सुप्रीम कोर्ट

ग्राहम स्टेन्स हत्याकांड में दोषी दारा सिंह ने आजीवन कारावास की सजा माफ करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
ग्राहम स्टेन्स हत्याकांड में दोषी दारा सिंह ने आजीवन कारावास की सजा माफ करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (9 जुलाई) को दारा सिंह द्वारा दायर याचिका पर ओडिशा राज्य को नोटिस जारी किया, जिसमें 1999 में ऑस्ट्रेलियाई मिशनरी ग्राहम स्टेन्स और उनके दो बेटों की हत्या के लिए उन्हें दी गई आजीवन कारावास की सजा माफ करने की मांग की गई।जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की खंडपीठ ने सिंह द्वारा दायर रिट याचिका पर नोटिस जारी किया। उक्त याचिका में कहा गया कि उन्होंने 24 साल से अधिक कारावास की सजा काट ली है।2003 में ट्रायल कोर्ट ने दारा सिंह को मौत की सजा सुनाई। 2005 में उड़ीसा...

जींस पहनकर न्यायालय में उपस्थित हुए वकील को सुप्रीम कोर्ट ने झिड़का, कहा- वकीलों को उचित पोशाक में न्यायालय आना चाहिए
जींस पहनकर न्यायालय में उपस्थित हुए वकील को सुप्रीम कोर्ट ने झिड़का, कहा- वकीलों को उचित पोशाक में न्यायालय आना चाहिए

यह याद दिलाते हुए कि प्रत्येक वकील को नियमों के अनुसार उचित पोशाक में न्यायालय में उपस्थित होना चाहिए, सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में वकील द्वारा दायर याचिका का निपटारा किया, जिसे गुवाहाटी हाईकोर्ट द्वारा पारित उस आदेश के विरुद्ध दायर किया गया, जिसमें उसे जींस पहनने के कारण न्यायालय से निष्कासित किया गया।हाईकोर्ट ने पुलिस कर्मियों को न्यायालय परिसर से वकील को हटाने के लिए कहा था। हाईकोर्ट के निर्देश से व्यथित होकर वकील ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और तर्क दिया कि हाईकोर्ट के पास पुलिस सहायता...

सुप्रीम कोर्ट ने उपभोक्ता मंचों पर ई-फाइलिंग प्रक्रिया को बेहतर बनाने की मांग वाली याचिका में NCDRC प्रेसिडेंट से वर्चुअल सहायता मांगी
सुप्रीम कोर्ट ने उपभोक्ता मंचों पर ई-फाइलिंग प्रक्रिया को बेहतर बनाने की मांग वाली याचिका में NCDRC प्रेसिडेंट से वर्चुअल सहायता मांगी

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (9 जुलाई) को राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) और राज्य आयोगों में कुशल ई-फाइलिंग सुविधाओं की मांग वाली याचिका में नोटिस जारी किया। कोर्ट ने NCDRC प्रेसिडेंट जस्टिस एपी साही से अगली सुनवाई पर ऑनलाइन उपस्थिति के माध्यम से कोर्ट की सहायता करने का भी अनुरोध किया।याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि NCDRC में ई-फाइलिंग के बाद भी मामले को भौतिक रूप से दाखिल करना अनिवार्य है। साथ ही कई राज्य आयोग ई-फाइलिंग प्रक्रियाओं का धार्मिक रूप से पालन नहीं कर रहे हैं।चीफ जस्टिस ऑफ...

प्रिंसिपल एजेंट और तीसरे पक्ष को जानकारी देते हुए एजेंसी से स्वतंत्र होकर काम करने पर पावर ऑफ अटॉर्नी निहित रूप से निरस्त हो जाएगी: सुप्रीम कोर्ट
प्रिंसिपल एजेंट और तीसरे पक्ष को जानकारी देते हुए एजेंसी से स्वतंत्र होकर काम करने पर पावर ऑफ अटॉर्नी निहित रूप से निरस्त हो जाएगी: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर प्रिंसिपल द्वारा खुद के लिए काम करने के बारे में एजेंट और तीसरे व्यक्ति को पता है तो एजेंट को दी गई पावर ऑफ अटॉर्नी (POA) निहित रूप से निरस्त हो जाएगी।कोर्ट ने कहा,"ऐसे मामले में जहां प्रिंसिपल खुद के लिए काम करने का फैसला करता है, खास तौर पर एजेंट और प्रभावित होने वाले व्यक्ति के ज्ञान के सामने, तो यह माना जा सकता है कि भारतीय अनुबंध अधिनियम की धारा 207 लागू होती है। धारा 207 एजेंसी के निरस्तीकरण का प्रावधान करती है।कोर्ट ने कहा कि प्रिंसिपल का आचरण और एजेंट के प्रति...

