सुप्रीम कोर्ट
मानवीय आधार पर गर्भवती महिला और उसके बेटे को बांग्लादेश से वापस लाने पर विचार करें : सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को निर्देश
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह निर्देश लेने को कहा कि हाल ही में बांग्लादेश भेजी गई एक गर्भवती महिला और उसके आठ वर्षीय बेटे को वापस लाने की संभावना क्या है। अदालत ने स्पष्ट किया कि इस मामले पर “पूरी तरह मानवीय आधार पर” विचार किया जाना चाहिए। चीफ जस्टिस सुर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्य बागची की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की और अगली तारीख 3 दिसंबर तय की। सीनियर एडवोकेट संजय हेगड़े ने बताया कि सोनाली खातून, जो प्रतिवादी भोदू शेख की बेटी हैं, गर्भावस्था के उन्नत चरण में थीं और उन्हें भी...
सुप्रीम कोर्ट ने CBI को डिजिटल अरेस्ट स्कैम के मामलों की जांच करने का निर्देश दिया
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को CBI को डिजिटल अरेस्ट स्कैम के मामलों की जांच करने का आदेश दिया।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने डिजिटल अरेस्ट के मुद्दे पर खुद से लिए गए मामले में यह आदेश दिया। बेंच ने कहा कि इन स्कैम पर देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी को “तुरंत ध्यान” देना चाहिए। कोर्ट ने निर्देश दिया कि CBI पहले उन मामलों की जांच करेगी, जिनमें सीधे डिजिटल अरेस्ट स्कैम की रिपोर्ट की गई, जबकि बाद के फेज में साइबर क्राइम के दूसरे तरीकों की जांच की जा सकती...
मुकदमा दायर होने से पहले बेची गई संपत्ति पर कुर्की नहीं लगाई जा सकती : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि किसी संपत्ति का रजिस्टर्ड सेल डीड के माध्यम से मुकदमा दायर होने से पहले ही हस्तांतरण हो चुका है तो उस संपत्ति को सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC) के आदेश 38 नियम 5 के तहत निर्णय से पहले कुर्क नहीं किया जा सकता। अदालत ने कहा कि इस प्रावधान के तहत कुर्की केवल उसी संपत्ति पर लगाई जा सकती है, जो मुकदमा दायर होने की तारीख पर प्रतिवादी की स्वामित्व वाली हो।जस्टिस बी. वी. नागरत्ना एवं जस्टिस आर. महादेवन की खंडपीठ ने केरल हाईकोर्ट और ट्रायल कोर्ट के फैसलों को पलटते हुए यह...
BREAKING: वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन पर समय-वृद्धि से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, ट्रिब्यूनल जाने की छूट
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संपत्तियों का विवरण सरकारी डिजिटल पोर्टल पर अपलोड करने के लिए समय-सीमा बढ़ाने से सोमवार को इनकार किया। अदालत ने कहा कि क़ानून के प्रावधानों के तहत वक्फ ट्रिब्यूनल को उचित मामलों में समय बढ़ाने का अधिकार दिया गया और आवेदक व्यक्तिगत रूप से ट्रिब्यूनल के समक्ष आवेदन कर सकते हैं।जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ ने सभी अर्ज़ियों का निस्तारण करते हुए आवेदकों को तय समय-सीमा समाप्त होने से पहले संबंधित ट्रिब्यूनल से संपर्क करने की स्वतंत्रता प्रदान...
Arbitration | आर्बिट्रेटर अपॉइंट करने के ऑर्डर के खिलाफ कोई रिव्यू या अपील नहीं हो सकती: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आर्बिट्रेटर के अपॉइंटमेंट के ऑर्डर के खिलाफ रिव्यू या अपील की इजाज़त नहीं है।कोर्ट ने कहा,“एक बार आर्बिट्रेटर अपॉइंट हो जाने के बाद आर्बिट्रेशन प्रोसेस बिना किसी रुकावट के आगे बढ़ना चाहिए। धारा 11 के तहत किसी ऑर्डर के खिलाफ रिव्यू या अपील का कोई कानूनी प्रोविज़न नहीं है, जो एक सोची-समझी कानूनी पसंद को दिखाता है।”कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के उस ऑर्डर को रद्द करते हुए कहा, जिसमें रिव्यू पिटीशन को मंज़ूरी दी गई और आर्बिट्रेटर के पहले के अपॉइंटमेंट को वापस ले लिया गया था, जबकि...
