मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने जमानत शर्त में कार्यकर्ताओं से संविधान की प्रस्तावना 10 बार लिखने को कहा
मद्रास हाईकोर्ट ने जमानत शर्त में कार्यकर्ताओं से संविधान की प्रस्तावना 10 बार लिखने को कहा

मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में हिंदू मुन्नानी कार्यकर्ताओं को कथित हेट स्पीच मामले में अग्रिम जमानत दे दी है।दिलचस्प बात यह है कि जमानत इस शर्त पर दी गई है कि आरोपी संविधान की प्रस्तावना को अनुच्छेद 19 (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता), भाग IV-A, अनुच्छेद 51A के साथ तमिल या हिंदी में 10 बार लिखें और इसे मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष प्रस्तुत करें। जस्टिस एम. ज्योतिरमण ने यह शर्त लगाई कि आरोपी संविधान के उद्देश्य और संवैधानिक महत्व को समझाए। कोर्ट ने कहा "भारत के संविधान के तहत उल्लिखित उद्देश्यों और...

हिंदू विवाह धार्मिक उद्देश्य नहीं: मद्रास हाईकोर्ट ने विवाह हॉल निर्माण हेतु मंदिर निधि के उपयोग की अनुमति देने वाला सरकारी आदेश रद्द किया
हिंदू विवाह 'धार्मिक उद्देश्य' नहीं: मद्रास हाईकोर्ट ने विवाह हॉल निर्माण हेतु मंदिर निधि के उपयोग की अनुमति देने वाला सरकारी आदेश रद्द किया

मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में सरकारी आदेश रद्द किया, जिसके तहत राज्य ने विभिन्न स्थानों पर स्थित पाँच मंदिरों के मंदिर निधि का उपयोग करके विवाह हॉल निर्माण की अनुमति दी थी।जस्टिस एस.एम. सुब्रमण्यम और जस्टिस जी. अरुल मुरुगन की खंडपीठ ने कहा कि राज्य का निर्णय हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती अधिनियम, 1959 और नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन है और "धार्मिक उद्देश्य" की परिभाषा के अंतर्गत नहीं आता है।न्यायालय ने कहा,"उपर्युक्त अनुच्छेदों में की गई चर्चाओं के मद्देनजर, इस न्यायालय को इस निष्कर्ष...

भगवान प्रतिद्वंद्विता का साधन नहीं, आस्था जिम्मेदारी से निभाएं: गणेश प्रतिमा स्थापना याचिकाओं पर मद्रास हाईकोर्ट
भगवान प्रतिद्वंद्विता का साधन नहीं, आस्था जिम्मेदारी से निभाएं: गणेश प्रतिमा स्थापना याचिकाओं पर मद्रास हाईकोर्ट

विनायक चतुर्थी के अवसर पर भगवान गणेश की प्रतिमाएं स्थापित करने की अनुमति से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणियां कीं। अदालत ने कहा कि कई याचिकाएं वास्तविक धार्मिक भावना से अधिक अहंकार, सामाजिक वर्चस्व और व्यक्तिगत प्रतिद्वंद्विता के प्रदर्शन के उद्देश्य से दायर की जा रही हैं।जस्टिस बी. पुगालेंधि ने कहा कि ईश्वर का इस्तेमाल व्यक्तिगत झगड़े सुलझाने या प्रभाव जमाने के लिए नहीं किया जा सकता। जज ने टिप्पणी करते हुए कहा,“ईश्वर एकता, शांति और आध्यात्मिक उत्थान का...

क्लबों में शराब बिक्री परेशानी का कारण, सरकार प्रभावशाली/राजनीतिज्ञ मालिकों के दबाव में अनुमति दे रही: मद्रास हाईकोर्ट
क्लबों में शराब बिक्री 'परेशानी का कारण', सरकार प्रभावशाली/राजनीतिज्ञ मालिकों के दबाव में अनुमति दे रही: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि कई मनोरंजन क्लब केवल शराब बेचने में लगे हुए हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किए हैं कि लाइसेंस सत्यापन के बाद ही जारी किए जाएं और उचित कार्रवाई की जाए।जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम और जस्टिस जी अरुल मुरुगन की खंडपीठ ने कहा कि ये क्लब उनके आसपास रहने वाले लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं। खंडपीठ ने यह भी कहा कि सरकार क्लबों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है क्योंकि कई मामलों में क्लब प्रभावशाली व्यक्तियों के मालिक हैं। "ये मनोरंजन क्लब आस-पास के...

पत्नी के पास अपनी संपत्ति और अच्छी आय होने पर पति से गुज़ारा भत्ता नहीं मिलेगा: मद्रास हाईकोर्ट
पत्नी के पास अपनी संपत्ति और अच्छी आय होने पर पति से गुज़ारा भत्ता नहीं मिलेगा: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में एक पारिवारिक अदालत के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें एक पति को तलाक की याचिका लंबित होने तक अपनी पत्नी को अंतरिम रखरखाव के रूप में प्रति माह 30,000 रुपये का भुगतान करने के लिए कहा गया था।जस्टिस पीबी बालाजी ने कहा कि हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 24 के तहत अंतरिम गुजारा भत्ता देने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि पत्नी के पास पर्याप्त आय हो जिससे वह अपना भरण-पोषण कर सके और यह निर्वाह न केवल जीवित रहना है, बल्कि उसे आरामदायक जीवन शैली जीने की अनुमति भी देता है जो...

उसी हिरासत आदेश के खिलाफ दूसरी हैबियस कॉर्पस याचिका तभी मान्य जब नए आधार मौजूद हों: मद्रास हाईकोर्ट
उसी हिरासत आदेश के खिलाफ दूसरी हैबियस कॉर्पस याचिका तभी मान्य जब नए आधार मौजूद हों: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने माना है कि उसी बंदी प्रत्यक्षीकरण आदेश के खिलाफ एक दूसरी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका सुनवाई योग्य है यदि नए आधार, जो पहले बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में नहीं उठाए गए थे, उपलब्ध हैं।अदालत ने कहा, ''स्पष्ट शब्दों में दूसरी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका तभी सुनवाई योग्य है जब दूसरी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में लिए गए आधार बंदी को पहली बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करते समय उपलब्ध नहीं हों और किसी अन्य परिस्थिति में दूसरी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। जस्टिस एसएम...

PMLA मामले में अंतरिम रोक के बावजूद जांच जारी रखने पर मद्रास हाईकोर्ट ने ED के असिस्टेंट डायरेक्टर को तलब किया
PMLA मामले में अंतरिम रोक के बावजूद जांच जारी रखने पर मद्रास हाईकोर्ट ने ED के असिस्टेंट डायरेक्टर को तलब किया

मद्रास हाईकोर्ट ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के असिस्टेंट डायरेक्टर विकास कुमार को अवमानना याचिका पर नोटिस जारी किया। यह याचिका फ़िल्म निर्माता आकाश भास्करन ने दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि हाईकोर्ट की रोक आदेश के बावजूद ED ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच जारी रखी।जस्टिस एम.एस. रमेश और जस्टिस वी. लक्ष्मीनारायणन की खंडपीठ ने नोटिस जारी करते हुए असिस्टेंट डायरेक्टर को 17 सितंबर को अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया।खंडपीठ ने नाराज़गी व्यक्त करते हुए कहा कि...

मद्रास हाईकोर्ट ने ट्रांसजेंडर और इंटरसेक्स समुदाय को क्षैतिज आरक्षण प्रदान करने पर राज्य सरकार से निर्णय मांगा
मद्रास हाईकोर्ट ने ट्रांसजेंडर और इंटरसेक्स समुदाय को क्षैतिज आरक्षण प्रदान करने पर राज्य सरकार से निर्णय मांगा

मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को ट्रांसजेंडर और इंटरसेक्स व्यक्तियों को क्षैतिज आरक्षण प्रदान करने पर निर्णय लेने का निर्देश दिया।जस्टिस एन आनंद वेंकटेश ने कहा कि इस संबंध में निर्णय लिया जाना आवश्यक है ताकि ट्रांसजेंडर और इंटरसेक्स व्यक्तियों को हर बार अदालत का दरवाजा खटखटाकर सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की मांग न करनी पड़े।अदालत ने कहा,"यह स्पष्ट नहीं है कि क्या सरकार ट्रांसजेंडर और इंटरसेक्स व्यक्तियों को क्षैतिज आरक्षण प्रदान करना चाहती है, जिसकी मांग समुदाय द्वारा हमेशा...

जाति भेदभाव के आरोप पर वकील के खिलाफ कार्रवाई को लेकर रिटायर्ड जजों की टिप्पणियों पर मद्रास हाईकोर्ट की टिप्पणी
जाति भेदभाव के आरोप पर वकील के खिलाफ कार्रवाई को लेकर रिटायर्ड जजों की टिप्पणियों पर मद्रास हाईकोर्ट की टिप्पणी

मद्रास हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि यह 'दुर्भाग्यपूर्ण' है कि कुछ न्यायाधीश अदालत द्वारा की गई कार्रवाई के खिलाफ टिप्पणी कर रहे हैं और पीठ के एक न्यायाधीश पर जातिगत भेदभाव का आरोप लगाने के लिए स्पष्टीकरण मांगने वाले एक वकील को तलब कर रहे हैं।जस्टिस जीआर स्वामीनाथन और जस्टिस के राजशेखरन की खंडपीठ उस मामले की सुनवाई कर रही थी जिसमें अदालत ने एडवोकेट वंचिनाथन को यह बताने के लिए तलब किया था कि क्या वह अपने बयान पर कायम हैं कि खंडपीठ के न्यायाधीशों में से एक (जस्टिस स्वामीनाथन) जाति और सांप्रदायिक...

क्या देश पुलिस राज की ओर बढ़ रहा है? मद्रास हाईकोर्ट ने विधायक और एडीजीपी से जुड़े अपहरण मामले में धीमी गति से चल रही जांच की आलोचना की
क्या देश 'पुलिस राज' की ओर बढ़ रहा है? मद्रास हाईकोर्ट ने विधायक और एडीजीपी से जुड़े अपहरण मामले में धीमी गति से चल रही जांच की आलोचना की

मद्रास हाईकोर्ट ने कथित तौर पर विधायक 'पूवई' जगनमूर्ति और एडीजीपी एचएम जयराम से जुड़े एक अपहरण मामले में चल रही धीमी गति की जांच की आलोचना की है। न्यायमूर्ति जी जयचंद्रन ने टिप्पणी की कि यह कोई सामान्य मामला नहीं है जिसे पक्षों के बीच समझौते के आधार पर बंद किया जा सके, बल्कि यह अपराध करने के लिए सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का एक उत्कृष्ट मामला है।अदालत ने कहा कि यह घटना और उसके बाद की घटनाएं आम लोगों के जीवन और स्वतंत्रता के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा करेंगी और लोगों के मन में यह उचित आशंका पैदा...

मद्रास हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: अब आयुर्वेदिक दवाओं के आयात पर भी जरूरी होगा लाइसेंस, नियमों में बदलाव की सिफारिश
मद्रास हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: अब आयुर्वेदिक दवाओं के आयात पर भी जरूरी होगा लाइसेंस, नियमों में बदलाव की सिफारिश

मद्रास हाईकोर्ट ने आयुर्वेदिक दवाओं के आयात को लेकर अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आयात से जुड़े मौजूदा कानून सिर्फ एलोपैथिक दवाओं तक सीमित नहीं हैं बल्कि आयुर्वेदिक दवाएं भी इन्हीं नियमों के दायरे में आती हैं। हाईकोर्ट ने मौजूदा नियमों में स्पष्टता की कमी को गंभीर बताया और आयुर्वेदिक दवाओं के लिए अलग फॉर्म व मानक निर्धारित करने की सिफारिश की है।जस्टिस सेंथिलकुमार राममूर्ति की एकल पीठ ने कहा,“ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट और उसके तहत बने नियम सभी प्रकार की दवाओं पर लागू होते हैं, जिनमें...

