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इंटरव्यू समिति की गलत नियुक्ति से पूरी भर्ती रद्द: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर किसी भर्ती की पूरी चयन प्रक्रिया दोषपूर्ण (tainted) पाई जाती है, तो कुछ उम्मीदवारों को चुनकर बाकी को बाहर करने की “पिक एंड चूज़” नीति नहीं अपनाई जा सकती। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि इंटरव्यू समिति द्वारा अपने अधिकारों को अधीनस्थ अधिकारियों को सौंपना कानूनन अस्वीकार्य है और इससे पूरी चयन प्रक्रिया अवैध हो जाती है।जस्टिस अनिल एस. किलोर और जस्टिस रजनीश आर. व्यास की खंडपीठ ने यह फैसला दो याचिकाओं पर सुनाते हुए दिया, जिन्हें भंडारा जिले में पुलिस पटिल पद पर चयनित...
अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान जैसे मदरसे भी राज्य के शैक्षणिक नियमों से मुक्त नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 30(1) के तहत अल्पसंख्यकों को प्रदत्त अधिकार—अपने शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने और उनका संचालन करने का—राज्य सरकार द्वारा बनाए गए तार्किक नियमों और शैक्षणिक मानकों के ढांचे के भीतर ही प्रयोग किया जाना चाहिए, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता और उत्कृष्टता बनी रहे।जस्टिस मंजू रानी चौहान की पीठ ने गोरखपुर स्थित मदरसा अरबिया शम्सुल उलूम सिकरीगंज (एहाता नवाब) के नाज़िम/प्रबंधक द्वारा बिना किसी सरकारी दिशा-निर्देश के जारी की गई सहायक अध्यापक और...
दिल्ली हाईकोर्ट ने परेश रावल की 'द ताज स्टोरी' पर रोक लगाने से किया इनकार, पूछा- क्या हम सुपर सेंसर बोर्ड हैं?
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार (30 अक्टूबर) को 31 अक्टूबर को रिलीज़ होने वाली फिल्म "द ताज स्टोरी" को दिए गए प्रमाणन को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं पर विचार करने से इनकार किया।याचिकाकर्ताओं द्वारा याचिकाएं वापस लेने की मांग के बाद कोर्ट ने उन्हें सिनेमैटोग्राफ एक्ट की धारा 6 के तहत केंद्र सरकार के पुनर्विचार अधिकार क्षेत्र का उपयोग करते हुए उनसे संपर्क करने की स्वतंत्रता प्रदान की।ये याचिकाएं चेतना गौतम और शकील अब्बास ने दायर की थीं। दोनों व्यक्ति पेशे से वकील हैं। उनका कहना है कि फिल्म में तथ्यों...
संसद में बिना पर्याप्त चर्चा बने कानून को क्या चुनौती दी जा सकती है? मद्रास हाईकोर्ट का सवाल
मद्रास हाईकोर्ट ने गुरुवार को यह सवाल उठाया कि क्या संसद में किसी कानून के पारित होने के समय पर्याप्त विचार-विमर्श या चर्चा न होने के आधार पर किसी केंद्रीय कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी जा सकती है?चीफ़ जस्टिस मनींद्र मोहन श्रीवास्तव और जस्टिस जी. अरुलमुरुगन की खंडपीठ भारत न्याय संहिता, भारत नागरिक सुरक्षा संहिता और भारत साक्ष्य अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा — “आप यह कहकर किसी कानून को कैसे चुनौती दे सकते हैं कि...
हाईकोर्ट ने की रामपुर CRPF कैंप आतंकी हमले में चार दोषियों की फांसी की सजा रद्द, 'त्रुटिपूर्ण जांच' के लिए पुलिस को ठहराया जिम्मेदार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार (29 अक्टूबर) को 2007 के रामपुर सीआरपीएफ कैंप आतंकी हमले के मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा चार आरोपियों – मोहम्मद शरीफ, इमरान शहजाद, मोहम्मद फारूक और सबाउद्दीन – को सुनाई गई मृत्युदंड की सजा रद्द कर दी। साथ ही, आरोपी जंग बहादुर खान उर्फ बाबा की आजीवन कारावास की सजा भी खत्म कर दी गई।कोर्ट ने पाया कि जांच में गंभीर खामियां थीं — न तो पहचान परेड कराई गई, न ही बरामद हथियारों, गोलियों और फिंगरप्रिंट्स को सुरक्षित रखा गया। कोर्ट ने कहा कि “यदि जांच प्रशिक्षित पुलिस द्वारा की...
