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बिहारी मंदिर में दर्शन समय और डेहरी पूजा बंद करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार व हाई पावर्ड कमेटी से जवाब मांगा
बिहारी मंदिर में दर्शन समय और डेहरी पूजा बंद करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार व हाई पावर्ड कमेटी से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने आज उत्तर प्रदेश सरकार और कोर्ट द्वारा गठित हाई पावर्ड कमेटी से उस याचिका पर जवाब मांगा है, जिसमें मथुरा स्थित ठाकुर श्री बांके बिहारी जी महाराज मंदिर के दर्शन समय में बदलाव और डेहरी पूजा बंद किए जाने को चुनौती दी गई है। इस मामले में नोटिस जारी करते हुए कोर्ट ने जवाब दाखिल करने के लिए 7 जनवरी 2026 की तारीख तय की है।चीफ़ जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस जॉयमाल्या बागची और जस्टिस विपुल पंचोली की खंडपीठ मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ता मंदिर की...

स्टे ऑर्डर के बावजूद शो कॉज नोटिस जारी करने के लिए ED असिस्टेंट डायरेक्टर ने हाई कोर्ट में मांगी माफी
स्टे ऑर्डर के बावजूद शो कॉज नोटिस जारी करने के लिए ED असिस्टेंट डायरेक्टर ने हाई कोर्ट में मांगी माफी

एनफोर्समेंट (ED) के असिस्टेंट डायरेक्टर विकास कुमार ने सोमवार को मद्रास हाईकोर्ट में फिल्म प्रोड्यूसर आकाश भास्करन को हाईकोर्ट के स्टे के बावजूद शो कॉज नोटिस जारी करने के लिए बिना शर्त माफी मांगी।यह माफी जस्टिस एमएस रमेश और जस्टिस वी लक्ष्मीनारायणन की बेंच के सामने मांगी गई। कोर्ट भास्करन द्वारा दायर अवमानना ​​याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें आरोप लगाया गया कि हाईकोर्ट द्वारा जारी स्टे के बावजूद कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच जारी रखी गई।आकाश भास्करन ने बिजनेसमैन विक्रम रविंद्रन के साथ...

स्त्रीधन, तोहफ़े पत्नी के भरण-पोषण का दावा खारिज करने के लिए आय का स्रोत नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
स्त्रीधन, तोहफ़े पत्नी के भरण-पोषण का दावा खारिज करने के लिए आय का स्रोत नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि स्त्रीधन, विरासत में मिली संपत्ति या पत्नी को उसके माता-पिता या रिश्तेदारों से मिले तोहफ़ों को आय का स्रोत नहीं माना जा सकता, ताकि पति से भरण-पोषण के उसके दावे को खारिज किया जा सके।जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा कि भरण-पोषण के दावे का आकलन पत्नी की वर्तमान कमाई की क्षमता और शादी के दौरान जिस जीवन स्तर की उसे आदत थी, उस स्तर पर खुद को बनाए रखने की क्षमता के आधार पर किया जाना चाहिए, न कि उसके मायके के परिवार की वित्तीय स्थिति के आधार पर।कोर्ट ने इस बात पर भी...

सिर्फ इसलिए कि पति अच्छी कमाई करता है, पत्नी और बच्चों के लिए सैलरी का आनुपातिक हिस्सा भत्ते के तौर पर नहीं दिया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट
सिर्फ इसलिए कि पति अच्छी कमाई करता है, पत्नी और बच्चों के लिए सैलरी का आनुपातिक हिस्सा भत्ते के तौर पर नहीं दिया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट

एक महत्वपूर्ण फैसले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि सिर्फ इसलिए कि पति अच्छी कमाई करता है, इसका मतलब यह नहीं कि उसकी आय का एक आनुपातिक हिस्सा पत्नी और बच्चों को भत्ते के तौर पर दिया जाए।सिंगल-जज जस्टिस मंजूषा देशपांडे ने ऐसा कहते हुए एक महिला की याचिका खारिज की, जिसने अपनी दो बेटियों में से प्रत्येक के लिए 1 लाख रुपये मासिक भत्ते की मांग की थी।जज ने 12 दिसंबर को पारित आदेश में कहा,"पति द्वारा बताई गई आय की राशि पर पत्नी ने कोई विवाद नहीं किया। यह मानते हुए बिना स्वीकार किए कि पति द्वारा...

