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'राष्ट्र-विरोधी' समारोह: अवध बार एसोसिएशन की 125वीं वर्षगांठ के आयोजन के लिए धन आवंटन का विरोध
इलाहाबाद हाईकोर्ट (लखनऊ पीठ) में जनहित याचिका दायर की गई, जिसमें 2 नवंबर, 2025 को होने वाले अवध बार एसोसिएशन (OBA) के 125वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में प्रस्तावित कार्यक्रम के लिए अधिकारियों को कोई भी धनराशि आवंटित करने या हाईकोर्ट का सम्मेलन कक्ष आवंटित करने से रोकने का निर्देश देने की मांग की गई।यह याचिका लखनऊ निवासी 63 वर्षीय वकील अशोक पांडे ने दायर की, जिसमें उन्होंने अधिकारियों (हाईकोर्ट प्रशासन सहित) को OBA के आयोजन को कोई भी वित्तीय या बुनियादी ढांचागत सहायता प्रदान न करने का आदेश देने हेतु...
ड्यूटी पर तैनात लोक सेवक को चोट पहुंचाना गंभीरता से लिया जाना चाहिए, 6 महीने की सज़ा ज़्यादा नहीं: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि सरकारी ड्यूटी के दौरान किसी लोक सेवक को लगी चोट को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और ऐसे मामलों में छह महीने की सज़ा ज़्यादा नहीं है।जस्टिस राकेश कैंथला ने टिप्पणी की:"छह महीने की सज़ा ज़्यादा नहीं कही जा सकती, क्योंकि एक लोक सेवक अपने आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए घायल हुआ और ऐसे कृत्यों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।"कोर्ट ने कहा:"अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते समय लोक सेवक को दी जाने वाली धमकी को रोकने के लिए एक निवारक सज़ा दी जानी चाहिए।"2012 में...
RTE Act के तहत विद्यालय प्रबंधन समिति वैधानिक निकाय, वित्तीय अनियमितताओं की वसूली किसी शिक्षक से नहीं की जा सकती: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि बच्चों के निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 (RTE Act) की धारा 21 के तहत विद्यालय प्रबंधन समिति वैधानिक निकाय है और वित्तीय अनियमितताओं की वसूली किसी एक शिक्षक पर नहीं थोपी जा सकती।कोर्ट ने आगे टिप्पणी की कि प्रबंधन समिति ही सामूहिक रूप से सरकारी अनुदानों की निगरानी करती है, इसलिए अन्य सदस्यों को शामिल किए बिना केवल सदस्य पर वसूली का दायित्व डालना, प्राकृतिक न्याय और निष्पक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन है।जस्टिस रंजन शर्मा ने टिप्पणी की:"शिक्षा का...
POCSO Act में अपराध करने के लिए उकसाने पर सजा
इस एक्ट की धारा 16 के प्रावधान Abetment को क्राइम बनाते हैं लेकिन धारा 16 के सज़ा का उल्लेख नहीं है। Abetment की सज़ा का उल्लेख धारा 17 में मिलता है। जिसके अनुसार-जो कोई इस अधिनियम के अधीन किसी अपराध का दुष्प्रेरण करता है, यदि दुष्प्रेरित कार्य दुष्प्रेरण के परिणामस्वरूप किया जाता है, तो वह उस दंड से दंडित किया जाएगा जो उस अपराध के लिए उपबंधित है। स्पष्टीकरण–कोई कार्य या अपराध दुष्प्रेरण के परिणामस्वरूप तब किया गया कहा जाता है जब वह उस उकसाहट के परिणामस्वरूप या उस षड्यंत्र के अनुसरण में या उस...
POCSO Act की धारा 16 के प्रावधान
इस एक्ट की धारा 16 अधिनियम में दिए गए किसी भी क्राइम के दुष्प्रेरण से संबंधित है। इस धारा में दुष्प्रेरण को अपराध बनाया गया है जिसके अनुसार-कोई व्यक्ति किसी अपराध के किए जाने का दुष्प्रेरण करता है, जो पहला उस अपराध को करने के लिए किसी व्यक्ति को उकसाता है; अथवादूसरा उस अपराध को करने के लिए किसी षड़यंत्र में एक या अधिक अन्य व्यक्ति या व्यक्तियों के साथ सम्मिलित होता है, यदि उस षड़यंत्र के अनुसरण में, और उस अपराध को करने के उद्देश्य से, कोई कार्य या अवैध लोप घटित जाए; अथवातीसरा उस अपराध के लिए...
