मद्रास हाईकोर्ट
ED/IT विभाग द्वारा खाते को फ्रीज करने के बावजूद चेक बाउंस की शिकायत सुनवाई योग्य, अगर शिकायतकर्ता 'धन की अपर्याप्तता' स्थापित करता है: मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि भले ही प्रवर्तन विभाग या आयकर विभाग द्वारा किसी खाते को अवरुद्ध या फ्रीज कर दिया गया हो, लेकिन परक्राम्य लिखत अधिनियम की धारा 138 के तहत एक शिकायत बनाए रखने योग्य होगी यदि शिकायतकर्ता यह साबित करने में सक्षम है कि फ्रीजिंग को रोकता है, खाते में ऋण का भुगतान करने के लिए पर्याप्त शेष राशि नहीं थी।जस्टिस जी जयचंद्रन ने कहा कि ऐसे मामलों में चेक लेने वाला यह बचाव कर सकता है कि खाता अवरुद्ध या फ्रीज किया गया है। अदालत ने लक्ष्मी डाइकेम बनाम भारत संघ मामले में...
मैटरनिटी बेनेफिट एक्ट के प्रावधान संविदात्मक शर्तों पर लागू होंगे, संविदा कर्मचारियों पर भी लागू होंगे: मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में दोहराया कि मैटरनिटी बेनेफिट एक्ट (Maternity Benefits Act) के प्रावधान नियोक्ता द्वारा किसी महिला को मेटरनिटी बेनेफिट से वंचित करने के लिए निर्धारित किसी भी संविदात्मक शर्तों पर लागू होंगे।चीफ जस्टिस केआर श्रीराम और जस्टिस सेंथिलकुमार राममूर्ति की पीठ ने कहा कि मेटरनिटी बेनेफिट एक्ट के लाभ संविदा कर्मचारियों पर भी लागू होंगे। नियोक्ता उन्हें ऐसे लाभों से वंचित करने के लिए रोजगार के अनुबंध पर भरोसा नहीं कर सकता।अदालत ने कहा,“धारा 27 के आधार पर 1961 एक्ट के प्रावधान...
मजिस्ट्रेट विरोध याचिका के आधार पर अपराध का संज्ञान ले सकता है, भले ही उसने पुलिस रिपोर्ट का संज्ञान लेने से इनकार किया हो: मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि मजिस्ट्रेट को अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने के बाद शिकायत या विरोध याचिका के आधार पर अपराध का संज्ञान लेने का अधिकार था, भले ही उन्होंने पहले पुलिस रिपोर्ट के आधार पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया हो।जस्टिस पी धनाबल ने कहा कि मजिस्ट्रेट आरोपी व्यक्तियों को बरी किए जाने पर भी संज्ञान ले सकते हैं। अदालत ने कहा कि इस न्यायिक विवेक का प्रयोग करते हुए, मजिस्ट्रेट से अपेक्षा की जाती है कि वह विरोध याचिका की सामग्री पर अपना दिमाग लगाएंगे "यहां तक कि ऐसे मामले में जहां...
राज्यपाल आजीवन कारावास की सज़ा काट रहे दोषी की समयपूर्व रिहाई पर कैबिनेट की सिफ़ारिश से बंधे हैं: मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में दोहराया कि दोषियों की समयपूर्व रिहाई के बारे में सिफ़ारिशों के संबंध में राज्य के राज्यपाल राज्य कैबिनेट के फ़ैसले से बंधे हैं।जस्टिस एस.एम. सुब्रमण्यम और जस्टिस वी. शिवगनम ने कहा कि अनुच्छेद 161 के तहत शक्ति का प्रयोग राज्य सरकार द्वारा किया जाना चाहिए न कि राज्यपाल द्वारा स्वयं। पीठ ने कहा कि राज्यपाल उपयुक्त सरकार की सलाह से बंधे हैं।अदालत ने कहा,“इस न्यायालय के निर्णयों की श्रृंखला द्वारा निर्धारित कानून अच्छी तरह से स्थापित है कि राज्य कैबिनेट की सलाह भारत के...
जज पर्दे के पीछे नहीं छिप सकते: मद्रास हाईकोर्ट ने DMK नेता के खिलाफ सवुक्कु शंकर की अवमानना याचिका खारिज की
मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को यूट्यूबर सवुक्कु शंकर द्वारा DMK संगठन सचिव आरएस भारती के खिलाफ दायर अवमानना याचिका खारिज की, जो कि जस्टिस एन आनंद वेंकटेश के खिलाफ टिप्पणी के लिए थी।जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम और जस्टिस वी शिवगनम की पीठ ने कहा कि जस्टिस वेंकटेश ने खुद कहा था कि वह अवमानना कार्यवाही शुरू नहीं करना चाहते हैं। न्यायालय ने यह भी कहा कि एडवोकेट जनरल ने भारती के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए सहमति देने से इनकार किया था।न्यायालय ने टिप्पणी की कि नागरिक सार्वजनिक पद पर बैठे...