बिक्री समझौते में प्रॉपर्टी पर लोन की जानकारी को धोखे से छिपाना एडवांस पेमेंट वापस पाने का उचित आधार: सुप्रीम कोर्ट
बिक्री समझौते में प्रॉपर्टी पर लोन की जानकारी को धोखे से छिपाना एडवांस पेमेंट वापस पाने का उचित आधार: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (15 दिसंबर) को कहा कि बिक्री समझौते में प्रॉपर्टी पर लोन की जानकारी को धोखे से छिपाना एडवांस पेमेंट वापस पाने का उचित आधार है।यह फैसला सुनाते हुए जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने प्रॉपर्टी खरीदने वाले के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसे बेचने वाले ने बिक्री समझौते के समय प्रॉपर्टी पर चल रहे लोन की जानकारी छिपाकर गुमराह किया। इस तरह इस देनदारी का खुलासा समझौते में नहीं किया गया।यह अपील ज़मीन की बिक्री के कॉन्ट्रैक्ट पर विवाद से जुड़ी है। प्रतिवादी (बेचने वाले)...

जस्टिस जीआर स्वामीनाथन के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
जस्टिस जीआर स्वामीनाथन के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दायर की गई, जिसमें उन प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई, जिन्होंने कथित तौर पर मद्रास हाईकोर्ट के जज जस्टिस जी.आर. स्वामीनाथन के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां फैलाईं। यह घटना मदुरै के तिरुपरनकुंड्रम सुब्रमण्य स्वामी पहाड़ी मंदिर में दीपा थून (दीपक स्तंभ) पर कार्तिकई दीपम जलाने के उनके आदेश के बाद हुई।यह PIL भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वकील जी.एस. मणि ने दायर की, जिसमें आरोप लगाया गया कि जस्टिस स्वामीनाथन के खिलाफ जाति और धर्म के आधार पर अपमानजनक...

2017 की गाइडलाइंस के तहत बैंक ब्रांच शिफ्ट करने के लिए RBI की परमिशन ज़रूरी नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
2017 की गाइडलाइंस के तहत बैंक ब्रांच शिफ्ट करने के लिए RBI की परमिशन ज़रूरी नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को राहत देने से इनकार किया, जिसने RBI की परमिशन के बिना इंडियन बैंक की ब्रांच को दूसरे गांव में शिफ्ट करने को चुनौती दी थी।याचिकाकर्ता, ग्राम प्रधान, ने ब्लॉक मऊ आइमा, तहसील सोरांव, जिला प्रयागराज में स्थित इंडियन बैंक की ब्रांच को दूसरी जगह शिफ्ट करने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उनका कहना था कि इससे आस-पास के गांवों के साथ-साथ उनके गांव के लोगों को भी बहुत परेशानी होगी।यह दलील दी गई कि ब्रांच को दूसरे गांव में शिफ्ट कर दिया गया और बैंकिंग रेगुलेशन...

कानून को समावेश की ओर झुकना चाहिए: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने दृष्टिबाधित वन कर्मचारी को लाभ के साथ पिछली तारीख से प्रमोशन देने का निर्देश दिया
कानून को समावेश की ओर झुकना चाहिए: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने दृष्टिबाधित वन कर्मचारी को लाभ के साथ पिछली तारीख से प्रमोशन देने का निर्देश दिया

इस बात पर ज़ोर देते हुए कि दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 में बताए गए दिव्यांगता-आधारित भेदभाव से मुक्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार के समान गंभीरता और सुरक्षा के साथ माना जाना चाहिए - यह सुनिश्चित करते हुए कि किसी भी कर्मचारी को केवल दिव्यांगता के आधार पर विचार से बाहर न रखा जाए - पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को एक दृष्टिबाधित वन विभाग के कर्मचारी को वैधानिक दिव्यांगता कोटा के तहत पिछली तारीख से प्रमोशन और उसके साथ मिलने वाले लाभ देने का निर्देश दिया।जस्टिस संदीप...