BREAKING | जस्टिस सूर्यकांत भारत के 53वें चीफ जस्टिस नियुक्त
राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सीनियर जज जस्टिस सूर्यकांत को 24 नवंबर से चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) नियुक्त किया। वर्तमान चीफ जस्टिस बी.आर. गवई 23 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं।केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इसकी पुष्टि करते हुए लिखा,"भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सूर्यकांत को 24 नवंबर, 2025 से चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया नियुक्त करते हैं।"कानून मंत्री ने जस्टिस कांत को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं।इस...
RSS पथसंचलन विवाद: कर्नाटक हाईकोर्ट ने कलबुर्गी संयोजक व जिला अधिकारियों की दूसरी बैठक 5 नवंबर को बुलाने का आदेश दिया
कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार (30 अक्टूबर) को आरएसएस कलबुर्गी के संयोजक अशोक पाटिल को 5 नवंबर को एडवोकेट जनरल (AG) के कार्यालय में जिला अधिकारियों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया है, जो चित्तापुर कस्बे में प्रस्तावित पथसंचलन से संबंधित होगी।अदालत ने याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट अरुणा श्याम और राज्य की ओर से एडवोकेट जनरल शशिकिरण शेट्टी को भी बैठक में शामिल होकर प्रक्रिया तय करने को कहा। यह दूसरी बैठक है, क्योंकि पहले 24 अक्टूबर को अदालत ने 28 अक्टूबर को शांति समिति की बैठक कराने का आदेश...
भोपाल के पास 488 पेड़ों की बिना अनुमति कटाई पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बुधवार (29 अक्टूबर) को टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक समाचार रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान (suo motu cognizance) लिया, जिसमें यह बताया गया था कि लोक निर्माण विभाग (PWD) ने भोपाल के पास 488 पेड़ बिना आवश्यक अनुमति लिए काट दिए थे।अदालत ने इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार की आगे की पेड़ों की कटाई या छंटाई पर रोक लगाई है, जब तक कि राज्य द्वारा नियुक्त समिति और वृक्ष अधिकारी की अनुमति न मिल जाए। न्यायालय ने समाचार रिपोर्ट पर गंभीर चिंता व्यक्त की, जिसमें बताया गया था कि PWD ने...
बीमित व्यक्ति ने आग नहीं लगाई तो आग लगने का कारण अप्रासंगिक: सुप्रीम कोर्ट ने अग्नि बीमा के सिद्धांतों की व्याख्या की
यह दोहराते हुए कि आग लगने का सटीक कारण तब तक अप्रासंगिक है, जब तक कि बीमित व्यक्ति आग लगाने वाला न हो, सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (30 अक्टूबर) को नेशनल इंश्योरेंस कंपनी द्वारा दायर अपील खारिज की और कई स्रोतों से लगी आग से हुए नुकसान के लिए बीमित व्यक्ति के दावे को बरकरार रखा।अदालत ने कहा,"एक बार यह स्थापित हो जाने पर कि नुकसान आग के कारण हुआ और धोखाधड़ी का कोई आरोप/निर्णय नहीं है या बीमित व्यक्ति आग लगाने वाला है, आग लगने का कारण अप्रासंगिक है। यह मानना और अनुमान लगाना होगा कि आग आकस्मिक थी और...
सुप्रीम कोर्ट ने बीमा कंपनियों और IRDAI से 'समान' मोटर वाहन पॉलिसियां बनाने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) और 22 बीमा कंपनियों से मोटर दुर्घटना के मामलों में लोगों की बेहतर सुरक्षा के लिए एक समान बीमा पॉलिसी की संभावना तलाशने को कहा।जस्टिस संजय करोल और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की खंडपीठ तेलंगाना हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की याचिका पर विचार कर रही थी, जिसमें कंपनी को प्रतिवादी-दावेदारों को ब्याज सहित लगभग 10 लाख रुपये का मुआवज़ा देने का निर्देश दिया गया।ऐसा प्रतीत होता है कि न्यायालय की चिंता इस तथ्य...