क्या आपने प्रतिबंधित की गई दवाइओं के विज्ञापन सोशल मीडिया से हटाएं? सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि से पूछा
क्या आपने प्रतिबंधित की गई दवाइओं के विज्ञापन सोशल मीडिया से हटाएं? सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि से पूछा

पतंजलि के खिलाफ लंबित भ्रामक विज्ञापन मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि से पूछा कि क्या उसके नोटिस के अनुसार बिचौलियों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने उन 14 आयुर्वेदिक दवाओं से संबंधित विज्ञापन हटा लिए हैं, जिनके लाइसेंस उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरणों द्वारा निलंबित कर दिए गए।जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ 17 मई को पतंजलि द्वारा दायर हलफनामे पर विचार कर रही थी, जिसमें कहा गया कि उसने उपरोक्त के संबंध में कदम उठाए।हलफनामे के अनुसार, 14 आयुर्वेदिक दवाओं (पैरा...

क्या स्थानीय निकाय सैनिटरी अपशिष्ट एकत्र करने के लिए एडिशनल फी ले सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से जवाब मांगा
क्या स्थानीय निकाय सैनिटरी अपशिष्ट एकत्र करने के लिए एडिशनल फी ले सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को सैनिटरी अपशिष्टों के निपटान के लिए स्थानीय निकायों द्वारा एडिशनल फी (Additional Fee) वसूलने को चुनौती देने वाली जनहित याचिका में अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आखिरी मौका दिया।न्यायालय ने कहा कि गोवा, छत्तीसगढ़, केरल, त्रिपुरा, असम और पंजाब, मध्य प्रदेश ने अपने जवाबी हलफनामे दाखिल कर दिए, जबकि अन्य राज्य दो सप्ताह के भीतर ऐसा करेंगे।इससे पहले याचिकाकर्ता इंदु वर्मा ने केरल के कोच्चि निगम द्वारा घरों से सैनिटरी अपशिष्ट एकत्र न करने का उजागर किया था।याचिकाकर्ता ने...

BNSS ने भेदभावपूर्ण प्रावधान हटाया: सुप्रीम कोर्ट ने CrPC की केवल पुरुष परिवार के सदस्य ही समन स्वीकार करने वाली धारा को चुनौती देने वाली याचिका बंद की
'BNSS ने भेदभावपूर्ण प्रावधान हटाया': सुप्रीम कोर्ट ने CrPC की 'केवल पुरुष परिवार के सदस्य ही समन स्वीकार' करने वाली धारा को चुनौती देने वाली याचिका बंद की

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (9 जुलाई) को दंड प्रक्रिया संहिता 1973 में जेंडर भेदभावपूर्ण प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका बंद की, जिसमें इस तथ्य को ध्यान में रखा गया कि इस कानून के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023 ने इस प्रावधान को हटा दिया।याचिका में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 64 को इस आधार पर चुनौती दी गई कि उक्त धारा में परिवार की महिला सदस्यों को समन स्वीकार करने में अक्षम मानकर महिलाओं के साथ भेदभाव किया गया।यह ध्यान देने योग्य है कि धारा 64 इस प्रकार है:"जहां सम्मन...

ऐसी याचिकाएं दायर करने से पहले आपको 100 बार सोचना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट ने सीरियल लिटिगेंट पर लगाया गया 1 लाख रुपये का जुर्माना वापस लेने से किया इनकार
'ऐसी याचिकाएं दायर करने से पहले आपको 100 बार सोचना चाहिए': सुप्रीम कोर्ट ने सीरियल लिटिगेंट पर लगाया गया 1 लाख रुपये का जुर्माना वापस लेने से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने आज (09 जुलाई को) कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता की बहाली को चुनौती देने वाली याचिका दायर करने के लिए लखनऊ के वकील अशोक पांडे पर लगाया गया एक लाख रुपये का जुर्माना वापस लेने से इनकार किया।जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को ऐसी याचिकाएं दायर करने के लिए फटकार लगाई और कहा,"इतनी सारी याचिकाएं दायर करने से पहले आपको 100 बार सोचना चाहिए।" याद रहे कि 'मोदी चोर' टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद गांधी की...

सह-प्रतिवादियों के बीच हितों का टकराव होने पर उनके बीच रेस-ज्युडिकेटा का सिद्धांत लागू होगा: सुप्रीम कोर्ट
सह-प्रतिवादियों के बीच हितों का टकराव होने पर उनके बीच रेस-ज्युडिकेटा का सिद्धांत लागू होगा: सुप्रीम कोर्ट

यह देखते हुए कि रेस-ज्युडिकेटा का सिद्धांत न केवल वादी और प्रतिवादियों के बीच बल्कि सह-प्रतिवादियों के बीच भी लागू होता है, सुप्रीम कोर्ट ने माना कि सह-प्रतिवादियों के बीच रेस-ज्युडिकेटा के सिद्धांत को लागू करने के लिए शर्त यह है कि सह-प्रतिवादियों के बीच हितों का टकराव होना चाहिए।जस्टिस अभय एस. ओक और जस्टिस पंकज मित्तल की खंडपीठ ने कहा कि जब तक सह-प्रतिवादियों के बीच हितों का टकराव नहीं होता, तब तक रेस-ज्युडिकेटा का सिद्धांत लागू नहीं होगा।सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 11 के तहत निहित रेस...