उपमुख्यमंत्री के ऑफिस में टी-शर्ट पहनकर जाने पर आपत्ति, 'फॉर्मल ड्रेस' पहनने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका
मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर कर तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन को अपने आधिकारिक कार्यों का निर्वहन करते समय औपचारिक ड्रेस कोड का पालन करने का निर्देश देने की मांग की गई।एडवोकेट सत्य कुमार द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा जारी 1 जून, 2019 के जी.ओ. (सुश्री) नंबर 67/2019 के अनुसार, सभी सरकारी कर्मचारियों को साफ-सुथरी और औपचारिक पोशाक पहनना आवश्यक है, जो कार्यस्थल की सेटिंग के लिए उपयुक्त हो, जिससे कार्यालय की मर्यादा बनी रहे।जी.ओ. के अनुसार,...
अनुसूचित अपराध में दोषसिद्धि के खिलाफ आपराधिक अपील का लंबित रहना पीएमएलए मुकदमे की कार्यवाही पर रोक नहीं: मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि अनुसूचित अपराध में दोषसिद्धि के विरुद्ध आपराधिक अपील का लंबित रहना पीएमएलए मामले में सुनवाई के लिए बाधा नहीं है। न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि अनुसूचित मामला और पीएमएलए मामला अलग-अलग हैं और इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुनवाई को केवल अनुसूचित मामले में आपराधिक अपील के लंबित रहने के आधार पर स्थगित नहीं किया जा सकता।न्यायालय ने कहा, "किसी भी दृष्टिकोण से, आपराधिक अपील का लंबित रहना पीएमएलए मुकदमे के साथ आगे बढ़ने के लिए पूर्ण बाधा नहीं हो सकता है, जिसे...
व्यक्तिगत सुनवाई का अनुरोध करने के विकल्प का लाभ उठाने में विफल रहने वाले आयकर निर्धारिती यह दावा नहीं कर सकते कि व्यक्तिगत सुनवाई प्रदान नहीं की गई: मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि यदि कोई निर्धारिती विभाग से व्यक्तिगत सुनवाई का अनुरोध करने के अवसर का लाभ नहीं उठाता है, तो वे बाद में यह दावा नहीं कर सकते कि उन्हें व्यक्तिगत सुनवाई से वंचित कर दिया गया था।जस्टिस कृष्णन रामासामी की पीठ ने टिप्पणी की कि "...... हालांकि विभाग ने निर्धारिती को व्यक्तिगत सुनवाई के लिए अनुरोध करने की स्वतंत्रता दी है, लेकिन निर्धारिती इस तरह के विकल्प का लाभ उठाने में विफल रहा। इसलिए नैसर्गिक न्याय के उल्लंघन का सवाल ही नहीं उठता। आयकर अधिनियम, 1961 की धारा...
Samsung के कर्मचारियों की हड़ताल: हाईकोर्ट ने राज्य के सूचित करने के बाद कर्मचारियों की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका बंद की
मद्रास हाईकोर्ट ने चेन्नई में सैमसंग इंडिया (Samsung India) इकाई में आंदोलन कर रहे कर्मचारियों की अवैध गिरफ्तारी और हिरासत के खिलाफ दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को बंद कर दिया।जस्टिस पीबी बालाजी और जस्टिस जी अरुल मुरुगन की खंडपीठ ने अतिरिक्त लोक अभियोजक की दलीलों पर गौर करने के बाद याचिका को बंद कर दिया, जिन्होंने अदालत को सूचित किया कि गिरफ्तार किए गए लोगों को 8 अक्टूबर को ही छोड़ दिया गया, क्योंकि श्रीपेरंबदूर न्यायिक मजिस्ट्रेट ने रिमांड स्वीकार करने से इनकार कर दिया।सैमसंग इंडिया के...
Samsung India ट्रेड यूनियन के रजिस्ट्रेशन पर निर्णय लें: मद्रास हाईकोर्ट ने श्रम उपायुक्त से कहा
मद्रास हाईकोर्ट ने श्रम उपायुक्त (सुलह) को Samsung India में कर्मचारियों के ट्रेड यूनियन सैमसंग इंडिया थोझिलालार संगम के रजिस्ट्रेशन पर निर्णय लेने को कहा है।जस्टिस आरएन मंजुला ने कहा कि यह उपायुक्त पर निर्भर है कि वह ट्रेड यूनियन के रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ प्रबंधन की तर्कसंगतता और चिंता की सराहना करें। राज्य ने अदालत को सूचित किया था कि सैमसंग प्रबंधन ने यूनियन के रजिस्ट्रेशन पर आपत्ति जताते हुए कहा कि थोझिलालार संगम के रजिस्ट्रेशन के लिए उनके नाम का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। अदालत ने उपायुक्त...
