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धारा 498ए आईपीसी | कर्नाटक हाईकोर्ट ने पति को पत्नी के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने की अनुमति दी; पत्नी ने पति पर क्रूरता का झूठा आरोप लगाया था और दावा किया था कि उसे एचपीवी है
धारा 498ए आईपीसी | कर्नाटक हाईकोर्ट ने पति को पत्नी के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने की अनुमति दी; पत्नी ने पति पर क्रूरता का झूठा आरोप लगाया था और दावा किया था कि उसे एचपीवी है

कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक पति को अपनी अलग रह रही पत्नी के खिलाफ आईपीसी की धारा 211 (दूसरों पर अपराध करने का झूठा आरोप लगाना) के तहत दुर्भावनापूर्ण अभियोजन के लिए आपराधिक कार्यवाही शुरू करने की स्वतंत्रता दी है। जस्टिस एम नागप्रसन्ना की एकल पीठ ने एक पति द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया और भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए और दहेज निषेध अधिनियम, 1961 की धारा 3 और 4 के तहत पत्नी द्वारा उसके खिलाफ शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया। पत्नी ने दावा किया था कि पति ह्यूमन पेपिलोमा-वायरस...

दक्षिण पश्चिम दिल्ली आयोग ने मैक्स बूपा हेल्थ इंश्योरेंस को पहले से मौजूद बीमारी के आधार पर वैध दावे के गलत तरीके से अस्वीकार करने के लिए उत्तरदायी ठहराया
दक्षिण पश्चिम दिल्ली आयोग ने मैक्स बूपा हेल्थ इंश्योरेंस को पहले से मौजूद बीमारी के आधार पर वैध दावे के गलत तरीके से अस्वीकार करने के लिए उत्तरदायी ठहराया

उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग-VII के अध्यक्ष सुरेश कुमार गुप्ता, हर्षाली कौर (सदस्य) और रमेश चंद यादव (सदस्य) की खंडपीठ ने मैक्स बूपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को निराधार पूर्व-मौजूदा स्थितियों के आधार पर वास्तविक दावे को गलत तरीके से अस्वीकार करने के लिए सेवाओं में कमी के लिए उत्तरदायी ठहराया।पूरा मामला: शिकायतकर्ता ने अपनी बीमा पॉलिसी न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से मैक्स बूपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी में स्थानांतरित कर दी। उसे उसके एजेंट द्वारा आश्वासन दिया गया था कि उसके बीमा कवरेज...

शुरुआती समस्याएं तो आएंगी ही, लेकिन मजबूत न्यायिक प्रणाली सभी चुनौतियों का सामना करेगी: नए आपराधिक कानूनों के प्रवर्तन पर बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा
शुरुआती समस्याएं तो आएंगी ही, लेकिन मजबूत न्यायिक प्रणाली सभी चुनौतियों का सामना करेगी: नए आपराधिक कानूनों के प्रवर्तन पर बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा

बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने हाल ही में नए आपराधिक कानूनों को लागू करने में चुनौतियों का सामना करने के लिए न्यायिक प्रणाली की मजबूती पर भरोसा जताया, जो आज से लागू हो गए हैं। “यह न केवल न्यायपालिका के लिए बल्कि जांच एजेंसियों, सरकारी अभियोजकों, वकील समुदाय, सभी के लिए एक चुनौती है। लेकिन मुझे विश्वास है कि हमारे पास इतनी मजबूत न्यायिक प्रणाली है कि हम सभी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होंगे। हालांकि शुरुआती परेशानियां तो होंगी ही।”जस्टिस उपाध्याय कल मुंबई में...