उमर खालिद और अन्य की जमानत का कोई आधार नहीं, खेल रहे हैं विक्टिम कार्ड: सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली पुलिस की दलील
दिल्ली पुलिस ने दिल्ली दंगों की व्यापक साज़िश के मामले में उमर खालिद, शरजील इमाम, मीरान हैदर, गुलफ़िशा फ़ातिमा और शिफ़ा उर रहमान को ज़मानत दिए जाने का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफ़नामा दायर किया। पुलिस ने कहा कि याचिकाकर्ता लंबी कैद के आधार पर "पीड़ित कार्ड" खेलने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि वे ख़ुद ही मुकदमे में देरी के लिए ज़िम्मेदार हैं।हलफ़नामे में पुलिस ने तर्क दिया कि देरी के आधार पर ज़मानत का कोई आधार नहीं बनता। साथ ही कहा कि याचिकाकर्ता ख़ुद "दुर्भावनापूर्ण और शरारती" कारणों से...
गजराज फैसले के दायरे से बाहर भूमिधारक 10% आबादी भूमि के हकदार नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह फैसला दिया है कि जिन भूमिधारकों ने Gajraj and Others vs. State of UP and Others (2011) में दाखिल याचिकाओं में पक्षकार के रूप में भाग नहीं लिया था, उन्हें 10% आबादी (अबादी) भूमि के आवंटन का लाभ नहीं मिल सकता, जैसा कि उस फैसले में निर्देशित किया गया था।मामले की पृष्ठभूमि: गजराज मामले में भूमि अधिग्रहण अधिनियम की धारा 4 के तहत 31 अगस्त 2007 को जारी अधिसूचना को चुनौती दी गई थी। पूर्ण पीठ (Full Bench) ने माना था कि सरकार ने “तात्कालिकता प्रावधान” (Urgency Clause) का गलत...
सुप्रीम कोर्ट ने 85 वर्षीय महिला के साथ बलात्कार, हत्या और डकैती के आरोपी को किया बरी, दिया यह तर्क
सुप्रीम कोर्ट ने 85 वर्षीय महिला के साथ बलात्कार, लूट और हत्या के आरोपी व्यक्ति की दोषसिद्धि यह कहते हुए रद्द की कि अभियोजन पक्ष का मामला, जो केवल परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर आधारित है, उचित संदेह से परे दोष सिद्ध करने में विफल रहा। कोर्ट ने कहा कि एक महत्वपूर्ण गवाह, जिसे आखिरी बार आरोपी के साथ देखा गया, उससे पूछताछ न किए जाने से जांच में महत्वपूर्ण अंतराल रह गए और झूठे आरोप लगाने की प्रबल संभावना पैदा हो गई।अपीलकर्ता मोहम्मद समीर खान को सेकेंड एडिशनल सेशन जज (बम विस्फोट मामलों के लिए स्पेशल...
KSAT ने RSS के कार्यक्रम में कथित भागीदारी के लिए सरकारी कर्मचारी के निलंबन पर रोक लगाई
कर्नाटक राज्य प्रशासनिक न्यायाधिकरण (KSAT), कलबुर्गी पीठ ने विधायक के निजी सहायक के रूप में कार्यरत प्रवीण कुमार केपी के निलंबन आदेश पर रोक लगाई। उन पर कथित तौर पर RSS के कार्यक्रम में संगठन की वर्दी पहनकर भाग लेने का आरोप है।न्यायिक सदस्य एस वाई वटवती की अध्यक्षता वाली पीठ ने अंतरिम आदेश पारित किया और राज्य को अपनी आपत्तियां दर्ज करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को निर्धारित की गई।आवेदक ने कर्नाटक पंचायत आयुक्तालय के आयुक्त द्वारा जारी दिनांक 17/10/2025 के विवादित सरकारी आदेश...
आपूर्तिकर्ता को ₹48.5 लाख भुगतान के आदेश के खिलाफ पतंजलि आयुर्वेद की अपील खारिज
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को ट्रायल कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की अपील खारिज की, जिसमें कंपनी को आरयू ओवरसीज की मालिक उजाला गोयल को आपूर्ति किए गए सामान के लिए लगभग 48.5 लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था।जस्टिस वी. कामेश्वर राव और जस्टिस विनोद कुमार की खंडपीठ ने अपील खारिज करते हुए राशि पर देय ब्याज को 15% से घटाकर 9% कर दिया।अदालत ने कहा,"अपील खारिज की जाती है, हालाँकि ब्याज दर घटाकर 9% कर दी गई।"यह विवाद तब शुरू हुआ, जब गोयल ने 2021 में एक मामला दायर किया,...