विजयादशमी के अवसर पर प्रस्तावित RSS रूट मार्च को हाईकोर्ट से मिली मंजूरी
मद्रास हाईकोर्ट ने मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को विजयादशमी के अवसर पर अपने प्रस्तावित रूट मार्च का आयोजन करने की अनुमति दी।जस्टिस जी जयचंद्रन की एकल पीठ ने इस वर्ष जनवरी में हाईकोर्ट द्वारा रूट मार्च आयोजित करने के लिए जारी किए गए पूर्व दिशा-निर्देशों के अनुसार रूट मार्च करने की अनुमति दी। न्यायालय ने यह भी टिप्पणी की थी कि न्यायालय द्वारा पहले दिए गए विस्तृत दिशा-निर्देशों के बावजूद सरकार ने आदेशों का उल्लंघन किया, जिसके कारण आयोजकों को पुनः न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा।अदालत...
पीड़ित पिता की याचिका पर मद्रास हाईकोर्ट ने ईशा फाउंडेशन के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों का ब्यौरा मांगा
अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर कथित रूप से आपत्तिजनक सामग्री अपलोड करने के लिए धारा 153A आईपीसी के तहत दर्ज FIR रद्द करने की याचिका खारिज करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि व्यक्ति का यह बचाव कि पोस्ट उसके अकाउंट को हैक करके अपलोड की गई थी, इस स्तर पर विचार नहीं किया जा सकता।संदर्भ के लिए आईपीसी की धारा 153ए धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और सद्भाव बनाए रखने के लिए हानिकारक कार्य करने से संबंधित है।जस्टिस जी.एस. अहलूवालिया की एकल...
पत्नी द्वारा आत्महत्या की धमकी देना, दहेज उत्पीड़न का झूठा मामला दर्ज कराना मानसिक क्रूरता होगी: मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि पत्नी की ओर से आत्महत्या करने की धमकी देना क्रूरता के समान है। कोर्ट ने मामले में पति को तलाक की अनुमति देते हुए यह टिप्पणी की। जस्टिस एस श्रीमति ने कहा कि मामले में पति ने शादी के 8 महीने के भीतर अपनी मां को पत्र लिखकर अपनी पीड़ा बताई थी, जिसमें उसने कहा था कि पत्नी आत्महत्या करने की धमकी दे रही है। न्यायालय ने कहा कि मामले में मानसिक क्रूरता का तत्व मौजूद था।कोर्ट ने कहा, “उक्त पत्र 21.02.2005 को शादी की तारीख यानी 16.05.2004 से आठ महीने के भीतर लिखा गया...
'जानवरों के पास अधिकार नहीं, राज्य के तंत्र को सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करना चाहिए': हाईकोर्ट ने बिजली के झटके से गाय की मौत पर मुआवजा देने का आदेश दिया
मद्रास हाईकोर्ट ने ऐसे व्यक्ति को मुआवजा देने का आदेश दिया, जिसकी गाय बिजली के झटके से मर गई थी, क्योंकि वह पास के ट्रांसफॉर्मर से बिजली के रिसाव के कारण गड्ढे में गिर गई थी।जस्टिस जीआर स्वामीनाथन ने कहा कि हालांकि जानवरों के पास कोई अधिकार नहीं है, लेकिन राज्य का कर्तव्य है कि वह उनके लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करे। न्यायाधीश ने कहा कि अदालतों का कर्तव्य है कि वे पैरेंस पैट्रिया क्षेत्राधिकार का उपयोग करके जानवरों के अधिकारों का ख्याल रखें, क्योंकि वे खुद की देखभाल करने में असमर्थ हैं।अदालत...
मद्रास हाईकोर्ट ने OTT प्लेटफार्मों पर कंटेंट नियंत्रित करने की मांग करने वाली याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया
मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को उस याचिका पर नोटिस जारी किया है जिसमें सरकार को वर्तमान सेंसरशिप प्रणाली के अनुसार ओटीटी वेबसाइट पर प्रसारित फिल्मों, वेब सिरीज़, धारावाहिकों और अन्य कार्यक्रमों को विनियमित और प्रकाशित करने और ओटीटी प्लेटफार्मों को नियंत्रित करने के लिए तुरंत हस्तक्षेप करने और उचित कदम उठाने का निर्देश दिया गया है।जस्टिस आर सुब्रमण्यम और जस्टिस विक्टोरिया गौरी की खंडपीठ ने गृह मंत्रालय, सूचना प्रसारण मंत्रालय, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय,...