रेड चिलीज़ ने किया समीर वानखेडे की याचिका का विरोध, हाईकोर्ट में कहा- 'बैड्स ऑफ बॉलीवुड' व्यंग्य है, मानहानि नहीं'
रेड चिलीज़ एंटरटेन्ड ने दिल्ली हाईकोर्ट में आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े द्वारा आर्यन खान द्वारा निर्देशित नेटफ्लिक्स सीरीज़ "बैड्स ऑफ बॉलीवुड" में उनके कथित अपमानजनक चित्रण को लेकर दायर मानहानि के मुकदमे का विरोध किया।वानखेड़े की अंतरिम निषेधाज्ञा याचिका के जवाब में प्रोडक्शन कंपनी ने कहा है कि सीरीज़ में पात्रों का चित्रण पूरी तरह से व्यंग्य और पैरोडी है और किसी भी तरह से मानहानि नहीं है।जवाब में कहा गया,"इसके अलावा, प्रतिवादी नंबर 1 के खिलाफ लगाए गए आरोप भी क्लिप की विषयवस्तु हैं, जो एक मिनट...
फ़िल्म में RSS को बताया गया 'दंगाई और गुंडा', विरोध में हाईकोर्ट पहुंचा कार्यकर्ता, कल होगी सुनवाई
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के पदाधिकारी ने शेन निगम अभिनीत फिल्म "हाल" के विरोध में केरल हाईकोर्ट का रुख किया, जिसमें फिल्म में संगठन के कथित "अपमानजनक" चित्रण का आरोप लगाया गया।केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड द्वारा बीफ़ बिरयानी खाने के दृश्य और गाने के एक दृश्य, जिसमें नायिका अपनी पहचान छिपाने के लिए मुस्लिम धार्मिक पोशाक का उपयोग करती है, सहित कई कट लगाने का सुझाव दिए जाने के बाद यह फिल्म विवादों में आ गई।इसके बाद फिल्म के निर्देशक और निर्माता ने "ए" प्रमाणपत्र दिए जाने को चुनौती देते हुए...
'सुप्रीम कोर्ट जब किसी मामले की सुनवाई कर रहा हो तो हाईकोर्ट उसमें हाथ नहीं डालना चाहिए': सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाईकोर्ट की खिंचाई की
सुप्रीम कोर्ट ने कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में अवैध निर्माण और पेड़ों की कटाई से संबंधित सुप्रीम कोर्ट में लंबित कार्यवाही के दौरान पारित किए गए अनुमति आदेश पर रोक लगाने और एक याचिका पर विचार करने के लिए उत्तराखंड हाईकोर्ट की कड़ी आलोचना की।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की खंडपीठ ने हाईकोर्ट के हस्तक्षेप पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा,"हाईकोर्ट, निस्संदेह, एक संवैधानिक न्यायालय है। इस कोर्ट से कमतर नहीं है। हालांकि, न्यायिक मामलों में जब यह न्यायालय किसी मामले...
S.263 Succession Act | प्रोबेट रद्द करने के आधार उदाहरणात्मक, संपूर्ण नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने माना कि भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 (Indian Succession Act) की धारा 263 में प्रोबेट रद्द करने के लिए दिए गए स्पष्टीकरण (क) से (ङ) उदाहरणात्मक हैं, संपूर्ण नहीं। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि इन स्पष्टीकरणों में स्पष्ट रूप से उल्लिखित न की गई परिस्थितियां भी प्रत्येक मामले के तथ्यों के आधार पर प्रोबेट या प्रशासन पत्र के अनुदान को रद्द करने या रद्द करने के लिए "उचित कारण" बन सकती हैं।जस्टिस एम.एस. कार्णिक और जस्टिस एन.आर. बोरकर की खंडपीठ ने जस्टिस मनीष पिटाले द्वारा दिए गए...
अगर आरोप अलग हों तो दूसरी FIR पर रोक नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 'दूसरी FIR' (Second FIR) पर लगी रोक को स्पष्ट करते हुए कहा कि यदि बाद में दर्ज की गई FIR नए और अलग अपराधों पर आधारित हो तथा नए तथ्य उजागर करती हो, तो उसे दर्ज करने पर कोई कानूनी रोक नहीं है।जस्टिस चंद्र धारी सिंह और जस्टिस लक्ष्मी कांत शुक्ला की खंडपीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के T.T. Antony बनाम स्टेट ऑफ केरल (2001) फैसले में एक ही घटना या लेनदेन पर दूसरी FIR दर्ज करने पर प्रतिबंध लगाया गया था, लेकिन जब नई FIR किसी भिन्न घटना, नई साजिश या नए तथ्यों से जुड़ी हो, तो यह रोक...