अपील अदालत से ऐसी अपेक्षा नहीं: एमपी हाईकोर्ट ने एक पंक्ति में दिए गए बरी आदेश रद्द कर मामला पुनः सुनवाई के लिए भेजा
अपील अदालत से ऐसी अपेक्षा नहीं': एमपी हाईकोर्ट ने एक पंक्ति में दिए गए बरी आदेश रद्द कर मामला पुनः सुनवाई के लिए भेजा

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के एक मामले में अपीलीय अदालत द्वारा पारित पंक्ति के बरी आदेश रद्द करते हुए कड़ी टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि अपीलीय न्यायालय से यह अपेक्षा नहीं की जाती कि वह बिना कारण बताए संक्षिप्त और गैर-वक्तव्य (नॉन-स्पीकिंग) आदेश पारित करे।जस्टिस राजेंद्र कुमार वाणी की सिंगल बेंच ने कहा कि अपीलीय अदालत का दायित्व है कि वह न केवल ट्रायल कोर्ट के निष्कर्षों की समीक्षा करे, बल्कि साक्ष्यों और तर्कों की स्वतंत्र रूप से जांच करते हुए कारणयुक्त निर्णय दे। अदालत ने...

परीक्षा में असफल होने के बाद आवेदन पत्र में सुधार का दावा स्वीकार्य नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
परीक्षा में असफल होने के बाद आवेदन पत्र में सुधार का दावा स्वीकार्य नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी परीक्षा या भर्ती प्रक्रिया में असफल होने के बाद आवेदन पत्र में विवरण सुधारने की मांग स्वीकार नहीं की जा सकती। अदालत ने कहा कि प्रत्येक अभ्यर्थी की जिम्मेदारी है कि वह ऑनलाइन आवेदन अंतिम रूप से जमा करने से पहले सभी जानकारियों की सावधानीपूर्वक जांच करे।जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस मधु जैन की खंडपीठ ने कहा कि किसी भी परीक्षा के लिए आवेदन करने वाला उम्मीदवार यह अपेक्षा रखता है कि वह भरे गए विवरणों को सत्यापित करे और आवश्यक संशोधन समय रहते कर ले। अदालत ने यह भी...

योग्यता पूरी होने के बाद प्रवासी दर्जा पदोन्नति में बाधा नहीं बन सकता: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
योग्यता पूरी होने के बाद प्रवासी दर्जा पदोन्नति में बाधा नहीं बन सकता: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट

जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि एक बार वैधानिक नियमों के तहत पदोन्नति की पात्रता पूरी हो जाने के बाद किसी कर्मचारी का प्रवासी दर्जा उसके करियर की प्रगति को कमजोर करने का आधार नहीं बन सकता। अदालत ने यह भी दोहराया कि समान परिस्थितियों में कार्यरत व्यक्तियों के साथ अलग-अलग व्यवहार नहीं किया जा सकता।चीफ जस्टिस अरुण पल्ली और जस्टिस राजनेश ओसवाल की खंडपीठ ने शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (SKUAST), कश्मीर द्वारा दायर अपील खारिज करते हुए प्रवासी...

डीआईजी संजीव त्यागी के कथित आपत्तिजनक ऑडियो मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मोबाइल फोन की फॉरेंसिक जांच का आदेश
डीआईजी संजीव त्यागी के कथित आपत्तिजनक ऑडियो मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मोबाइल फोन की फॉरेंसिक जांच का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने उस मोबाइल फोन की फॉरेंसिक जांच का आदेश दिया है, जिसमें कथित रूप से एक ऑडियो क्लिप मौजूद है। इस ऑडियो क्लिप में उत्तर प्रदेश के डीआईजी संजीव त्यागी, जो उस समय बिजनौर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) थे, के खिलाफ मुस्लिम समुदाय के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने का आरोप है।जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की खंडपीठ ने पुलिस अधीक्षक, बिजनौर को निर्देश दिया है कि जब्त किए गए डिवाइस को सुरक्षित रूप से हैदराबाद स्थित फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (FSL) तक पहुंचाया जाए।यह...