POCSO अधिनियम | यदि बचाव पक्ष की ओर से परीक्षण के दरमियान पीड़िता की उम्र को चुनौती नहीं दी जाती तो वह निर्धारण के लिए द्वितीयक साक्ष्य कानूनी रूप से सिद्ध है : पटना हाईकोर्ट
POCSO अधिनियम | यदि बचाव पक्ष की ओर से परीक्षण के दरमियान पीड़िता की उम्र को चुनौती नहीं दी जाती तो वह निर्धारण के लिए द्वितीयक साक्ष्य कानूनी रूप से सिद्ध है : पटना हाईकोर्ट

पटना हाईकोर्ट ने कहा कि यदि बचाव पक्ष ने मुकदमे के दौरान ऐसे साक्ष्य प्रस्तुत करने पर आपत्ति नहीं की तो आरोपी/बचाव पक्ष पोक्सो अधिनियम के तहत पीड़िता की आयु निर्धारण के लिए अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत द्वितीयक साक्ष्य की स्वीकार्यता को चुनौती देने का अधिकार खो देता है। इसके अलावा, न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि अधिनियम के तहत पीड़िता की सहमति महत्वहीन है और आरोपी द्वारा किए गए अपराध को माफ नहीं करती है। जस्टिस आशुतोष कुमार और जस्टिस जितेंद्र कुमार की खंडपीठ विशेष न्यायालय द्वारा...

दिल्ली हाईकोर्ट ने TMC सांसद साकेत गोखले को लक्ष्मी पुरी के खिलाफ अपमानजनक ट्वीट के लिए 50 लाख रुपये का हर्जाना देने का आदेश दिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने TMC सांसद साकेत गोखले को लक्ष्मी पुरी के खिलाफ अपमानजनक ट्वीट के लिए 50 लाख रुपये का हर्जाना देने का आदेश दिया

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद साकेत गोखले को संयुक्त राष्ट्र में भारत की पूर्व सहायक महासचिव लक्ष्मी पुरी के खिलाफ मानहानि के मुकदमे में 50 लाख रुपये का हर्जाना देने को कहा।गोखले ने अपने ट्वीट में पुरी द्वारा स्विट्जरलैंड में खरीदी गई संपत्ति का जिक्र किया था। उन्होंने उनके तथा उनके पति केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी की संपत्ति के बारे में सवाल उठाए थे। उन्होंने ट्वीट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी टैग किया था और ED जांच की मांग की थी।जस्टिस अनूप जयराम...

राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने कब्जे में देरी के लिए ओमेक्स चंडीगढ़ पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया
राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने कब्जे में देरी के लिए ओमेक्स चंडीगढ़ पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया

एवीएम जे राजेंद्र की अध्यक्षता वाले राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने कहा कि बिल्डर-खरीदार के मामले में, भले ही कब्जे की पेशकश की गई हो, मुआवजे की गणना निर्धारित तिथि से वास्तविक कब्जे की तारीख तक की जानी चाहिए, किसी भी कानूनी बाधाओं या अधिभोग प्रमाण पत्र प्राप्त करने में देरी को ध्यान में रखते हुए। आयोग ने खरीदार द्वारा बुक किए गए फ्लैट का कब्जा सौंपने में देरी के कारण सेवा में कमी के लिए ओमेक्स चंडीगढ़ को उत्तरदायी ठहराया।पूरा मामला: शिकायतकर्ता ने डेवलपर द्वारा "ओमेक्स चंडीगढ़...

कलकत्ता हाईकोर्ट ने चुनाव के बाद की हिंसा का फर्जी मामला दर्ज करने के लिए वादियों पर 10 हजार का जुर्माना लगाया
कलकत्ता हाईकोर्ट ने चुनाव के बाद की हिंसा का फर्जी मामला दर्ज करने के लिए वादियों पर 10 हजार का जुर्माना लगाया

कलकत्ता हाईकोर्ट ने लोकसभा चुनाव 2024 के बाद पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा से संबंधित फर्जी मामला दर्ज करने के लिए याचिकाकर्ता और प्रतिवादी पर 5000-5000 रूपए का जुर्माना लगाया।जस्टिस अमृता सिन्हा की एकल पीठ ने उन पर कुल 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया, जब पक्षकारों ने अपना मामला वापस लेने की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया।मामले की सुनवाई के दौरान पक्षों ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि वे मामला वापस लेना चाहते हैं, क्योंकि याचिकाकर्ताओं द्वारा शुरू में दावा किए जाने के बाद कि वे...