क्या स्पेशल एजुकेटर्स को TET की ज़रूरत है? सुप्रीम कोर्ट ने NCTE से क्लैरिटी मांगी, बिना TET के नए स्पेशल टीचर्स के अपॉइंटमेंट पर रोक लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) से पूछा कि स्पेशल एजुकेटर्स के तौर पर अपॉइंटमेंट चाहने वाले कैंडिडेट्स के लिए टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) पास करना ज़रूरी क्वालिफिकेशन है या नहीं, इस पर मौजूदा कानूनी स्थिति को क्लियर किया जाए।जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने रजनीश कुमार पांडे बनाम यूनियन ऑफ इंडिया से जुड़ी कई पिटीशन पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिए।सुनवाई के दौरान, उत्तर प्रदेश की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट राणा मुखर्जी ने कोर्ट का...
West Bengal School Recruitment | सुनिश्चित करें कि दागी उम्मीदवार नए सलेक्शन से न निकल पाएं: सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट से कहा
सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल स्कूल रिक्रूटमेंट विवाद से जुड़े मामलों की मॉनिटरिंग जारी रखने से मना कर दिया और निर्देश दिया कि सभी पेंडिंग शिकायतों को कलकत्ता हाईकोर्ट के सामने आगे बढ़ाया जाए, जो पहले से ही मामले की डिटेल में जांच कर रहा है।जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आलोक अराधे की बेंच टीचर रिक्रूटमेंट प्रोसेस के अलग-अलग पहलुओं को चुनौती देने वाले कैंडिडेट और दूसरे स्टेकहोल्डर की बड़ी संख्या में याचिका पर सुनवाई कर रही थी। अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने कई गड़बड़ियों के कारण 2016 में पश्चिम बंगाल...
अकाउंट पेयी चेक के डिसऑनर होने पर शिकायत पेयी की होम ब्रांच में ही फाइल की जानी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट ने NI Act की धारा 142(2)(a) को समझाया
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (28 नवंबर) को कहा कि अकाउंट पेयी चेक के डिसऑनर होने से होने वाली शिकायतें सिर्फ़ उसी कोर्ट में की जानी चाहिए, जिसका अधिकार क्षेत्र उस बैंक की ब्रांच पर हो जहां पेयी का अकाउंट है।कोर्ट ने साफ़ किया कि भले ही चेक पेयी की होम ब्रांच से अलग किसी ब्रांच में जमा किया गया हो, नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट (NI Act) के तहत अधिकार क्षेत्र के लिए शिकायत फिर भी पेयी के बैंक अकाउंट की होम ब्रांच को कंट्रोल करने वाले कोर्ट में ही फाइल की जानी चाहिए।NI Act, 1881 के सेक्शन 142(2)(a) का...
विभागीय जांच में बरी होने से आपराधिक मुकदमे में स्वतः राहत नहीं मिलती: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विभागीय कार्यवाही में बरी होना अपने-आप आपराधिक मामले में छुटकारा दिलाने का आधार नहीं बन सकता। कोर्ट ने समझाया कि विभागीय जांच में गवाह आसानी से मुकर जाते हैं क्योंकि वहाँ शपथ पर बयान नहीं होता और झूठी गवाही (परजरी) का खतरा नहीं होता।लेकिन आपराधिक मुकदमे में गवाह शपथ पर बयान देते हैं और झूठ बोलने पर उनके खिलाफ परजरी की कार्रवाई हो सकती है, इसलिए उनके hostile होने की संभावना कम होती है।जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की खदपीठ यह ट्रैप केस (भ्रष्टाचार निवारण...
महाराष्ट्र निकाय चुनाव | सुप्रीम कोर्ट का आदेश: बाकी चुनाव नोटिफ़ाई किए जाएं, लेकिन रिज़र्वेशन 50% से ज़्यादा न हो
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (28 नवंबर) को महाराष्ट्र स्टेट इलेक्शन कमीशन को उन स्थानीय निकाय चुनाव में 50% से ज़्यादा रिज़र्वेशन नोटिफ़ाई करने से रोक दिया, जहां चुनाव अभी नोटिफ़ाई होने बाकी हैं। कोर्ट ने कहा कि जिन स्थानीय निकाय चुनाव में 50% से ज़्यादा रिज़र्वेशन पहले ही नोटिफ़ाई हो चुका है, उनके चुनाव रिट याचिका के नतीजे पर निर्भर करेंगे।चीफ़ जस्टिस ऑफ़ इंडिया (सीजेआई) सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव में OBC रिज़र्वेशन को चुनौती देने वाली रिट याचिका पर...