देवता के विश्राम काल में विशेष पूजा पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी, अमीर श्रद्धालुओं को दी जा रही तरजीह पर उठाया सवाल
देवता के विश्राम काल में 'विशेष पूजा' पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी, अमीर श्रद्धालुओं को दी जा रही तरजीह पर उठाया सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मंदिरों में पैसे देकर कराई जाने वाली विशेष पूजा की प्रथा पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि इससे देवता के विश्राम काल में बाधा उत्पन्न होती है। यह परंपरा के विरुद्ध है। अदालत ने विशेष रूप से इस बात पर आपत्ति जताई कि मंदिर बंद होने के बाद या देवता के विश्राम समय में केवल धनवान श्रद्धालुओं को विशेष पूजा की अनुमति दी जाती है।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) सूर्यकांत, जस्टिस जॉयमाल्या बागची और जस्टिस विपुल पंचोली की पीठ वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर से जुड़ी रिट याचिका पर...

पोस्टमार्टम में शराब की गंध मिलने मात्र से मुआवजा नकारा नहीं जा सकता: कलकत्ता हाईकोर्ट
पोस्टमार्टम में शराब की गंध मिलने मात्र से मुआवजा नकारा नहीं जा सकता: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि सड़क दुर्घटना में मृत व्यक्ति के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पेट से शराब की गंध पाए जाने मात्र के आधार पर उसके कानूनी उत्तराधिकारियों को मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत मुआवजे से वंचित नहीं किया जा सकता। अदालत ने स्पष्ट किया कि नशे में वाहन चलाने का आरोप तभी स्वीकार्य होगा जब इसे कानून के तहत निर्धारित तरीके से प्रमाणित किया जाए।जस्टिस बिस्वरूप चौधरी ने न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा दायर अपील खारिज करते हुए तामलुक की थर्ड एडिशनल जिला जज...

अवैध अफीम बरामदगी मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर एमपी हाईकोर्ट सख्त, गृह विभाग के प्रमुख सचिव को किया तलब
अवैध अफीम बरामदगी मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर एमपी हाईकोर्ट सख्त, गृह विभाग के प्रमुख सचिव को किया तलब

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कथित अफीम बरामदगी से जुड़े मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए राज्य के गृह विभाग के प्रमुख सचिव को तलब किया। अदालत ने कहा कि तलाशी और जब्ती से संबंधित भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) के प्रावधानों का पालन न किया जाना बेहद चिंताजनक है। इस दिशा में अब तक क्या कदम उठाए गए हैं, इसकी जानकारी अदालत को दी जाए।जस्टिस सुभोध अभ्यंकर ने 9 दिसंबर को हुई सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी उस मामले में की, जिसमें आवेदक 29 अगस्त, 2025 से न्यायिक हिरासत में है। आवेदक का...

सच का पोस्टमार्टम: कैसे निष्पक्ष डॉक्टर एक जीवित बच्चे की गवाही का पोस्टमार्टम करते हैं?
सच का पोस्टमार्टम: कैसे निष्पक्ष डॉक्टर एक जीवित बच्चे की गवाही का पोस्टमार्टम करते हैं?

यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के तहत अभियोजन में, बाल पीड़ित की गवाही प्राथमिक साक्ष्य का गठन करती है, जबकि चिकित्सा साक्ष्य का उद्देश्य एक पुष्टित्मक भूमिका निभाना है। अधिनियम की धारा 29 मूलभूत तथ्यों के साबित होने के बाद अभियुक्त के खिलाफ एक वैधानिक अनुमान पेश करके इस स्थिति को और मजबूत करती है।इस कानूनी ढांचे के बावजूद, निचली अदालतें बार-बार अभियोजन को लड़खड़ाती हुई देखती हैं, न कि बच्चे की गवाही अविश्वसनीय होने के कारण, बल्कि इसलिए कि चिकित्सा परीक्षा और गवाही तटस्थता की आड़...