घरेलू हिंसा अधिनियम | धारा 12 के तहत अनुमेय संशोधन, धारा 23 के तहत नया आवेदन दायर कर अतिरिक्त राहत मांगी जा सकती है: इलाहाबाद हाईकोर्ट
घरेलू हिंसा अधिनियम | धारा 12 के तहत अनुमेय संशोधन, धारा 23 के तहत नया आवेदन दायर कर अतिरिक्त राहत मांगी जा सकती है: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम, 2005 की धारा 12 के तहत अनुमेय संशोधन और अतिरिक्त राहत, घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम, 2005 की धारा 23 के तहत एक नए आवेदन के रूप में स्वीकार्य होगी। जस्टिस जयंत बनर्जी ने कहा, "जहां धारा 12 के तहत आवेदन में, बाद के घटनाक्रमों या अन्यथा के मद्देनजर अनुमेय संशोधन किया जाता है और अतिरिक्त अनुमेय राहत मांगी जाती है, धारा 23 के तहत एक नया आवेदन स्वीकार्य होगा।"घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम, 2005 की धारा...

राजस्थान हाईकोर्ट ने निजी भूमि स्वामियों को न्यायालय अवकाश के दौरान JDA के विध्वंस अभियान से बचाया, अनुच्छेद 300-ए के तहत 7 उप-अधिकारों का हवाला दिया
राजस्थान हाईकोर्ट ने निजी भूमि स्वामियों को न्यायालय अवकाश के दौरान JDA के विध्वंस अभियान से बचाया, अनुच्छेद 300-ए के तहत 7 उप-अधिकारों का हवाला दिया

राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) को अवकाश के बाद नियमित पीठ द्वारा उनके मामले पर विचार किए जाने तक अतिक्रमण हटाने के अभियान के तहत उनकी संपत्तियों को ध्वस्त करने से रोककर निजी भूमि स्वामियों को संरक्षण प्रदान किया।जस्टिस अशोक कुमार जैन की अवकाश पीठ न्यायालय की खंडपीठ द्वारा पारित आदेश के संबंध में याचिका पर सुनवाई कर रही थी। आदेश में JDA को आदेश की तिथि से तीन महीने के भीतर मानसरोवर मेट्रो स्टेशन से सांगानेर फ्लाईओवर तक सार्वजनिक सड़क पर सभी अतिक्रमण की पहचान करने और उन्हें हटाने...

राहुल गांधी की नागरिकता का मामला | हाईकोर्ट बेंच ने वकील से कहा: बस! आप हमारे धैर्य की बहुत परीक्षा ले चुके हैं
राहुल गांधी की नागरिकता का मामला | हाईकोर्ट बेंच ने वकील से कहा: 'बस! आप हमारे धैर्य की बहुत परीक्षा ले चुके हैं'

इलाहाबाद हाईकोर्ट में नाटकीय घटनाक्रम में कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की नागरिकता से संबंधित जनहित याचिका की कार्यवाही ने अप्रत्याशित मोड़ ले लिया, क्योंकि वकील की लगातार दलीलों पर आपत्ति जताने के बाद बेंच को उठना पड़ा।यह मामला तब और बढ़ गया जब याचिकाकर्ता के वकील ने भविष्य में बहस करने पर जोर दिया। यह तब हुआ जब जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस ओम की खंडपीठ ने मामले पर आगे सुनवाई करने से इनकार किया।याचिकाकर्ता के वकील और याचिकाकर्ता (एस. विग्नेश शिशिर) को करीब 1:30 घंटे तक...

