंगिक प्रावधानों को पढ़ने पर ... यह नहीं कहा जा सकता है कि सभी मंत्रालयों के कार्यों को एनडीएमए द्वारा निर्वहन किया जाना चाहिए जो प्रत्येक मंत्रालय के लिए योग्यता क्षेत्र में फैसले लेगा।यह भी नहीं हो सकता कि यह कहा जाए कि मंत्रालयों के कार्य एनडीएमए को हस्तांतरित किए जाएंगे और एनडीएमए आपदा प्रबंधन के उद्देश्य से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इनका निर्वहन करेगा। आपदा के प्रभावों को दूर करने के लिए केंद्र सरकार के तहत विभिन्न मंत्रालयों को अपने संबंधित क्षेत्रों में विभिन्न उपाय करने होंगे।"

केस : स्माल स्केल इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ( रजि) बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और इससे जुड़े मामले

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सुप्रीम कोर्ट ने अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच की परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई से इनकार किया, हाईकोर्ट जाने को कहा

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस आर सुभाष रेड्डी की पीठ ने बुधवार को मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परम बीर सिंह को महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री अनिल देशमुख की कथित भ्रष्ट दुर्भावना की सीबीआई जांच की मांग के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने को कहा। सुनवाई के दौरान पीठ ने याचिकाकर्ता से दो सवाल किए। पीठ ने पूछा कि उच्च न्यायालय के समक्ष अनुच्छेद 226 याचिका के बजाय अनुच्छेद 32 के तहत सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष याचिका क्यों दायर की गई। अदालत ने याचिकाकर्ता से आगे पूछा कि अनिल देशमुख, जिस व्यक्ति के खिलाफ उन्होंने गंभीर आरोप लगाए हैं, उन्हें भी पक्षकार के रूप में शामिल क्यों नहीं किया गया है।

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चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने अगले चीफ जस्टिस के लिए जस्टिस एनवी रमना के नाम की सिफारिश की

भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने अगले चीफ जस्टिस के लिए जस्टिस एनवी रमना के नाम की सिफारिश की है। सुप्रीम कोर्ट के दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश, न्यायमूर्ति रमना ने 17 फरवरी, 2014 को पद ग्रहण किया था। उनका कार्यकाल 26 अगस्त, 2022 को समाप्त होगा। न्यायमूर्ति रमना ने फरवरी 1983 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में एक वकील के रूप में करना शुरू किया था।

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अटॉर्नी जनरल ने राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की सहमति देने से इनकार किया

भारत के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने मंगलवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ न्यायपालिका पर टिप्पणी करने के लिए आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने की सहमति देने से इनकार कर दिया। एजी ने कहा कि राहुल गांधी के बयानों ने "न्यायपालिका" का एक सामान्य संदर्भ दिया और सुप्रीम कोर्ट के लिए कोई विशेष संदर्भ नहीं दिया। उन्होंने कहा कि न्यायालय की अवमानना अधिनियम, 1971 (Contempt of Courts Act, 1971) की धारा 15 के तहत अटॉर्नी जनरल के पास सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के संबंध में अवमानना के लिए कार्यवाही शुरू करने के लिए सहमति देने का अधिकार क्षेत्र है।

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परिसीमा अधिनियम की धारा 14 आईबीसी धारा 7 के तहत आवेदन में लागू होगी : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड की धारा 7 के तहत एक आवेदन में, आवेदक SARFAESI अधिनियम के तहत कार्यवाही के संबंध में, परिसीमा अधिनियम की धारा 14 के लाभ का दावा कर सकता है। परिसीमा अधिनियम 1963 की धारा 14 में गलत मंच के सामने मुकदमेबाजी में बिताए समय को परिसीमा अवधि से बाहर करने से छूट दी गई है। जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ ने कहा कि धारा 14 आईबीसी धारा 7 के तहत एक आवेदन पर लागू होती है और यह कोई नियम नहीं है कि धारा 14 के तहत समय का बहिष्करण उपलब्ध है, केवल गलत मंच के समक्ष कार्यवाही के खत्म होने के बाद।

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हाईब्रिड सुनवाई के लिए एसओपी : "अगर लॉर्डशिप को लगता है कि जज कानून से ऊपर हैं, तो हमें कानून को अपने हाथों में लेना होगा " : एससीबीए अध्यक्ष विकास सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में कहा