इंटरव्यू समिति की गलत नियुक्ति से पूरी भर्ती रद्द: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर किसी भर्ती की पूरी चयन प्रक्रिया दोषपूर्ण (tainted) पाई जाती है, तो कुछ उम्मीदवारों को चुनकर बाकी को बाहर करने की “पिक एंड चूज़” नीति नहीं अपनाई जा सकती। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि इंटरव्यू समिति द्वारा अपने अधिकारों को अधीनस्थ अधिकारियों को सौंपना कानूनन अस्वीकार्य है और इससे पूरी चयन प्रक्रिया अवैध हो जाती है।जस्टिस अनिल एस. किलोर और जस्टिस रजनीश आर. व्यास की खंडपीठ ने यह फैसला दो याचिकाओं पर सुनाते हुए दिया, जिन्हें भंडारा जिले में पुलिस पटिल पद पर चयनित...
अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान जैसे मदरसे भी राज्य के शैक्षणिक नियमों से मुक्त नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 30(1) के तहत अल्पसंख्यकों को प्रदत्त अधिकार—अपने शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने और उनका संचालन करने का—राज्य सरकार द्वारा बनाए गए तार्किक नियमों और शैक्षणिक मानकों के ढांचे के भीतर ही प्रयोग किया जाना चाहिए, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता और उत्कृष्टता बनी रहे।जस्टिस मंजू रानी चौहान की पीठ ने गोरखपुर स्थित मदरसा अरबिया शम्सुल उलूम सिकरीगंज (एहाता नवाब) के नाज़िम/प्रबंधक द्वारा बिना किसी सरकारी दिशा-निर्देश के जारी की गई सहायक अध्यापक और...
दिल्ली हाईकोर्ट ने परेश रावल की 'द ताज स्टोरी' पर रोक लगाने से किया इनकार, पूछा- क्या हम सुपर सेंसर बोर्ड हैं?
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार (30 अक्टूबर) को 31 अक्टूबर को रिलीज़ होने वाली फिल्म "द ताज स्टोरी" को दिए गए प्रमाणन को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं पर विचार करने से इनकार किया।याचिकाकर्ताओं द्वारा याचिकाएं वापस लेने की मांग के बाद कोर्ट ने उन्हें सिनेमैटोग्राफ एक्ट की धारा 6 के तहत केंद्र सरकार के पुनर्विचार अधिकार क्षेत्र का उपयोग करते हुए उनसे संपर्क करने की स्वतंत्रता प्रदान की।ये याचिकाएं चेतना गौतम और शकील अब्बास ने दायर की थीं। दोनों व्यक्ति पेशे से वकील हैं। उनका कहना है कि फिल्म में तथ्यों...
संसद में बिना पर्याप्त चर्चा बने कानून को क्या चुनौती दी जा सकती है? मद्रास हाईकोर्ट का सवाल
मद्रास हाईकोर्ट ने गुरुवार को यह सवाल उठाया कि क्या संसद में किसी कानून के पारित होने के समय पर्याप्त विचार-विमर्श या चर्चा न होने के आधार पर किसी केंद्रीय कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी जा सकती है?चीफ़ जस्टिस मनींद्र मोहन श्रीवास्तव और जस्टिस जी. अरुलमुरुगन की खंडपीठ भारत न्याय संहिता, भारत नागरिक सुरक्षा संहिता और भारत साक्ष्य अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा — “आप यह कहकर किसी कानून को कैसे चुनौती दे सकते हैं कि...
हाईकोर्ट ने की रामपुर CRPF कैंप आतंकी हमले में चार दोषियों की फांसी की सजा रद्द, 'त्रुटिपूर्ण जांच' के लिए पुलिस को ठहराया जिम्मेदार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार (29 अक्टूबर) को 2007 के रामपुर सीआरपीएफ कैंप आतंकी हमले के मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा चार आरोपियों – मोहम्मद शरीफ, इमरान शहजाद, मोहम्मद फारूक और सबाउद्दीन – को सुनाई गई मृत्युदंड की सजा रद्द कर दी। साथ ही, आरोपी जंग बहादुर खान उर्फ बाबा की आजीवन कारावास की सजा भी खत्म कर दी गई।कोर्ट ने पाया कि जांच में गंभीर खामियां थीं — न तो पहचान परेड कराई गई, न ही बरामद हथियारों, गोलियों और फिंगरप्रिंट्स को सुरक्षित रखा गया। कोर्ट ने कहा कि “यदि जांच प्रशिक्षित पुलिस द्वारा की...




