अवैध निर्माण के खिलाफ मामले में गैर-हाजिर रहने पर सुप्रीम कोर्ट ने जबलपुर नगर आयुक्त को तलब किया
कथित अवैध निर्माण के नियमितीकरण से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर चिंता जताई कि दस्ती सहित नोटिस दिए जाने के बावजूद, पक्षकारों ने उपस्थित न होने का फैसला क्यों किया। इसने जबलपुर नगर निगम आयुक्त को अगली सुनवाई में उपस्थित होकर यह स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया कि नोटिस दिए जाने के बावजूद कोई अधिकारी क्यों नियुक्त नहीं किया गया।न्यायालय ने याचिकाकर्ता के वकील से दस्ती सहित नोटिस जारी होने के बावजूद दो अन्य प्रतिवादियों को नोटिस न देने पर भी सवाल किया। न्यायालय ने मौखिक...
Motor Accident | रूट परमिट का उल्लंघन होने पर भी बीमाकर्ता को मुआवज़ा देना होगा: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बीमा कंपनियां दुर्घटना पीड़ितों को सिर्फ़ इसलिए मुआवज़ा देने से इनकार नहीं कर सकतीं, क्योंकि संबंधित वाहन अपने स्वीकृत रूट से भटक गया था। मोटर वाहन बीमा के सामाजिक उद्देश्य पर ज़ोर देते हुए, कोर्ट ने कहा कि इस तरह के तकनीकी आधार पर मुआवज़ा देने से इनकार करना "न्याय की भावना के विरुद्ध" होगा।जस्टिस संजय करोल और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की खंडपीठ ने वाहन मालिक के. नागेंद्र और बीमाकर्ता, द न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा दायर अपीलों को खारिज करते हुए ये...
प्राइवेट पार्ट्स धुंधले, अश्लीलता नहीं: नग्न महिला की तस्वीर प्रकाशित करने पर दैनिक भास्कर के खिलाफ याचिका खारिज
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने दैनिक भास्कर समाचार पत्र के प्रधान संपादक के खिलाफ एक नग्न महिला की तस्वीर वाला विज्ञापन चलाने के आरोप में दायर याचिका खारिज की।जस्टिस अचल कुमार पालीवाल ने कहा कि विज्ञापन में दिखाई गई महिला के शरीर पर कोई कपड़ा नहीं है, लेकिन स्तन और जननांगों को पर्याप्त रूप से धुंधला कर दिया गया और उन हिस्सों पर कुछ शब्द भी लिखे गए।पीठ ने कहा,"किसी भी कोण से देखने पर यह नहीं कहा जा सकता कि उपरोक्त तस्वीर भ्रष्ट मानसिकता का संकेत देती है और उन लोगों में यौन इच्छा जगाने के लिए बनाई गई, जो...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारत सरकार टकसाल से ₹260 चुराते पकड़े गए कर्मचारी के खिलाफ एक साथ सुनवाई और विभागीय जांच की अनुमति दी
यह देखते हुए कि दोषी कर्मचारी को बिना किसी परिणाम के सेवा में बने रहने देने से जवाबदेही की कमी की संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारत सरकार टकसाल से चोरी करते पकड़े गए कर्मचारी के खिलाफ एक साथ आपराधिक सुनवाई और विभागीय जांच की अनुमति दी।जस्टिस अजय भनोट ने कहा,“याचिकाकर्ता पर भारत सरकार टकसाल से सरकारी धन की चोरी के कदाचार का आरोप है। गंभीर कदाचार के आरोपी याचिकाकर्ता को विभागीय प्रक्रियाओं में तेजी लाने के बजाय सामान्य कामकाज की तरह काम करते रहने की अनुमति देना भारत सरकार टकसाल...
नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण पर आधारित रिपोर्ट मामले में अरुण पुरी और प्रभु चावला को राहत
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में इंडिया टुडे के पूर्व संपादक प्रभु चावला और पत्रिका समूह के प्रधान संपादक अरुण पुरी के खिलाफ बाल तस्करी और वेश्यावृत्ति पर 2003 की खोजी रिपोर्ट से संबंधित आपराधिक कार्यवाही रद्द की।जस्टिस बृज राज सिंह की पीठ ने कहा कि 'लड़कियों की मंडी' शीर्षक वाला लेख भारतीय दंड संहिता की धारा 153 या 153ए के तहत कोई अपराध नहीं बनता, क्योंकि आवेदकों का दोनों समुदायों के बीच किसी भी प्रकार की नफरत को बढ़ावा देने का कोई इरादा नहीं था।संक्षेप में मामला2004 में लखनऊ के विशेष न्यायिक...
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को विलंबित वेतन पर ब्याज देने पर विचार करें: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से कहा
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को विलंबित वेतन भुगतान पर ब्याज देने पर विचार करने का निर्देश दिया।चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने लगभग 50,000 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को छह महीने से कथित रूप से मानदेय का भुगतान न किए जाने पर स्वतः संज्ञान लिया था।हालांकि, मुख्य सचिव ने दलील दी कि उक्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के छह महीने के बकाया मानदेय का भुगतान कर दिया गया।उत्तर से पता चलता है कि तकनीकी समस्या के कारण देरी हुई। एसएनए बैंक खाते की मैपिंग...
सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के खिलाफ हिट-एंड-रन मामले को पंजाब से दिल्ली ट्रांसफर किया
पीड़ित परिवार द्वारा पक्षपात की आशंका जताए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने कार्यरत न्यायिक मजिस्ट्रेट से जुड़े हिट-एंड-रन मामले की सुनवाई पंजाब से दिल्ली ट्रांसफर की। न्यायिक अधिकारी पंजाब में कार्यरत हैं।जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता (पीड़ित की पत्नी) के वकील राजा चौधरी की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश पारित किया।सुनवाई के दौरान, न्यायिक अधिकारी के वकील ने अदालत को बताया कि उन्हें मुकदमे के ट्रांसफर पर कोई आपत्ति नहीं है। हालांकि, उन्होंने अनुरोध किया कि मुकदमे को...
'बैड्स ऑफ बॉलीवुड' के खिलाफ समीर वानखेड़े के मानहानि मुकदमे पर अगले महीने होगी सुनवाई
दिल्ली हाईकोर्ट अगले महीने आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े द्वारा प्रोडक्शन कंपनी रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट, ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स और अन्य के खिलाफ आर्यन खान द्वारा निर्देशित सीरीज़ "बैड्स ऑफ बॉलीवुड" में उनके कथित अपमानजनक चित्रण को लेकर दायर मानहानि के मुकदमे पर सुनवाई करेगा।जस्टिस पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने सभी पक्षकारों से लिखित दलीलें दाखिल करने को कहा और मामले की अगली सुनवाई 10 नवंबर को निर्धारित की।सीनियर एडवोकेट जे साई दीपक वानखेड़े की ओर से पेश हुए। सीनियर एडवोकेट राजीव नायर नेटफ्लिक्स की...
बाद के बयानों में मामूली विसंगतियां, यदि विश्वसनीय और सुसंगत पाई जाती हैं तो पहले मृत्यु पूर्व कथन को कमज़ोर नहीं करतीं: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (29 अक्टूबर) को मृतका द्वारा दिए गए पहले मृत्यु पूर्व कथन के आधार पर महिला की हत्या के आरोप में दोषसिद्धि बरकरार रखी। कोर्ट ने कहा कि कई मृत्यु पूर्व कथनों के बावजूद, यदि वह विश्वसनीय, सुसंगत और पुष्टिकारी साक्ष्यों द्वारा समर्थित है तो पहले कथन को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस विपुल एम. पंचोली की खंडपीठ ने गुजरात हाईकोर्ट का फैसला बरकरार रखा, जिसमें अपीलकर्ता-आरोपी को बरी करने के फैसले को पलट दिया गया। खंडपीठ ने कहा कि पीड़िता द्वारा उपस्थित...
जिला जजों की नियुक्तियां | पदोन्नत जजों के लिए कोटा पर विचार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हाईकोर्ट का विवेकाधिकार नहीं छीना जाएगा
जिला न्यायाधीश के पदों पर कार्यरत न्यायिक अधिकारियों की पदोन्नति के लिए कोटा होना चाहिए या नहीं, इस मुद्दे पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह नियुक्तियां करने में हाईकोर्ट की विवेकाधिकार शक्तियों को छीनने का कोई निर्देश जारी नहीं करेगा।अदालत ने यह भी कहा कि वह यह सुनिश्चित करना चाहता है कि सभी श्रेणियों, पदोन्नत न्यायाधीशों और सीधी भर्ती वाले न्यायाधीशों, की आकांक्षाओं की समान रूप से रक्षा हो।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस...




