NEET-UG 2024 | परीक्षा रद्द करने की जगह सभी OMR Sheet का पुनर्मूल्यांकन किया जाए: सुप्रीम कोर्ट में याचिका
NEET-UG 2024 | परीक्षा रद्द करने की जगह सभी OMR Sheet का पुनर्मूल्यांकन किया जाए: सुप्रीम कोर्ट में याचिका

NEET-UG 2024 विवाद से संबंधित नवीनतम घटनाक्रम में एक रिट याचिका दायर की गई। उक्त याचिका में कहा गया कि इस परीक्षा रद्द करना मनमाना निर्णय होगा। यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 के तहत उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करेगा।याचिकाकर्ताओं ने साथ ही इस वर्ष परीक्षा में उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों ने कहा है कि परीक्षा रद्द करना गंभीर अन्याय होगा और उन उम्मीदवारों पर गंभीर असर पड़ेगा, जिन्होंने परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत की है। इसके अलावा, इस तरह के रद्दीकरण से योग्य उम्मीदवारों को गंभीर...

विवाहित महिला शादी के झूठे वादे पर बलात्कार के आरोपी पर मुकदमा नहीं चला सकती, उसकी सहमति गलत धारणा पर आधारित नहीं: एमपी हाईकोर्ट
विवाहित महिला शादी के झूठे वादे पर बलात्कार के आरोपी पर मुकदमा नहीं चला सकती, उसकी सहमति गलत धारणा पर आधारित नहीं: एमपी हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि किसी अन्य पुरुष के साथ लगातार यौन संबंध बनाने वाली विवाहित महिला यह दलील नहीं दे सकती कि उसकी सहमति शादी के झूठे वादे के आधार पर ली गई।जस्टिस संजय द्विवेदी की एकल पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णयों पर भरोसा करते हुए दोहराया कि सहमति को तथ्य की गलत धारणा के आधार पर प्राप्त सहमति नहीं माना जा सकता, जब अभियोक्ता आरोपी के साथ शारीरिक संबंध बनाने की तारीख पर विवाहित महिला थी। तथ्यात्मक परिस्थितियों से न्यायालय ने यह भी अनुमान लगाया कि यह सहमति से किया गया...

लोक अदालतों के पास न्यायिक शक्तियां नहीं: राजस्थान हाईकोर्ट ने आपराधिक अभियोजन वापस लेने की अनुमति देने वाला अवार्ड रद्द किया
लोक अदालतों के पास न्यायिक शक्तियां नहीं: राजस्थान हाईकोर्ट ने आपराधिक अभियोजन वापस लेने की अनुमति देने वाला अवार्ड रद्द किया

राजस्थान हाईकोर्ट ने दोहराया कि लोक अदालतों के पास न्यायिक शक्तियां नहीं हैं। इसलिए आपराधिक अभियोजन वापस लेने की अनुमति देने वाला लोक अदालत का आदेश बरकरार नहीं रखा जा सकता।जस्टिस अनिल कुमार उपमन की पीठ राष्ट्रीय लोक अदालत का वह आदेश रद्द करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें सहायक लोक अभियोजक को आईपीसी की धारा 323 और 341 के तहत आपराधिक मामले में आपराधिक अभियोजन वापस लेने की अनुमति दी गई और आरोपी को बरी कर दिया गया।याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि यह आदेश अवैध मनमाना और कानून के...