प्रतिवादी के अनुरोध के अभाव में ट्रायल कोर्ट 30 दिनों के बाद लिखित बयान दाखिल करने के लिए समय नहीं बढ़ा सकता: मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने कहा है कि निचली अदालतों को 30 दिन की समाप्ति के बाद लिखित बयान दाखिल करने के लिए समय नहीं बढ़ाना चाहिए। अदालत ने कहा कि अदालतें प्रतिवादी के अनुरोध पर ही समय बढ़ा सकती हैं जो लिखित में कारणों से दिया गया था। अदालत ने कहा कि देरी को माफ करना सीपीसी के आदेश 8 नियम 1 के विपरीत होगा"ट्रायल कोर्ट तीस दिनों की समाप्ति के बाद लिखित बयान दाखिल रने के लिए समय को अपने दम पर नहीं बढ़ाएंगे। यह केवल प्रतिवादी के अनुरोध पर किया जा सकता है। अनुरोध मौखिक रूप से नहीं किया जा सकता है। यह लिखित...
NCERT मॉड्यूल 2 साल से लंबित स्कूल पाठ्यक्रम में ट्रांसजेंडर मुद्दों को हल करने के लिए, अधिक संवेदनशीलता दिखाएं: मद्रास हाईकोर्ट ने DCW मंत्रालय से कहा
मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से एनसीईआरटी द्वारा प्रस्तुत मसौदा मॉड्यूल पर कार्रवाई करने को कहा, जो ट्रांसजेंडर मुद्दों का स्कूल स्तर पर अध्ययन करने में सक्षम बनाता है। अदालत ने कहा कि मसौदा मॉड्यूल मंत्रालय को भेजा गया था, लेकिन लगभग दो साल से लंबित था।जस्टिस एन आनंद वेंकटेश ने टिप्पणी की कि मसौदा मॉड्यूल तैयार करने के लिए बहुत प्रयास किए गए थे जो स्कूली प्रक्रियाओं में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की चिंताओं को एकीकृत करने के लिए प्रदान करता है। अदालत ने कहा कि उसका...
फर्जी NCC कैंप में नाबालिग लड़कियों का यौन उत्पीड़न | मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को पीड़ितों को अनुग्रह राशि देने का निर्देश दिया
मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को कृष्णागिरी जिले में आयोजित फर्जी NCC कैंप में यौन उत्पीड़न की शिकार हुई पीड़ित स्कूली लड़कियों को अनुग्रह राशि देने का निर्देश दिया।एक्टिंग चीफ जस्टिस डी कृष्णकुमार और जस्टिस पीबी बालाजी की पीठ एडवोकेट एपी सूर्यप्रकाशम द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई थी।पीठ ने राज्य सरकार को महिला न्यायालय के खाते में अनुग्रह राशि देने का निर्देश दिया, जिसने सरकार की पीड़ित मुआवजा योजना से अंतरिम मुआवजा पहले ही मंजूर कर...
मनी लॉन्ड्रिंग में अपराध की आय से संबंधित हर गतिविधि शामिल, जो अर्थव्यवस्था में धन को एकीकृत करने के अंतिम कार्य तक सीमित नहीं: मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की धारा 3 की व्यापक पहुंच है और मनी लॉन्ड्रिंग में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अपराध की आय से निपटने की कोई भी गतिविधि या प्रक्रिया शामिल होगी। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि अपराध अर्थव्यवस्था में दागी धन को एकीकृत करने के अंतिम कार्य तक सीमित नहीं था।जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम और जस्टिस वी शिवागनानम ने कहा कि धारा 3 के शब्दों को केवल इसलिए नहीं पढ़ा जाना चाहिए क्योंकि परिभाषा में 'और' शब्द का उपयोग किया गया है। अदालत ने कहा कि यदि...
[MSMED Act] वैधानिक प्राधिकरण केवल तभी विवाद पर विचार कर सकता है, जब आपूर्तिकर्ता प्रासंगिक अवधि के दौरान अधिनियम के तहत पंजीकृत हो: मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया है कि सूक्ष्म, लघु, मध्यम, उद्यम विकास अधिनियम, 2006 के तहत वैधानिक प्राधिकरण के पास विवादों की सुनवाई करने का अधिकार क्षेत्र होगा, जब आपूर्तिकर्ता को प्रासंगिक समय पर अधिनियम के तहत पंजीकृत किया गया हो।जस्टिस के कुमारेश बाबू ने इस प्रकार स्विस गार्नियर्स जेनेक्सिया साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा अधिनियम की धारा 19 के तहत 75% पूर्व-जमा राशि का भुगतान करने की आवश्यकता को माफ करने के लिए दायर एक आवेदन को स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने कहा "याचिकाकर्ता...