सुप्रीम कोर्ट ने VC नियुक्त करने में देरी पर केरल गवर्नर की आलोचना की, जस्टिस धूलिया की रिपोर्ट पर जल्द फैसला लेने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (28 नवंबर) को केरल के गवर्नर की आलोचना की कि उन्होंने जस्टिस (रिटायर्ड) सुधांशु धूलिया की रिपोर्ट पर कार्रवाई में देरी की, जो राज्य में APJ अब्दुल कलाम टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ़ डिजिटल साइंसेज इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी के वाइस चांसलर के अपॉइंटमेंट के बारे में थी।जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा कि गवर्नर से जस्टिस धूलिया कमेटी की सिफारिशों पर जल्द ही फैसला लेने की उम्मीद है।बता दें, कोर्ट ने अगस्त में राज्य सरकार और चांसलर...
RP Act के तहत मौजूदा प्रक्रिया मान्य न होने के कारण ECI, SIR को सही ठहराने के लिए अनुच्छेद 324 पर भरोसा नहीं कर सकता: याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में कहा
इलेक्शन कमीशन ऑफ़ इंडिया (ECI) द्वारा किए जा रहे इलेक्टोरल रोल्स के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को चुनौती देने वाली याचिकाओं में याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि ECI के पास रिप्रेजेंटेशन ऑफ़ द पीपल्स एक्ट, 1950 (RP Act) के तहत SIR को मौजूदा तरीके से करने की पावर्स नहीं हैं।सीनियर एडवोकेट्स कपिल सिब्बल और डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने तर्क दिया कि ECI, SIR को सही ठहराने के लिए भारत के संविधान के आर्टिकल 324 के तहत अपनी पूरी शक्ति का सहारा नहीं ले सकता, क्योंकि ऐसे उदाहरण हैं, जो बताते हैं...
PC Act | ट्रायल कोर्ट जब खुद ही मंज़ूरी रद्द कर दे तो अधिनियम की धारा 19(3) और (4) अर्थहीन: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में साफ़ किया कि प्रिवेंशन ऑफ़ करप्शन एक्ट, 1988 (PC Act) की धारा 19(3) और 19(4) के तहत सुरक्षा उपाय, जो मंज़ूरी में कमियों के कारण किसी सज़ा को रद्द होने से रोकते हैं, जब तक कि उनसे “न्याय में नाकामी” न हो, तब लागू नहीं होते जब ट्रायल स्टेज पर मंज़ूरी की वैलिडिटी पर सवाल उठाया जाता है। कोर्ट ने साफ़ किया कि ये सुरक्षा उपाय सिर्फ़ अपील या रिविज़नल स्टेज पर काम करते हैं, जब ट्रायल कोर्ट मंज़ूरी के आधार पर पहले ही कॉग्निजेंस ले चुका होता है।जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप...
प्रशासनिक आदेश का बचाव केवल दर्ज कारणों से ही संभव; बाद में नए आधार नहीं जोड़े जा सकते: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया है कि किसी सरकारी आदेश का बचाव केवल उन्हीं कारणों के आधार पर किया जा सकता है, जो स्वयं आदेश में दर्ज हों। बाद में अदालत में दाखिल किए गए हलफनामों में नए कारण जोड़कर आदेश को सही ठहराने की कोशिश नहीं की जा सकती।चीफ़ जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस उज्ज्वल भुइयां और जस्टिस एन. कोटिस्वर सिंह की खंडपीठ ने कहा, “यह न्यायालय पोस्ट-फैक्टो रेशनलाइज़ेशन की प्रथा को लेकर पहले भी सावधान कर चुका है, जहाँ अधिकारी बाद में कारण जोड़कर या घड़कर अपने निर्णय को सही ठहराने की कोशिश करते हैं। ऐसे...
बाद की पीठों द्वारा फैसले पलटने की बढ़ती प्रवृत्ति चिंताजनक: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (26 नवंबर) को बेंच हंटिंग की कोशिशों पर कड़ी नाराज़गी जताते हुए कहा कि हाल के वर्षों में यह प्रवृत्ति बढ़ रही है, जहां पक्षकार किसी पूर्व पीठ के फैसले को बदलवाने के लिए बाद की पीठों के सामने नई याचिकाएँ दायर करते हैं। कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर ऐसी प्रथाओं को बढ़ावा मिला, तो अनुच्छेद 141 का उद्देश्य ही समाप्त हो जाएगा, क्योंकि कोई भी फैसला अंतिम नहीं रहेगा और हर बार नई पीठ यह मानकर उसे बदल सकती है कि उसका दृष्टिकोण “बेहतर” है।जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज...