LGBTQ+ समुदाय के सदस्य जेल में असुरक्षित: बॉम्बे हाईकोर्ट ने बाल तस्करी के आरोपी व्यक्ति को जमानत दी
LGBTQ+ समुदाय के सदस्य जेल में असुरक्षित: बॉम्बे हाईकोर्ट ने बाल तस्करी के आरोपी व्यक्ति को जमानत दी

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में LGBTQ+ समुदाय से संबंधित व्यक्ति को जमानत दी, जिस पर एक साल और सात महीने के बच्चे की तस्करी का आरोप है। साथ ही उसने कहा कि समुदाय के सदस्य जेल में असुरक्षित हैं।जस्टिस मनीष पिताले ने उसकी जमानत याचिका स्वीकार करते हुए कहा:"इस न्यायालय की राय है कि LGBTQ+ समुदाय से संबंधित व्यक्ति, जो HIV पॉजिटिव भी है, उसे ऐसे व्यक्तियों की श्रेणी में रखा जा सकता है> खासकर जेल के चारों कोनों में जो वास्तव में असुरक्षित हैं।”26 मई 2024 को गिरफ्तार किए गए आवेदक पर आईपीसी की धारा...

S.138 NI Act | राजस्थान हाईकोर्ट ने शिकायत याचिका में चेक की प्रस्तुति की तारीख और डिऑनर में सुधार की अनुमति दी
S.138 NI Act | राजस्थान हाईकोर्ट ने शिकायत याचिका में चेक की प्रस्तुति की तारीख और डिऑनर में सुधार की अनुमति दी

राजस्थान हाईकोर्ट ने एनआई अधिनियम (NI Act) की धारा 138 के तहत शिकायत में संशोधन की मांग करने वाली याचिका को अनुमति दी। साथ ही चेक की प्रस्तुति की तिथियों और डिऑनर के संबंध में टाइपोग्राफिकल गलतियों को ठीक करने के लिए हलफनामा संलग्न करने को कहा।न्यायालय ने एस.आर. सुकुमार बनाम सुनाद रघुराम के सुप्रीम कोर्ट के मामले पर भरोसा किया, जिसमें यह माना गया कि भले ही CrPc में शिकायत या याचिका में संशोधन करने के लिए कोई विशिष्ट प्रावधान न हो लेकिन सुधार योग्य कमियों को ठीक करने के लिए ऐसे संशोधनों की मांग...

नियोक्ता को भगोड़े कर्मचारियों की तलाश में दुनिया भर में तलाशी अभियान चलाने की ज़रूरत नहीं: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने CRPF कांस्टेबल की बर्खास्तगी बरकरार रखी
नियोक्ता को भगोड़े कर्मचारियों की तलाश में दुनिया भर में तलाशी अभियान चलाने की ज़रूरत नहीं: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने CRPF कांस्टेबल की बर्खास्तगी बरकरार रखी

इस बात पर ज़ोर देते हुए कि नियोक्ता से यह अपेक्षा नहीं की जाती है कि वह दुनिया भर में किसी भगोड़े कर्मचारी की तलाश करे जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख उच्च न्यायालय ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CrPF) के कांस्टेबल की बर्खास्तगी बरकरार रखी, जिसने अपनी सेवा समाप्ति को चुनौती दी थी।इस तर्क को खारिज करते हुए कि जांच अधिकारी प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन करने में विफल रहे हैं, जस्टिस संजय धर की पीठ ने कहा,“नियोक्ता से यह अपेक्षा नहीं की जाती है कि वह पूरी दुनिया में किसी भगोड़े कर्मचारी की तलाश करे।...

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी को संबोधित किया
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी को संबोधित किया

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने हाल ही में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में 'उन लोगों के जीवन में कानून की भूमिका' विषय पर बात की, जिन पर इसका प्रभाव पड़ता है। अपने संबोधन में उन्होंने कानून के मुद्दे पर प्रकाश डाला, जो लोकतांत्रिक जीवन के सार को अमानवीय बनाता है और न्यायपालिका द्वारा 'प्रभाव-उन्मुख' दृष्टिकोण कानून को 'पुनः मानवीय' बनाने में कैसे मदद करता है।अपने संबोधन के केंद्र में सीजेआई ने नागरिकों के जीवन और राष्ट्र के संवैधानिक मूल्यों पर पड़ने वाले दूरगामी प्रभावों को समझते हुए...