छत्तीसगढ़ NAN घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 5 साल बाद भी ED द्वारा जांच पूरी न किया जाना चिंताजनक
छत्तीसगढ़ NAN घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 5 साल बाद भी ED द्वारा जांच पूरी न किया जाना चिंताजनक

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि यह चिंताजनक है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में भ्रष्टाचार से संबंधित 2015 के नागरिक पूर्ति निगम (NAN) घोटाले मामले में जांच पूरी नहीं की।जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को हलफनामा दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया, जिससे यह दिखाया जा सके कि आरोपी आलोक शुक्ला और नान के तत्कालीन अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अनिल टुटेजा अपनी अग्रिम जमानत का दुरुपयोग कर रहे हैं। ED ने...

सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ की गई टिप्पणी के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी गई: IMA के चेयरमैन ने कहा
सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ की गई टिप्पणी के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी गई: IMA के चेयरमैन ने कहा

पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ भ्रामक मेडिकल विज्ञापनों के प्रकाशन को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) द्वारा दायर मामले की सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया गया कि पतंजलि सुनवाई के संबंध में अपनी विवादास्पद टिप्पणी के लिए एसोसिएशन के चेयरमैन की ओर से माफी मांगी गई, जिसे मीडिया को भेजा गया और IMA की मासिक पत्रिका के साथ-साथ वेबसाइट पर भी प्रकाशित किया गया।जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 6 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी, क्योंकि प्रतिवादियों को 6 जुलाई को...

सर्विस एक्ट समस्याएं पैदा कर रहा है: दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से केंद्रीय कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया
'सर्विस एक्ट समस्याएं पैदा कर रहा है': दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से केंद्रीय कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया

दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के नियंत्रण से "सेवाओं" को हटाने वाले कानून को चुनौती देने वाली अपनी याचिका पर शीघ्र सुनवाई करने का अनुरोध किया।दिल्ली सरकार की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट डॉ. एएम सिंघवी ने तत्काल सुनवाई की आवश्यकता पर बल दिया, क्योंकि यह कानून जमीनी स्तर पर राज्य के प्रशासन में बाधा उत्पन्न कर रहा है।कहा गया,"यह गंभीर मामला है, यह जमीनी स्तर पर समस्याएं पैदा कर रहा है।"सिंघवी ने न्यायालय के पुराने निर्णय का उल्लेख किया, जिसमें कहा गया कि...

विवाह समानता पर पुनर्विचार याचिकाओं की ओपन कोर्ट में हो सुनवाई: सुप्रीम कोर्ट से अनुमति देने का आग्रह
विवाह समानता पर पुनर्विचार याचिकाओं की ओपन कोर्ट में हो सुनवाई: सुप्रीम कोर्ट से अनुमति देने का आग्रह

'विवाह समानता' निर्णय पर पुनर्विचार की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका की ओपन कोर्ट में सुनवाई करने का अनुरोध किया।पुनर्विचार याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट एनके कौल ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ से पुनर्विचार याचिका की सुनवाई चैंबर के बजाय ओपन कोर्ट में करने की संभावना पर अनुरोध किया, क्योंकि यह मामला बड़े जनहित से जुड़ा है।कहा गया,"हम विनम्रतापूर्वक अनुरोध करेंगे कि क्या माननीय सदस्य इस बात पर विचार करेंगे कि जनहित में ये सुनवाई ओपन कोर्ट में हो सकती...

सुप्रीम कोर्ट ने दिव्यांग व्यक्तियों के रिक्त पदों को न भरने के लिए केंद्र की आलोचना की, CSE 2008 पास करने वाले दृष्टिबाधित उम्मीदवार की नियुक्ति का निर्देश दिया
सुप्रीम कोर्ट ने दिव्यांग व्यक्तियों के रिक्त पदों को न भरने के लिए केंद्र की आलोचना की, CSE 2008 पास करने वाले दृष्टिबाधित उम्मीदवार की नियुक्ति का निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (8 जुलाई) को केंद्र की आलोचना की कि दिव्यांग व्यक्तियों के लिए बड़ी संख्या में रिक्त पदों के बावजूद सिविल सेवा परीक्षा (CSE) पास करने वाले 100 प्रतिशत दृष्टिबाधित उम्मीदवार को नियुक्ति के लिए “घूमना-फिरना” पड़ रहा है।जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस पंकज मित्तल की खंडपीठ ने कहा कि दिव्यांग व्यक्तियों (समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम, 1995 (PwD Act) को लागू करने में भारत संघ की ओर से “घोर चूक” हुई है।अदालत ने कहा,“अपीलकर्ता-भारत संघ द्वारा दायर हलफनामे...

