राज�थान हाईकोट
राज्य सरकार ही तय कर सकती है कि किसी विशेष कर्मचारी की सेवाओं की आवश्यकता है या नहीं: राजस्थान हाईकोर्ट ने संविदा दंत चिकित्सा अधिकारियों की याचिका खारिज की
राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में राज्य सरकार द्वारा अनुबंध के आधार पर नियुक्त किए गए चिकित्सा अधिकारियों (दंत चिकित्सा) की ओर से दायर एक याचिका को खारिज कर दिया। राज्य सरकार ने उनकी सेवाएं समाप्त कर दी थीं। राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ ने फैसला सुनाया कि उनके यहां काम करने वाले किसी व्यक्ति को नौकरी पर रखने का फैसला करना सरकार का अधिकार क्षेत्र है। ऐसा करते हुए न्यायालय ने पाया कि अधिकारियों की नियुक्ति केवल तत्काल अस्थायी आधार पर की गई थी, जिसे राज्य द्वारा अपनी सेवाओं के अनुसार बढ़ाया गया...
NEET | कॉलेज आवंटन के लिए मेरिट ही एकमात्र मानदंड, तकनीकी औपचारिकताएं मेधावी उम्मीदवारों के मौलिक अधिकारों का हनन नहीं कर सकतीं: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) को निर्देश दिया कि वह NEET UG 2024 (NEET) में उनकी योग्यता के आधार पर कॉलेज आवंटन के लिए याचिकाकर्ताओं की उम्मीदवारी पर विचार करें, जिसे केंद्र ने इस आधार पर खारिज कर दिया कि याचिकाकर्ता निर्धारित प्रारूप में कुछ हलफनामे/प्रमाणपत्र समय पर जमा नहीं कर पाए।जस्टिस समीर जैन की पीठ ने कहा कि सबसे पहले आवंटन प्रक्रिया दिवाली, 2024 के कारण छुट्टियों की अवधि के बीच आयोजित की गई। उसमें भी उम्मीदवारों को दस्तावेज जमा करने के लिए प्रदान की गई...
राजस्थान हाईकोर्ट ने आपराधिक मामले में आरोपी महिला को पढ़ाई के लिए विदेश लौटने की अनुमति दी, साथ ही उसकी बेटी की विदेशी नागरिकता रद्द होने से भी रोका
राजस्थान हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी के एक मामले में आरोपी एक महिला की याचिका को स्वीकार कर लिया है, जिसमें उसने अपना पासपोर्ट वापस लेने और अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए कनाडा लौटने तथा 180 दिनों से अधिक समय तक दूसरे देश में रहने के कारण अपनी बेटी की कनाडाई नागरिकता रद्द होने से रोकने की अनुमति मांगी है। जस्टिस फरजंद अली की पीठ न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने याचिकाकर्ता के विदेश जाने और पासपोर्ट जारी करने की अनुमति मांगने वाले आवेदन को खारिज कर दिया था। ...
पहला बन्दूक का बड़ा आकार दूसरे हथियार के लिए लाइसेंस मांगने का आधार नहीं: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने व्यक्ति का आवेदन खारिज करने वाले सक्षम प्राधिकारी के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार किया। दूसरा बंदूक लाइसेंस इस आधार पर मांगा गया था कि उसके पास जो पहली लाइसेंसी बंदूक थी वह 12 बोर की बंदूक है जो उसके लिए ले जाने के लिए बहुत भारी थी।जस्टिस अनूप कुमार ढांड की पीठ ने कहा कि भारत में हथियार रखने का अधिकार संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) और यूनाइटेड किंगडम (UK) के इस अधिकार की तुलना में पूरी तरह से अलग है। यह माना गया कि किसी को भी हथियार रखने का मौलिक अधिकार नहीं है, खासकर तब जब...
भंगी', 'नीच', 'भिखारी', 'मंगनी' जातिसूचक शब्द नहीं: राजस्थान हाईकोर्ट ने SC/ST Act के तहत आरोप हटाये
राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ ने कुछ व्यक्तियों को संबोधित करते समय 'भंगी', 'नीच', 'भिखारी', 'मंगनी' जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने के आरोपी चार लोगों के खिलाफ SC/ST Act के तहत आरोप हटाये। कोर्ट ने कहा कि ये शब्द जातिसूचक नहीं हैं और न ही ऐसा कोई आरोप है कि चारों व्यक्ति बाद वाले की जाति जानते हैं।ऐसा करते हुए न्यायालय ने यह भी पाया कि जांच के बाद पुलिस ने आरोप को सत्य नहीं पाया। हालांकि न्यायालय ने कहा कि लोक सेवकों को उनके सार्वजनिक कर्तव्य के निर्वहन में बाधा डालने के आरोप में आपराधिक मुकदमा...
राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की बिगड़ती स्थिति पर स्वतः संज्ञान लिया, कहा- अस्पताल जीवन से नहीं खेल सकते
राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य में अस्पतालों की ओर से घोर लापरवाही सहित सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की बिगड़ती स्थिति पर स्वतः संज्ञान लिया। कोर्ट ने केंद्र तथा राज्य मंत्रालय से वर्तमान स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में सुधार के लिए उठाए जा रहे प्रभावी कदमों पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।जस्टिस अनूप कुमार ढांड की पीठ ने कहा कि भले ही भारत के संविधान द्वारा स्वास्थ्य के मौलिक अधिकार को आधिकारिक रूप से मान्यता नहीं दी गई लेकिन सम्मान का अधिकार जो अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार में शामिल है,...
राजस्थान हाईकोर्ट ने NDPS आरोपी के साथ यात्रा करने वाली महिला को जमानत दी
राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में NDPS Act के तहत आरोपित महिला को जमानत दी, जब वह उस कार में मुख्य आरोपी के साथ बैठी पाई गई, जिसमें से 77 किलोग्राम प्रतिबंधित पदार्थ बरामद किया गया।जस्टिस फरजंद अली की पीठ ने याचिकाकर्ता की इस दलील पर विचार किया कि उसके पास प्रतिबंधित पदार्थ का कोई विशेष और सचेत कब्जा नहीं था। वह केवल मुख्य आरोपी के साथ कार में थी, जबकि उसे कार में प्रतिबंधित पदार्थ की मौजूदगी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।न्यायालय ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि आरोप पत्र में कहीं भी यह नहीं...
धारा 148 के तहत अग्रिम जमा की शर्त NI Act का उपयोग अपराधी के अपील के अधिकार को खतरे में डालने के लिए नहीं किया जा सकता: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने दोहराया कि धारा 148 के तहत अग्रिम जमा की शर्त निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट (NI Act) की धारा 148 उस स्थिति में नहीं लगाई जानी चाहिए, जहां जुर्माने की 20% राशि जमा करने की शर्त धारा 138 के तहत दोषी व्यक्ति के अपील के अधिकार से वंचित करने के समान होगी।धारा 148 NI Act में प्रावधान है कि चेक अनादर के दोषी द्वारा की गई अपील में अपीलीय न्यायालय अपीलकर्ता को ट्रायल कोर्ट द्वारा दिए गए जुर्माने या मुआवजे की न्यूनतम 20% राशि जमा करने का आदेश दे सकता है।जस्टिस अरुण मोंगा की पीठ सत्र...
साक्ष्य रिकॉर्ड करने के लिए तय दिन से 60 दिनों के भीतर ट्रायल समाप्त नहीं हुआ: राजस्थान हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी के मामले में जमानत देने के लिए S.480 BNSS का हवाला दिया
राजस्थान हाईकोर्ट ने आरोपी की जमानत याचिका को मंजूरी दी, धारा 480(6) BNSS के आधार पर धारा 420 और 406 IPC के तहत आरोप तय किए गए, क्योंकि मामले में साक्ष्य लेने के लिए तय की गई तारीख से साठ दिनों के भीतर मुकदमा समाप्त नहीं हुआ था और आरोपी दो साल से अधिक समय से हिरासत में था।धारा 480(6) BNSS में प्रावधान है कि मजिस्ट्रेट द्वारा सुनवाई योग्य किसी मामले में यदि किसी गैर-जमानती अपराध के आरोपी का मुकदमा साक्ष्य लेने के लिए तय की गई पहली तारीख से साठ दिनों के भीतर समाप्त नहीं हुआ। आरोपी पूरी अवधि के...
राजस्थान पंचायती राज नियमों के तहत चुनाव न्यायाधिकरण का विवेकाधिकार साक्ष्य दर्ज करने के लिए आयुक्त नियुक्त करने में सक्षम: हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ ने फैसला सुनाया कि राजस्थान पंचायती राज (चुनाव) नियमों के नियम 85 ने चुनाव न्यायाधिकरण को गवाह की जांच के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने से नहीं रोका, क्योंकि नियम के परंतुक (b) में प्रदान किए गए विवेक ने प्रावधान को सक्षम बनाया है न कि निषेधात्मक है।ऐसा करते हुए अदालत ने चुनाव न्यायाधिकरण के उस आदेश के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें याचिकाकर्ता के चुनाव को चुनौती देने वाली 72 वर्षीय महिला को अदालत आयुक्त के माध्यम से अपना साक्ष्य दर्ज करने की अनुमति...
बिना उचित प्रक्रिया के बर्खास्तगी: राजस्थान हाईकोर्ट ने 1995-1999 के बीच अनधिकृत छुट्टी पर गए शिक्षक को सेवानिवृत्ति के बाद लाभ देने का निर्देश दिया
राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ ने 1995-1999 के बीच अनधिकृत छुट्टी पर गई एक सरकारी शिक्षिका ("याचिकाकर्ता") को राहत देते हुए निर्देश दिया कि जानबूझकर अनुपस्थिति के कारण उसकी बर्खास्तगी, जो कि विधि की उचित प्रक्रिया के बिना थी, को त्यागपत्र माना जाए और उसे 11 वर्ष की बेदाग सेवा के लिए सेवानिवृत्ति के बाद के लाभ दिए जाएं। जस्टिस फरजंद अली की पीठ अनुच्छेद 226 के तहत एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि उसने 1995 में 7 दिनों की छुट्टी के लिए आवेदन किया था। हालांकि,...
[Rajasthan Service Rules] B. Ed. Course में दाखिला लेने वाले कर्मचारी को असाधारण अवकाश न देने के ठोस कारण, फीस जमा की: हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने जिला और सेशन जज के कार्यालय में क्लर्क के रूप में सेवारत याचिकाकर्ता को राहत दी, जिसका बीएड करने के लिए दो साल की असाधारण छुट्टी के लिए आवेदन खारिज कर दिया गया था। राजस्थान सेवा नियमावली, 1951 के नियम 96 के परंतुक में ऐसे अस्थायी/स्थायी सरकारी कर्मचारी के लिए दो वर्ष के लिए उच्च अध्ययन हेतु असाधारण छुट्टी के प्रावधान का प्रावधान है जो नियमावली के नियम 110 के तहत अध्ययन अवकाश के हकदार नहीं हैं। जस्टिस अरुण मोंगा की पीठ ने पहले के एक मामले पर भरोसा करते हुए पुष्टि की कि भले...
किसी व्यक्ति की ओर इशारा करके बिना उद्देश्य के की गई फायरिंग हत्या का प्रयास नहीं: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि किसी व्यक्ति विशेष पर हमला करने के इरादे से दुकान पर बिना उद्देश्य के की गई फायरिंग तब हत्या का प्रयास नहीं मानी जाएगी, जब लक्षित व्यक्ति घटनास्थल पर मौजूद न हो गोलीबारी।जस्टिस बीरेंद्र कुमार की पीठ अपीलकर्ता के खिलाफ हत्या के प्रयास के आरोप तय करने के खिलाफ अपील पर सुनवाई कर रही थी।एफआईआर के अनुसार कुछ अज्ञात बदमाशों ने व्यवसायी (लक्ष्य) से फिरौती मांगी थी। इसके बाद एक खास दिन तीन अज्ञात बदमाश बाइक पर आए और लक्ष्य को मारने के इरादे से उसकी दुकान पर गोलीबारी...
राजस्थान हाईकोर्ट ने 12 वर्षों तक गिरफ्तारी से बचने वाले व्यक्ति के खिलाफ चेक बाउंस मामला खारिज करने से इनकार किया
राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर पीठ ने चेक बाउंस मामले में पक्षकारों के बीच समझौते के आधार पर दर्ज की गई व्यक्ति की याचिका खारिज की। कोर्ट ने कहा कि यह याचिका वास्तव में एक पूर्व पुनर्विचार याचिका की "पुनर्विचार" थी, जिसे न्यायालय ने पिछले वर्ष ही खारिज कर दिया था।ऐसा करते हुए हाईकोर्ट ने उस व्यक्ति की पुनर्विचार याचिका खारिज करने वाले समन्वय पीठ के निर्णय में हस्तक्षेप करने से इनकार किया, जिसे 2011 में निचली अदालत ने एक वर्ष की जेल की सजा सुनाई थी, लेकिन उसे इस वर्ष सितंबर में ही गिरफ्तार किया गया,...
चेक बाउंस के मामले अर्ध आपराधिक प्रकृति के, सुनवाई में आरोपियों की उपस्थिति पर जोर नहीं दिया जाएगा: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ ने हाल ही में फैसला सुनाया है कि विशेष रूप से चेक बाउंसिंग मामलों में अभियुक्तों की उपस्थिति पर आमतौर पर जोर नहीं दिया जाना चाहिए, जब तक कि ट्रायल कोर्ट को अभियुक्तों की जांच करने या उनका बयान दर्ज करने की आवश्यकता न हो।जस्टिस अरुण मोंगा की एकल न्यायाधीश पीठ निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत चेक अनादर के लिए आरोपी एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उन्होंने निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उनकी जमानत जब्त कर ली गई थी और तारीख पर...
राजस्थान हाईकोर्ट ने न्यायिक अधिकारी की पत्नी की शिकायत के बाद मंदिर के सुरक्षा गार्डों के खिलाफ FIR में गंभीर चोट पहुंचाने के आरोप को हटाया
एक न्यायिक अधिकारी की पत्नी द्वारा दायर शिकायत में कथित हमले के लिए आरोपी 1300 साल पुराने एकलिंगजी मंदिर में तैनात दो सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी रद्द करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ ने प्राथमिकी से दो लोगों के खिलाफ कथित रूप से गंभीर चोट पहुंचाने के अपराध को हटा दिया।ऐसा करते हुए, अदालत ने पाया कि एफआईआर गंभीर चोट (धारा 117 बीएनएस) के बारे में किसी भी आरोप से परे थी और मामले के तथ्यों में इसके तत्व गायब थे। अदालत ने हालांकि कहा कि शिकायतकर्ता द्वारा लगाए...
जयपुर में प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की शिकायतों के निवारण के लिए समिति के गठन को हाईकोर्ट ने दी अनुमति, कहा- डॉक्टर और वकील जैसे पेशेवर हड़ताल पर नहीं जा सकते
राजस्थान हाईकोर्ट ने सचिव, मेडिकल शिक्षा द्वारा राजस्थान राज्य की ओर से दिए गए सुझाव की पुष्टि की, जिसमें 19 अक्टूबर, 2024 से हड़ताल पर चल रहे लगभग 7000 रेजिडेंट डॉक्टरों (जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स- JARD) की शिकायतों के समाधान के लिए आंतरिक समिति गठित करने का सुझाव दिया गया, जिससे राज्य में मेडिकल सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।जस्टिस समीर जैन की पीठ वकील (याचिकाकर्ता) द्वारा दायर मौखिक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें चल रही हड़ताल के मद्देनजर राज्य की आम जनता के सामने आ रही निराशाजनक...
राजस्थान हाईकोर्ट ने नाबालिग बलात्कार पीड़िता की प्रेग्नेंसी टर्मिनेशन की याचिका खारिज की
राजस्थान हाईकोर्ट ने नाबालिग बलात्कार पीड़िता के पिता द्वारा अपनी बेटी के 26 सप्ताह की प्रेग्नेंसी टर्मिनेट करने की याचिका खारिज की, क्योंकि मेडिकल रूप से इसे लड़की और भ्रूण दोनों के लिए खतरनाक माना गया था।जस्टिस अवनीश झिंगन की पीठ ने फैसला सुनाया कि निर्णय लेते समय सामाजिक, आर्थिक और मनोवैज्ञानिक प्रभावों को ध्यान में रखा जाना चाहिए। हालांकि, सामाजिक दबाव पर आधारित मनोवैज्ञानिक पहलू अपने आप में दो जिंदगियों को खतरे में डालने के लिए पर्याप्त नहीं था।पिता द्वारा दायर की गई याचिका के अनुसरण में...
अनुच्छेद 21 के तहत सम्मान के अधिकार में जीवन में एक बार होने वाले पारिवारिक अनुष्ठान में शामिल होने की क्षमता शामिल: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार में सम्मान के साथ जीने का अधिकार भी शामिल है, जिसमें जीवन में एक बार होने वाले पारिवारिक अनुष्ठान जैसे बेटे की शादी में शामिल होने का पिता का अधिकार शामिल है।जस्टिस अरुण मोंगा की पीठ खेतेश्वर अर्बन क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी नामक सोसायटी के संबंध में वित्तीय हेराफेरी और अनियमितताओं के आरोपों के साथ कई एफआईआर पर पिछले 6 वर्षों से न्यायिक हिरासत में बंद आरोपी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही...
विदेश यात्रा का अधिकार एक बुनियादी मानव अधिकार, लंबित जांच के कारण यात्रा की अनुमति से इनकार करना अनुच्छेद 21 का उल्लंघन: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने पुष्टि की है कि विभागीय जांच का लंबित होना कर्मचारियों को विदेश यात्रा की अनुमति देने से इनकार करने का आधार नहीं हो सकता है। अनुमति की इस तरह की अस्वीकृति संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है, जिसे कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार छोड़कर छीना नहीं जा सकता है।जस्टिस अनूप कुमार ढांड की पीठ एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसने सरकारी विभाग में आवेदन देकर अपने बेटे से मिलने के लिए कुछ दिन के लिए सिंगापुर जाने की...