सुनवाई की हाईब्रिड प्रणाली के लिए तैयार एसओपी के मुद्दे पर, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एससीबीए द्वारा दायर रिट याचिका में कार्यवाही को यह देखते हुए बंद कर दिया कि इस मामले को अदालत में न्यायिक पक्ष से नहीं निपटा जा सकता है। जस्टिस एसके कौल और जस्टिस आर सुभाष रेड्डी की पीठ ने दर्ज किया कि समन्वय समिति ने 3 फरवरी, 4 फरवरी और 13 फरवरी को बैठकें आयोजित की थीं, जिसमें एससीबीए और एससीओआरए के सदस्यों ने भाग लिया था, जहां एसओपी तैयार करनाही मुख्य एजेंडा था।

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सुप्रीम कोर्ट ने लोन मोहलत अवधि के दौरान बैंकों के ब्याज पर ब्याज या ब्याज पर जुर्माना लगाने पर रोक लगाई, मोहलत अवधि बढ़ाने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को निर्देश दिया कि लोन की किश्तों में पिछले साल 1 मार्च से 31 अगस्त तक की अवधि के दौरान किसी भी उधारकर्ता पर ब्याज पर ब्याज या ब्याज पर कोई दंड नहीं होना चाहिए, जो लोन की किसी की राशि को लिए हो। यदि इस तरह का ब्याज पहले ही एकत्र किया जा चुका है, तो इसे उधारकर्ता को वापस कर दिया जाना चाहिए या अगली किश्तों में समायोजित कर दिया जाना चाहिए। पीठ ने कहा कि केवल दो करोड़ रुपये से कम की ऋण श्रेणियों में ब्याज पर छूट का लाभ सीमित करने के लिए केंद्र की नीति में कोई औचित्य नहीं है। पिछले साल, केंद्र ने 2 करोड़ रुपये तक के ऋण के लिए आठ निर्दिष्ट ऋण श्रेणियों में ब्याज पर छूट की अनुमति देने का निर्णय लिया था।

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जस्टिस चंद्रचूड़ ने वकीलों को दिया आश्वासन, वकील के संबंधित समय पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ज्वॉइन नहीं करने पर केस स्वतः डिसमिस नहीं होगा

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने सोमवार को सभी वकीलों से कहा कि तकनीकी के उपयोग से खुद को परिचित कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ई-समिति द्वारा आयोजित ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल होने की जरूरत होनी चाहिए। ई-समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, "हम पहले ही देश भर में 1.5 लाख वकीलों को ट्रेंड कर चुके हैं। इस संबंध में, तमिलनाडु कैडर के एक वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी आर. अरुलमोझीसेलवी हमारे साथ जुड़े हुए हैं। कृपया मेरे कोर्ट मास्टर से संपर्क करें। उनसे संपर्क करें। आपको सब कुछ ऑनलाइन प्रदान किया जाता है। इसलिए आप देश में कहीं भी होने के बावजूद इससे लाभान्वित हो सकते हैं। हम इसे सार्वजनिक सेवा के रूप में शुरू कर रहे हैं। इसके लिए कोई शुल्क नहीं है। हम चाहेंगे कि बार के सभी सदस्य हमारे ट्रेनिंग प्रोग्राम के बारे में जागरूक हों।"

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सीएमए परीक्षा - 2021 : कथित गड़बड़ियों के चलते आईसीएमएआई की ऑनलाइन परीक्षा रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका

सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की गई है, जिसमें इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया ( आईसीएमएआई) द्वारा जनवरी-फरवरी 2021 में आयोजित किए गए कॉस्ट मैनेजमेंट अकाउंटेंट ( सीएमए) के इंटरमीडिएट और फाइनल स्तर के ऑनलाइन टेस्ट को रद्द करने की मांग की गई है। कॉस्ट मैनेजमेंट अकाउंटिंग (सीएमए) फाइनल कोर्स के एक छात्र द्वारा ये याचिका दायर की गई है, जिसने परीक्षा में व्यापक खराबी का आरोप लगाया जिसकी वजह से इसकी विश्वसनीयता और पवित्रता प्रभावित हुई।

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