S.313 CrPC | यदि अभियुक्त के प्रति पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया जाता है तो अपराध संबंधी परिस्थितियों के बारे में पूछताछ न करना ट्रायल को प्रभावित करेगा: सुप्रीम कोर्ट
S.313 CrPC | यदि अभियुक्त के प्रति पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया जाता है तो अपराध संबंधी परिस्थितियों के बारे में पूछताछ न करना ट्रायल को प्रभावित करेगा: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त से 'अपराध संबंधी परिस्थितियों' के बारे में पूछताछ न करना और उसे दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 313 के तहत अपराध संबंधी परिस्थितियों को स्पष्ट करने के अवसर से वंचित करना मुकदमे को प्रभावित करेगा, यदि इस तरह की चूक न्याय की विफलता का कारण बनती है। कोर्ट ने कहा कि यदि सीआरपीसी की धारा 313 के प्रावधानों का पालन न किया जाता है तो अभियुक्त को बरी कर दिया जाएगा।जस्टिस सीटी रविकुमार और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने 29 साल पुराने मामले में हत्या के आरोपी को बरी...

सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान में प्रबोधक के पद पर भर्ती के लिए शिक्षाकर्मियों को आयु में छूट का प्रावधान बरकरार रखा
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान में प्रबोधक के पद पर भर्ती के लिए शिक्षाकर्मियों को आयु में छूट का प्रावधान बरकरार रखा

राजस्थान पंचायती राज प्रबोधक सेवा नियम, 2008 के तहत प्रबोधक (शिक्षक) के पद पर सीधी भर्ती के लिए शिक्षाकर्मियों और अन्य सरकारी शैक्षिक परियोजना में कार्यरत उम्मीदवारों को दी गई आयु में छूट सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखी।जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने कहा कि दूरदराज के क्षेत्रों में अनुपस्थित शिक्षकों की समस्या को दूर करने के लिए शैक्षिक परियोजनाएं लागू की गईं और पैरा शिक्षकों ने प्राथमिक शिक्षा में सुधार और बच्चों को स्कूल जाने के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका...

NEET-UG 2024 | सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और NTA से काउंसलिंग की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी
NEET-UG 2024 | सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और NTA से काउंसलिंग की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी

इस साल 5 मई को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित की गई NEET-UG परीक्षा को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार और NTA को काउंसलिंग की स्थिति पर नीतिगत निर्णय लेना होगा, जबकि पेपर लीक के लाभार्थियों की पहचान करने की प्रक्रिया लंबित है।6 जुलाई को शुरू होने वाली काउंसलिंग को टाल दिया गया।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (केंद्र सरकार की ओर से) और एडवोकेट...

दिव्यांग व्यक्तियों का अपमान करने वाले Disabling Humour को Disability Humour से अलग किया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
दिव्यांग व्यक्तियों का अपमान करने वाले 'Disabling Humour' को 'Disability Humour' से अलग किया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने दिव्यांग व्यक्तियों (PwD) के अधिकारों पर महत्वपूर्ण फैसले में दृश्य और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर रचनाकारों द्वारा उनके संवेदनशील चित्रण को सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश निर्धारित किए। कोर्ट ने 'Disabling Humour' और 'Disability Humour' के बीच अंतर पर भी प्रकाश डाला, जिसे अक्सर मीडिया रचनाकारों द्वारा अनदेखा कर दिया जाता है।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच सोनी पिक्चर्स द्वारा निर्मित फिल्म 'आंख मिचोली' में दिव्यांगों के...

यह अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि केवल महिला अधिकारी ही यौन हिंसा के मामलों को प्रभावी ढंग से संभालेंगी: सुप्रीम कोर्ट
यह अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि केवल महिला अधिकारी ही यौन हिंसा के मामलों को प्रभावी ढंग से संभालेंगी: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (8 जुलाई) को याचिका पर आपत्ति जताई, जिसमें यह निर्देश देने की मांग की गई कि यौन उत्पीड़न के मामलों को केवल सरकारी अभियोजकों, जांच अधिकारियों और मेडिकल परीक्षकों द्वारा ही संभाला जाना चाहिए, जो महिलाएं हों। कोर्ट ने टिप्पणी की कि यह मान लेना अनुचित होगा कि लैंगिक हिंसा के मामलों में पुरुष अधिकारी अपने कर्तव्यों को प्रभावी ढंग से पूरा नहीं करेंगे।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें...