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दिल्ली हाईकोर्ट ने गुजारा भत्ता निर्धारित करने के लिए प्रमुख सिद्धांत निर्धारित किए, फैमिली कोर्ट से तर्कसंगत आदेश देने का आह्वान किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुजारा भत्ता निर्धारित करने के लिए प्रमुख सिद्धांत निर्धारित किए, फैमिली कोर्ट से तर्कसंगत आदेश देने का आह्वान किया

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को पत्नी और बच्चे के लिए गुजारा भत्ता निर्धारित करते समय अपनाए जाने वाले प्रमुख सिद्धांतों को निर्धारित किया। साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में पारिवारिक और महिला न्यायालयों से तर्कसंगत आदेश देने का भी आह्वान किया।जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने इस बात पर ज़ोर दिया कि वैवाहिक मामलों में अंतरिम गुजारा भत्ता देने के आदेश आय और परिस्थितियों के स्पष्ट और तर्कसंगत आकलन पर आधारित होने चाहिए, न कि अनुमान या अनुमान पर।जज ने कहा कि अंतरिम स्तर पर भी गुजारा भत्ता आदेश में तर्क प्रक्रिया...

नीलामी क्रेता को जैसी है जहां है बिक्री में बकाया राशि का सत्यापन करना होगा, अघोषित देनदारियों के लिए बैंक उत्तरदायी नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
नीलामी क्रेता को "जैसी है जहां है" बिक्री में बकाया राशि का सत्यापन करना होगा, अघोषित देनदारियों के लिए बैंक उत्तरदायी नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में व्यवस्था दी कि नीलामी क्रेता का यह कर्तव्य है कि वह नीलाम की जा रही संपत्ति पर बकाया राशि और देनदारियों की "जैसी है जहां है", "जैसी है जो है" और "जो कुछ भी है" के आधार पर जांच करे।जस्टिस अजीत कुमार और जस्टिस स्वरूपमा चतुर्वेदी की खंडपीठ ने कहा:"जब कोई व्यक्ति किसी नीलामी में भाग लेता है और उसे पता होता है कि संपत्ति "जैसी है जहां है", "जैसी है जो है और "जो कुछ भी है" की शर्तों के साथ ई-नीलामी की जा रही है तो संभावित बोलीदाता, जो मामले के तथ्यों के अनुसार क्रेता...

लोकल कमिश्नर को बंदूक दिखाकर धमकाने के आरोप में एक व्यक्ति को एक महीने की जेल की सजा
लोकल कमिश्नर को बंदूक दिखाकर धमकाने के आरोप में एक व्यक्ति को एक महीने की जेल की सजा

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को एक व्यक्ति को अदालत में नियुक्त स्थानीय आयुक्त को आयोग के क्रियान्वयन के दौरान पिस्तौल दिखाकर धमकाने के आरोप में एक महीने के साधारण कारावास और 2,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।जस्टिस प्रतिभा एम सिंह और जस्टिस रजनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने नितिन बंसल नामक व्यक्ति को आपराधिक अवमानना ​​का दोषी ठहराया और उसके खिलाफ स्वतः संज्ञान से शुरू की गई कार्यवाही का निपटारा कर दिया।अदालत ने कहा,"तदनुसार, न्यायालय अवमानना ​​अधिनियम, 1971 की धारा 12 के अनुसार, अवमाननाकर्ता को...

अनुकंपा नियुक्ति से इनकार होने पर आवेदन की तिथि से ही आर्थिक मुआवज़ा दिया जाना चाहिए: झारखंड हाईकोर्ट
अनुकंपा नियुक्ति से इनकार होने पर आवेदन की तिथि से ही आर्थिक मुआवज़ा दिया जाना चाहिए: झारखंड हाईकोर्ट

झारखंड हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने कहा कि यदि अनुकंपा नियुक्ति से इनकार किया जाता है तो नियोक्ता को अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन की तिथि से ही आर्थिक मुआवज़ा देना होगा।पृष्ठभूमि तथ्यकर्मचारी सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) ढोरी (के) कोलियरी में पीस रेटेड कर्मचारी था। सेवाकाल के दौरान दिसंबर 1996 में उसकी मृत्यु हो गई। उसकी विधवा ने 1998 में अनुकंपा नियुक्ति का अनुरोध किया। 2002 में इस आधार पर अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया कि CCL के नियमों के अनुसार...

हाईकोर्ट के हस्तक्षेप से इनकार के बाद अनिल अंबानी ने IDBI Bank की धोखाधड़ी कार्यवाही के खिलाफ याचिका वापस ली
हाईकोर्ट के हस्तक्षेप से इनकार के बाद अनिल अंबानी ने IDBI Bank की धोखाधड़ी कार्यवाही के खिलाफ याचिका वापस ली

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को उद्योगपति अनिल अंबानी को अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दी, जिसमें उन्होंने अपने ऋण खाते को "धोखाधड़ी" घोषित करने के लिए जारी किए गए कारण बताओ नोटिस (SCN) के संबंध में व्यक्तिगत सुनवाई शुरू न करने का निर्देश देने की मांग की थी।अवकाशकालीन अदालत की अध्यक्षता कर रहे सिंगल जज जस्टिस संदेश पाटिल ने अंबानी के वकील की दलीलें सुनने के बाद याचिका स्वीकार करने में अपनी अनिच्छा व्यक्त की। इसलिए वकील ने अनुमति मांगी और उन्हें याचिका वापस लेने और "विरोध के तहत" व्यक्तिगत सुनवाई...

अविवाहित बेटी की ओर से नानी-नानी द्वारा किया गया दत्तक-पत्र उसकी सहमति से ही मान्य होगा: मद्रास हाईकोर्ट
अविवाहित बेटी की ओर से नानी-नानी द्वारा किया गया दत्तक-पत्र उसकी सहमति से ही मान्य होगा: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि अविवाहित महिला के बच्चे को गोद लेने के मामले में नाना-नानी द्वारा किया गया दत्तक-पत्र तभी मान्य होगा, जब यह दर्शाया गया हो कि माँ ने इस दत्तक-पत्र के लिए सहमति दी थी।अदालत ने कहा,"सिर्फ़ यह तथ्य कि बच्चे के नाना-नानी ने दत्तक-पत्र पर हस्ताक्षर किए, दत्तक-पत्र को अमान्य नहीं कर सकता, बशर्ते कि दत्तक-पत्र बच्चे की माँ, जो कोई और नहीं बल्कि बच्चे के नाना-नानी की बेटी है, की सहमति से किया गया हो।"जस्टिस ढांडापानी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि दत्तक-पत्र की अवधारणा...

मोटर दुर्घटना दावों में आय की हानि की गणना करते समय फैमिली पेंशन नहीं काटी जा सकती: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
मोटर दुर्घटना दावों में आय की हानि की गणना करते समय फैमिली पेंशन नहीं काटी जा सकती: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट

जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने कहा कि मोटर दुर्घटना मुआवज़ा मामले में आय की हानि की गणना करते समय मृतक के आश्रितों को मिलने वाली पेंशन राशि में कटौती करना स्वीकार्य नहीं होगा।जस्टिस संजय धर ने रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी द्वारा दायर अपील खारिज करते हुए कहा,"आय की हानि की गणना के लिए पेंशन राशि में कटौती किए बिना मासिक वेतन को स्वीकार किया जाना चाहिए।"मामले की पृष्ठभूमियह मामला सड़क दुर्घटना से उत्पन्न हुआ, जिसमें जम्मू के 54 वर्षीय पूर्व सैनिक विजय कुमार की मृत्यु हो गई। उनकी विधवा संतोष...

पासपोर्ट अपडेट: तलाकशुदा मां को मिली बड़ी राहत, पिता की NOC के बिना बच्चों का पासपोर्ट नवीनीकरण होगा: गुजरात हाईकोर्ट
पासपोर्ट अपडेट: तलाकशुदा मां को मिली बड़ी राहत, पिता की NOC के बिना बच्चों का पासपोर्ट नवीनीकरण होगा: गुजरात हाईकोर्ट

गुजरात हाईकोर्ट ने तलाकशुदा महिला की याचिका को स्वीकार करते हुए उसे बड़ी राहत दी। कोर्ट ने पिता का अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) न होने के कारण पासपोर्ट प्राधिकरण द्वारा नाबालिग बच्चों के पासपोर्ट नवीनीकरण के इनकार को खारिज कर दिया।जस्टिस एलएस पीरजादा ने अपने फैसले में यह महत्वपूर्ण तथ्य नोट किया कि माता-पिता के बीच पहले ही तलाक की डिक्री प्राप्त हो चुकी है और एक समझौता ज्ञापन (MoU) निष्पादित हुआ है, जिसके तहत बच्चों की कस्टडी मां के पास है।कोर्ट ने पासपोर्ट नियम 1980 के प्रावधानों का हवाला देते हुए...

बार काउंसिल चुनाव: 1.25 लाख रजिस्ट्रेशन फीस के खिलाफ याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट का नोटिस
बार काउंसिल चुनाव: 1.25 लाख रजिस्ट्रेशन फीस के खिलाफ याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट का नोटिस

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) के उस हालिया फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें राज्य बार काउंसिल चुनाव लड़ने के लिए रजिस्ट्रेशन फीस को बढ़ाकर 1,25,000 कर दिया गया।चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडला की खंडपीठ ने इस संबंध में केंद्र सरकार बार काउंसिल ऑफ इंडिया और बार काउंसिल ऑफ दिल्ली से जवाब मांगा।मामले की अगली सुनवाई 10 दिसंबर को सूचीबद्ध की गई।यह याचिका वकील प्रमोद कुमार सिंह ने दायर की। याचिका में दावा किया गया कि 25 सितंबर को...

दिल्ली हाईकोर्ट ने फिल्म द ताज स्टोरी को CBFC प्रमाणपत्र देने के खिलाफ दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने फिल्म 'द ताज स्टोरी' को CBFC प्रमाणपत्र देने के खिलाफ दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार किया

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को फिल्म “द ताज स्टोरी” को दिए गए सर्टिफिकेट के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। यह फिल्म 31 अक्टूबर को रिलीज़ होने वाली है।वकील शकील अब्बास द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है और यह साम्प्रदायिक प्रचार फैलाती है। उन्होंने बताया कि फिल्म का ट्रेलर 16 अक्टूबर को जारी हुआ था और उन्हें इसकी जानकारी 22 अक्टूबर को मिली। चीफ़ जस्टिस देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला...

आपराधिक मुकदमों में आरोप तय करने में देरी पर सुप्रीम कोर्ट की चिंता, देशभर में दिशा-निर्देश जारी करने पर विचार
आपराधिक मुकदमों में आरोप तय करने में देरी पर सुप्रीम कोर्ट की चिंता, देशभर में दिशा-निर्देश जारी करने पर विचार

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आपराधिक मुकदमों में आरोप तय करने में हो रही अत्यधिक देरी पर गहरी चिंता व्यक्त की है। यह देरी भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 251(b) के तहत दिए गए स्पष्ट प्रावधान के बावजूद हो रही है, जिसके अनुसार जिन मामलों की सुनवाई केवल सत्र न्यायालय द्वारा की जानी है, उनमें पहली सुनवाई से 60 दिनों के भीतर आरोप तय किए जाने चाहिए।न्यायालय ने यह टिप्पणी करते हुए कहा कि आरोप तय करने में देरी आपराधिक कार्यवाहियों के ठहराव का प्रमुख कारण है। इसलिए, यह “संपूर्ण देश में एक समान...

फ्लाईओवर पर जातिसूचक गाली देना सार्वजनिक दृष्टि के दायरे में आता, भले गवाह न हों: दिल्ली हाईकोर्ट
फ्लाईओवर पर जातिसूचक गाली देना 'सार्वजनिक दृष्टि' के दायरे में आता, भले गवाह न हों: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी की है कि किसी महिला पर हमला करना और फ्लाईओवर पर उसके खिलाफ जातिगत टिप्पणी करना “सार्वजनिक दृष्टि” (public view) के अंतर्गत आता है, जिससे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत अपराध बनता है।जस्टिस रविंदर दुडेजा ने यह टिप्पणी एक व्यक्ति की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए की और कहा कि इस मामले में prima facie (प्रथम दृष्टया) अपराध के सभी आवश्यक तत्व पूरे होते हैं। अदालत ने कहा,“कथित घटना सड़क पर, एक फ्लाईओवर पर हुई थी, जिसे कोई भी...