दिव्यांग लोगों के लिए फंड जुटाने के लिए इवेंट करें समय रैना और अन्य कॉमेडियन: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (27 नवंबर) को कॉमेडियन समय रैना, विपुल गोयल, बलराज परमजीत सिंह घई, सोनाली ठक्कर और निशांत जगदीश तंवर को निर्देश दिया कि वे अपने शो में दिव्यांग लोगों की सफलता की कहानियों के बारे में प्रोग्राम दिखाएं ताकि दिव्यांग लोगों, खासकर स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) से पीड़ित लोगों के इलाज के लिए फंड जमा किया जा सके।उन्हें दिव्यांग लोगों के बारे में उनके बेहूदा मज़ाक के लिए हर्जाने के तौर पर ऐसा करने के लिए कहा गया।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची...
सुप्रीम कोर्ट का सवाल: बिहार SIR के बाद बड़े पैमाने पर नाम हटाए जाने की आशंकाओं के बावजूद कोई वोटर चुनौती देने आगे नहीं आया?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलेक्टोरल रोल स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की कानूनी मान्यता और प्रोसेस पर लंबी बहस सुनी।सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने देखा कि बिहार में बड़े पैमाने पर नाम हटाए जाने के बारे में पहले जताई गई बड़ी आशंकाओं के बावजूद, एक भी वोटर नाम हटाए जाने को चुनौती देने आगे नहीं आया। बेंच ने अनुमान लगाया कि इससे पता चलता है कि मौत, माइग्रेशन और डुप्लीकेशन के आधार पर बिहार रोल से नाम हटाए जाने का काम सही तरीके से किया गया...
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के एएन झा डियर पार्क से हिरणों को राजस्थान ले जाने पर रोक लगाई, DDA की लापरवाही की जांच के आदेश दिए
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (26 नवंबर) को दिल्ली के एएन झा डियर पार्क से चित्तीदार हिरणों को राजस्थान ले जाने पर रोक लगा दी। कोर्ट ने हिरणों को ले जाते समय दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी (DDA) की तरफ से 'लापरवाही का दुखद पैटर्न' पाया।कोर्ट ने कहा,“रिकॉर्ड से यह साफ़ है कि सेंट्रल ज़ू अथॉरिटी और IUCN गाइडलाइंस में शामिल ट्रांसलोकेशन प्रोटोकॉल और बेस्ट प्रैक्टिस का पालन डियर पार्क से रामगढ़ विषधारी टाइगर रिज़र्व और राजस्थान राज्य के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिज़र्व में हिरणों के ट्रांसलोकेशन के दौरान नहीं किया...
नए यूपी सोसाइटी बिल को विधानसभा से पास होने पर मंज़ूरी दी जाए और नोटिफ़ाई किया जाए: सुप्रीम कोर्ट
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह जल्द ही राज्य में सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1860 को रद्द करने और उसकी जगह नया बिल लाने के लिए कानून लाएगी। दलील सुनने के बाद कोर्ट ने निर्देश दिया कि जैसे ही प्रस्तावित बिल राज्य विधानसभा से पास हो, उसे जल्द-से-जल्द नोटिफ़ाई और मंज़ूरी दी जाए।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने मामले की सुनवाई की।यह मामला बुलंदशहर की सोसाइटी से जुड़ा है, जो बेसहारा महिलाओं के लिए काम करती थी, जहाँ एक्स-ऑफ़िशियो प्रेसिडेंट...
अवार्ड के निष्पादन पर बिना शर्त स्टे सिर्फ दुर्लभ और विशेष परिस्थितियों में संभव: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में 4 करोड़ रुपये के एक मध्यस्थ अवार्ड पर बिना शर्त रोक (unconditional stay) लगाने से इनकार करते हुए कहा कि जब तक यह न दिखाया जाए कि अवार्ड धोखाधड़ी या भ्रष्टाचार से प्रभावित है, तब तक सुरक्षा राशि जमा करने की शर्त उचित है। जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस के.वी. विस्वनाथन की खंडपीठ ने अपने ताज़ा निर्णय Lifestyle Equities C.V. बनाम Amazon Technologies Inc. का हवाला देते हुए दोहराया कि किसी अवार्ड पर बिना शर्त स्थगन केवल तभी दिया जा सकता है, जब डिक्री अत्यंत विकृत हो,...



