POCSO Act | आरोपी की DNA रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद अभियोजन पक्ष ने नहीं की आगे जांच की मांग, हाईकोर्ट ने हैरान होकर फिर से जांच के दिए आदेश
POCSO Act | आरोपी की DNA रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद अभियोजन पक्ष ने नहीं की आगे जांच की मांग, हाईकोर्ट ने 'हैरान' होकर फिर से जांच के दिए आदेश

मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में POCSO मामले में फिर से जांच के आदेश दिए। इस मामले में हाईकोर्ट ने पाया कि आरोपी के DNA टेस्ट के निगेटिव आने के बाद भी पुलिस आगे की जांच करने में विफल रही। न्यायालय ने कहा कि मामले में वास्तविक अपराधी का पता लगाने के लिए आगे की जांच बहुत जरूरी है।न्यायालय ने कहा,“यह चौंकाने वाला है कि निगेटिव DNA रिपोर्ट के बावजूद अभियोजन पक्ष ने आगे की जांच के लिए न्यायालय से अनुमति नहीं मांगी या गर्भावस्था के लिए जिम्मेदार व्यक्ति की पहचान करने का प्रयास नहीं किया। दो संभावनाएं...

अनिवार्य सेवा की अवधि में लिया गया डॉक्टर का मातृत्व अवकाश बांड पीरियड में गिना जाना चाहिए: मद्रास हाईकोर्ट
अनिवार्य सेवा की अवधि में लिया गया डॉक्टर का मातृत्व अवकाश बांड पीरियड में गिना जाना चाहिए: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा कि सरकारी अस्पताल में अनिवार्य सेवा प्रदान करने के दरमियान डॉक्टर द्वारा लिए गए मातृत्व अवकाश को उनके बांड पीरियड में गिना जाना चाहिए। जस्टिस जीआर स्वामीनाथन और जस्टिस के राजशेखर की पीठ ने कहा कि मातृत्व अवकाश मातृत्व लाभ का अभिन्न अंग है और अनुच्छेद 21 का हिस्सा है। इस प्रकार न्यायालय ने माना कि डॉक्टर, हालांकि एक नियमित कर्मचारी के रूप में सरकार की सेवा में नहीं था, फिर भी वह किसी भी सरकारी कर्मचारी के समान उपचार का हकदार होगा।अदालत ने कहा,"मातृत्व अवकाश...

खराब CIBIL रेटिंग वाले बैंक कर्मचारी बर्खास्त किए जा सकते हैं: मद्रास हाईकोर्ट ने SBI का निर्णय बरकरार रखा
खराब CIBIL रेटिंग वाले बैंक कर्मचारी बर्खास्त किए जा सकते हैं: मद्रास हाईकोर्ट ने SBI का निर्णय बरकरार रखा

मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा पारित उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिसमें CIBIL रिपोर्ट में प्रतिकूल क्रेडिट इतिहास के आधार पर एक व्यक्ति की नियुक्ति रद्द कर दी गई।जस्टिस एन माला ने कहा कि बैंकिंग व्यवसाय में वित्तीय अनुशासन की आवश्यकता होती है, क्योंकि कर्मचारी सार्वजनिक धन से संबंधित होते हैं। न्यायालय ने कहा कि खराब वित्तीय अनुशासन वाले व्यक्ति पर सार्वजनिक धन से संबंधित कार्य करने का भरोसा नहीं किया जा सकता, इसलिए बैंक का यह मानना ​​सही था कि...

संपत्ति ट्रांसफर करने वाला वरिष्ठ नागरिक ही उस ट्रांसफर को रद्द करने की अर्जी दे सकता है: मद्रास हाईकोर्ट
संपत्ति ट्रांसफर करने वाला वरिष्ठ नागरिक ही उस ट्रांसफर को रद्द करने की अर्जी दे सकता है: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा था कि केवल एक व्यक्ति जिसने रखरखाव के लिए एक विशिष्ट शर्त के साथ संपत्ति हस्तांतरित की है, वह माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के रखरखाव और कल्याण अधिनियम, 2007 की धारा 23 (1) के तहत निपटान को रद्द करने के लिए आवेदन दायर करने में सक्षम होगा।जस्टिस आनंद वेंकटेश ने इस प्रकार उप-कलेक्टर के आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें मां द्वारा दायर एक आवेदन पर एक पिता द्वारा निष्पादित निपटान विलेख को रद्द कर दिया गया था। अदालत ने कहा कि मां संपत्ति के निपटान को रद्द करने के लिए आवेदन...

सहायक आयुक्त मदुरै में वाहनों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगा सकते: मुरुगन सम्‍मेलन के लिए अनिवार्य पास पर मद्रास हाईकोर्ट ने कहा
सहायक आयुक्त मदुरै में वाहनों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगा सकते: मुरुगन सम्‍मेलन के लिए अनिवार्य पास पर मद्रास हाईकोर्ट ने कहा

मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में मुरुगन कॉन्फ्रेंस ऑफ मदुरै के आयोजन में लगाई गई शर्त को संशोधित किया है, जिसके तहत सम्मेलन में आने वाले सभी वाहनों को मदुरै में प्रवेश के लिए पास प्राप्त करना अनिवार्य कर दिया गया है। जस्टिस जीआर स्वामीनाथन और जस्टिस के राजशेखर की पीठ ने कहा कि सहायक आयुक्त ऐसा कठोर निषेधाज्ञा पारित नहीं कर सकते थे, क्योंकि अधिकारी का पूरे शहर पर नियंत्रण नहीं था। न्यायालय ने यह भी कहा कि नागरिकों के मौलिक अधिकार में हस्तक्षेप करने का कोई ठोस कारण नहीं था।न्यायालय ने कहा,“एक बार जब...

पासपोर्ट के लिए आवेदन करने के लिए पत्नी को पति की अनुमति की आवश्यकता नहीं: मद्रास हाईकोर्ट
पासपोर्ट के लिए आवेदन करने के लिए पत्नी को पति की अनुमति की आवश्यकता नहीं: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि पासपोर्ट के लिए आवेदन करते समय पत्नी के लिए अपने पति की अनुमति और उसके हस्ताक्षर लेना जरूरी नहीं है। अदालत ने कहा कि इस तरह की प्रथा एक ऐसे समाज के लिए अच्छी नहीं है जो महिलाओं की मुक्ति की ओर बढ़ रहा है और एक प्रकार का पुरुष वर्चस्ववाद है।अदालत ने कहा कि पति से पासपोर्ट के लिए आवेदन करने की अनुमति मांगने पर जोर देना उस समाज के लिए अच्छा नहीं है जो महिला मुक्ति की ओर बढ़ रहा है। यह प्रथा पुरुष वर्चस्ववाद से कम नहीं है। प्राधिकरण के जोर देने पर आश्चर्य जताते हुए जस्टिस...

बिना अधिकार क्षेत्र के तलाशी का मामला: मद्रास हाईकोर्ट ने फिल्म निर्माता के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगाई, ED से जब्त सामग्री लौटाने को कहा
बिना अधिकार क्षेत्र के तलाशी का मामला: मद्रास हाईकोर्ट ने फिल्म निर्माता के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगाई, ED से जब्त सामग्री लौटाने को कहा

मद्रास हाईकोर्ट ने फिल्म निर्माता आकाश भास्करन और व्यवसायी विक्रम रविंद्रन के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा शुरू की गई सभी कार्यवाही पर रोक लगा दी। न्यायालय ने ED को याचिकाकर्ताओं से जब्त सभी सामग्री लौटाने का भी निर्देश दिया।जस्टिस एमएस रमेश और जस्टिस वी लक्ष्मीनारायण की खंडपीठ ने कहा कि जिस प्राधिकरण के आधार पर ED ने याचिकाकर्ताओं के कार्यालयों और आवासों पर तलाशी ली थी वह प्रथम दृष्टया अधिकार क्षेत्र के बिना था, क्योंकि उनके खिलाफ कोई भी आपत्तिजनक सामग्री नहीं थी।न्यायालय ने यह भी कहा कि...